BCom 1st Year Business Modern Form Communication Study Material Notes in Hindi

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BCom 1st Year Business Modern Form Communication Study Material Notes in Hindi 

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Modern Form Communication
Modern Form Communication

BCom 1st Year Business Communication Effective Listening Study Material Notes in Hindi

सम्प्रेषण के आधुनिक स्वरूप

(Modern Forms of Communication)

आधुनिक युग, सूचना तकनीक का युग है। पिछले बीस वर्षों में आई सूचना तकनीक क्रान्ति ने। व्यावसायिक संचार को बहमखी प्रभावों से अत्याधिक परिवर्तित कर दिया है। सस्ते दामों पर तीव्र गति से । सूचना के क्षेत्र में उपलब्ध आधुनिक संचार साधनों ने पुराने लिखित एवं औपचारिक संचार को सीधे और । अनौपचारिक संचार में परिवर्तित कर दिया है।

आधुनिक समय में सम्प्रेषण तकनीक का अत्याधिक विकास और विस्तार हो चुका है। वर्तमान । समय में एक तरफ व्यावसायिक गतिविधियों का विस्तार हो रहा है तो दूसरी तरफ सम्प्रेषण तकनीक के भी नये-नये माध्यम विकसित होते जा रहे हैं। सम्प्रेषण के कुछ आधुनिक साधनों में इंटरनेट, ई-मेल, फैक्स, सेलफोन्स. कम्प्यूटर पेजर्स इत्यादि प्रमुख हैं। सम्प्रेषण की आधुनिक तकनीकों से व्यक्ति का काफी समय भी बचता है तथा दूरियाँ भी कम होती जा रही हैं। संचार के साधनों में होने वाली प्रगति की। वाणिज्य, उद्योग तथा व्यवसाय इत्यादि क्षेत्रों के विकास में निर्णायक भूमिका है।

आधुनिक युग में व्यावसायिक संचार एक देश की भौगोलिक सीमाओं तक ही सीमित नहीं रह गया है अपितु आधुनिक टैली संचार के विकास से संसार एक ‘सांसारिक गाँव’ में परिवर्तित हो गया है जिसने विभिन्न देशों की सीमाओं को तोड़ दिया है और विभिन्न सम्प्रदायों और संस्कृतियों को इकट्ठा कर । दिया है। व्यवसाय का वैश्वीकरण होने के कारण और अर्थव्यवस्थाओं के परस्पर निर्भरता के साथ यह आवश्यक हो गया है कि आधुनिक संचार के साधन प्रयुक्त किये जाएँ जिनसे संचार तीव्र गति से व कम से कम समय और लागत में हो सके।

Business Modern Form Communication

सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति के कारण औद्योगिक अर्थव्यवस्था विकसित हो कर डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रही है जिसमें सूचना सेवाएँ, वस्तुएँ और धन का आदान-प्रदान और हस्तान्तरण इलैक्ट्रोनिक विधि से हो रहा है। विकसित सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) व्यवस्था  व्यवसाय को तेजी से और सुचारु ढंग से करने में तथा प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने में सहायक होती है। इसका प्रयोग नवीनीकरण कार्यों को सुचारु ढंग से करने में, वस्तुओं की गुणवत्ता बढ़ाने में और नई वस्तुओं को तीव्रता से विज्ञापित करने में सहायक होता है। आधुनिक सूचना तकनीक उन ग्राहकों की जो बढ़िया, सस्ती व गुणवत्ता वाली वस्तुएँ और सेवाएँ चाहते हैं, की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरा करने में सहायक है। इसलिए अब सम्पूर्ण विश्व की कम्पनियाँ अपनी आई.टी. प्रणाली को विकसित कर रही हैं ताकि वे e-commerce और m-commerce में जीवित रह सकें।

आई.टी. का इतिहास पन्द्रहवी शताब्दी में प्रिन्टिंग प्रेस के आविष्कार से शुरु हुआ और टेलीग्राफ, टेलीफोन, राडार और ट्रांजिस्टर से होता हुआ आधुनिक जीवन के इन्टरनेट और मोबाईल फोन तक चल रहा है। लगभग दो दशक पहले, आई.टी. केवल टेलीग्राफ, टेलीफोन, रेडियो, टेलीविजन तक ही सीमित थी, लेकिन अब इन्टरनेट, पेजर और सेल फोन के पर्याप्त प्रयोग से आई.टी. ने व्यवसाय करने का ढंग परिवर्तित कर दिया है। अब हम केवल सूचना ही नहीं बल्कि धन का भी हस्तान्तरण इन्टरनेट के द्वारा कर सकते हैं।

अब हम इन्टरनेट पर देश विदेश से अपने पसन्द की वस्तुएँ खरीद व बेच सकते हैं। ई-मेल की । सहायता से किसी भी सूचना को देश विदेश के किसी भी कोने में भेज सकते हैं। सेल्यलर फोन की । सहायता से यात्रा के समय भी किसी को भी कहीं भी सन्देश भेजा जा सकता है।

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संचार के आधुनिक साधन

(Modern Forms Of Communication)

