BCom 1st Year Business Communications Good News Letters Study Material Notes in Hindi

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Good News Letters
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अनुकूल सन्देश पत्र

(Good News Letters)

अनुकूल सन्देश पत्र

(Good News Letters)

जब हम किसी पत्र के माध्यम से कोई ऐसी सचना भेजते हैं जिससे कि प्राप्तकर्ता प्रसन्न हो जाता है अर्थात् वह सूचना उसके हित में होती है तो ऐसे पत्र को अनुकूल संदेश पत्र कहते हैं। इन पत्रों के द्वारा प्राप्तकर्ता को आनन्ददायक या लाभकारी सूचना प्रदान की जाती है। एक व्यवसाय में लिखे जाने वाले अधिकांश पत्र इसी प्रकृति के होते हैं। इन पत्रों को स्वीकृति पत्र भी कहते हैं। इस प्रकार के पत्र प्राप्तकर्ता की अनुकूल प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं।

अत: ऐसे पत्र जो पाठक को पढ़ने के बाद सुखद अनुभूति प्रदान करतें हों उन्हें अनुकूल समाचार पत्र या शुभ समाचार पत्र कहते हैं जैसे—आदेश की स्वीकृति सम्बन्धी पत्र, बधाई एवं सद्भावना पत्र, संस्तुति पत्र, प्रशंसा पत्र, एजेन्सी प्राप्त होने सम्बन्धी पत्र या अन्य कोई प्रार्थना पत्र जो स्वीकार हो गया हो। व्यवसाय जगत में अनुकूल संवाद वाले पत्रों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। चूंकि इन पत्रों में वर्णित अनुकूल सन्देश ही प्रमुख होता है इसलिये इस पत्र को सनियोजित पद्धति से लिखा जाना चाहिये।

“पत्र लिखने के लिये ज्ञान की गहराई की आवश्यकता नहीं हैं, परन्तु तथ्यों को एकत्रित कर श्रेणीबद्ध करने की योग्यता और उन्हें ऐसे आकार में प्रस्तुत करने की योग्यता आवश्यक है जो पाठक को रूचिकर लगे, उसका ध्यान आकर्षित करे, उसकी स्वीकृति प्राप्त करे और उससे वह कार्य करवाये जो आप चाहते हैं कि वह करे।”

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एल० गार्टसाइड अनुकूल सन्देश पत्र लिखने के उद्देश्य

(Purpose of Writing Good News Letters)

अनुकूल सन्देश पत्र निम्नलिखित उद्देश्यों से लिखे जाते हैं

(1) प्राथमिक उद्देश्य (Primary Purpose):

(i) पाठक को शुभ समाचार देकर भयमुक्त करना।

(ii) पाठक को सन्देश देना, समझाना और सूचना को सकारात्मक ढंग से मनवाना।

(iii) यदि कोई नकारात्मक तत्व हो तो उसके महत्त्व को कम करना।

(2) सहायक उद्देश्य (Secondary Purposes) :

(i) पत्र लिखने वाले की उत्तम छवि का निर्माण करना।

(ii) पत्र लिखने वाले के संगठन की उत्तम छवि बनाना।

(iii) पत्र लिखने वाले तथा पत्र प्राप्तकर्ता के सम्बन्धों को मजबूत बनाना।

(iv) उसी विषय पर भावी पत्राचार को कम करना या उसको समाप्त करना जिससे सन्देश लिखने वाले का कार्य कम हो जाता है।

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अनुकूल सन्देश पत्रों की व्यवस्था

(Organisation of Good News Letters)

अनुकूल सन्देश निम्नलिखित ढंग से व्यवस्थित किये जाने चाहियें

(1) कोई अनुकूल सूचना दें तथा मुख्य विचारों का संक्षिप्त वर्णन करें (Give any good news and summarize the main points)-सर्वप्रथम प्रथम पैरा में अनुकूल समाचार देना चाहिए। तथा मुख्य बातों का भी संक्षिप्त वर्णन करना चाहिए। उदाहरण के लिये “कम्पनी ने अपने ग्राहकों के लिये 30% विशेष छूट की घोषणा की है।”

