BCom 1st Year Business Economics Production Function Study Material Notes in Hindi

//

BCom 1st Year Business Economics Production Function Study Material Notes in Hindi

Table of Contents

BCom 1st Year Business Economics Production Function Study Material Notes in Hindi: Meaning of Production Methods of Increasing Economic Utility Production Function Difference Between short run and long run Production Function Meaning and Definition of Production  Characteristics of Production Function  Types of Production Functions Assumptions of Productions functions Theoretical Questions Short Answer Questions Very Short Answer Questions Choose the Correct Answer :

Production Function Study Material
Production Function Study Material

BCom 1st Year Business Economics Income Demand Study Material notes in Hindi

उत्पादन फलन या उत्पादन प्रकार्य

(Production Function)

उत्पादन का अर्थ

(Meaning of Production)

अर्थशास्त्र में मानवीय आवश्यकता की सन्तुष्टि के लिये उपयोगिता का सृजन ही उत्पादन कहलाता है। फ्रेजर के शब्दों में, “उत्पादन का अर्थ वस्तु में उपयोगिता का सृजन करना है।” प्रो० मेहता ‘उपयोगिता के सृजन’ के स्थान पर ‘उपयोगिता में वृद्धि करना अधिक पसंद करते हैं। प्रो० टामस के अनुसार उत्पादन के लिये ‘उपयोगिता में वृद्धि’ के साथ-साथ उसका ‘विनिमय मूल्य’ होना भी आवश्यक है। उनके शब्दों में, “केवल ऐसी उपयोगिता वृद्धि को उत्पादन कहा जा सकता है जिसके फलस्वरूप किसी वस्तु के मूल्य की वृद्धि होती है।” इस प्रकार उत्पादन के लिये दो तत्वों का होना आवश्यक है :

1 वस्तु में उपयोगिता (या तुष्टिकरण) का सृजन या वृद्धि होना।

2. वस्तु में विनिमय मूल्य का पाया जाना।

आर्थिक उपयोगिता वृद्धि की रीतियाँ (Methods of Increasing Economic Utility)

उत्पादन प्रक्रिया में उपयोगिता की वृद्धि निम्न छ: प्रकार से लायी जा सकती है :

1 रूप परिवर्तन द्वारा – जैसे गन्ने से गुड़ बनाना, लकड़ी से फर्नीचर बनाना आदि।

2. स्थान परिवर्तन द्वारा -जैसे गंगा के किनारे पड़ी बालू को शहर में लाना।

3. समय परिवर्तन द्वारा – जैसे चावल, शराब आदि को रखकर कुछ समय बाद विक्रय करना।

4. अधिकार परिवर्तन द्वारा – जैसे एक पुस्तक का पुस्तक विक्रेता के अधिकार से निकलकर विद्यार्थी के अधिकार में आना।

5. सेवा हस्तान्तरण द्वारा – जैसे डाक्टर का मरीज देखना, शिक्षक का छात्र को पढ़ाना।

6. ज्ञानप्रसार द्वारा – जैसे टेलीविजन पर विज्ञापन देकर उपभोक्ताओं को वस्तु के गुणों की जानकारी देना।

उत्पादन फलन या उत्पादन प्रकार्य (Production Function)

फलन का आशय (Meaning of Function) : उत्पादन फलन में प्रयुक्त ‘फलन’ शब्द गणित का है जिसका आशय दो चलों (variables) के बीच सम्बन्ध से होता है। उदाहरण के लिये जब हम यह कहते हैं कि ‘y फलन है x का’ तो इसका अभिप्राय यह है कि y एक आश्रित चल है जो निर्भर करता है। पर अर्थात् जब हम x का कोई मूल्य (या मात्रा) प्रदान करते हैं तो उससे सम्बन्धित y का मूल्य (या मात्रा) ज्ञात हो जायेगा। y और x के इस फलनात्मक सम्बन्ध (functional relation) को संक्षेप में निम्न रूप में व्यक्त करते हैं : ।

yf (x) इसको हम इस प्रकार पढ़ते हैं – ‘बाई, एक्स का फलन है।’ ‘y is a function of x’. |