(1) इलैक्टानिक मेल अथवा मेल (Electronic mail or E-mail)-जिस प्रकार डाक द्वारा । को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भजा जाता है, उसी प्रकार आज कम्प्यूटर के द्वारा भी पत्र एक स्थान से दसरे स्थान पर भेज जात ह, जस इ-मल कहा जाता है। ई-मेल के द्वारा एक व्यक्ति से दसरे स्थान से दूसरे स्थान पर भेजे जाते हैं, जिसे ई-मेल कहा जा कम्प्यूटर के द्वारा भी पत्र एक व्यक्ति तक सन्देश अन्य साधनों की अपेक्षा अधिक तेज गति से अन्य साधनों की अपेक्षा अधिक तेज गति से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा। सकता है।

ई मेल के द्वारा जिस सन्देश या पत्र को प्रेषित करना होता है, उसकी सामग्री वर्ड प्रोसेसर। (Word Processor) द्वारा तैयार की जाती है तत्पश्चात जिस पते पर यह सन्देश अथवा पत्र प्रषित करना होता है, वहाँ तक इसे टेलीफोन नेटवर्क द्वारा प्रेषित किया जाता है। पत्र या सन्देश की समस्त जानकारी सम्बन्धित व्यक्ति के कम्प्यूटर स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाती है। सम्बन्धित व्यक्ति यदि उस समय उपलब्ध नहीं है तो वह सन्देश उसके कम्प्यूटर में संचित हो जाता है तथा व्यक्ति के कम्प्यूटर ऑन (On) करते ही सन्देश कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देने लगता है। वह चाहे तो इस सन्देश का प्रिण्ट भी ले सकता है। इ-मल द्वारा व्यक्ति कम्प्यूटर सन्देश को टाइप करके किसी दूसरे कम्प्यूटर तक प्रेषित कर सकता है। बशत कि दानों के कम्प्यूटर इन्टरनेट से जुड़े हुए हों। यह प्रणाली न केवल सस्ती है बल्कि सन्देश को। तीव्रगति से पहुंचाती है तथा इसमें कागज और समय दोनों की बचत भी होती है।

मेल भेजने की विधि (Method of Sending E-Mail)

ई-मेल भेजने के लिए कम्प्यूटर, इन्टरनेट तथा अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ ई-मेल पता। होना आवश्यक होता है। इन्टरनेट से जुड़े हुए व्यक्ति को चाहे वह कहीं भी हो, ई-मेल किया जा सकता है। ई-मेल करने के लिये सबसे पहले विंडो के Start वाले चिन्ह पर Click किया जाता है। इससे कम्प्यूटर में विद्यमान सभी कार्यक्रमों की सूची स्क्रीन पर दिखाई देने लगती है। इसमें Outlook Express पर Click करने पर प्रोग्राम चालू हो जाता है तथा स्क्रीन पर ‘नया मेल’ चिन्ह दिखाई देता है। इसे Click करने पर ‘New Message’ नामक खिड़की खुल जाती है। इसमें जहाँ To लिखा होता है वहाँ पर पता लिख दिया जाता है। इसके बाद सन्देश टाइप करके Send के चिन्ह पर क्लिक करना होता है। यह सब होने के बाद सन्देश मॉडम द्वारा इनकोड होकर फोन लाइन के जरिए एनालॉग सिग्नल्स की तरह भेजा जाता है।

ई-मेल प्राप्त करने की प्रक्रिया भी काफी सरल है। यदि कम्प्यूटर में E-Mail Software अथवा Outlook Express है तो यह Internet से जुड़ते ही सन्देश की जाँच करेगा। यदि कम्प्यूटर में कोई सन्देश है तो वह Screen के निचले हिस्से पर दिखाई देगा। अब Outlook Express को खोलकर सन्देश को पढ़ा जा सकता है।

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मेल के लाभ (Advantages Of E-Mail)

(1) मेल अधिक दूरी पर तुरन्त सन्देश भेजने के लिये एक अच्छा व सस्ता संचार माध्यम है।

(2) -मेल के द्वारा सन्देश बहुत से व्यक्तियों को एक साथ भेजा जा सकता है।

(3) मेल में कागज व समय दोनों की बचत होती है।

(4) यदि सन्देश से सम्बन्धित व्यक्ति उस समय उपलब्ध नहीं है तो सन्देश कम्प्यूटर में संचित हो जाता है तथा व्यक्ति के कम्प्यूटर ऑन करते ही स्क्रीन पर दिखाई देने लगता है।

(5) इसमें सन्देश प्राप्तकर्ता सन्देश को केवल पढ़ ही नहीं सकता बल्कि उसका प्रिण्ट भी प्राप्त कर सकता है।

(6) मेल के द्वारा व्यावसायिक संचार कम औपचारिक हो गया है। इससे प्रबन्धकों व कर्मचारियों के मध्य सरलतापूर्वक सम्पर्क स्थापित हो जाता है।

(II) इन्टरनेट (Internet)-इन्टरनेट एक अत्यन्त शक्तिशाली तथा गतिशील संचार का माध्यम है। इन्टरनेट आधुनिक सम्प्रेषण माध्यम की एक ऐसी पद्धति है जो अलग-अलग स्थानों पर स्थापित कम्प्यूटर्स को टेलीफोन लाइन की सहायता से जोड़ता है तथा संचार के लिये एक ऐसा रास्ता तैयार करता है जिससे कि सन्देश/सूचना शीघ्रता से पहुँच जाते हैं। इन्टरनेट अंग्रेजी के दो शब्दों से मिलकर बनता है