आपकी ऋण की प्रार्थना स्वीकार कर ली गई है।

“उधार के लिये आपकी प्रार्थना प्रबन्धकों द्वारा स्वीकार कर ली गई है।”

(2) विवरण तथा स्पष्टीकरण दें तथा पृष्ठभूमि बतायें (Give details, clarification and background) दूसरे पैराग्राफ में पाठक द्वारा पछे जाने वाले सभी प्रश्नों का उत्तर देना चाहिए। पहले पैराग्राफ में दी गई सूचना को दोहराना नहीं चाहिए। अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सभी प्रकार की आवश्यक सूचना प्रदान करें तथा पाठक के महत्त्व के क्रम से विवरण प्रस्तुत करें।

(3) नकारात्मक तत्त्वों को जितना सम्भव हो सके सकारात्मक रूप में प्रस्तुत करें (Present any negative elements-as positively as possible) यदि कोई नकारात्मक बात है तो उसे भी सद्भावना से लिखना चाहिए। सम्भव है लाभ का हकदार बनने के लिए पाठक को कुछ शर्तों को पूरा करना पड़े। इन शर्तों का जिक्र तीसरे पैरा में करना चाहिये तथा इन्हें सद्भावना से बताना चाहिये।

(4) पढ़ने वाले को प्राप्त होने वाले लाभ के विषय में विस्तृत जानकारी दें (Explain reader benefits) लाभों को स्पष्ट तथा विश्वासोत्पादक बनाने के लिए पर्याप्त विस्तृत जानकारी प्रदान करना चाहिये। पाठक को होने वाले लाभों का जिक्र करना चाहिये। नकारात्मक बात कहने के बाद, यह बात स्पष्ट करनी चाहिये कि यह पेशकश पाठक के लाभ में है, केवल कम्पनी के लाभ में नहीं। इसके लिए लेखक को पर्याप्त व्याख्या करनी चाहिए ताकि पाठक को सब कुछ स्पष्ट हो जाये।

(5) अन्त में सद्भावना का प्रयोग (Use a goodwill ending)-निजी एवं आशावादी सन्देश देने के बाद, अन्त में सद्भावना के साथ पत्र समाप्त करना चाहिये। अन्तिम पंक्ति सकारात्मक, व्यक्तिगत एवं आशावादी होनी चाहिए।

अनुकूल सन्देश पत्रों की योजना प्रक्रिया

(Planning Process of Good News Letters)

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अनुकूल सन्देश पत्रों की योजना प्रक्रिया भी प्रत्यक्ष निवेदन पत्रों से मिलती-जुलती ही होती है। इसके प्रथम भाग में ही मुख्य विचार को प्रस्तुत कर दिया जाता है। अनुकूल सूचना पत्रों के मुख्य भाग इस प्रकार होते हैं

(1) प्रारम्भिक भाग (Opening Section)-अंग्रेजी में एक कहावत है-“First impression is the last impression’ अर्थात् प्रथम दृष्टया जो प्रभाव होता है उसकी उपयोगिता अन्त तक बनी रहती है। आज के व्यावसायिक युग में समय तत्त्व अत्यन्त मूल्यवान है। पाठक का समय बचाने एवं पत्र में उसकी रूचि जाग्रत रखने के लिए पत्र के प्रारम्भिक भाग में उसे पत्र के मुख्य विचार से परिचित कराया जाता है। जैसे

“अभी जो आपने खराब माल वापस किया था उसका ₹ 50,000 का चैक संलग्न है।” ।

“मझे आपके द्वारा मि विभव के विषय में मांगी गई जानकारी को देते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है। मि० विभव ने मेरे लिए लगभग 5 वर्षों तक मेरे निजी सहायक के रूप में कार्य किया है। मैं उन्हें बहुत अच्छी तरह से जानता हूँ।”