‘उत्पादन और ‘फलन’ शब्दों के उपर्युक्त विवेचन के पश्चात् अब हम ‘उत्पादन फलन’ को परिभाषित कर सकते हैं।

Business Economics Production Function

उत्पादन फलन का आशय और परिभाषा

(Meaning and Definition of Production Function)

किसी फर्म के भौतिक आदाओं या आगतों (Physical Input) और भौतिक प्रदाओं या निर्गतों (Physical Output) के बीच सम्बन्ध को प्रायः उत्पादन फलन कहते हैं। यह आदाओं और प्रदाओं के कुशल संयोग को प्रकट करता है। प्रबन्धकीय योग्यता एवं प्राविधिक ज्ञान की एक दी हुई स्थिति में तथा एक दी हुई समयावधि में उत्पादन फलन प्रदा की उस अधिकतम दरों को प्रदर्शित करता है जिन्हें उत्पादन साधनों (आदायों) के विभिन्न संयोगों से प्राप्त किया जाता है। संक्षेप में, उत्पादन फलन उत्पादन सम्भाव्यताओं की एक सूची है।

लेफ्टविच के शब्दों में, “उत्पादन फलन शब्द उस भौतिक सम्बन्ध के लिये प्रयुक्त किया जाता है जो एक फर्म के साधनों की इकाइयों (आदाओं) और प्रति इकाई समयानुसार प्राप्त वस्तुओं व सेवाओं (प्रदाओं) के बीच पाया जाता है” ।

सैम्युलसन के शब्दों में, “उत्पादन-फलन वह प्राविधिक सम्बन्ध है जो कि आदायों के किसी समूह द्वारा उत्पादित की जाने वाली उत्पादन की मात्रा को बतलाता है। यह किसी दिये हुए प्राविधिक ज्ञान की स्थिति से सम्बन्धित है।”

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि उत्पादन फलन आदाओं और प्रदाओं के बीच प्राविधिक सम्बन्ध का भौतिक शब्दों में विश्लेषण का एक उपकरण है। उत्पादन फलन का स्वरूप एक अनुसूची या तालिका हो सकता है, एक बिन्दुरेखीय रेखा या वक्र, एक बीजगणितीय समीकरण अथवा एक गणितीय प्रतिदर्श (model) हो सकता है। प्रदा बहुत से आदाओं (जैसे भूमि, पूँजी, सामग्री, प्रविधि, समय आदि) पर निर्भर करता है। यदि प्रदा केवल एक आदा से प्रभावित होती है तो उसे एकीय परिवर्ती आदा सहित उत्पादन फलन (Production function with one variable input) कहते हैं; यदि प्रदा को प्रभावित करने वाली सभी आदायें परिवर्तनीय हैं तो इसे सभी परिवर्ती आदाओं सहित उत्पादन फलन (Production function with all variable inputs) कहते हैं; और यदि प्रदा को प्रभावित करने वाली केवल दो आदायें परिवर्तनीय हैं। और वे एक दूसरे के स्थानापन्न भी हैं (जैसे श्रम और पूँजी) तो इसे हम दो परिवर्ती आदाओं सहित उत्पादन फलन (Production function with two variable inputs) कहते हैं। किन्तु सरलता और सुविधा की दृष्टि से अर्थशास्त्री केवल पूँजी और श्रम को ही परिवर्तनीय आदायें मानते हुए उत्पादन-फलन को निम्नलिखित समीकरण स्वरूप में रखते हैं :

Qf (L, K) When, Q= Quantity of output (उत्पादन की मात्रा)

__L= Labour (श्रम) ___K= Capit

उत्पादनफलन की विशेषतायें (Characteristics of Production Function)

1 उत्पादनफलन प्रदा (output) और आदाओं (inputs) की भौतिक मात्राओं के बीच सम्बन्ध स्पष्ट करता है।