इन्टरनेशनल तथा नेटवर्क, जिसका आशय विश्वव्यापी तन्त्र से है।

इण्टरनेट का शुभारम्भ 1986 में अमेरिका में हुआ था, जब अमेरिका के प्रतिरक्षा विभाग द्वारा अपने आँकड़ों को विभिन्न विभागों, जो दूर-दूर के राज्यों में स्थित थे, भेजने व प्राप्त करने के लिए उपग्रहों एवं केबल नेटवर्क का उपयोग किया गया था। बाद में कुछ पुस्तकालय और कुछ निजी संस्थान भी इससे जुड़ गये। भारतवर्ष में Internet की सुविधा सर्वप्रथम एजूकेशन एण्ड रिसर्च नेटवर्क ने उपलब्ध करायी थी तथा 15 अगस्त 1995 से इसका संचालन भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) व्यावसायिक उपयोग के लिये कर रहा है। वर्तमान समय में कुछ निजी कम्पनियाँ, सरकारी उपक्रम तथा केबल आपरेटर भी यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

वर्तमान समय में इन्टरनेट का प्रयोग भिन्न-भिन्न प्रकार की सुचनाएँ प्राप्त करने में किया जाता है। इन्टरनेट की सहायता से देश-विदेश से अपनी पसन्द की वस्तुएँ भी खरीदी व बेची जा सकती हैं। इसके। द्वारा घर बैठे-बैठे ही दूर रहने वाले लोगों से सम्पर्क स्थापित करके बातचीत की जा सकती है।

वर्तमान समय में संचार के लिये इन्टरनेट अत्यन्त आवश्यक है। के० के० सिन्हा ने अपनी पुस्तक । Business Communication, 2002 में लिखा है कि यदि हम संचार के भिन्न-भिन्न माध्यमों की गति व वृद्धि का अवलोकन करें तो हम देखेंगे कि । 40 वर्षों में रेडियो 50 मिलियन लोगों तक पहुँचा, जबकि इतने ही लोगों तक पहुंचने के लिये टी०वी० व  कम्प्यूटर ने क्रमश: 13 व 16 वर्ष लिये, जबकि इन्टरनेट केवल चार वर्षों में ही पचास मिलियन लोगों तक पहुंच चुका है।”

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इन्टरनेट के उपयोग के लिए इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर का सदस्य बनना अत्यन्त आवश्यक होता । है। भारतीय परिपेक्ष्य में यह कार्य BSNL कर रहा है। इसके अतिरिक्त हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की भी आवश्यकता होती है। एक पी० सी० मल्टीमिडियायुक्त पेंटियम जिसमें कम-से-कम 16 मेगाबाइट कान्टम उपलब्ध हो, का उपयोग इन्टरनेट के उपयोग के लिये आवश्यक है जिसमें विंडोज टर्मिनल साफ्टवेयर. इन्टरनेट एक्सप्लोरर, बकिंजर साफ्टवेयर आवश्यक होता है। हार्डवेयर, साफ्टवेयर के अतिरिक्त एक टेलीफोन व एक विशेष मोडम आवश्यक होता है। मोडम की गति जितनी तीव्र होगी, उतना ही इन्टरनेट उपयोग की दृष्टि से उत्तम होगा।

वर्तमान में इन्टरनेट का नया स्वरूप नेटऑन केबल के रूप में प्रकट हुआ है। इसमें कम्पनियाँ ऑप्टिकल केबल का जाल बिछाकर घरों-घरों में टी०वी० पर इन्टरनेट उपलब्ध करा रही हैं

इन्टरनेट के प्रयोग (Uses Of Internet)

(1) मेलयह इन्टरनेट द्वारा प्रदान की जाने वाली सबसे अधिक लोकप्रिय सेवा है। इसमें एक व्यक्ति पलभर में ही विश्व के किसी भी कोने में सन्देश भेज सकता है। इसमें कागज के प्रयोग की। आवश्यकता नहीं होती तथा समय व धन दोनों की ही बचत होती है। इस सुविधा का प्रयोग करने के लिये सन्देश प्रेषक व सन्देश प्राप्तकर्ता के पास ई-मेल पता होना आवश्यक होता है।

(2) कॉमर्सइन्टरनेट की इस सुविधा का प्रयोग करने के लिये क्रेडिट कार्ड होना आवश्यक होता है। ई-कॉमर्स विभिन्न व्यावसायिक सहयोगियों, ग्राहकों, उपभोक्ताओं एवं कम्पनियों आदि के साथ व्यावसायिक सूचनाओं का आदान-प्रदान है, जो विकसित सूचना प्रौद्योगिकी एवं कम्प्यूटर नेटवर्कों की सहायता से इलेक्ट्रानिक माध्यम द्वारा किया जाता है। इसे साधारण भाषा में इस प्रकार भी कह सकते हैं कि जब दो या दो से अधिक व्यावसायियों के मध्य वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान इलेक्ट्रॉनिक । माध्यमों से किया जाता है, तो उसे ई-कामर्स कहा जाता है। इसके प्रयोग से व्यापार करने के तरीकों में पूर्ण बदलाव आ गया है।

