BCom 2nd Year Advance Payment Tax Study Material Notes in Hindi

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BCom 2nd Year Advance Payment Tax Study Material Notes in Hindi

Table of Contents

BCom 2nd Year Advance Payment Tax Study Material Notes in Hindi : Liability for Payment of Advance Tax Computation of Advance Advance tax in Case of Capital Gain and Casual Income Credit for Advance Tax Installments and Dates of Advance Tax Effective Rates of Advance Payment of Tax for  Interest on Excess Refund Interest for Deferment of Advance Tax Important Examination Question Long Answer Question Short Answer Questions

Advance Payment Tax
Advance Payment Tax

BCom 2nd Year Deduction Collection Income Tax Source Study Material notes in Hindi

कर का अग्रिम शुगतान

(ADVANCE PAYMENT OF TAX)

सामान्यतया गत वर्ष में कमाई गई आय पर, अगले कर-निर्धारण वर्ष में ही आय-कर चुकाना होता है, परन्तु आय-कर अधिनियम की कुछ व्यवस्थाओं के अन्तर्गत जैसे-जैसे करदाता द्वारा आय उपार्जित की जाती है, वैसे-वैसे ही उसे आय पर कर। का भुगतान करना पड़ता है। इसी आधार पर कर चुकाने की ऐसी व्यवस्था को ‘जैसे कमाओ वैसे चुकाओ योजना’ (Pay as you earn scheme) के नाम से जाना जाता है। कर चुकाने की इस व्यवस्था में चूँकि कर पेशगी (Advance) के रूप में दिया जाता है, इसलिए इसे ‘कर का अग्रिम भुगतान’ (Advance Payment of Tax) भी कहा जाता है। इस प्रकार इस योजना के अन्तर्गत करदाता जैसे-जैसे आय कमाता है वैसे-वैसे उस आय पर कर का भुगतान करता है। अग्रिम कर चालू वर्ष की आय पर उसी वर्ष में किस्तों में भुगतान किया जाता है अर्थात आय का कमाना एवं कर का भुगतान दोनों साथ-साथ चलते हैं। इस प्रकार भुगतान किया गया अग्रिम कर, कर-निर्धारण पर देय होने वाले आय-कर से समायोजित कर दिया जाता है।

धारा 207(1) के अनुसार, “वित्तीय वर्ष में करदाता द्वारा उन आयों पर अग्रिम कर देना होगा जो वित्तीय वर्ष से ठीक अगले कर-निर्धारण वर्ष में कर-योग्य होगी।” चाल वित्तीय वर्ष की आयों को ही ‘चालु आय’ कहते हैं। अत: चालू आयों पर कर देने की योजना को ही ‘जैसे कमाओ वैसे चकाओ’ अथवा ‘कर का अग्रिम भुगतान’ कहा जाता है।

धारा 207(2): यह प्रावधान वित्त अधिनियम, 2012 के द्वारा वित्तीय वर्ष 2012-13 अर्थात् कर-निर्धारण वर्ष 2013-14 से प्रभावी किया गया है। इस प्रावधान के अनुसार धारा 207(1) का उपर्युक्त वर्णित प्रावधान भारत में ऐसे निवासी व्यक्ति पर लागू नहीं होगा जिसकी

() व्यापार अथवा पेशे से लाभ एवं प्राप्तियों’ वाले शीर्षक में कोई कर-योग्य आय न हो; एवं

() गत वर्ष में वह 60 वर्ष या अधिक आयु का हो।

अग्रिम कर चुकाने का दायित्व

(Liability for Payment of Advance Tax)

धारा 207 के अनुसार करदाता को वित्तीय वर्ष में कमाई जाने वाली आय पर धारा 208 से 211 के प्रावधानों के अनसार अग्रिम कर चुकाना होगा। ऐसी आय का कर निर्धारण वित्तीय वर्ष के तुरन्त बाद आने वाले कर-निर्धारण वर्ष में किया जाता है। जिस कुल आय पर अग्रिम कर चुकाया जायेगा, उसे चालू आय (Current Income) कहा जाता है।

