BCom 2nd Year Agricultural Income Tax Study Material Notes in Hindi

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BCom 2nd Year Agricultural Income Tax Study Material Notes in Hindi

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Agricultural Income Tax
Agricultural Income Tax

BCom 2nd Year Tax Planning Tax Avoidance Tax Evasion Study material Notes in Hindi

कृषि आय

(AGRICULTURA INCOME)

सामान्यतया कृषि कार्य करने से उपज आदि की प्राप्ति कृषि आय कहलाती है, लेकिन आय-कर में ‘कृषि आय’ की एक निश्चित एवं विशिष्ट अर्थ में व्याख्या की गई है।

कृषि आय की परिभाषा (Definition of Agricultural Income)

आय-कर अधिनियम की धारा 2(1A) के अनुसार कृषि आय से निम्नांकित तात्पर्य है

1 भारत में स्थित एवं कृषि उद्देश्यों के लिए प्रयुक्त भूमि से प्राप्त किराया अथवा लगान।

2. ऐसी भूमि से प्राप्त आय जो त) कृषि करने से हो, या (ii) कषक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को उसके द्वारा उत्पादित या प्राप्त उपज को बाजार में विक्रय योग्य बनाने के लिए सामान्यतया किए जाने वाले कार्य करने से हो, या (iii) कृषक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को उसके द्वारा उत्पादित या प्राप्त उपज को विक्रय करने से हो।

3. कृषक अथवा भूमि का किराया प्राप्त करने वाले को ऐसे भवन से आय जो उसके स्वामित्व एवं अधिकार में है यदि। निम्नलिखित शर्ते पूरी होती हैं(i) यह भवन उस भूमि पर या उसके अत्यधिक निकट स्थित है और यह कृषक द्वारा या भूमि का किराया प्राप्त करने वाले के द्वारा निवास हेतु या भण्डार गृह के रूप में या बाहरी मकान के रूप में प्रयुक्त होता है।  (ii) इस भूमि पर भारत में लगान लगता है अथवा कोई स्थानीय कर लगता है जिसका निर्धारण तथा संग्रह सरकारी अधिकारियों द्वारा किया जाता है। यदि इस भूमि पर कोई लगान या स्थानीय कर नहीं लगता है तो यह भूमि निम्नलिखित सीमाओं, जिसे शहरी सीमा कहा जाता है, के अन्दर स्थित न हो(अ) 10,000 या इससे अधिक की आबादी वाले नगरपालिका या छावनी बोर्ड की सीमाओं के अन्दर; या (ब) ऐसी नगरपालिका या छावनी बोर्ड की स्थानीय सीमाओं से 8 कि०मी० दूरी तक अथवा ऐसी दूरी तक

जो केन्द्रीय सरकार द्वारा सरकारी गजट से उस क्षेत्र के शहरीकरण के लिए गजट की गई हो।

करनिर्धारण वर्ष 2014-15 से (वित्त अधिनियम, 2013 के द्वारा प्रभावी) यदि भूमि पर कोई लगान या स्थानीय कर नहीं लगता है एवं कृषि कार्य में प्रयुक्त कृषि भवन आकाशीय मार्ग (Aerially) से नापने पर निम्नलिखित क्षेत्र में स्थित है तो उक्त कृषि भवन से होने वाली आय कृषि आय नहीं होगी-.

(i) यदि वहाँ की जनसंख्या दस हजार से अधिक है, परन्तु एक लाख से अधिक नहीं है तो स्थानीय सीमा से दो किलोमीटर क्षेत्र में।

(ii) यदि वहाँ की जनसंख्या एक लाख से अधिक है, परन्तु दस लाख से अधिक नहीं है तो स्थानीय सीमा से छः किलोमीटर क्षेत्र में।

(iii) यदि वहाँ की जनसंख्या दस लाख से अधिक है तो स्थानीय सीमा से आठ किलोमीटर क्षेत्र में।

4. पादप नर्सरी से आय (Income from Saplings or Seedings Grown in a Nursery)-मानी गई कृषि आय है-नर्सरी में उगाये गये छोटे पौधे या बीज से उत्पन्न किया हुआ छोटा पौधा बेचने से आय कृषि आय मानी जायेगी। (कर-निर्धारण वर्ष 2009-10 से प्रभावी)