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दरअसल वास्तविकता यह है कि “वस्तुओं या सेवाओं की इन्टरनेट पर खरीद-फरोख्त या विज्ञापन द्वारा उत्पादों की सूचनाओं का ग्राहकों तक सम्प्रेषण ई-कामर्स कहलाता है।”

इस प्रणाली के अन्तर्गत जब एक ग्राहक/व्यक्ति वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री को पसन्द करके क्रय करता है, तो उसे भुगतान करने के लिए कम्प्यूटर पर ही एक कम्प्यूटराइज्ड फार्म भरना होता है। इस फार्म पर वह अपना क्रेडिट कार्ड नम्बर, देय राशि व पाने वाले व्यक्ति का नाम आदि सूचनाओं को अंकित करता है। इस फार्म के भरते ही सम्बन्धित व्यक्ति/ग्राहक के खाते से वांछित धनराशि विक्रेता के । खाते में स्थानान्तरित हो जाती है।

(3) बैंकिंगइन्टरनेट ने बैंकिंग के क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात किया है। यह एक ऐसी सविधा है जिसने विश्व के प्रत्येक बैंक को आपस में एक-दूसरे से जोड़ दिया है। इस सुविधा के फलस्वरूप टेलीसेविंग, मोबाइल बैंकिंग, पी० सी० बैंकिंग व ई-बैंकिंग का प्रयोग लगातार बढ़ता जा रहा ।

(4) वर्ल्डवाइड वेबमेल के बाद यह इन्टरनेट की दूसरी महत्त्वपूर्ण सेवा है। इसे www के नाम से भी जाना जाता है। इसकी सहायता से हम विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ विस्तारपर्वक एवं । विषयानुसार प्राप्त कर सकते हैं।

(5) चैट कमइन्टरनेट की इस सुविधा के द्वारा हम देश-विदेश के किसी भी कोने में स्थित पति से न केवल बातचीत कर सकत ह बाल्क सम्बन्धित व्यक्ति को Web Camera के द्वारा अपनी । कम्प्यूटर स्क्रीन पर देख भी सकते हैं।

(6) इन्टरनेट का यह प्रयोग अत्यन्त सीमित है। सामान्यत: बडी कम्पनिया इसका प्रयाग अपने मुख्यालय व शाखाओं से आपसी सम्पर्क बनाने के लिए करती है।

(7) टेलनेटइस सुविधा के द्वारा इन्टरनेट से जुड़े विश्व के किसी भी कम्प्यूटर पर Log in करक इस प्रकार कार्य किया जा सकता है जैसे वह कम्प्युटर हमारे ही नियन्त्रण में हो। इसकी सहायता। स नई एवं उपयोगी सूचनाओं को एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर पर प्रेषित किया जा सकता है।

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इन्टरनेट के प्रयोग से उत्पन्न समस्याएँ (Problems From Using Internet)

यद्यपि इन्टरनेट आज सम्प्रेषण का सबसे अधिक लोकप्रिय साधन है, परन्तु इसके प्रयोग में कुछ। समस्याएं आती हैं जो निम्नलिखित प्रकार हैं

(1) भाषा की समस्या-इन्टरनेट में मुख्यत: अंग्रेजी भाषा का ही प्रयोग होता है, अत: भारत जैसे देश में जहाँ अनेक भाषाएँ प्रयोग होती हैं, वहाँ इन्टरनेट के प्रयोग में बाधा उत्पन्न होती है। ।

(2) धोखाधड़ी-इन्टरनेट के प्रयोग में धोखाधड़ी की अधिक सम्भावना रहती है।

(3) अश्लीलता-इन्टरनेट के प्रयोग से अश्लील फिल्मों व अश्लील साहित्य को भी बहुत बढ़ावा मिला है। इससे देश के युवा वर्ग पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

(4) वायरस की समस्या-इन्टरनेट पर अनेक साइबर अपराधी वायरस फैलाने का कार्य करते हैं, जो कम्प्यूटर के लिये हानिकारक होता है।

(5) हैकिंग की समस्या-इन्टरनेट के प्रयोग में सबसे बड़ी समस्या हैकिंग की है। इसमें पासवर्ड चुराकर कोई भी व्यक्ति हमारे आँकड़ों व फाइलों का गलत प्रयोग कर सकता है।

(6) अधिक समय लगना-इन्टरनेट खोलने के लिये फोन का सहारा लिया जाता है तथा फोन की लाइनें सदा व्यस्त रहती हैं जिससे इन्टरनेट का प्रयोग करने में अधिक समय लगता है।

(7) जानकारियों का दुरूपयोग-इन्टरनेट पर लगभग सभी प्रकार की सूचनाएँ उपलब्ध रहती हैं। तथा बहुत से दुष्ट प्रवृत्ति के व्यक्ति इन सूचनाओं का गलत प्रयोग करते हैं जैसे कि बम बनाने की जानकारी का कुछ असामाजिक तत्त्व गलत प्रयोग कर सकते हैं।

(III) फैक्स (Fax)-‘फैक्स’ की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘फेसिमिली’ से हुई है। ‘फेस’ से तात्पर्य बनाना’ और ‘सिमिली’ शब्द से तात्पर्य उसी के समान’ से है। जब सम्प्रेषक तथा सन्देश प्राप्तकर्ता के मध्य दूरी बहुत अधिक होती है तब उस स्थिति में इस पद्धति का प्रयोग अत्यन्त उपयोगी तथा लाभदायक सिद्ध होता है।