2. उत्पादन फलन में प्रदा आश्रित चल होता है जबकि आदायें स्वतंत्र चल होती हैं अर्थात इसमें आदाओं के विभिन्न मूल्यों के लिये प्रदा ज्ञात किया जाता है।

3. उत्पादनफलन उत्पादित वस्तु की कीमत और साधनों की कीमतों से पूर्णतया स्वतंत्र होता है।

4. उत्पादन फलन का सम्बन्ध समयावधि से है अर्थात् उत्पादन समयावधि के अनुसार उत्पादन फलन का स्वरूप बदलता है।

5. उत्पादन फलन पर प्राविधिक स्तर का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इसीलिये उत्पादन-फलन एक दिये हुए प्राविधिक स्तर पर विभिन्न आदायों पर प्रदाओं की स्थिति बतलाता है।

6. उत्पादनफलन के अन्तर्गत साधनों का एक-दूसरे के स्थान पर कम या अधिक मात्रा में प्रतिस्थापन किया जाता है।

उत्पादनफलन की मान्यतायें (Assumptions of Production Function)

उत्पादन-फलन निम्नलिखित मान्यताओं पर आधारित है

1 उत्पादनफलन एक निश्चित समयावधि से सम्बन्धित होता है।

2. यह माना जाता है कि दी हुई समयावधि में तकनीकी ज्ञान की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

3. फर्म सर्वोत्तम एवं आधुनिकतम उत्पादन तकनीक का प्रयोग करती है।

4. विभिन्न उत्पादन साधन (या आदायें) और प्रदायें छोटी-छोटी इकाइयों में विभाजित किये जा सकते हैं।

5. अर्थशास्त्र में केवल श्रम और पूँजी को ही उत्पादन के कारक माना जाता है तथा एक कारक का दूसरे से सीमित प्रतिस्थापन किया जा सकता है।

6. अल्पकाल में स्थिर कारकों की पूर्ति बेलोच रहती है।

Business Economics Production Function

उत्पादन फलन के प्रकार

(Types of Production Function)

भौतिक आदाओं और भौतिक प्रदाओं में परिवर्तनों के बीच सम्बन्धों के सांख्यिकीय विश्लेषण के आधार पर बहुत से उत्पादन प्रकार्यों की रचना की जा सकती है जो कि निम्नलिखित हैं –

(1) स्थिर अनुपातों और परिवर्तनशील अनुपातों के उत्पादन फलन (Fixed Proportions and Variable Proportions Production Function) : जब उत्पाद की एक इकाई के उत्पादन के लिये आवश्यक उत्पादन कारक (अर्थात् श्रम, पूँजी आदि) की मात्रा अर्थात् तकनीकी गुणक (technical coefficient) प्रत्येक उत्पादन स्तर के लिये स्थिर रहता है तो उसे उत्पादन-फलन का स्थिर स्वरूप कहते हैं। इस स्वरूप के अन्तर्गत उत्पादन के कारकों के भाग की आपसी स्थानापन्नता की सम्भावना नहीं होती। चूँकि ऐसा केवल दीर्घकाल में ही होता है, इसीलिये इसे दीर्घकालीन उत्पादन फलन (long-run production function) कहते हैं। इस स्थिति को पैमाने के प्रतिफल का नियम (Law of Returns to Scale) भा। कहा जाता है।

दूसरी ओर जब उत्पाद की एक इकाई के उत्पादन के लिये आवश्यक एक कारक का मात्रा में इसके स्थान पर किसी अन्य कारक के स्थानापन्न द्वारा परिवर्तन किया जा सक तो उसे उत्पादन-फलन का परिवर्तनशील स्वरूप कहते हैं। इस प्रकार के उत्पादन अन्तर्गत उत्पाद की एक दी गई मात्रा कारकों के कई वैकल्पिक संयोगों द्वारा उत्पाद सकती है। चूकिं ऐसा अल्पकाल में ही होता है, इसीलिये इसे अल्पकालीन उत्पादन-फलन (Short-run production function) भी कहते है। इस स्थिति को परिवर्तनशील अनपातों। का नियम (Law of Variable Proportions) या उत्पत्ति हास नियम (Law of Diminishing Returns) भी कहा जाता है।