धारा 208 के अनुसार करदाता द्वारा अग्रिम कर चुकाने का दायित्व तभी उत्पन्न होगा जबकि उसके द्वारा देय कर की राशि 10,000₹या अधिक हो। यदि वित्तीय वर्ष की आय के सम्बन्ध में देय कर की राशि 10,000₹ से कम हो, तो अग्निम कर चुकाने का दायित्व उत्पन्न नहीं होगा। गत वर्ष का सम्पूर्ण कर दायित्व उसी गत वर्ष के अन्तिम दिन तक चुका दिया जाना चाहिए।

Advance Payment Tax Study

अग्रिम कर की गणना (धारा 209)

(Computation of Advance Tax)

वित्तीय वर्ष के सम्बन्ध में चुकाए जाने वाले अग्रिम कर की गणना निम्नलिखित प्रकार की जायेगी

1 अग्रिम कर की गणना स्वयं करदाता द्वारा किये जाने की दशा में

(i) करदाता द्वारा सर्वप्रथम सम्बन्धित वित्तीय वर्ष की ‘सकल कुल आय’ (GTI) की गणना की जायेगी।

(ii) सकल कुल आय में से स्वीकृत विभिन्न कटौतियों, छूटों व राहतों को घटाकर सम्भावित ‘कुल आय’ या ‘शुद्ध कर-योग्य आय’ का अनुमान लगाया जायेगा।

(iii) तदुपरान्त इस सम्भावित कुल आय पर सम्बन्धित वित्तीय वर्ष के लिए निर्धारित दरों से आय-कर (अधिभार (यदि लागू है) + शिक्षा उपकर] की गणना कर ली जायेगी। विशेष-अग्रिम कर की गणना करने के उद्देश्य से करदाता की कुल आय में कृषि आय (5,000 से अधिक होने पर ही) को भी जोडा जाता है। विस्तृत विवेचना ‘कृषि आय’ वाले अध्याय में की गई है।

2. करनिर्धारण अधिकारी द्वारा अग्रिम कर की गणना (Computation of Advance Tax by Assessing Officer) यदि करदाता चालू वित्तीय वर्ष में अग्रिम कर नहीं चुकाता है जबकि पूर्व के वर्षों में करदाता का नियमित निर्माण Regular Assessment) हो चुका हो तो कर-निर्धारण अधिकारी उसे अग्रिम कर चुकाने का आदेश दे सकता है। इस प्राकर आदेश सम्बन्धित गत वर्ष की 28 फरवरी या 29 फरवरी अर्थात् फरवरी के अन्तिम दिवस तक ही दिया जा सकता है। ऐसी दशा में अग्रिम कर की गणना अग्रलिखित दो परिस्थितियों में से, जिसमें भी कुल आय अधिक हो, के आधार पर की। ‘जाएगी

(i) अन्तिम गत वर्ष के नियमित कर-निर्धारण के आधार पर कुल आय:

(ii) अन्तम गत वर्ष के नियमित कर-निर्धारण के बाद वाले गत वर्ष के लिए प्रस्तुत किये गये आय के विवरण (Return of Income) में दर्शायी गयी कुल आय।

पूंजीगत लाभ एवं आकस्मिक आय की दशा में अग्रिम कर

(Advance Tax in Case of Capital Gain and Casual Income)

अग्रिम कर प्रत्येक प्रकार की आय पर देय होता है चाहे वह वेतन की आय हो या पूजीँगत लाभ तथा आकस्मिक आय का अनुमान लगान प्रकार का आय पर देय होता है चाहे वह वेतन की आय हो या पूँजीगत लाभ हो या अन्य किसी शीर्षक आय का अनुमान लगाना करदाता के लिए सम्भव नहीं हो सकता। अत: इन परिस्थितियों में कस्त का तिथि के पश्चात प्राप्त की जाती है तो पूँजीगत लाभ या आकस्मिक आय पर देय कर का के पूर्व भुगतान करना होगा। यदि सभी किस्तों की देय तिथि निकल चुकी है तो देय कर को गत वर्ष की समाप्ति  के पूर्व भुगतान करना होगा ।