फैक्स, सम्प्रेषण की एक आधुनिक तथा सरल विद्युतीय तकनीक है। इसके अन्तर्गत मुद्रित अथवा लिखित सूचना अथवा मूल दस्तावेजों की फोटो कापी टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह पर भेजी जाती है। यह प्रणाली अन्य प्रणालियों की तुलना में त्वरित व सस्ती है। फोटोस्टेट मशीन के द्वारा जिस प्रकार किसी प्रपत्र की प्रतिलिपि प्राप्त हो जाती है उसी प्रकार फैक्स प्रक्रिया में भी प्राप्तकर्ता को दूसरे स्थान पर प्रपत्र की फोटो कापी प्राप्त हो जाती है।

फैक्स प्रणाली का प्रयोग सर्वप्रथम स्कॉटलैण्ड के वैज्ञानिक अलेक्जेंडर सेन ने सन् 1842 में किया था लेकिन इसका पूर्णत: विकास सन् 1900 में हुआ जब जर्मन के आर्थर केन ने फैक्स तन्त्र का निर्माण किया। सन् 1902 में उन्होंने चित्रों के प्रेषण व अभिमुद्रण के लिए प्रथम फोटो इलैक्ट्रिक फैक्स तन्त्र का प्रयोग किया। आज फैक्स मशीन का प्रयोग प्रत्येक छोटे-बड़े ऑफिस में किया जाने लगा है।

फैक्स दूरसंचार द्वारा लिखित दस्तावेजों या चित्रों को प्रेषित करने की एक आधुनिक विधि है। इसके माध्यम से कोई व्यापारी या संस्था अन्य व्यापारी या संस्था को चाहे वह कितनी भी दूर क्यों न हो, सन्देश भेज सकता है, बशर्ते सन्देश प्राप्त करने वाले व्यक्ति या संस्था के पास फैक्स मशीन हो। इसमें ग्राफ, चार्ट, हस्तलिखित व मुद्रित सामग्री को टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूल प्रति की फोटो कापी के रूप में प्रेषित किया जाता है।

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फैक्स की कार्यप्रणाली (Working Procedure of Fax)

जिस सन्देश को फैक्स करना होता है सर्वप्रथम उसे स्केनिंग प्रक्रिया से गजारा जाता है। सन्देश मुद्रित अथवा लिखित किसी भी प्रकार का हो सकता है। इसमें यह सचना अथवा सन्देश विद्युतीय संकेतों में बदल जाता है। जब ये विद्युत संकेत फैक्स रिकॉर्डर से होकर गजरते हैं, तो प्राप्तकर्ता की मशीन में सम्प्रेषित सूचना अथवा सन्देश की प्रतिलिपि प्राप्त हो जाती है। फोटोस्टेट मशीन के द्वारा जिस प्रकार किसी प्रपत्र की प्रतिलिपि प्राप्त हो जाती है, उसी प्रकार फैक्स प्रक्रिया में भी प्रपत्र की फोटो कापी प्राप्त होती है ।

इस पद्धति में सम्प्रेषक तथा फोटो कापी प्राप्त करने वाला व्यक्ति दोनों भिन्न-भिन्न जगह पर हात ह। यह दूरी टेलीफोन लाइन के द्वारा जोड़ी जाती है। आधुनिक युग में फैक्स सेवा का महत्त्व निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इस पद्धति से सन्देश भेजने की लागत काफी कम आती है तथा संचार की गुणवत्ता में। भी सुधार आता है। वर्तमान समय में सभी समाचार पत्र समूह इस पद्धति का प्रयोग करते हैं ।

फैक्स विधि के लाभ  (Advantages of Fax System)

फैक्स मशीन द्वारा सन्देशों का भेजना बहुत आसान हो गया है, इसलिए बड़े व मध्यम आकार के व्यापारी सन्देशवाहन के साधन के रूप में फैक्स मशीन का उपयोग कर रहे हैं। इससे प्राप्त लाभ निम्नलिखित प्रकार हैं

(1) इस यन्त्र से सन्देश भेजना अत्यन्त सरल होता है।

(2) इस यन्त्र से दस्तावेजों को लिखित रूप में भेजा जा सकता है।

(3) व्यापारी की अनुपस्थिति में भी उसकी फैक्स मशीन सन्देश को ग्रहण कर सकती है।

(4) फैक्स मशीन से सन्देश कुछ ही सेकण्ड या मिनटों में भेजा जा सकता है। सन्देशवाहन की यह त्वरित प्रणाली है।

(5) भेजा गया सन्देश मूल दस्तावेजों की हूबहू नकल होती है तथा उसमें सन्देश भेजने की प्रक्रिया के दौरान काँट-छाँट नहीं की जा सकती है।