कृषि आय के सम्बन्ध में ध्यान रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बिन्दु

(Rememberable Important Points Regarding Agricultural Income)

1 भूमि भारत में स्थित होनी चाहिए। यदि भूमि भारत से बाहर स्थित है तो ऐसी भूमि की आय कृषि आय नहीं माना जायेगी।

2. भमि को कृषि कायो क लिए प्रयोग किया जाना चाहिए अर्थात भमि को जोतना पानी देना बीज बोना. आदि क्रियाए का। जानी चाहिए। अत: भूमि पर स्वयं उग आई घास बेचने से होने वाली आय कृषि आय नहीं मानी जायगा।

3. भूमि से आय प्राप्तकत्ता का भूमि में हित होना चाहिए। भू-स्वामी या किरायेदार या भोग बंधकदार का ही हित भूमिम पा जाता है। अतः तैयार फसल का खरीदकर उसे काटकर बेचने से होने वाली आय कषि आय नहीं मानी जायगा।

4. किसी भी आय को कृषि आय तभी माना जायेगा जब वह प्रत्यक्ष रूप से कृषि से प्राप्त हो। कृषि से अप्रत्यक्ष आय कृषि आय नहीं है, जैसे कृषि फार्म के मैनेजर का वेतन, कृषि कार्य में लगी कम्पनी से प्राप्त लाभांश, कृषि आय नहीं है।

5. कृषि भूमि के विक्रय से होने वाला लाभ कृषि आय नहीं मानी जाती।

कृषि आय के प्रकार

(Kinds of Agricultural Income)

आय-कर अधिनियम की धारा 21A में प्रदत्त ‘कषि आय’ की उपर्यक्त वर्णित परिभाषा के आधार पर कृषि आय को निम्नलिखित पाँच भागों में विभक्त किया जा सकता है

1 भूमि से प्राप्त किराया अथवा लगान-यदि भूमि का स्वामी अपनी भूमि को कृषि कार्य में उपयोग करने के लिए भूमि का। अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को दे देता है तो उसके बदले में उसे जो किराया अथवा लगान मिलता है वह उसकी कृषि आय होती है।

2. भमि पर कृषि कार्य करने से प्राप्त आय-भमि पर किसी भी व्यक्ति (भ-स्वामी. किरायेदार. भमि गिरवी रखने वाला या अन्य कोई व्यक्ति) के द्वारा कृषि क्रिया करने के परिणामस्वरूप जो आय प्राप्त होगी वह कृषि आय कहलायेगी। कृषि क्रिया से आशय भूमि जोतने, पानी देने, बीज बोने, फसल उगाने आदि क्रियाओं के करने से है।।

3. भूमि से प्राप्त उपज को विक्रय योग्य बनाने की क्रिया से होने वाली आय-भूमि से प्राप्त उपज कभी-कभी विक्रय योग्य नहीं होती। एक कृषक अपनी उपज को विक्रय योग्य बनाने के लिए जो कृषि क्रिया करता है और उससे जो आय होती है, कृषि आय। मानी जाती है। जैसे-तम्बाकू, कॉफी आदि को बेचने योग्य बनाने की क्रिया।

4. कृषक द्वारा कृषि की उपज को विक्रय करने से प्राप्त आय-किसान द्वारा स्वयं उत्पन्न की गई अथवा किराये के रूप में प्राप्त उपज को बाजार में बेचने अथवा अपनी स्वयं की दुकान पर बेचने से होने वाली आय कृषि आय कहलाती है।।

5. कृषि कार्यों में प्रयुक्त कृषि भवन से आय-वह भवन जो कृषि भूमि पर अथवा उसके अत्यधिक निकट स्थित है तथा कृषक अथवा किराया प्राप्त करने वाले के द्वारा निवास-स्थान, भण्डार-गृह या बाहरी मकान के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, कृषि भवन कहलाता है। ऐसे भवन से अर्जित आय भी कृषि आय कहलाती है।

6. अन्य कृषि आयउपरोक्त के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रकार की आय को कृषि आय माना जाता है

(i) कृषि कार्य के लिए प्रयुक्त पशुओं के चरने हेतु स्वयं उगी हई घास अथवा जंगल को किराये पर देने से आयः