Business Economics Production Function

अल्पकालीन और दीर्घकालीन उत्पादन फलन में अन्तर

(Difference between Short-run and Long-run Production Functions)

इन दोनों में निम्नलिखित अन्तर हैं :

1 अल्पकालीन उत्पादन फलन के अन्तर्गत कुछ साधनों को स्थिर रखकर एक या एक से अधिक साधनों में ही परिवर्तन किया जाता है जबकि दीर्घकालीन उत्पादन फलन के अन्तर्गत पर्याप्त समय होने के कारण सभी साधनों में परिवर्तन करते हुए वांछनीय उत्पादन मात्रा के लिये उन्हें एक स्थिर अनुपात में प्रयोग किया जाता है।

2. अल्पकाल में समय की कमी के कारण साधनों का आपसी संयोग अनुपात बदल जाता है जबकि दीर्घकालीन उत्पादन-फलन में सभी साधन एक स्थिर अनुपात में घटाये या बढ़ाये जाते हैं।

3.  अल्पकालीन उत्पादनफलन के अन्तर्गत उत्पादन के परिवर्तनशील साधनों की कीमतें उनकी माँग और पूर्ति की स्थिति के अनुसार घट-बढ़ सकती हैं किन्तु दीर्घकालीन उत्पादन-फलन के अन्तर्गत उत्पादित वस्तु की कीमत एवं उत्पादन के साधनों की कीमतों को स्थिर माना जाता है।

4. अल्पकालीन उत्पादनफलन ‘परिवर्तनशील अनुपातों का नियम’ है जबकि दीर्घकालीन उत्पादन-फलन ‘पैमाने के प्रतिफल का नियम’ है।

5. अल्पकालीन उत्पादनफलन एक वास्तविकता है जबकि दीर्घकालीन उत्पादन-फलन में कल्पना-तत्व अधिक रहता है। इसे किसी नियम के रूप में नहीं देखा जा सकता है।

(2) समरूप और विषम उत्पादन फलन (Homogeneous and Non-Homogeneous Production Functions) : उत्पादन फलन समरूप हो सकता है अथवा विषम। समरूप उत्पादन फलन का तात्पर्य है कि जब उत्पादन के समस्त साधनों को किसी निश्चित अनुपात में बढ़ाया जाता है तो उत्पादन भी उसी अनुपात में बढ़ जाता है। इसे रेखीय समरूप उत्पादन फलन (Linear homogeneous production function) अथवा प्रथम घात का उत्पादन फलन (Production function of first degree) कहते हैं। इस प्रकार का उत्पादन फलन पैमाने के स्थिर प्रतिफल (Constant returns to scale) से सम्बन्धित है। यदि उत्पादन फलन प्रथम घात का नहीं है तो उसे अरेखीय उत्पादन-फलन (Non-homogeneous production function) कहते हैं। यदि उत्पादन में वृद्धि उत्पादन के साधनों में की गई वृद्धि से अधिक है तो इस प्रकार का उत्पादन फलन पैमाने के बढ़ते प्रतिफल (Increasing returns to scale) कहलायेगा और यदि उत्पादन में वृद्धि उत्पादन के साधनों में की गई वृद्धि से कम है तो इस प्रकार का उत्पादन फलन पैमाने का घटता प्रतिफल (Decreasing returns to scale) कहलायेगा।

(3) कॉबडगलस उत्पादनफलन (Cobb-Douglas Production Function) : यह उत्पादन-फलन अमरीका के अर्थशास्त्री सा० डब्लू कॉब और पॉल एच० डगलस के अमरीका की निर्माणी उद्योग के 1899 से 1922 काल के अनुभवसिद्ध अध्ययन पर आधारित है। इसके अन्तर्गत श्रम और पूजी को ही आदायों में सम्मिलित किया गया । यह