(6) फैक्स मशीन से भेजा गया सन्देश पूर्णतया गोपनीय रहता है।

सरकारी विभागों में फैक्स द्वारा सरकार कोई भी आदेश या निर्देश तत्काल सम्प्रेषित कर सकती है। फैक्स आज समस्त क्षेत्रों जैसे-शिक्षा, व्यवसाय, चिकित्सा, बीमा, बैंकिंग आदि के लिये एक महत्त्वपूर्ण संचार साधन के रुप में प्रयोग किया जा रहा है। आधुनिक समय में उपग्रह आधारित फैक्स सेवा का प्रचार-प्रसार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस प्रक्रिया में टेलीफोन लाइन के स्थान पर उपग्रह संचार प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

(IV) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing)-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सचित्र संचार का एक प्रमुख साधन है। इस पद्धति के अन्तर्गत आवाज तथा चित्र दोनों का सम्प्रेषण होता है। इसमें अलग-अलग जगहों पर उपस्थित व्यक्ति ‘वास्तविक सभा’ की तरह संचार करते हैं। इसमें सन्देशों को भेजने के साथ-साथ एक-दूसरे से सजीव बातचीत भी की जा सकती है जिससे उनके हाव भाव, भाव-भंगिमा, मुखाभिव्यक्ति का भी संचार हो जाता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रक्रिया को निम्नलिखित दो तरीकों से सम्पन्न किया जा सकता है

(1) कम्प्यूटर की सहायता से

(2) बिना कम्प्यूटर की सहायता से

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जब हम कम्प्यूटर की सहायता से इस प्रणाली का प्रयोग करते हैं तो हमें कम्प्यूटर, टेलीफोन कनेक्शन, इन्टरनेट तथा वेब कैमरे की आवश्यकता होती है। इसे कम्प्यूटर कॉन्फ्रेन्सिंग भी कहा जाता है।

यदि हम कम्प्यूटर के बिना इस प्रणाली की बात करें तो हमें वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग मशीन, टेलीफोन सैटेलाइट कनेक्शन, प्रोजेक्टर एवं डिजिटल वेब कैमरे की आवश्यकता होती है।

सम्प्रेषण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का महत्त्व (Importance of Video-Conferencing in communication)-सम्प्रेषण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के महत्त्व को निम्नलिखित प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है

(1) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अलग-अलग स्थानों पर बैठे व्यक्ति आमने-सामने बैठे व्यक्तियों की की तरह ही संचार करते हैं।

(2) एक विशिष्ट समय पर एक साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग केवल दो पृथक-पृथक पक्षों एवं स्थानों । के साथ ही सम्भव है। इन दोनों स्थानों से निरन्तर सम्पर्क भी आसान व सम्भव होता है।

(3) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा एक संगठन में विभिन्न स्थानों के विभागों/शाखाओं से प्रत्यक्ष व तीव्र । गति से संचार सम्भव होता है।

(4) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दृश्य तथा श्रव्य दोनों ही प्रकार के सन्देशों का संचार सम्भव होता है।

(5) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बिना लम्बी यात्रा किये व समय की बचत द्वारा किसी बैठक/सभा/सम्मेलन में सहभागिता सम्भव होती है।

(6) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा किसा सगठन क मुख्य केन्द्र (कार्यालय) की उसके विभिन्न क्षेत्रों में | स्थित कार्यालयों में प्रत्यक्ष समीक्षा सम्भव हो जाती है।

(V) माबाइल/सेल्यूलर फोन (Cellular Phones) सेल्यूलर फोन जिसे मोबाइल फोन भी कहत है, आज के आधुनिक युग में मौखिक सम्प्रेषण की अत्यन्त प्रचलित तकनीक है। यह आकार में इतना छोटा होता है कि इसे आसानी से जेब में रखकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है। इसमें केबिल लगाने की आवश्यकता भी नहीं होती। इसका प्रयोग किसी भी स्थान पर किसी भी समय किसी भी वाहन में बैठे हुए देश के किसी भी क्षेत्र में जहाँ यह संचार प्रणाली उपलब्ध है, आसानी से किया जा सकता है।

जब संचार की भूमिगत प्रणालियाँ खराब हो जाती हैं तब इनकी उपयोगिता और भी अधिक हो जाती है, क्योंकि इनमें ऐसी कोई तकनीकी खराबी आने की सम्भावना नहीं होती।

वर्तमान समय में अतिआधुनिक सेल फोन बाजार में आ गये हैं। इनमें अधिक से अधिक आंकड़ों को रखा जा सकता है। इन पर इन्टरनेट की सुविधा भी उपलब्ध होती है। अत: इन्टरनेट की सभी उपयोगिता मोबाइल फोन में आ गयी हैं। मनोरंजन के लिये इनमें एफ.एम. रेडियो की सुविधा भी उपलब्ध हो गयी है साथ ही सचित्र गानों की रिकार्डिंग करके उसका आनन्द भी लिया जा सकता है। आधुनिक मोबाइल फोन में फोटोग्राफी और वीडियो रिकार्डिंग की सविधा भी उपलब्ध हो गयी हैं जो किसी आकस्मिक घटना के समय प्रयोग में लाया जा सकता है तथा सामान्य स्थिति में भी कैमरे की तरह प्रयोग किया जा सकता है।