(ii) यदि किसी भूमि को बंधक रखकर किसी व्यक्ति ने ऋण दिया हो तो बंधक रखने वाले व्यक्ति द्वारा कृषि कार्य में प्रयुक्त भूमि का किराया,

(iii) फल अथवा फूलों की खेती से आय,

(iv) करदाता द्वारा उगाये गये जंगल अथवा वृक्षों की लकड़ी, फल आदि की बिक्री से आय,

(v) कृषि कार्य में संलग्न फर्म द्वारा साझेदारों को दिया गया पूंजी पर ब्याज एवं पारिश्रमिक साझेदारों के लिए कृषि आय माना जायेगा बशर्ते कि फर्म को ऐसे ब्याज अथवा पारिश्रमिक की कटौती व्यय के रूप में मिली हो,

(vi) खड़ी फसल की ओलावृष्टि अथवा अन्य किसी कारण से हुई हानि के सम्बन्ध में बीमा कम्पनी से प्राप्त क्षतिपूर्ति को कृषि आय माना जायेगा।

गैरकृषि आय

(Non-Agricultural Income)

निम्नलिखित आयें यद्यपि भूमि से सम्बन्धित तो हैं तथा कृषि आय जैसी प्रतीत होती हैं, परन्तु कृषि आय नहीं हैं, क्योकि ये आयें कृषि आय के आवश्यक लक्षणों/तत्त्वों को पूरा नहीं करतीं

1. जंगली घास, बाँस या स्वत: उगे वृक्षों से आयः

2. हाट बाजार तथा मछली क्षेत्रों से प्राप्त होने वाली आय;

3. पत्थर की खानों से प्राप्त आय या रॉयल्टीः

4. खानों से प्राप्त रॉयल्टी या खनिज पदार्थों के निकालने से होने वाली आय:

5. ईंट बनाने के लिए या भट्टे के लिए प्रयुक्त भूमि की आय;

6. सिंचाई के लिए पानी देने से आय;

7. लाख की खेती करने से होने वाली आय;

8. डेरी फार्म एवं मुर्गी पालन की आय;

9. तालाब में सिंघाड़े उगाने से प्राप्त आय;

10. कृषि फार्म के मैनेजर को प्राप्त पारिश्रमिक;

11. कृषि उपज को संग्रहित करने हेतु भण्डार के रूप में प्रयुक्त भूमि से आय:

12. भूमि पर लगने वाले बाजारों, मेलों व नुमाइशों की आय:

13. कृषि कार्यों में लगी हुई कम्पनी से प्राप्त लाभांशः

14. कृषि कार्यों में प्रयुक्त भूमि के सम्बन्ध में प्राप्त किराये की बकाया रकम का ब्याज;

15. खड़ी फसल को खरीदने पर होने वाली आय;

16, समुद्र या झील के पानी से नमक निकालने से होने वाली आय:

17. कृषक को फसल का अधिक उत्पादन करने पर प्राप्त इनाम;

18. भू-स्वामी को किरायेदार की उपज के विक्रय पर प्राप्त कमीशन;

19. कृषि कार्यों में प्रयोग न किये जाने वाले पशुओं के लिए भूमि पर चारा उगाने से आय:

20, साहूकार या महाजन द्वारा कृषि उपज के रूप में प्राप्त ब्याज;

21, मक्खन एवं पनीर उत्पादन से होने वाली आय:

22. फार्म हाऊस में टी०वी० सीरियल की शूटिंग्स से प्राप्त धनराशि। उपरोक्त सभी आयें विभिन्न न्यायालयों द्वारा किसी न किसी विवाद में गैर-कृषि आय घोषित की जा चुकी हैं।

अंशतः कृषि आय

(Partly Agricultural Income)

कभी-कभी कोई व्यक्ति या औद्योगिक संस्थान/निर्माता/उत्पादक स्वयं के द्वारा उत्पादित कृषि उपज अथवा किराये के रूप में प्राप्त कृषि उपज का प्रयोग कच्चे माल के रूप में करके निर्मित/उत्पादित किये गये माल को बाजार में विक्रय करके आय अर्जित करता है, ऐसी दशा में इस प्रकार अर्जित की गई आय का एक भाग कृषि आय तथा शेष भाग गैर-कृषि आय मानी जायेगी। इस सम्पूर्ण आय में से कृषि तथा गैर-कृषि आय के भाग की अलग-अलग गणना करना आवश्यक है। सम्पूर्ण आय में शामिल कषि आय के भाग को अंशतः कृषि आय कहते हैं।