अनकल सन्देशों में संस्तुति (Recommendation) पत्र लिखते समय प्रार्थी का परा नाम स्वयं से उसका सम्बन्ध, तिथि, समयावधि, की गई नौकरी का प्रकार, साख एवं अन्य महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ पारम्भिक भाग में ही देनी चाहिए। इस भाग में निष्ठा, आनन्द एव सन्तोष आदि का भाव अभिव्यक्त करना चाहिए

 (2) मध्य भाग (Middle Section) अनुकूल सन्देश पत्रों के मध्य भाग में पूछे गये सभी प्रश्नों के उत्तर देने चाहियें चाहे वे प्रकट रूप में पूछे गये हों या अनकहे प्रश्न हों। अपने उत्तर की पुष्टि के लिए निष्पादन अभिलेखों से विशिष्ट तथ्य प्रमाणस्वरूप देने चाहिये। नौकरी के लिए अभ्यर्थी की संस्तुति करते समय उन विशिष्ट सेवा कार्यों का वर्णन करना चाहिए जिन्हें अभ्यर्थी ने किया है। आवेदित पद से सम्बन्धित कर्त्तव्यों का भी वर्णन करना चाहिए। अभ्यर्थी की व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताओं को जो नये पद के लिए उपयोगी हो सकती हैं, अवश्य ही वर्णन करना चाहिए। जैसे

“इस अवधि के दौरान मि. विभव मेरे स्टाफ के प्रभावशाली सदस्यों में से रहे हैं। उनके मासिक निष्पादन अभिलेखों से पता चलता है कि उसने प्रतियोगात्मक कार्यों को सदैव चुनौती के रुप में स्वीकार किया है एवं उन्हें सफलतापूर्वक पूरा किया है। उसमें लोगों के साथ मिलकर कार्य करने, रचनात्मक पहल करने तथा परिश्रमपूर्वक कार्य करने के गुण विद्यमान हैं।”

(3) समापन भाग (Ending Section)-इस भाग में अपना दृष्टिकोण एक स्पष्ट एवं सत्य कथन के रूप में देना चाहिए, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि यह कथन तथ्यों से मेल खाता हो एवं निष्कपट हो। हमें बताना चाहिए कि किन कारणों से हमारी व्यक्तिगत राय में अभ्यर्थी किसी सदस्यता, साख, एजेन्सी देने या अन्य किसी अनुबन्ध के योग्य है।

समापन भाग में मित्रवत् एवं सकारात्मक भाव प्रदर्शित करते हुए उचित कार्यवाही का अनुरोध, अभिप्रेरणात्मक कथन तथा भविष्य में सहयोग की इच्छा प्रकट करनी चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए कि समापन भाग संक्षिप्त, शुद्ध, छोटे एवं स्पष्ट वाक्य वाला होना चाहिए। घिसे-पिटे वाक्यों तथा अनावश्यक विवरण देने से बचना चाहिए।

अनुकूल सन्देश पत्र भेजने की परिस्थितियाँ

(Circumstances of Writing Good News Letters)

अनुकूल सन्देश पत्र मुख्यत: निम्नांकित परिस्थितियों में लिखे जाते हैं

(1) आदेश की स्वीकृति की सूचना देना।

(2) उधार की स्वीकृति की सूचना देना।

(3) प्रशंसा पत्र।

(4) नौकरी पर रखने के स्वीकृति पत्र।

(5) नवीन लाभदायक सूचना सम्बन्धी पत्र।

(6) सद्भावना सन्देश तथा बधाई पत्र।

(7) दावे तथा समायोजन की अनुकूल प्रतिक्रिया देना।

अनुकूल सन्देश पत्रों के प्रकार

(Types of Good News Letters)

अनूकूल सूचना-पत्रों के मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं

(1) आदेश का स्वीकृति पत्र (Acknowledgement Letter of Orders)-आदेश की स्वीकृति के लिए पत्र दो कारणों से भेजे जाते हैं-(1) ग्राहक को यह भरोसा दिलाने के लिए कि उनका आदेश प्राप्त हो चुका है तथा उस पर शीघ्रता से क्रियान्वयन हो रहा है तथा (2) आदेश पत्र भेजने का धन्यवाद देने के लिए।

