BCom 1st Year Business Regulatory Framework Agreement Study Materiel Notes in Hindi

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BCom 1st Year Business Regulatory Framework Agreement Study Material Notes in Hindi

BCom 1st Year Business Regulatory Framework Agreement Study Material Notes in Hindi: Meaning and Definitions of Agreement Characteristics of Agreement Difference between Agreement and Contract kinds of Agreement Distinction Between void and Illegal Agreement Difference between Void Agreement and void Contract Business Regulatory Framework Agreement  Important Examination Long Answer Questions Short Answer Questions Objectives Questions :

Agreement Study Materiel Notes
Agreement Study Materiel Notes

BCom 2nd Year Cost Accounting Integrated System study Material Notes In Hindi

ठहराव

(Agreement)

ठहराव का अर्थ एवं परिभाषाएँ

(Meaning and Definitions of Agreement)

जब एक पक्षकार दूसरे पक्षकार के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करता है और दूसरा पक्षकार उसे स्वीकार कर लेता है तो यह ठहराव कहलाता है अर्थात् जब दो व्यक्ति किसी एक तथ्य के विषय में पारस्परिक रूप से सहमत हो जाएँ तो इसे ठहराव कहते हैं। अनुबन्ध अधिनियम में ठहराव का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि ठहराव अनुबन्ध की वह आधारशिला है जिस पर अनुबन्ध रूपी महल खड़ा होता है। अतः ठहराव में दो या दो से अधिक व्यक्ति इस बात के लिये सहमत होने की घोषणा करते हैं कि उनमें से कोई व्यक्ति किसी दूसरे के लिये कोई कार्य करेंगे या नहीं करेंगे। एक वैध ठहराव के लिए उसका राजनियम द्वारा प्रवर्तनीय होना आवश्यक है। ठहराव की प्रमुख परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं

पोलाक के अनुसार, “ठहराव एक या एक से अधिक पक्षकारों द्वारा दूसरे पक्षकार अथवा पक्षकारों के लिए कुछ कार्य करने या न करने का चिन्तन है।”

लीक के अनुसार, “ठहराव से आशय दो व्यक्तियों के बीच सहमति से है, जो विषय वस्तु के सम्बन्ध में एकमत होते हैं।”

चेट्टी के अनुसार, “एक उचित रीति से स्वीकृत प्रस्ताव ठहराव कहलाता है।”

भारतीय अनुबन्ध अधिनियम की धारा 2 (e) के अनुसार, “प्रत्येक वचन तथा वचनों का प्रत्येक समूह जो एक दूसरे का प्रतिफल हो, ठहराव कहलाता है।”

अत: प्रत्येक प्रस्ताव जब उचित रीति से स्वीकार कर लिया जाता है ठहराव कहलाता है। सूत्ररूप  में हम कह सकते हैं कि ठहराव = प्रस्ताव + स्वीकृति।

ठहराव के लक्षण

(Characteristics of Agreement)

एक ठहराव के आवश्यक लक्षण निम्नलिखित हैं

1 दो या दो से अधिक पक्षकार-एक ठहराव के लिए कम से कम दो पक्षकारों का होना आवश्यक है क्योंकि एक व्यक्ति स्वयं के साथ किसी प्रकार का कोई ठहराव नहीं कर सकता है।

2. पारस्परिक सहमतिदोनों पक्षकारों को एक ही बात पर एक ही भाव से सहमत होना आवश्यक है, अन्यथा उनके बीच कोई भी ठहराव नहीं होगा। अर्थात् पक्षकारों में मानसिक एकमतता होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, राम के पास दो घोड़े हैं एक सफेद रंग का तथा दूसरा काला, उसने अपना एक घोड़ा मोहन को 15,000 ₹ में बेचने का प्रस्ताव रखा जिसे मोहन ने स्वीकार कर लिया। राम का उद्देश्य अपना काला घोड़ा बेचना था जबकि मोहन का उद्देश्य सफेद घोड़ा खरीदना था। यहाँ पर ठहराव के दोनों पक्षकार ठहराव की विषय वस्तु (घोड़े के रंग) के बारे में एक मत नहीं हैं इसलिए उनके बीच किसी प्रकार का ठहराव हुआ नहीं माना जाएगा।

3. वैधानिक सम्बन्धठहराव के लिए यह भी आवश्यक है कि पक्षकारों का उद्देश्य आपस में वैधानिक दायित्वों को उत्पन्न करना होना चाहिए जिससे वे एक दूसरे के प्रति अपने वचनों के लिए उत्तरदायी हो सके।