अग्रिम कर की देय किस्तें तथा तिथियाँ (धारा 211)

(Instalments and Dates of Advance Tax)

आग्रिम कर हतु भुगतान की जाने वाली राशि एवं अग्रिम कर की देय किस्तों तथा तिथियों की विवेचना आय-कर अधिनियम का धारा 211 के अन्तर्गत की गई है। 1 जून, 2016 से कम्पनी सहित सभी करदाताओं को निम्नलिखित प्रकार से अग्रिम कर का भुगतान करना है

देय तिथि

 

देय राशि
15 जून तक अग्रिम कर की राशि का कम से कम 15 प्रतिशत
15 सितम्बर तक

 

अग्रिम कर की राशि का कम से कम 45 प्रतिशत (इसमें से पूर्व में चुकाई गई राशियाँ घटाई जायेंगी)

15 दिसम्बर तक

अग्रिम कर की राशि का कम से कम 75 प्रतिशत (इसमें से पूर्व में चुकाई गई राशियाँ घटाई जायेगी)
15 मार्च तक

 

अग्रिम कर की सम्पूर्ण राशि (इसमें से पूर्व में चुकाई गई राशियाँ घटाई जायेंगी)

 

नोट1. धारा 44AD में संदर्भित योग्य व्यवसाय के सम्बन्ध में योग्य करदाता को सम्बन्धित गतवर्ष की 15 मार्च तक देय अग्रिम कर की 100% राशि चुकानी होगी अर्थात् वह अपनी सुविधानुसार 15 मार्च तक कभी भी अग्रिम कर की सम्पूर्ण राशि चुका सकता है।

2. यदि अग्रिम कर की एक या अधिक किस्तें जमा करने के पश्चात् चालू आय के अनुमान में परिवर्तन आता है, तो शेष किस्तों की राशि में वृद्धि या कमी की जा सकती है।

अग्रिम कर का समायोजन

(Credit for Advance Tax)

करदाता द्वारा चूकाए गए अग्रिम कर का समायोजन करदाता के नियमित कर-निर्धारण पर कर दायित्व की गणना करते समय कर दिया जाता है। यदि संयोगवश करदाता द्वारा चुकाया गया अग्रिम कर, कर निर्धारण के पश्चात् निर्धारित कर से अधिक है, तो अधिक चुकाया गया कर वापिस (Refund) मिल जाता है।

वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु प्रभावी अग्रिम कर की दरें

(Effective Rates of Advance Payment of Tax for F.Y. 2017-18)

() दीर्घकालीन पूँजी लाभ (L.T.C.G.) [u/s 112) पर 20% की दर से

() धारा 111A के अन्तर्गत अल्पकालीन पूँजी लाभ पर 15% की दर से

() लाटरी, वर्ग-पहेली, दौड एवं घुडदौड़, टी० वी० गेम, ताश के खेल आदि से हुई आकस्मिक आय पर (30% की दर से)

अन्य आय पर

1 एक व्यक्ति (An Individual), H.U.F.. A.O.P. अथवा B.O.I. की दशा में

(iii) 5 लाख र से अधिक परन्तु 10 लाख ₹ तक की आय पर-20% (अ), (ब) एवं (स) उपरोक्त तीनों दशाओं में (iv) 10 लाख र से अधिक की सम्पूर्ण आय पर-30% (अ), (ब) एवं (स) उपरोक्त तीनों दशाओं में