उपरोक्त समीकरण में Qउत्पादन की मात्रा (Output), L श्रम (Labour) और K पूंजी (Capital) को बतलाता है जबकि L और K का मूल्य शून्य से अधिक है। यहाँ पर A कुशलता प्राचल (efficiency parameter) है जो उन इकाइयों पर आश्रित है जिनमें आदाये और प्रदायें मापी जाती हैं। अधिक कुशल फर्मों का A का मूल्य कम कुशल फों के मूल्य स। अधिक होगा। घातांक और Bधनात्मक स्थिरांक (Constants) होते हैं (जबकि 451, B<1) जोकि क्रमशः श्रम और पूँजी के सम्बन्ध में प्रदाओं की आंशिक लोचों (अर्थात् इनका उत्पादन में अंशदान) को प्रदर्शित करते हैं। कॉब-डगलस के अनुसार उत्पादन-मात्रा के बढ़ाने में श्रम का अंशदान .75 तथा पूँजी का 25 होता है। कॉब-डगलस के अनुसार प्रदायों में 94% परिवर्तन श्रम और पूँजी आदायों में परिवर्तन के कारण होते हैं। काब-डगलस उत्पादन-फलन स्थिर पैमाने के प्रतिफल पर आधारित है।

(4) स्थानापन्नता की स्थिर लोच उत्पादनफलन (Constant Elasticity of Substitution Production Function): इस फलन का प्रस्तुतीकरण 1961 में ऐरो, चेनरी, मिन्हास और सोलो द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस उत्पादन फलन के अन्तर्गत स्थानापन्नता की लोच स्थिर है किन्तु इकाई के बराबर होना आवश्यक नहीं है। इस उत्पादन-फलन का सामान्य स्वरूप निम्नलिखित है

सैद्धान्तिक प्रश्न

(Theoretical Questions)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 उत्पादन फलन की धारणा को समझाइये। इसकी क्या मान्यताएँ हैं !

Explain the concept of production function. What are its assumptions ?

2. उत्पादन-फलन क्या है ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं ?

What is production function? What are its main characteristics ?

3. उत्पादन-फलन से आप क्या समझते हैं ? अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उत्पादन-फलन में भेद कीजिये।

What do you mean by production function ? Distinguish between short run and long-run production functions.

4. उत्पादन-फलन की विचारधारा को समझाइये। इसके विभिन्न प्रकार क्या हैं ?

Explain the concept of production function ? What are its various types?

 

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

उत्तर 100 से 120 शब्दों के बीच होना चाहिये।

The answer should be between 100 to 120 words.

1 उत्पादन फलन क्या है ?

What is production function ?

2. अल्पकालीन और दीर्घ-कालीन उत्पादन-फलन में अन्तर कीजिये।

Distinguish between short-run and long-run production functions.

3. समरूप उत्पादन फलन क्या है ?

What is homogeneous production function.

4. कॉब-डगलस उत्पादन फलन क्या है ?

What is Cobb-Douglas production function ?

III अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(Very Short Answer Questions)

(अ) एक शब्द या एक पंक्ति में उत्तर दीजिये।

Answer in one word or in one line.

1 x और y का फलनात्मक सम्बन्ध प्रकट करने का सूत्र लिखिये।

Write formula for expressing functional relationship of x and y.

2. उत्पादन-फलन का सूत्र लिखिये।

Write formula of production function.

3. स्थिर भागों का उत्पादन फलन का दूसरा नाम क्या है ?

What is the other name of fixed proportions production function ?

4. दीर्घकालीन उत्पादन फलन किस आर्थिक नियम से सम्बन्धित है ?

To which economic law the long-run production function in related to ?

5. परिवर्ती अनुपातों का उत्पादन फलन का दूसरा नाम क्या है ?

