BCom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

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BCom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

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Bcom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

 

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प्रक्रिया लागत निर्धारण विधि-समतुल्य उत्पादन

(Process Costing : Equivalent Production)

प्रक्रिया खातों के सम्बन्ध में पूर्व वर्णित समस्याओं के अन्तर्गत चालू कार्य या अर्द्धनिर्मित कार्य (Work-in-progress) कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जबकि प्रक्रिया वाली निर्माणी संस्थाओं में उत्पादन प्रक्रिया निरन्तर एवं सतत रूप से चलते पहने के कारण प्रत्येक लेखा-अवधि के प्रारम्भ तथा अन्त में कुछ उत्पादन ऐसा अवश्य होता है जो निर्माणाधीन होता है अर्थात जिस पर उत्पादन कार्य प्रारम्भ तो हो चुका है परन्तु पूरा नहीं हुआ है। ऐसा कार्य ही चालू कार्य, क्रियमाण कार्य अथवा निर्माणाधीन कार्य (अर्द्धनिर्मित कार्य) (Work-in-progress) कहलाता है। ऐसी दशा में किसी भी प्रक्रिया में निर्मित वस्तुओं की प्रति इकाई लागत का निर्धारण करना एक कठिन कार्य होता है, क्योंकि प्रक्रिया लागत को पूर्ण निर्मित तथा अर्द्धनिर्मित इकाइयों पर बराबर या समान रूप से नहीं फैलाया जा सकता। अत: उत्पादित इकाइयों की शुद्ध लागत ज्ञात करने के लिये आवश्यक है कि अर्द्धनिर्मित इकाइयों (चालू कार्य) का सही मूल्यांकन कर लिया जाये। चूँकि ये इकाइयाँ निर्माण प्रक्रिया की विभिन्न अवस्थाओं में रहती हैं, अत: इनका मूल्यांकन करना एक कठिन कार्य है। हो सकता है कि कुछ इकाइयों को तो निर्माण प्रक्रिया में अभी सम्मिलित ही किया गया हो, जबकि अन्य कुछ इकाइयों पर निर्माण प्रक्रिया हो। इतना ही नहीं, लागत के विभिन्न तत्त्वों यथा सामग्री, श्रम एवं उपरिव्यय, आदि के दृष्टिको हुये कार्य की मात्रा अलग-अलग हो सकती है। उदाहरणार्थ, मान लीजिये किसी प्रक्रिया में लेखा-अवधि के अन्त में 500 इकाइयाँ ऐसी हैं जो अभी निर्माण की अवस्था में हैं जिनमें से 300 इकाइयों पर सामग्री 100%, श्रम 70% तथा उपरिव्यय 50% व्यय हो चुके हैं तथा शेष 200 इकाइयों पर सामग्री 100% तथा श्रम 80% व्यय हुये हैं। ऐसी स्थिति में इन इकाइयों की लागत ज्ञात करना एक जटिल समस्या है।

प्रक्रिया में अर्द्धनिर्मित कार्य का मूल्यांकन

(Valuation of Work-in-Process) .

अर्द्धनिर्मित कार्य (चालू-कार्य) के मूल्यांकन हेतु मुख्यत: निम्नलिखित दो आधारों में से किसी को भी प्रयोग किया जा सकता है

(i) वास्तविक लागत आधार (Actual Cost Basis)-इस पद्धति के अन्तर्गत अर्द्धनिर्मित इकाइयों (चालू-कार्य या निर्माणाधीन कार्य) का मूल्यांकन उन पर व्यय की गई राशि के आधार पर किया जाता है, अर्थात् ऐसी इकाइयों पर लेखा-अवधि के अन्त तक सामग्री, श्रम तथा उपरिव्यय, आदि पर वास्तव में हुये व्ययों का योग ही अर्द्धनिर्मित इकाइयों का मूल्य माना जाता है। इस पद्धति को तभी अपनाया जा सकता है जबकि लेखे इस प्रकार रखे जाते हों कि अर्द्धनिर्मित इकाइयों पर वास्तविक व्यय की राशि आसानी से ज्ञात की जा सके। वस्तुत: यह पद्धति व्यावहारिक नहीं है।

(ii) समतुल्य उत्पादन आधार (Equivalent Production Basis)-इस पद्धति के अन्तर्गत किसी भी प्रक्रिया में अद्धनिर्मित इकाइयों या चालू-कार्य को उस प्रक्रिया की पूर्ण निर्मित इकाइयों के बराबर (समतुल्य) परिवर्तित कर लिया जाता है और फिर इस प्रकार ज्ञात किये गये समतुल्य उत्पादन के आधार पर ही चालू-कार्य के मूल्यांकन का कार्य किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इस पद्धति के अन्तर्गत यह ज्ञात किया जाता है कि अर्द्धनिर्मित या चालू-कार्य की इकाइयाँ कितनी पूर्ण निर्मित या तैयार इकाइयों के बराबर हैं।

अर्द्धनिर्मित इकाइयों को पूर्ण निर्मित इकाइयों के समतुल्य उत्पादन में परिवर्तित करने हेतु यह ज्ञात होना आवश्यक है कि अपूर्ण इकाइयाँ पूर्णता की किस स्थिति में हैं। संक्षेप में, समतल्य उत्पादन ज्ञात करने के लिये निर्माणाधीन इकाइयों की संख्या को पूर्ण कार्य के प्रतिशत से गुणा कर दिया जाता है। उदाहरणार्थ, यदि किसी प्रक्रिया में 300 अपूर्ण इकाइयाँ हैं और इन पर 60% कार्य पूर्ण हो चुका है तो इन्हें 300 x 60% = 180 पूर्ण इकाइयों के बराबर माना जायेगा अर्थात् 300 अपूर्ण इकाइयों को 180 इकाइयों का समतुल्य उत्पादन माना जायेगा। संक्षेप में, समतुल्य उत्पादन का निम्नलिखित सूत्र है

समतुल्य उत्पादन = चालू कार्य की वास्तविक इकाइयाँ x पूर्णता की अवस्था का प्रतिशत

Equivalent Production = Actual units of Work-in-progress x % of Completion Stage

स्पष्टीकरण हेतु निम्नलिखित उदाहरण देखिये

Bcom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

chetansati

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