कर-योग्य गैर-कृषि आय की राशि ज्ञात करने के लिए कुल प्राप्त राशि में से कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त सम्बन्धित कृषि उपज का उचित बाजार मूल्य घटा दिया जायेगा; परन्तु इस सम्बन्ध में कृषि करने का कोई व्यय नहीं घटाया जायेगा। ‘बाजार मूल्य’ से आशय है-(अ) यदि वह कृषि उपज सामान्यतया बाजार में बिकती है तो गत वर्ष में उसका औसत मूल्य; अथवा (ब) यदि वह कृषि उपज सामान्यतया बाजार में नहीं बिकती है तो निम्नलिखित का योग उसका बाजार मूल्य माना जायेगा-) उपज करने के व्यय, (ii) जिस भूमि पर यह उपज की गयी है उसका लगान अथवा किराया, तथा (iii) उचित लाभ, जो कर-निर्धारण अधिकारी की दृष्टि में उचित हो।

नोट-उचित बाजार मूल्य एवं कृषि करने की लागत के अन्तर को कृषि आय माना जाता है।

उदाहरण के लिए, यदि करदाता ने गन्ने का उत्पादन किया एवं 5,00,000र के बाजार मूल्य का गन्ना अपनी चीनी बनाने वाली इकाई को दे दिया तो चीनी बनाने वाली इकाई को गन्ने की लागत 5,00,000 ₹ की कटौती मिलेगी। यदि गन्ने का उत्पादन करने की लागत 3,00,000₹ है तो 2,00,000 ₹ कृषि आय होगी।

कृषि आय एवं गैरकृषि आय निर्धारित करने हेतु आयकर के महत्त्वपूर्ण नियम

कृषि आय एवं कर दायित्व

(Agricultural Income and Tax Liability)

आय-कर अधिनियम की धारा 1011 के अनसार कषि आय. आय-कर से मुक्त है। कर-निर्धारण वर्ष 1973-74 तक कृषि आय पूर्णतया कर मुक्त थी अर्थात् न तो कृषि आय पर आय-कर लगता था और न अन्य आयों पर आय-कर ज्ञात करने के लिये इसे कुल आय में सम्मिलित किया जाता था, परंतु कर निर्धारण वर्ष 1974-75 से व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार करदाता का कर दायित्व ज्ञात करते समय कृषि आय को ध्यान में रखा जाता है। निम्नलिखित दोनों शर्ते पूरी होने पर कृषि आय को कुल आय में अलग से जोड़कर सर्वप्रथम संयोजित आय (Aggregated income) पर सकल आय कर ज्ञात किया जायेगा और इसके बाद कृषि आय पर सीमान्त दर से कर की छुट घटाई जायेगी

1 यदि व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार करदाता की कुल आय (कृषि आय को छोड़कर) करमुक्त सीमा से अधिक हो, (कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 हेतु 60 वर्ष से कम आयु के पुरुष एवं महिला निवासी व्यक्ति तथा H.U.F. के सम्बन्ध में करमुक्त सीमा 2,50,000 र है, 60 वर्ष या अधिक परन्तु 80 वर्ष से कम आयु वाले पुरुष एवं महिला (Senior Citizen) निवासी व्यक्ति की दशा में 3 लाख र एवं 80 वर्ष या अधिक आयु वाले पुरुष एवं महिला (Super Senior Citizen) निवासी व्यक्ति की दशा में 5 लाख र है। तथा

2. कृषि आय की राशि 5,000 से अधिक हो।

उपरोक्त दोनों शर्ते पूरी होने पर कर की गणना निम्न प्रकार की जायेगी

Step : कुल आय + कृषि आय =संयोजित आय पर निर्धारित दरों से आय कर

Step II : घटाइये : कृषि आय + आय की प्रभावी करमुक्त सीमा की राशि पर आय कर

(-) देय आय-कर

नोटआय-कर की दरों हेतु पेज 4 देखें। धारा 87A के अन्तर्गत आय-कर में कटौती का विशेष रूप से ध्यान रखें।