(4) पास्पारिक संवहनप्रस्ताव के लिए यह आवश्यक है कि पक्षकार प्रस्ताव के सम्बन्ध में। अपना समान अभिप्राय एक दूसरे को संवहन कर दें ताकि उनकी सहमति या असहमति का ज्ञान दूसर पक्षकार को हो सके।

(5) परिणामठहराव के परिणामस्वरूप केवल सम्बन्धित पक्षकार ही आपस में प्रभावित होने चाहिएँ, अन्य कोई पक्षकार नहीं।

ठहरावऔरअनुबन्धमें अन्तर

(Difference between Agreement and Contract)

ठहराव के प्रकार

(Kinds of Agreement)

सामान्यतया ठहराव व अनुबन्ध के प्रकारों में समानता पाई जाती है, लेकिन इनको स्पष्टतया व सरलता से समझने के लिए इनका अलग-अलग अध्ययन किया जाना आवश्यक है। ठहराव के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं

1 वैधानिक ठहराव (Legal Agreement)-वह ठहराव जिसे वैधानिक रूप से कार्यान्वित किया जा सकता है तथा जिसमें एक वैध ठहराव के सभी लक्षण विद्यमान होते हैं, वैधानिक ठहराव कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-अतुल अपना पुराना स्कूटर 5000 ₹ में विक्रय करने का ठहराव करता है। यह एक वैधानिक ठहराव है।

2. अवैध ठहराव (Illegal Agreement)-एक अवैध ठहराव वह है जिसे राजनियम मान्यता नहीं देता। इस ठहराव को न्यायालय द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता है और इनके समस्त सम्पाश्विक (समानान्तर) व्यवहार भी व्यर्थ होते हैं। समस्त अवैध ठहराव आवश्यक रूप में व्यर्थ होते हैं। उदाहरण

व्यावसायिक नियामक ढाँचा के लिए ‘अ’, ‘ब’ से कहता है कि वह स की पिटाई कर दे तो वह उसे 10,000 ₹ देगा तो यह ठहराव अवैध है और व्यर्थ है। अब यदि एक अन्य व्यक्ति ‘द’ यह जानते हुए भी कि रकम किस कार्य के लिए दी जा रही है, अ को 10.000 ₹ उधार देता है तो ऐसी परिस्थिति में यह समानांतर व्यवहार भी व्यर्थ होगा। अर्थात् यदि ‘अ’ ‘द’ को 10,000 ₹ देने से मना कर देता है तो ‘द’ उस पर वाद प्रस्तुत करके यह पैसे वसूल नहीं कर सकता है।

3. व्यर्थ ठहराव (Void Agreement)-भारतीय अनुबन्ध अधिनियम की धारा 2(g) के अनुसार एक ठहराव जो राजनियम द्वारा प्रवर्तनीय नहीं कराया जा सकता, व्यर्थ ठहराव कहलाता है। ठहराव का कोई भी पक्षकार इसे राजनियम द्वारा प्रवर्तनीय नहीं करा सकता।

4. व्यर्थनीय ठहराव (Voildable Agreement)-एक ठहराव जो केवल एक या अधिक पक्षकारों की इच्छा पर प्रवर्तनीय हो परन्तु दूसरे पक्षकार अथवा पक्षकारों की इच्छा पर प्रवर्तनीय न हो, व्यर्थनीय ठहराव कहलाता है। ऐसे ठहराव में किसी वैधानिक लक्षण की कमी पाई जाती है।

5. स्पष्ट ठहराव (Express Agreement)-जब ठहराव करने के उद्देश्य से एक पक्षकार किसी दूसरे पक्षकार के सम्मुख स्पष्ट रूप से प्रस्ताव रखता है एवं दूसरा पक्षकार स्पष्ट रूप में अपनी स्वीकृति प्रदान करता है, तो इसे स्पष्ट ठहराव कहते हैं। स्पष्ट ठहराव लिखित अथवा मौखिक हो सकता है। उदाहरणार्थ–‘अ’ अपनी घड़ी ‘ब’ को 100 ₹ में बेचने के लिए प्रस्ताव करता है। ‘ब’ इस प्रस्ताव को शब्दों द्वारा लिखित या मौखिक रूप में स्वीकार कर लेता है तो इसे स्पष्ट ठहराव कहेंगे।