आदेश के स्वीकृति पत्र नित्यकर्म सूचना पत्रों के समान ही होते हैं; अर्थात् पहले वाक्य में ही सूचना दे दी जाती है तथा जल्दी से पत्र का अन्त कर दिया जाता है। यदि तुरन्त उत्तर देना है तो पहले से छपे (Preprinted) पोस्टकार्ड या पत्र ग्राहक को भेजे जा सकते हैं। यदि आदेशित माल भेजने में थोड़ी देरी हो गई है, तो पूर्व छपे हुए पोस्टकार्ड (PostCard) या पत्रों में रिक्त स्थान भरते हुए आदेश की तैयारी या प्रबन्ध के बारे में बताना चाहिए। पूर्व छपे हुए पोस्टकार्ड इस तरह से लिखे जा सकते

  • आपके द्वारा दिए गए आदेश के लिये धन्यवाद जो कि
  • आपके द्वारा आदेशित माल इस तिथि तक भेज दिया जाएगा
  • हम आशा करते हैं कि भविष्य में आदेश देते समय आप हमें याद रखेंगे।

किसी वस्तु की बिक्री एक विक्रेता के लिये नित्यकर्म (Routine) है परन्तु क्रेता के लिये किसी वस्तु का क्रय नित्यकर्म नहीं है। वह उस वस्तु की अनुकूलता जानना चाहता है। इसलिये आदेश काल्पिकीत पत्र अनुकूल सूचना पत्र (Good News Letter) के समान, निम्नलिखित प्रकार का होना चाहिये

(i) पहले वाक्य में यह बता देना चाहिए कि आपका आदेश-पत्र (Order) प्राप्त हो चुका है तथा आप इसके लिये ग्राहक का धन्यवाद करते हैं। ।

(ii) पत्र के दूसरे भाग में यह बताएं कि उनके आदेश (Order) के सम्बन्ध में इस समय क्या हो। रहा है।

(iii) पत्र के तीसरे तथा अन्तिम भाग में ग्राहक को बिक्री के पश्चात् सेवा (After Sales Services) का आश्वासन दें। यह जरूर लिखे कि उसके साथ (ग्राहक के साथ) भविष्य में व्यवसाय करने में आपको प्रसन्नता होगी।

एक रिक्त आदेश पत्र भविष्य में प्रयोग के लिए संलग्न किया जा सकता है। कार्य की प्रकृति के आधार पर पत्र को बहुत संक्षिप्त किया जा सकता है। एक आदेश स्वीकृति पत्र इस प्रकार लिखा जा सकता है

(2) उधार स्वीकृति पत्र (Approving Credit Letter)-उधार स्वीकृति के पत्र भी अनूकूल सूचना पत्र होते हैं क्योंकि यह व्यावसायिक रिश्ते की ओर पहला कदम होता है। अत: उधार स्वीकृति पत्र को मुख्य विचार के साथ शुरू किया जा सकता है। पत्र के मध्य भाग में, उधार व्यवस्था के बारे में। पूर्ण जानकारी देनी चाहिए; जैसे कि उधार खाते की उच्च सीमा, आसान किश्तों में मासिक भुगतान की व्यवस्था, तत्काल भुगतान पर छूट, देय राशि पर ब्याज तथा भुगतान की देय तिथि। शर्तों (Terms) को स्पष्ट रूप से तथा वस्तुगत विधि से बताना चाहिये। उधार स्वीकृति पत्र को एक कानूनी दस्तावेज (Legal document) माना जाता है अत: इसके प्रत्येक शब्द को यथार्थता, पूर्णता तथा स्पष्टता के दृष्टिकोण से जाँच लेना चाहिए। उधार स्वीकृति पत्र को निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से समझा जा सकता है