कृषि आय से सम्बन्धित क्रियात्मक उदाहरण

(Numerical Illustrations Related to Agricultural Income)

Illustration 1

क्या निम्नांकित आय कृषि-आय हैं? स्पष्ट करें

(i) योगेश अपने किरायेदार की कृषि उपज को बेचने से कमीशन के रूप में 8,000₹ कमाता है।

(ii) अनिल तम्बाकू के सूखे पत्तों की बिक्री से 22.000 १ प्राप्त करता है।

(iii) तूफान से फसल नष्ट हो जाने पर बीमा कम्पनी से प्राप्त क्षतिपूर्ति की राशि।

(iv) नेपाल में चाय के बगीचों से आय।

(v) महाजन को कर्जे के ब्याज के रूप में प्राप्त फसल की बिक्री से हुई आय।

(vi) बीजों के विक्रय से ऐसे व्यक्ति को प्राप्त आय जो एक नर्सरी का स्वामी है तथा बीज भी तैयार करता है।

Whether the following are Agriculture Income ? Explain clearly :

(i) Yogesh earns 7 8,000 as commission for selling the agricultural produce of his tenant.

(ii) Anil received ₹ 22,000 for the sale of dry-tobacco leaves.

(iii) Compensation received from an Insurance Compnay for damage of crop by cyclone.

(iv) Income from tea garden in Nepal.

(v) The money lender gets interest in form of agricultural produce. He earned income from the sale of this agricultural produce.

(vi) Income form sale of seeds by the person who owns a Nursery and prepares seeds also.

Solution :

(i) योगेश को कमीशन के रूप में प्राप्त 8,000₹ कृषि-आय नहीं है क्योकि इस आय का कृषि भूमि से सीधा सम्बन्ध नहीं है।

(ii) तम्बाकू के सूखे पत्तों की बिक्री से हुई आय सामान्यत: कृषि आय है। तम्बाकू के पत्ते पहले सुखाये जाते हैं, ताकि बाजार में विक्रय किये जा सकें।

(iii) यह कृषि-आय है, क्योंकि क्षतिपूर्ति की राशि कृषि उपज की क्षति के कारण प्राप्त हुई है।

(iv) नेपाल में चाय के बगीचों से आय-कृषि आय नहीं है क्योंकि चाय के बगीचे भारत में स्थित नहीं हैं।

(v) यह कृषि आय नहीं है, क्योंकि इस आय प्राप्ति का भूमि से कोई सम्बन्ध नहीं है।

(vi) यह कृषि आय है क्योकि बीज की उत्पत्ति जमीन पर उगाये गये मातृ पौधे से ही होती है।

Illustration 2

बताइये क्या निम्नलिखित आयें कृषि आयें हैं

1. गमलों में पौधों के विक्रय से आय।

2. कृषि कार्यों में प्रयुक्त पशुओं को चराने के लिए प्रयोग होने वाली भूमि से आय।

3. हरी चाय को उपभोग योग्य बनाकर बेचने से होने वाली आय।

4. फसल को संग्रहित करने के लिए किराये पर उठाई गई भूमि से आय।

5. जंगली भूमि पर स्वत: उगी घास को कृषि कार्यों में प्रयुक्त पशुओं को चरने की अनुमति देने के प्रतिफल में पशुओं के स्वामी से प्राप्त धनराशि।

6. कृषि कार्यों में प्रयुक्त पशुओं को चराने के लिए पट्टे पर दी गई भूमि से आय।

7. कृषि भूमि को पानी की पर्ति के बदले में मूल्य के रूप में प्राप्त कृषि उपज को बेचने से होने वाली आय।

State whether the following are agricultural income:

1 Income from sale of plants in pot,

2. Income from land used for grazing the cattle, used for agricultural purposes.

3. Income from operation of converting the green tea leaf into consumable tea.

4. Income derived from land let out for storing crops.

5. The amount collected from owners of cattle, normally used for agricultural, for allowing them to graze on forest lands covered by jungle and grass grown spontaneously.