6. गर्भित ठहराव (Implied Agreement)-गर्भित ठहराव में वचनदाता या वचनग्रहीता अपनी इच्छा स्पष्टत: लिखित या मौखिक शब्दों द्वारा व्यक्त नहीं करता, बल्कि पक्षकारों के आचरण, उनके कार्य करने के ढंग, व्यापारिक रीति-रिवाज एवं उस समय की परिस्थिति आदि को देखकर ठहराव का होना माना जाता है। दूसरे शब्दों में, जब एक वचन से सम्बन्धित प्रस्ताव या स्वीकृति मौखिक अथवा लिखित शब्दों में न होकर पक्षकार के व्यवहार या आचरण से होती है तो उसे गर्भित ठहराव कहते हैं।

उदाहरणार्थआशीष एक थ्री व्हीलर को हाथ का इशारा करके रोकता है और उसमें बैठकर किसी विशिष्ट स्थान पर चलने के लिए कहता है। श्री व्हीलर का ड्राइवर निर्दिष्ट स्थान की ओर चल देता है। यहाँ पर थ्री व्हीलर के ड्राइवर एवं आशीष के बीच गर्भित ठहराव माना जाएगा जिसके अनुसार थ्री व्हीलर का ड्राइवर, आशीष को उस निर्दिष्ट स्थान पर ले जाएगा तथा आशीष उसे मीटर के अनुसार भाड़ा चुकाएगा।

यदि ‘अ’, ‘ब’ को अपनी साइकिल 200 ₹ में बेचने के लिए प्रस्ताव करता है और ‘ब’, ‘अ’ के पास बिना कुछ कहे या लिखे 200 ₹ भेज देता है, तो यह गर्भित स्वीकृति है! यहाँ पर ‘अ’ एवं ‘ब’ के मध्य गर्भित ठहराव माना जाएगा।

व्यर्थ तथा अवैध ठहराव में अन्तर

(Distinction between Void and Illegal Agreement)

व्यर्थ ठहराव तथा व्यर्थ अनुबन्ध में अन्तर 

(  Difference Between Void Agreement and Void Contract )

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(Expected Important Questions for Examination)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 ठहराव किसे कहते हैं? ठहराव के प्रमुख लक्षण बताइए।।

agreement? Explain the main characteristics of an agreement.

एह कितने प्रकार का होता है? ठहराव तथा अनुबन्ध में अन्तर कीजिए।

2. ठहराव क्या है? यह कितने प्रकार का होता है? उरा

What is an Agreement? What are its types? Distinguish between agreement and What is the agreement? What are its types? Distinguish contract.

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

1 ठहराव की परिभाषा दीजिए।

Define agreement.

2. ठहराव किसे कहते हैं? ठहराव के प्रमुख लक्षण बताइए।

What is meant by agreement? Describe main features of agreement.

3. ठहराव कितने प्रकार के होते हैं?

Describe types of agreement.

4. निम्नलिखित में अन्तर स्पष्ट कीजिए

(i) व्यर्थ अनुबन्ध तथा व्यर्थ ठहराव। (Void contract and Void agreement).

(ii) व्यर्थ ठहराव तथा अवैधानिक ठहराव। (Void Agreement and Illegal Agreement).

(iii) व्यर्थ अनुबन्ध तथा व्यर्थनीय अनुबन्धा (Void Contract and Voidable Contract).

(iv) ठहराव तथा अनुबन्धा (Agreement and Contract.)

(v) व्यर्थ ठहराव तथा व्यर्थनीय अनुबन्धा (Void Agreement and voidable contract.)

सही उत्तर चुनिए

(Select the Correct Answer)

1 अनुबन्ध के लिए ठहराव का होना है (For a contract agreement is) : (अ) ऐच्छिक (Voluntary)

(ब) आवश्यक (Necessary) (स) अनिवार्य (Compulsory) (1) (द) इनमें से कोई नहीं (None of these)

2. वह ठहराव जो राजनियम द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होता है, कहलाता है- (An agreement not

enforceable by law is said to be) : (अ) व्यर्थ (Void) (1)

(ब) व्यर्थनीय (Voidable) (स) उपर्युक्त दोनों (Both of the above) (द) उपर्युक्त में से कोई नहीं None of the above)

3. एक ठहराव होता है- (An agreement is )

(अ) प्रस्ताव (Proposal) (ब) प्रस्ताव + स्वीकृति (Proposal + Acceptance) (1) (स) प्रस्ताव + स्वीकृति + प्रतिफल (Proposal + Acceptance + Consideration)

(द) इनमें से कोई नहीं (None of these)

4. स्वीकृत प्रस्ताव कहलाता है- (Accepted proposal becomes:) (अ) ठहराव (Agreement)

(ब) वचन (Promise) (1) (स) अनुबन्ध (Contract)

(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं (None of the above)

Business Regulatory Framework Agreement

chetansati

Admin

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