नोटजिन निवासी व्यक्तियों (पुरुष एवं महिला) की आय 3.5 लाख से अधिक नहीं है, उन्हें कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 से धारा 87A के अन्तर्गत उनके द्वारा देय आय-कर की वास्तविक रकम या 2,500 ₹ जो भी दोनों में कम है, की राशि के बराबर कर में राहत (Relief of Tax) प्रदान की गई है।

अधिभार (Surcharge)-यदि कुल आय 50 लाख से अधिक परन्तु एक करोड़ से अधिक नहीं है तो देय आय-कर की राशि पर 10% सरचार्जे लगेगा। यदि कुल आय एक करोड़ से अधिक हैं, तो देय आय-कर की राशि पर 15% सरचार्ज लगेगा।

स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर (Health and Education Cess)-अधिभार सहित (यदि कोई हो तो) देय आय-कर की राशि पर 4% की दर से ।

2. फर्म एवं स्थानीय सत्ता (Local Authority) की दशा में आय-कर-सम्पूर्ण आय पर 30% की दर से,

अधिभार (Surcharge)-यदि कुल आय एक करोड़ से अधिक है, तो देय आय-कर की राशि पर 12% HEC-अधिभार सहित (यदि कोई हो) देय आय-कर की राशि पर 4% 3. घरेलू कम्पनी की दशा में (In Case of Domestic Company)

आय कर (Income tax)-यदि गत वर्ष 2016-17 में सम्बन्धित घरेल कम्पनी की कल बिक्री अथवा सकल प्राप्तियाँ 250 करोड़ र से अधिक नहीं है अथवा धारा 115BA की शर्तों को पूरा करती हैं तो सम्पूर्ण आय पर 25% एवं अन्य घरेलू कम्पनी की सम्पूर्ण आय पर 30% की दर से।

अधिभार (Surcharge)-यदि कुल आय एक करोड़ ₹ से अधिक है, परन्तु 10 करोड़ से अधिक नहीं हैदेय आय-कर की राशि पर 7%; यदि कुल आय 10 करोड़ से अधिक है-देय आय-कर की राशि पर 12% HEC-अधिभार सहित (यदि कोई हो तो) देय आय-कर की राशि पर 4%

4. गैरघरेलू कम्पनी की दशा में (In Case of Non-domestic Company)-कुल आय पर-40%

अधिभार (Surcharge)-यदि कुल आय एक करोड़ से अधिक है, परन्तु 10 करोड़ से अधिक नहीं है-देय आय-कर की राशि पर 2% यदि कुल आय 10 करोड़ र से अधिक है-देय आय-कर की राशि पर 5% स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर (HEC)-अधिभार सहित (यदि कोई हो तो) देय आय-कर की राशि पर 4%

अग्रिम कर का भुगतान करने में त्रुटि होने पर देय ब्याज (धारा 234B)

(Interest for Defaults in Payment of Advance Tax)

1 यदि किसी करदाता ने जिस पर धारा 208 के अन्तर्गत अग्रिम कर के भुगतान करने का दायित्व था, कर का भुगतान नहीं किया है अथवा धारा 210 के अन्तर्गत भुगतान किए गए कर की राशि निर्धारित कर की राशि के 90% से कम है तो इसके लिए करदाता को प्रत्येक माह अथवा उसके भाग पर 1% प्रति माह की दर से साधारण ब्याज देना होगा। ब्याज की गणना धारा 143(1) के अन्तर्गत कर-निर्धारण वर्ष की 1 अप्रैल से कुल आय निर्धारित किये जाने की तिथि तक अथवा नियमित कर-निर्धारण होने की तिथि तक की जाएगी। ब्याज की गणना निर्धारित कर की राशि पर अथवा अग्निम कर की जितनी कम राशि का भुगतान किया गया है उस पर की जाएगी। यहाँ पर ‘निर्धारित कर’ से आशय संक्षिप्त कर-निर्धारण अथवा नियमित कर-निर्धारण में निर्धारित कुल आय पर देय कर में से निम्नलिखित मदों की राशियों को घटाने के पश्चात् बची हुई शेष राशि से है