6. Income from lease of the land used for grazing the cattle, used for agricultural purposes.

7. Income from sale of agricultural produce received by way of price for water supplied to agricultural land.

Solution :

1. यह कृषि आय है, क्योंकि गमलों में पौधे आधारभूत कृषि क्रियाओं के द्वारा ही तैयार किये जाते हैं।

2. यह कृषि आय है, क्योकि भूमि को कृषि में प्रयुक्त पशुओं के चराने हेतु प्रयुक्त करना कृषि कार्यों में प्रयुक्त करना माना जाता है।

3. हरी चाय स्वयं विक्रय योग्य है। अत: हरी चाय को उपभोग योग्य बनाने की क्रिया कृषि क्रिया नहीं बल्कि औद्योगिक निर्माण क्रिया है, परिणामस्वरूप इस प्रक्रिया के कारण होने वाली आय कृषि आय नहीं होगी। ।

4. यह कृषि आय नहीं है, क्योंकि इसके लिए किसी भी प्रकार की कृषि क्रिया सम्पन्न नहीं की गई है, [Emperor Vs. P.C. Barua 1 ITC 284 (Cal.)]

5. यह कृषि आय है, क्योकि भूमि को कृषि में प्रयुक्त पशुओं को चराने में प्रयुक्त किया गया है ने ही चारा स्वत: ही उग आया था।

6. यह कृषि आय है, क्योंकि भूमि को कृषि कार्यों में प्रयोग हेतु पट्टे पर देने से प्राप्त आय कृषि आय होती है।

7. यह कृषि आय नहीं है, क्योंकि यह न तो भूमि से है और न ही कृषि क्रिया से है।

Illustration 3

भूमि पर कृषि करने से कृषि आय ज्ञात कीजिए

Compute agricultural income from cultivation of land:

(i) कृषि उत्पाद की बिक्री से आय (Sale proceeds of agricultural produce)       1,60,000

(ii) उपकरणों का खर्चा  (Depreciation of equipments)                        6,000

(iii) श्रमिकों का खर्चा (Labour charges)                                     24,000

(iv) बीजों की लागत (Cost of seeds)                                        6,000

(v) खाद की लागत (Cost of fertilizers)                                      3,000

(vi) बिजली खर्च  (Electricity charges)                                     12,000

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

दीर्घ उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Long Answer Theoretical Questions)

1 कृषि आय का क्या अर्थ है? यह कितने प्रकार की होती है ? ऐसी किन्हीं दस आयों की व्याख्या कीजिए जो। जमीन से सम्बन्धित हों, किन्तु कृषि आय न हों।

What is the meaning of agricultural income? What are its types ? Explain any ten incomes which are related to land, but not agricultural income.

2. कृषि आय’ शब्द की व्याख्या कीजिए। यह कितने प्रकार की होती है ? करदाता के कर-दायित्व को कृषि आय किस प्रकार प्रभावित करती है ?

Explain the term “Agricultural Income”. What are its types ? How does agricultural income influence the tax liability of the assessee?

3 .कृषि आय क्या होती है ? उदाहरण सहित समझाइए तथा कृषि आय एवं गैर-कृषि आय के जोड़ने के नियमों को बताइए।

What is agricultural income? Explain with examples and state the rules of aggregating agricultural income and non-agricultural income.

4. कृषि आय क्या है और आय-कर के प्रयोजन के लिए इसे किस तरह व्यक्त किया जाता है?

What is agricultural income and how is it treated for income-tax purpose ?

5. आय-कर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत कृषि आय से सम्बन्धित प्रावधानों की व्याख्या कीजिए।

Explain the provisions of the Income-tax Act, 1961 with regard to agricultural income.

लघु उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Short Answer Theoretical Questions)

1 कृषि आय कितने प्रकार की होती है ?

(How many types of agricultural income are there?)

2. अंशत: कृषि आय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

(Write short note on partly agricultural income.)

3. गैर-कृषि आय के कोई दस उदाहरण दीजिए।

(Write any ten examples of non-agricultural income.)

4. कृषि आय को आय-कर के उद्देश्य से कब गैर-कृषि आय के साथ मिलाया जाता है ?

When is agricultural income included in non-agricultural income for income-tax purpose ?

5. कृषि में प्राथमिक क्रियायें कौन-सी होती है?

(Which are primary activities in agriculture?)

6. कृषि में बाद की क्रियायें कौन-सी होती हैं ?