अपने Speical Rewards Credit Account ग्राहक का हम हार्दिक अभिनन्दन करते हैं। आपको नया Charge Card भेजा जा रहा है और आपसे अनुरोध है कि इसका अधिकतम प्रयोग करें। इस कार्ड द्वारा आप सभी Shopper’s Stop Stores पर पहचाने जायेंगे। अपने बटुए या थैली में डालने से पूर्व कृपया स्याही से इस पर हस्ताक्षर कर लीजिए।

प्रत्येक माह की प्रथम तिथि के तरन्त बाद आपको अपना लेखा-विवरण प्राप्त हो जाया करेगा। इसमें पिछले माह की 23 तारीख तक की गई खरीद दिखाई जाएगी। इस मासिक लेखे के बिल प्रत्येक माह के दिनांक 10 तक देय होंगे। (भुगतान न करने पर 6 प्रतिशत प्रतिमाह की दर से वित्त चार्ज देय होगा।)

संलग्न पुस्तिका में आपकी सुविधा के लिए अनेक सेवाओं का वर्णन किया गया है जोकि आपको उपलब्ध हैं। इन सेवाओं का अधिकतम उपयोग करें ताकि आपके समय एवं धन की बचत हो सके। हमारे सभी स्टोर आपको स्नेहपूर्ण तथा हार्दिक सेवा प्रदान करने हेतु सदा तत्पर रहेंगे।

आपको यह जानकर हर्ष होगा कि हमने आपकी जीवन बीमा पॉलिसी के अन्तर्गत जमा धनराशि का आकलन कराया है। अतएव आपको चालीस हजार ₹ की धनराशि ऋण के रूप में दी जा सकती है। इसकी वसूली तीस समान किस्तों में की जाएगी तथा इस पर 7.50% वार्षिक के हिसाब से ब्याज देय होगा जिसकी वसूली ऋण की मूल राशि के वसूल हो जाने पर की जाएगी। इसके अलावा प्रति तिमाही 600 ₹ की किस्त आपको अपनी पॉलिसी चालू रखने के लिए दो साल तक देनी होगी।

(3) दावे तथा समायोजन की प्रार्थना के लिए अनुकूल प्रतिक्रिया देना (Responding Favourably to Claims and Adjustment Requests)—व्यापार में, ग्राहक कभी-कभी माल में खराबी होने पर इसे कम्पनी को वापस भेज देता है, इसकी सेवाओं के बारे में शिकायत करता है तथा क्षतिपूर्ति करने आदि के लिए कहता है।

सामान्यत: प्रत्येक व्यापारी शिकायत के उत्तर में यह कहता है कि, “यह मेरी गलती नहीं थी।” (“It was not my fault!”)। लेकिन एक व्यापारी को, जो कि दावे तथा समायोजन का प्रार्थना पत्र प्राप्त करता है, यह नहीं कहना चाहिये कि “यह मेरी गलती नहीं थी।” ।

कम्पनी (Company) की छवि को बचाने के लिए तथा ग्राहक में फिर से विश्वास उत्पन्न करने के लिए कम्पनी को अपनी गलतियों को ध्यानपूर्वक परखना चाहिए। किसी व्यक्ति विशेष या किसी विशिष्ट विभाग को दोषी नहीं ठहराना चाहिए तथा असन्तोषजनक बहानों से बचना चाहिए, जैसे कि “कोई भी पूर्ण नहीं है।” (Nobody’s perfect) या “गलतियाँ तो होंगी” (Mistakes will happen)। यह मान लें कि जो गलती हुई है वह एक असामान्य घटना थी तथा अधिक सन्तोषजनक कार्य करने के लिए कम्पनी के प्रयासों के बारे में पत्र में विवरण देना चाहिए।

इस प्रकार के दावे का उत्तर देते समय हमें शिकायती शैली का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे समस्या का समाधान (हल) निकलने के स्थान पर और बिगड़ सकती है। इस प्रकार के पत्र लिखने में हमारा उद्देश्य, सद्भावना खोए बिना कम्पनी की छवि को बनाए रखना होता है। इसलिए, ऐसे पत्र लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए

1 इस प्रकार का दावास्वीकृति/समायोजन पत्र साधारण दिनचर्या के शुभ वाक्य से आरम्भ नहीं किया जा सकता क्योंकि भिन्न-भिन्न ग्राहकों के भिन्न-भिन्न दावे होते हैं इसलिए शुभ समाचार वाक्य के स्थान पर सकारात्मक दृष्टिकोण अधिक आवश्यक है।

2. पत्र की शैली (tone) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ग्राहक पर दोषारोपण करने वाली एवं उत्पाद की सदैव सत्यता बतलाने वाली नहीं होनी चाहिए।

3. पत्र के मध्य भाग में कम्पनी की गुणवत्ता नियन्त्रण प्रणाली पर बल देना चाहिए और बताना चाहिए कि जो गलती हुई है वह असाधारण एवं अनायास हुई है। ।

4. पत्र की समाप्ति सद्भावनापूर्ण नम्र वाक्य के साथ होनी चाहिए। ग्राहक को आश्वस्त करना चाहिए कि दावे की स्वीकृति एवं समायोजन हो गया है।

(4) नौकरी आवेदन स्वीकृति पत्र तथा नियुक्ति पत्र (Accepting Job Application and Employment Letter)-जिन पत्रों का सम्बन्ध नौकरी आवेदन स्वीकृति से, नियुक्ति से, अभिपुष्टि से या पदोन्नति से हो उन्हें अनुकूल सन्देश पत्र कहा जा सकता है। साक्षात्कार पत्र में समय, तिथि एवं स्थान के बारे में विस्तार से बताना चाहिए, उस प्रभुत्व सम्पन्न व्यक्ति/आफिसर का नाम एवं पता देना चाहिए जिसके समक्ष साक्षात्कार के लिए उपस्थित होना हो। इसमें स्पष्टता से ये भी बताना चाहिए कि उम्मीदवार को साक्षात्कार के समय वास्तिवक रूप में अपने प्रमाण पत्र और प्रलेख दिखाने होंगे। नियुक्ति पत्र में निम्नांकित बातों का उल्लेख स्पष्टतया होना चाहिए

() पद जिस पर नियुक्ति हुई है

() नियुक्ति का स्वरूप, अस्थाई, स्थाई या परिवीक्षाकाल

() नौकरी शुरू करने की तिथि, समय तथा वेतन

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परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(Expected Important Questions for Examination)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 अनुकूल सन्देश पत्रों की नियोजन प्रक्रिया के मुख्य भाग बताइए। अनुकूल सन्देश पत्र कब भेजे जाते हैं?

Mention the main parts (Sections) of Planning Process of Good News Letters. When are the Good News Letter sent?

2. अनुकूल सन्देश पत्र लेखन में प्रारम्भिक एवं समापन भाग की योजना को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

Clarify with examples the Plan for Opening and Ending Section of the Good News Letters.

3. दावों तथा समायोजन की प्रार्थनाओं की अनूकूल प्रतिक्रिया देने के लिए कौन सी योजना को अपनाना चाहिए? एक काल्पनिक पत्र की सहायता से अपने उत्तर को समझाइए।

What Planning should be adopted to respond favourable to claims and adjustment request? Illustrate your answer with the help of imaginary letter.

4. आदेश की स्वीकृति सम्बन्धी अनुकूल संवाद-पत्रों के विषय में बताइए।

Explain good news letters regarding acknowledgement of orders.

5. ऋण की स्वीकृति के लिए अनुकूल पत्र लिखिए।

Write a favourable letter for sanction of loan.

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लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

1 अनुकूल सूचना पत्रों से क्या आशय है? ऐसे पत्रों का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

What is meant by good news letters? Explain the purpose of such letters.

2. अनुकूल सूचना पत्रों की व्यवस्था आप कैसे करेंगे?

How you should organise a good news letter?

3. आदेश की स्वीकृति सम्बन्धी एक अनुकूल सूचना पत्र लिखें।

Write a good news letter regarding acknowledgement of order.

4. उधार स्वीकृति के सम्बन्ध में अनुकूल सूचना पत्र लिखें।

Write a good news letter regarding approving credit.

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