आज मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व प्रत्येक व्यक्ति की जेब या मुट्ठी में आ गया है। यह संचार का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण आधुनिक माध्यम हो गया है। यह समय प्रबन्धन का एक प्रमुख यन्त्र है क्योंकि इसके माध्यम से एक व्यवसायी अपने कीमती समय को अधिक उत्पादक बना सकता है। सेल फोन के द्वारा एकत्र आँकड़ों एवं चित्रों को हम कम्प्यूटर के माध्यम से सी.डी. में ले सकते हैं और आवश्यक आँकड़ों को कम्प्यूटर से मोबाइल में ट्रांसफर कर सकते हैं।

मोबाइल फोन के द्वारा लघु सन्देश Short Message Service (SMS) भेजने और प्राप्त करने की सुविधा भी होती है, साथ ही चित्रों को भी हम मोबाइल के द्वारा एक दूसरे को भेज सकते हैं जिसे Multimedia Message Service (MMS) कहा जाता है। अतः यह कहा जा सकता है कि मोबाइल फोन ने सूचना तकनीक में क्रान्ति ला दी है, इसने दूरियों को समाप्त कर दिया है तथा इससे लोगों के समय का सदुपयोग हो रहा है। व्यवसाय की बढ़ोत्तरी के लिये यह बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

कार्य प्रणाली (Working Process) सेल्यूलर फोन में एक एफ.एम. ट्रांसमीटर लगा होता है जो सन्देशों को शब्द की आवृत्ति के रुप में घटा-बढ़ाकर संकेत के रुप में प्रसारित करता है। सेल्यूलर फोन यन्त्र में एक एंटीना लगा होता है। जैसे ही इस पर कोई सन्देश आता है तो घन्टी बजने लग जाती है और बटन दबाते ही इसका सम्पर्क अपने क्षेत्र के ट्रांसमीटर से जुड़ जाता है जो रेडियो तरंगों के माध्यम से हम तक सन्देश पहुँचा देता है। यह सारी प्रक्रिया स्वचालित (Self-operated) होती है।

सेल्यूलर फोन के लाभ (Advantages of Cellular Phones) यद्यपि सेल्यूलर फोन मौखिक सम्प्रेषण का एक आधुनिक रुप है तथापि इसका प्रयोग सरलतापूर्वक कार, ट्रेन आदि में भी किया जा सकता है। जब संचार की भूमिगत प्रणालियाँ खराब हो जाती हैं तब मोबाइल की उपयोगिता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि इनमें ऐसी कोई तकनीकी खराबी आने की सम्भावना कम होती है। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं

(i) सेल्यूलर फोन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इन्हें हम अपने साथ कहीं भी ले जा सकते हैं और किसी भी क्षण कोई भी सन्देश प्राप्त कर सकते हैं व भेज सकते हैं।

(ii) ये फोन प्राकृतिक आपदाओं से अप्रभावित रहते हैं।

(iii) ये फोन परम्परागत टेलीफोन से भी सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं।

(iv) इससे समय की काफी बचत होती है तथा कुछ सेकण्ड में ही सन्देश भेजा जा सकता है।

दोष (Demerits)-सेल्यूलर फोन के प्रयोग में निम्नलिखित समस्याएँ आती हैं

(i) मोबाइल के नम्बर अत्यधिक लम्बे होते हैं जिन्हें याद रखने में काफी कठिनाई आ सकती है।

(ii) छोटे होने के कारण मोबाइल के गुम हो जाने का भी भय बना रहता है।

(iii) सेल्यूलर फोन संयन्त्र काफी महंगा होता है।

(iv) प्राय: लोग वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं जो दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।

(VI) वॉयस मैसेज सिस्टम (Voice Message System) यह तकनीक अनुपलब्ध व्यक्ति के लिए सन्देश छोड़ने हेतु प्रयोग की जाती है। इस तकनीक में सन्देशवाहक अपने सन्देश को टेलीफोन के

माध्यम से रिकॉर्ड कराकर सम्बन्धित व्यक्ति के टेलीफोन कनेक्शन के वॉयस-मेल-बॉक्स में डाल देता है। आर साथ में अपना नाम, पता व टेलीफोन नम्बर डाल देता है। यह सन्देश उसके फोन पर पहुंच जाता है, जिसे वह व्यक्ति बाद में सुन लेता है। इस तकनीक में सन्देश हमेशा संक्षिप्त एवं पूर्ण होना चाहिए।

लाभ (Benefits)

(i) इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यदि वह व्यक्ति, जिसे हम सन्देश देना चाहते हैं, उपलब्ध नहीं है तो बाद में उसे सन्देश मिल जाता है।

(ii) सन्देश भेजने वाले को दोबारा सन्देश भेजने की आवश्यकता नहीं होती।

(iii) इसमें सन्देश अपने मूल रुप में श्रोता तक पहुँच जाता है।

(iv) इस तकनीक में धन व समय की काफी बचत होती है।

(v) वह व्यक्ति जिसको यह सन्देश भेजा गया है, इस सन्देश को अन्य किसी व्यक्ति को भी भेज सकता है।

आधुनिक संचार साधनों के लाभ

(Advantages of Modern Forms of Communication)

आधुनिक संचार साधनों के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं

(1) आधुनिक संचार साधनों की सहायता से सन्देश को शीघ्रता से कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा सकता है।

(2) वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सहायता से लम्बी दूरी की यात्रा किये बिना ही सभा तथा सम्मेलन में भाग लिया जा सकता है।