(i) उद्गम स्थान पर काटा गया अथवा संग्रह किया गया कर;

(ii) विदेश में चुकाये गए आय-कर के सम्बन्ध में (धारा 90, 90A एवं 91 के अन्तर्गत) दुहरे करारोपण की छूट की राशि; कम्पनी करदाता को न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) के सम्बन्ध में (धारा 115JAA अथवा 115JD के अन्तर्गत) क्रेडिट की राशि।

2. यदि संक्षिप्त कर निर्धारण अथवा नियमित कर-निर्धारण पूरा होने से पूर्व, करदाता धारा 140A के अन्तर्गत स्वयं कर-निर्धारण के आधार पर कर चुका देता है, तो ब्याज की गणना अग्रलिखित प्रकार की जायेगी।

प्रावधानों के अनुसार व्याज 1 अप्रैल से उस तिथि तक का लगेगा जिस तिथि में उपयुक्त कर का हुआ है और यदि स्वयं कर-निर्धारण के आधार पर चुकाये गये कर के साथ कोई ब्याज भा

() उपर्युक्त वर्णित प्रावधानों के अनुसार ब्याज  राशि का भुगतान हुआ है और यदि स्वय को चुका दिया है तो वह घट जायेगा।

() इसके बाद स्वयं कर-निर्धारण के आधार पर चुकाय कर-निर्धारण के आधार पर चकाये गये कर की राशि तथा अग्रिम चुकाये गए कर की राशि का योग निर्धारित कर की राशि में से घटाकर बची हुई शेष राशि पर व्या

3. यदि धारा 147 के अन्तर्गत कर-निर्धारण होने पर करदा

अन्तर्गत कर-निर्धारण होने पर करदाता के कर-दायित्व में वृद्धि हो तो नियमित कर-निर्धारण की तिथि से पुनः कर-निर्धारण अथवा धारा 147 के अन्तर्गत धारण अथवा धारा 147 के अन्तर्गत कर की पुनर्गणना होने की तिथि तक करदाता को प्रत्येक माह अथवा उसके भाग पर 1% की दर से ब्याज देना पड़ा पर 1% की दर से ब्याज देना पड़ेगा। ब्याज की गणना धारा 147 के अन्तर्गत किए गए पुन: कर-निर्धारण और धारा 143(1) के अन्तर्गत किए गए नियमित कर धारा 143(1) के अन्तर्गत किए गए नियमित कर-निर्धारण के अन्तर की राशि पर ही की जाएगी।

4.यदि कर की राशि पुनरीक्षण, अपील, त्रुटि-सुधार आदि क अ या बढ़ेगा। पुनराक्षण, अपील, त्रुटि-सुधार आदि के आदेश के फलस्वरूप घटती-बढ़ती है तो ब्याज भी घटेगा

अग्रिम कर का भुगतान विलम्ब से करने पर देय ब्याज (धारा 2340)

(Interest for Deferment of Advance Tax)

आय-कर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत अग्रिम आय-कर चाल वित्तीय वर्ष की अनुमानित आय पर एक की दर से एवं निश्चित तिथियों तक जमा कराना होता है। यदि करदाता उक्तानाश्चित कर चालू वित्तीय वर्ष की अनुमानित आय पर एक निश्चित प्रतिशत वायचा तक जमा कराना होता है। यदि करदाता उक्त निश्चित तिथियों तक निर्धारित प्रतिशत अग्रिम कर हेतु 1जून, 2016 से कम्पनी सहित सभी करदाताओं को अग्रिम कर की कम जमा की गयी राशि पर निम्नलिखित प्रकार ब्याज का भुगतान करना होगा