What is the other name of variable proportions production function ?

6. अल्पकालीन उत्पादन फलन किस आर्थिक नियम से सम्बन्धित है ?

To which economic law, the short-run production function is related to?

7. रेखीय समरूप उत्पादन फलन किस घात का है ?

Of which degree is linear homogeneous production function ?

8. कॉब-डगलस उत्पादन-फलन का सूत्र लिखिये।

Write formula of Cobb-Douglas production function.

(उत्तरमाला :

1 .y= f (x)

2. Q=f (L, K)

3. long-run production function

4. Law of returns to scale

5. Short-run production function

6. Law of variable proportions

7. first

8. Q= AL”K)

(ब) बतलाइये कि क्या निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य :

State whether the following statements are True or False :

1 उत्पादन फलन उत्पादन की भौतिक मात्रा का फलन है।

Production function is a function of physical quantity of production.

2. अल्पकालीन उत्पादन फलन पैमाने के प्रतिफल से सम्बन्धित है।

Short-run production function is related to scale of returns.

3. रेखीय समरूप उत्पादन-फलन प्रथम घात का उत्पादन फलन होता है।

Linear homogeneous production function is production function of first degree.

4. पैमाने के प्रतिफल को दीर्घकालीन उत्पादन फलन कहते हैं।

Returns to scale is known as long-run production function.

5. प्रतिफल के नियमों को अल्पकालीन उत्पादन फलन कहा जाता है।

Laws of returns are known as short-run production function.

6. उत्पादन-फलन एक अभियान्त्रिक अवधारणा है।

Production function is an engineering concept.

7. अल्पकाल में फर्म का पैमाना अपरिवर्तित रहता है जबकि साधन अनुपात बदला जा सकता है।

In the short-run firm’s scale remain constant but factor proportion can be changed.

8. कॉब और डगलस ब्रिटिश अर्थशास्त्री थे।

Cobb and Douglas were British economists.

9. कॉब-डगलस का उत्पादन-फलन प्रथम घात वाला समरूप फलन है।

Cobb-Douglas production function is homogeneous function of degree one.

10. कॉब-डगलस का उत्पादन फलन पैमाने के बढ़ते प्रतिफल पर आधारित है।

Cobb-Douglas production function is based on increasing returns to scale.

(उत्तरमाला : सत्य :3,4,5,6,7,9; असत्य : 1,2, 8, 10)

() रिक्त स्थान भरो

(Fill in the blanks) :

1. कॉब-डगलस ………. अर्थशास्त्री थे।

Cobb-Douglas were ………. economists.

2. रेखीय समरूप उत्पादन-फलन ………. घात का उत्पादन फलन होता है।

Linear homogeneous production function is production function of ……….. degree.

3. दीर्घकालीन उत्पादन-फलन ……….. सम्बन्धित है।

Long-run production function is related to ……

4. अल्पकालीन उत्पादन फलन ……….से सम्बन्धित है।

The short-run production function is related to

5. उत्पादन-फलन …….. और ………. के बीच सम्बन्ध होता है। ।

Production function shows relationship between………. and

(उत्तरमाला :  1. अमरीकी American 2. प्रथम first 3. पैमाने के प्रतिफल Returns to scale 4. परिवर्तनशील अनुपातों का नियम Law of variable proportions 5. आदाओं, प्रदायों Inputs, output 1)

Business Economics Production Function

() सही उत्तर का चयन करो

(Choose the correct answer) :

1 उत्पादन का अर्थ है –

(अ) सेवाओं को उपलब्ध कराना

(ब) उपयोगिता का सृजन (स) कृषिगत क्रिया

(द) सेवाओं की बिक्री Production means :

(a) provision of services

(b) creation of utility

(c) agricultural operation.

(d) sale of services

2. उत्पादन फलन है –

(अ) लाभ का

(ब) उत्पत्ति के साधनों का

(स) कीमतों का

(द) लागतों का।

Production is a function of:

(a) profits

(b) factors of production

(c) prices

(d) costs.