(3) सेल्युलर फोन पर किसी भी स्थान से कहीं भी जहाँ यह सुविधा उपलब्ध हो दूसरे सेल्यूलर फोन या परम्परागत फोन पर बातचीत की जा सकती है।

(4) फैक्स की सहायता से दूरवर्ती स्थानों में महत्त्वपूर्ण दस्तावेजों अथवा प्रपत्रों को शीघ्रता से सुरक्षित भेजा जा सकता है।

(5) इन्टरनेट पर देश-विदेश से अपनी पसन्द की वस्तुएँ खरीद व बेच सकते हैं।

(6) आजकल का व्यापारिक संचार तेजी से कम औपचारिकता की तरफ बढ़ रहा है। ई-मेल, दफ्तर में बिना कागज सुविधाएँ प्रदान करता है और कर्मचारी बिना दफ्तर में बैठे ही कार्य करने में समर्थ हो पाते हैं।

 (7) आधुनिक संचार साधनों के द्वारा प्रबन्धकों एवं कर्मचारियों के बीच सम्बन्ध आसान हो गए हैं। वे एक-दूसरे के साथ कार्य घण्टों के अतिरिक्त आवश्यकता होने पर घर बैठे सम्पर्क स्थापित करके काम निपटा सकते हैं।

(8) आधुनिक संचार साधनों के द्वारा सन्देश को याद्दाश्त के लिये संचित (स्टोर) भी किया जा सकता है।

अतः स्पष्ट है कि आधुनिक संचार साधनों के प्रयोग ने परे विश्व को एक विश्व गाँव में बदल दिया है जिसमें हम आसानी से किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क स्थापित करके व्यावसायिक संचार गतिविधियों को सम्पन्न कर सकते हैं।

पूरे विश्व को कर

किसी भी व्यक्ति

को सम्पन्न कर

Business Modern Form Communication

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(Expected Important Questions for Examination)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 सम्प्रेषण के आधुनिक साधन कौन-कौन से हैं ? उनका संक्षिप्त परिचय दीजिए।

Which are the modern ways of communication. Give a brief detail of them.

2. रॉनिक मेल अथवा ई-मेल से आप क्या समझते हैं ? इसकी कार्यविधि पर टिप्पणी लिखिए।

What do you understand by electronic mail or E-mail? Write a note on its procedure.

3. इन्टरनेट से आपका क्या अभिप्राय है। आपका क्या अभिप्राय है ? इसके क्या प्रयोग हैं ? इसके प्रयोग में आने वाली बहाली को बताइए।

What do you Mean by Internet ? What are its uses ? What are the barriers in its use

4. फैक्स से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी कार्य प्रणाली को समझाइए।

What do you mean by ‘Fax’? Discuss the working procedure of it.

5. सत्यूलर फान क्या होता है? इसकी कार्य प्रणाली को समझाते हए इसके लाभ-हानया बताइए।

What is a cellular phone? Discuss its merits and demerits taking into consideration the working procedure of cellular phones.

6. वीडियो कॉन्फ्रेन्सिग से आपका क्या अभिप्राय है ? इसके गुण व दोष बताइए।

What do you mean by Video conferencing ? Give its merits and demerits.

7. आधुनिक सूचना तन्त्र के फलस्वरुप संसार एक “विश्व गाँव” में बदल गया है। व्याख्या कीजिए।

“The world has been changed into a “Global Village” due to the modern communication system.”‘ Explain.

8. आधुनिक व्यावसायिक युग में सम्प्रेषण के किन साधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है ? इनसे होने वाले लाभों को बताइए।

What forms of communication are being used in the modern business world ? Discuss their advantages.

9. फैक्स और ई-मेल की कार्यप्रणाली समझाइए। व्यावसायिक सम्प्रेषण में इनका महत्त्व बताइए।

Explain the working procedure of Fax and E-Mail. Discuss their importance in business communication.

10. आधुनिक युग सूचना क्रान्ति का युग है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।

“Modern age is the age of information revolution.” Discuss this statement.

Business Modern Form Communication

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

1 सम्प्रेषण के आधुनिक स्वरुप क्या हैं ?

What are the modern forms of communication?

2. इन्टरनेट पर एक निबन्ध लिखिए।

Write an essay on internet.

3. सम्प्रेषण में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के महत्त्व की विवेचना कीजिए।

Explain the importance of video-conferencing in communication.

4. वॉयस मैसेज सिस्टम पर एक टिप्पणी लिखिए।

Write a note on voice-message-system.

5. सेल्युलर फोन क्या है ?

What is a cellular phone?

6. फैक्स क्या है?

What is a Fax?

7. ई-मेल पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

Write short note on E-mail.

8. आधुनिक संचार साधनों के लाभ बताइए।

State the advantages o, modern forms of communication.

9. इन्टरनेट के प्रयोग बताइए।

Discuss the uses of internet.

10. ई-कॉमर्स से क्या आशय है?

What is meant by E-commerce?

11. इन्टरनेट के प्रयोग से उत्पन्न समस्याएँ बताइये।

State the problems from using internet.

12. “आधुनिक युग सूचना क्रान्ति का युग है।” संक्षेप में बताइए।

“Modern age is the age of information revolution.” Discuss in brief.

Business Modern Form Communication

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

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