करदाता द्वारा देय अग्रिम कर की रकम का (1) 15%, 15 जन तक, (ii) 45%, 15 सितम्बर तक,तथा (iii) 75%, 15 दिसम्बर तक जमा कराया जाना चाहिए परन्तु यदि इन तिथियों तक उक्त प्रतिशत के बराबर की राशि जमा नहीं की जाती है, प्रत्येक किस्त में कम चुकायी गई राशि पर 1% की दर से तीन माह का साधारण ब्याज चुकाना पड़ेगा। परन्तु यदि (i) 15 जून तक देय अग्रिम कर का 12% के बराबर रकम का भुगतान कर दिया जाता है, अथवा (ii) 15 सितम्बर तक देय अग्रिम कर का 36% भुगतान कर दिया जाता है तो कम चुकायी गयी राशि पर कोई ब्याज नहीं चुकाना पड़ेगा।

अपवाद (Exceptions)- निम्नलिखित दशाओं में अग्निम कर की राशि निर्धारित प्रतिशत से कम जमा कराने पर भी कोई व्याज देय नहीं होगा

1 यदि यह कमी पूँजीगत लाभ, लॉटरी, वर्ग पहेली, दौड़ (घुड़दौड़ सहित), ताश के खेल, जुआ आदि की आय का अनुमान न लगाने के कारण अथवा कम अनुमान लगाने के कारण हुई हो।

2. व्यवसाय या पेशे से आय पहली बार उपार्जित अथवा उदय हुई है।

3. यदि करदाता ने उपरोक्त (1) में वर्णित आय पर देय सम्पूर्ण कर की राशि आय प्राप्त होने के तुरन्त बाद वाली किस्त के साथ किस्त के भाग के रूप में चुका दी है अथवा यदि सभी किस्तें चुकाई जा चुकी हैं, तो वित्तीय वर्ष की 31 मार्च तक चुका दी गई है।

अधिक या आधिक्य वापसी पर ब्याज (धारा 234D)

(Interest on Excess Refund)

धारा 234D 1 जन. 2003 से प्रभावी की गई है। इसके अनुसार धारा 143(1) के अन्तर्गत कर-निर्धारण की अवस्था में यदि आय-कर विभाग द्वारा कोई आधिक्य वापसी की जाती है, तो करदाता से निम्नलिखित दो स्थितियों में प्रत्येक माह या उसके भाग के लिए वापसी या आधिक्य वापसी की राशि पर 1/2% (0.5%) की दर से ब्याज वसूला जायेगा

(i) नियमित कर-निर्धारण के अन्तर्गत कोई वापसी की राशि देय नहीं है, परन्तु वापसी की जाती है।

(ii) नियमित कर-निर्धारण के अन्तर्गत वापसी की राशि देय वापसा का वास्तविक राशि से अधिक है।

Illustration 1

मि० पंकज की वित्तीय वर्ष 2018-19 की चालू आय का अनुमान निम्नलिखित प्रकार है

व्यापार से कर-योग्य आय                                                 5,87,000

पूँजी लाभ (अल्पकालीन प्रतिभूतियों से नहीं)                   3,000

अन्य साधनों से आय                                                         26,000

सकल कुल आय                                                              6,16,00

Advance Payment Tax Study

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Long Answer Theoretical Questions)

1 अग्रिम कर से आप क्या समझते हैं ? इसकी गणना कैसे की जाती है ? इसको भुगतान करने सम्बन्धी आय-कर के प्रावधान समझाइये।

What do you understand by Advance Tax? H. Act regarding its payments. Advance Tax? How is it computed ? Discuss the provisions of Income tax

2. अग्रिम कर देने का दायित्व कब उत्पन्न होता है ? इस प्रकार का कर कब चुकाया जाता है तथा इसकी संगणना और भुगतान कैसे किया जाता है ?

When does the liability to pay advance tax arise ? When such a tax is to be paid and how it is calculated and paid ?

3. ‘कर के अग्रिम भुगतान’ से आप क्या समझते हैं ? इस सम्बन्ध में आय-कर अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।

What do you understand by ‘Advance Payment of Tax’? State clearly the important provisions of the Income-tax Act regarding it.