(Which are subsequent activities in agriculture?)

7. गैर-कृषि आय के पाँच उदाहरण लिखिए।

(Write five examples of non-agricultural income.)

8. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए

(Write short notes on the following):

(i) कृषि आय (Agricultural Income)

(ii) कृषि आय की प्राथमिक क्रियाएँ (Primary Functions of Agricultural Income)

आय-कर अधिनियम की धारा 21A में प्रदत्त ‘कषि आय’ की उपर्यक्त वर्णित परिभाषा के आधार पर कृषि आय को निम्नलिखित पाँच भागों में विभक्त किया जा सकता है

1 भूमि से प्राप्त किराया अथवा लगान-यदि भूमि का स्वामी अपनी भूमि को कृषि कार्य में उपयोग करने के लिए भूमि का। अधिकार किसी अन्य व्यक्ति को दे देता है तो उसके बदले में उसे जो किराया अथवा लगान मिलता है वह उसकी कृषि आय होती है।

2. भमि पर कृषि कार्य करने से प्राप्त आय-भमि पर किसी भी व्यक्ति (भ-स्वामी. किरायेदार. भमि गिरवी रखने वाला या अन्य कोई व्यक्ति) के द्वारा कृषि क्रिया करने के परिणामस्वरूप जो आय प्राप्त होगी वह कृषि आय कहलायेगी। कृषि क्रिया से आशय भूमि जोतने, पानी देने, बीज बोने, फसल उगाने आदि क्रियाओं के करने से है।।

3. भूमि से प्राप्त उपज को विक्रय योग्य बनाने की क्रिया से होने वाली आय-भूमि से प्राप्त उपज कभी-कभी विक्रय योग्य नहीं होती। एक कृषक अपनी उपज को विक्रय योग्य बनाने के लिए जो कृषि क्रिया करता है और उससे जो आय होती है, कृषि आय। मानी जाती है। जैसे-तम्बाकू, कॉफी आदि को बेचने योग्य बनाने की क्रिया।

4. कृषक द्वारा कृषि की उपज को विक्रय करने से प्राप्त आय-किसान द्वारा स्वयं उत्पन्न की गई अथवा किराये के रूप में प्राप्त उपज को बाजार में बेचने अथवा अपनी स्वयं की दुकान पर बेचने से होने वाली आय कृषि आय कहलाती है।।

5. कृषि कार्यों में प्रयुक्त कृषि भवन से आय-वह भवन जो कृषि भूमि पर अथवा उसके अत्यधिक निकट स्थित है तथा कृषक अथवा किराया प्राप्त करने वाले के द्वारा निवास-स्थान, भण्डार-गृह या बाहरी मकान के रूप में प्रयुक्त किया जाता है, कृषि भवन कहलाता है। ऐसे भवन से अर्जित आय भी कृषि आय कहलाती है।

6. अन्य कृषि आयउपरोक्त के अतिरिक्त निम्नलिखित प्रकार की आय को कृषि आय माना जाता है

(i) कृषि कार्य के लिए प्रयुक्त पशुओं के चरने हेतु स्वयं उगी हई घास अथवा जंगल को किराये पर देने से आयः

(ii) यदि किसी भूमि को बंधक रखकर किसी व्यक्ति ने ऋण दिया हो तो बंधक रखने वाले व्यक्ति द्वारा कृषि कार्य में प्रयुक्त भूमि का किराया,

(iii) फल अथवा फूलों की खेती से आय,

(iv) करदाता द्वारा उगाये गये जंगल अथवा वृक्षों की लकड़ी, फल आदि की बिक्री से आय,

(v) कृषि कार्य में संलग्न फर्म द्वारा साझेदारों को दिया गया पूंजी पर ब्याज एवं पारिश्रमिक साझेदारों के लिए कृषि आय माना जायेगा बशर्ते कि फर्म को ऐसे ब्याज अथवा पारिश्रमिक की कटौती व्यय के रूप में मिली हो,

(vi) खड़ी फसल की ओलावृष्टि अथवा अन्य किसी कारण से हुई हानि के सम्बन्ध में बीमा कम्पनी से प्राप्त क्षतिपूर्ति को कृषि आय माना जायेगा।

 

chetansati

Admin

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