3. मूल रूप से उत्पादन फलन का सम्बन्ध है –

(अ) उत्पत्ति के साधनों से

(ब) उत्पादन की भौतिक मात्रा से

(स) उत्पादित वस्तु की कीमतों से

(द) उपर्युक्त सभी।

Basically production function is related to:

(a) factors of production

(b) physical quantity of output (c) prices of product produced

(d) all the above.

4. उत्पादन फलन का सम्बन्ध है – (अ) एक दी हुई अवधि से

(ब) प्रति इकाई समय से (स) (अ) और (ब) दोनों से

(द) न (अ) से और न (ब) से।

Production function is related to:

(a) a given period

(b) per unit of time

(c) (a) and (b) both

(d) neither (a) nor (b).

5. अल्पकालीन उत्पादन फलन में बदलता है साधनों का –

(अ) पैमाना

(ब) अनुपात (स) उपर्युक्त दोनों

(द) उपरोक्त में से कोई नहीं

In short-run production function :

(a) the scale of factors is changed

(b) the proportion of factors is changed

(c) both are changed

(d) none is changed.

6. अल्पकालीन उत्पादन फलन का सम्बन्ध है –

(अ) परिवर्तनशील अनुपातों के नियम से

(ब) पैमाने के प्रतिफल से उत्पादन फलन या उत्पादन प्रकाय

(स) (अ) और (ब) दोनों से

स्त में से कोई नहीं।

Short-run production function is related to:

(a) Law of variable proportions

(b) Returns to scale

(c)(a)and (b) both

(d) none of the above.

7. रेखीय समरूप उत्पादन फलन सम्बन्धित है –

(अ) बढ़ते पैमाने के प्रतिफल से

(ब) घटते पैमाने के प्रतिफल से

(स) स्थिर पैमाने के प्रतिफल से।

(स) (अ) और (ब) दोनों से।

Linear homogeneous production function is related to:

(a) increasing returns to scale

(b) decreasing returns to scale

(c) (a) and (b) both

(d) constant returns to scale.

8. दीर्घकालीन उत्पादन फलन का सम्बन्ध है –

(अ) परिवर्तनशील अनुपातों के नियम से

(ब) पैमाने के प्रतिफल से (स) उत्पति हास नियम से

(द) उपयुक्त में से कोई नहीं।

Long-run production function is related to :

(a) law of variable proportions

(b) returns to scale

(c) law of decreasing returns

(d) none of the above.

9. कॉब-डंगलस उत्पादन फलन समरूप फलन है –

(अ) प्रथम घात वाला

(ब) द्वितीय घात वाला

(स) तृतीय घात वाला

(द) शून्य घात वाला।

Cobb Douglas production function is a homogeneous function of: (a) first degree

(b) second degree

(c) third degree

(d) zero degree

10. कॉब-डगलस का उत्पादन फलन आधारित है –

(अ) पैमाने के बढ़ते प्रतिफल पर

(ब) पैमाने के घटते प्रतिफल पर

(स) पैमाने के स्थिर प्रतिफल पर

(द) उपर्युक्त तीनों पर।

Cobb-Douglas production function is based on :

(a) increasing returns to scale

(b) decreasing returns to scale

(c) constant returns to scale

(d) all three.

11. कॉब-डगलस का उत्पादन फलन है –

Cobb-Douglas production function is : (a)Q=AL” KU-1

(b)Q%AL U-Ka (c)Q=ALK I

(d) Q=ALI-Ka-1

[उत्तरमाला: 1. (b)2. (b)3.(c)4.(b) 5. (b) 6. (a) 7. (c) 8. (b) 9.(a) 10. (C) 11. (c)

Business Economics Production Function

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

BCom 1st Year Business Economics Income Demand Study Material notes in Hindi

Next Story

BCom 1st Year Business Economics Isoquants ISO Product Curve Study Material Notes in Hindi

Latest from BCom 1st Year Business Economics Notes