4. जैसे कमाओ वैसे चकाओ’ योजना से आप क्या समझते हैं ? इस सम्बन्ध में आय-कर अधिनियम के महत्त्वपूर्ण प्रावधानों। की स्पष्ट व्याख्या कीजिए।

What do you understand by ‘Pay as You Earn’ scheme? Explain clearly the important provisions of the Income-tax Act in this connection.

लघु उत्तरीय एवं अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer and Very Short Answer Questions)

1 आय-कर के अग्रिम भुगतान पर टिप्पणी लिखिए।

(Write a note on “Advance Payment of Income-tax”.)

2. किस-किस तिथि को अग्रिम कर की किस्तें देय होती हैं ?

On what dates the installments of Advance Tax become due ?

3. अग्रिम कर के भुगतान के सम्बन्ध में धारा 234C के अन्तर्गत देय ब्याज को समझाइये।

Explain interest payable u/s 234C regarding payment of advance tax.

4. अग्रिम कर देने का दायित्व कब उत्पन्न होता है ?

(When does the liability to pay advance tax arise ?)

5. आय-कर की ‘जैसे कमाओ वैसे चुकाओ’ योजना की व्याख्या कीजिए।

Explain ‘Pay as You Earn’ scheme of Income tax.

6. ‘अग्रिम कर’ से आप क्या समझते हैं ? इसकी गणना कैसे की जाती है ?

What do you understand by ‘Advnce Tax’? How is it computed ?

7. अग्रिम कर के समायोजन से आप क्या समझते हैं ?

(What do you mean by credit for advance tax ?)

8. अग्रिम कर के भुगतान में चूक होने पर करदाता द्वारा देय ब्याज सम्बन्धी प्रावधानों को बताइए।

Explain the provisions regarding payment of interest by an assessee for his default in payment of advance tax.

लघु उत्तरीय क्रियात्मक प्रश्न

(Short Answer Numerical Questions)

1 श्री कपिल गुप्ता को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 35,000 ₹ अग्रिम कर के रूप में देने है। निर्धारित तिथियों पर देय अग्रिम कर राशि की गणना कीजिए।

Shri Kapil Gupta has to pay 35,000 as advance tax during the financial year 2018-19. Determinethe amount payable as advance tax on prescribed dates.

Ans. 15.6.2018₹5,250; 15.9.2018 ₹ 10,500, 15.12.2018₹ 10,500 and 15.3.2019 ₹ 8750.

2. श्री विपुल को वित्तीय वर्ष 2018-19 में 60,000 ₹ अग्रिम कर के रूप में देने हैं। उन्होंने 12 जून, 2018 को 15,000₹ जमा कराए। बताइए उन्हें शेष राशि कब और कितनी-कितनी जमा करनी होगी?

Shri Vipul has to pay 60,000 as advance tax during the financial year 2018-19. He deposited 15,000 on 12.6.2018 as advance tax. Explain how much and on what dates he has to pay the balance amount?

Ans. Upto 15.09.2018 2 12,000; Upto 15.12.2018 ₹ 18,000 and upto 15.3.2019 ₹ 15,000.

3. एक साझेदारी फर्म की वित्तीय वर्ष 2018-19 में करयोग्य आय 3,00,000 ₹ होने का अनुमान है। फर्म द्वारा निर्धारित तिथियों पर देय अग्रिम कर की राशि बताइए।

A partnership firm estimated its total income ₹3,00,000 for the financial year 2018-19. Determine the amount payable as advance tax on prescribed dates.

Ans. Upto 15.6.2018 7 14,040; Upto 15.9.2018 ₹28,080; Upto 15.12.2018₹28,080 and upto 15.3.2019₹ 23,400..

Advance Payment Tax Study

दीर्घ उत्तरीय क्रियात्मक प्रश्न

(Long Answer Numerical Questions)

1 मि० आर० के० भण्डारी को वित्तीय वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए चाल आय का अनुमान निम्नलिखित प्रकार है

Bhandari estimates his current income for the financial year 2018-19 as follows:

 

2. व्यवसाय से कर-योग्य आय (Taxable Income from Business) 3,50,000

3. अन्य साधनों से आय (Income from other sources)                 1,25,000

4,75,00

उसने अपने जीवन पर एक जीवन बीमा पॉलिसी ले रखी है जिसका वार्षिक प्रीमियम 5,000₹ है। वह धारा 80D के अन्तर्गत 6,000 ₹ कटौती के लिए भी पात्र है। आग्रम कर की गणना कीजिए एवं विभिन्न देय तिथियों पर जमा की जाने वाली किस्तों की रकम ज्ञात कीजिए यदि मि० आर० के० भण्डारी की एक आय में उद्गम स्थान पर 3,000 ₹ कर काटा गया हो।

He has taken a life insurance policy on his own life. its annual premium is 5,000. He is also eligible for deduction of ₹6,000 u/s 80D. Calculate advance tax and find out amount to be deposited on different dates assuming that the eduction at source on an income of Mr. R. K. Bhandari is 3,000.

Ans. Advance Tax 3 8.130: Ist Instalment (15th June, 2018 or before) 1.220; Ilnd Instalment (15th September, 2018 or before ₹2.440. IIIrd Instalment (15th December.’ 2018 or before) ₹2,440 and IVth Instalment (15th March 2019 or before) ₹2,030.

2. डॉ० अभिषेक जैन को चाल वित्तीय वर्ष 2018-19 में निम्न प्रकार आय प्राप्त होने का अनुमान है

Dr. Abhishek Jain estimates his income for the current financial year 2018-19 as under:

मकान-सम्पत्ति से आय (कर-योग्य) [Income from House Property (Taxable)]       28,000

व्यापार से आय (कर-योग्य) [Income from Business (Taxable)]                                  8.50,000

प्रतिभूतियों से ब्याज एवं अन्य ब्याज (Interest on securities and other interest)       22,000

उसने प्रधानमन्त्री राष्ट्रीय सहायता कोष में चैक द्वारा 10,000 ₹ दान दिया।

(He donated 10,000 by cheque to Prime Minister National Relief Fund.)

उद्गम स्थान पर कर की कटौती (Tax Deducted at Source)

वित्तीय वर्ष 2018-19 में अलग-अलग तिथियों पर उसके द्वारा जमा किए जाने वाले अग्रिम कर की राशि की गणना कीजिए।

Calculate Advance Tax and find out instalments for the financial year 2018-19.

Ans. Upto 15.06.2018 ₹ 13,788; Upto 15.09.2018 ₹ 27,576; Upto 15.12.2018 227,576; Upto 15.03.2019 ₹22,980.

3. मि०. अरविन्द त्यागी वित्तीय वर्ष 2017-18 में अपना सम्भावित कुल आय पर 50,000 ₹ अग्रिम कर जमा कराने हेत दायी है। उन्होंने विभिन्न तिथियों पर निम्नानुसार अग्रिम कर जमा किया

Mr Arvind Tyagi is liable to pay advance income-tax < 50,000 for his estimated total income for the financial year 2017-18. He has deposited advance tax on various dates as under:

(i) On 15th June, 2017                                     7,000

(ii) On 15th September, 2017                         13,00

(iii) On 15th December, 2017                         16,000

(iv) On 15th March, 2018                                14,000

उपर्युक्त से कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 हेतु मि० अरविन्द त्यागी द्वारा अग्रिम कर चुकाने के स्थगन के लिए धारा 14,000 2340 के तहत देय ब्याज की गणना कीजिए।

Compute the amount of interest payable by Mr. Arvind Tyagi u/s 234C for deferment of Paymentof  advance tax for assessment year 2018-19 from aforesaid information Ans. ₹15 + ₹75+ ₹45 ₹ 135.

Advance Payment Tax Study

chetansati

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