BCom 1st Year Communication Official Letters office Memorandum Study material Notes in hindi

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BCom 1st Year Communication Official Letters office Memorandum Study Material Notes in Hindi

BCom 1st Year Communication Official Letters office Memorandum Study Material Notes in Hindi: Official Letter Office Memorandum Examination Question answer Long Answer Questions Short Answer Questions ( Most Important Notes for BCom 1st Year Examinations )

Official Letters office Memorandum
Official Letters office Memorandum

BCom 1st year Business Communications Persuasive Letters Study Material Notes in Hindi

सरकारी पत्र एवं कार्यालय ज्ञापन

(Official Letters and Office Memorandum)

सरकारी पत्र

(Official Letter)

सरकारी या शासकीय पत्र से अभिप्राय उन पत्रों से होता है जो सरकारी अधिकारियों के मध्य आपस में लिखे जाते हैं अथवा एक सरकारी विभाग से दूसरे सरकारी विभाग को लिखे जाते हैं अथवा एक सरकारी अधिकारी द्वारा किसी व्यक्ति विशेष या संस्था को किसी सरकारी कार्य के सम्बन्ध में लिखे जाते हैं। संक्षेप में, किसी भी सरकारी विभाग द्वारा कोई भी पत्र यदि किसी को लिखा जाता है तो उसे सरकारी पत्र कहेंगे। इन पत्रों का प्रयोग, सरकारी कार्यालयों, राज्य सरकारों, विदेशी सरकारों, सार्वजनिक संस्थाओं, संगठनों, व्यक्तियों के साथ सम्पर्क स्थापित करने आदि के लिये किया जाता है।

किसी भी सरकारी कार्यालय में कार्य करने वाले व्यक्ति को सरकारी पत्र व्यवहार का ज्ञान होना अत्यन्त आवश्यक होता है। सरकारी पत्र एक औपचारिक पत्र होता है, अत: इसके लिखने की पूर्ण जानकारी कर्मचारी को होनी चाहिये। जिस प्रकार किसी व्यवसाय की समृद्धि में व्यापारिक पत्रों का महत्त्व होता है उसी प्रकार सरकारी कार्यालयों में कार्य सुचारु रूप से सम्पन्न करने के लिये सरकारी पत्र लेखन-कला की आवश्यकता होती है। यदि सरकारी कार्यालय में कार्य करने वाला व्यक्ति सरकारी पत्र व्यवहार की कला से अनभिज्ञ है तो उस सरकारी कार्यालय की कार्य क्षमता कदापि नहीं बढ़ सकती।

सरकारी कार्यालय में प्रतिदिन अनेक प्रकार के पत्र आते रहते हैं। सरकारी संस्थानों में एक पत्र प्राप्ति विभाग होता है जहाँ पत्रों को प्राप्त किया जाता है, इसके पश्चात् उन्हें खोलकर सम्बन्धित विभागों तक पहुँचाया जाता है। पत्र की प्राप्ति से लेकर उन्हें सम्बन्धित विभाग या व्यक्ति तक पहुँचाने तथा पत्र का उत्तर भेजने के मध्य अनेक क्रियायें सम्पादित की जाती हैं। इन क्रियाओं को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है

1 पत्र की प्राप्ति (Receiving of Letter)-प्रायः सभी बड़े सरकारी विभागों में एक पावती कार्यालय होता है, जहाँ समस्त पत्रों को प्राप्त किया जाता है।

2. मुहर लगाना (Stamping)-पत्रों को प्राप्त करने के पश्चात् खोला जाता है तथा सभी पत्रों पर पत्र प्राप्त करने की मुहर लगाई जाती है जिस पर विभाग, दिनांक, प्राप्ति रजिस्ट्रार में अभिलेखित क्रमांक आदि अंकित होता है।

3. पत्र छाँटना (Sorting)-पत्रों पर पत्र प्राप्त करने की मुहर लगाने के पश्चात् उनकी छंटाई की जाती है। छंटाई में पत्रों को सम्बन्धित विभाग एवं समस्या के अनुसार अलग-अलग कर लिया जाता

4. पंजीयन (Registration)-पत्रों की छंटाई के उपरान्त उन्हें पत्र प्राप्ति रजिस्टर में अंकित किया जाता है। इसमें पत्र की प्राप्ति का क्रमांक, तिथि, भेजने वाले का नाम, विषय, अनुभाग आदि लिखा रहता है।

5. सन्दर्भ (Reference) यदि पत्र किसी पुराने पत्र के सन्दर्भ में लिखा गया है तो उस पत्र में पराने सन्दर्भ का उल्लेख कर दिया जाता है जिससे अधिकारी को प्राप्त पत्र को समझने में कठिनाई न हो।

6. टिप्पणी (Note)-पत्र को पढ़कर सम्बन्धित लिपिक उस पर अपनी टिप्पणी लिख देता है। इससे अधिकारी को पूरा पत्र पढ़ने की आवश्यकता नहीं होती है। टिप्पणी लिखने वाला लिपिक टिप्पणी लिखने के पश्चात अपने हस्ताक्षर एवं तिथि भी अंकित कर देता है

7. पत्र का प्रारुप तैयार करना (Drafting)-सम्बन्धित अधिकारी द्वारा पत्र पर की गयी अवगत होने के पश्चात् उसका जवाब तैयार किया जाता है जिसे डाफ्टिग कहते है। यदि व्यावसायिक संचार ग) कार्यवाही की दिशा स्वयं स्पष्ट हो तब तो कार्यालय सीधा प्रारुप या मसौदा प्रस्तुत कर देगा अन्यथा किसी सक्षम अधिकारी द्वारा उत्तर की दिशा का संकेत करने के बाद ही मसौदा तैयार किया जा सकेगा।

8. पत्र को टाइप कराना (Typing of Letter)-उत्तर का प्रारूप तैयार हो जाने के पश्चात् उसे टाइप कराकर उस पर सम्बन्धित अधिकारी से हस्ताक्षर कराये जाते हैं।

9. पत्र को भेजना (Dispatch)-पत्र पर हस्ताक्षर कराने के उपरान्त उसे लिफाफे में बन्द करके सम्बन्धित व्यक्ति का पता लिखकर उसे जावक रजिस्टर पर चढ़ाकर डाक में पोस्ट कर दिया जाता है।

सरकारी तथा व्यापारिक पत्रों के अन्तर 

कार्यालय ज्ञापन

(Office Memorandum)

कार्यालय ज्ञापन को समझने के लिये सर्वप्रथम ज्ञापन शब्द को जानना आवश्यक है।

ज्ञापन/मेमो (Memo)-‘ज्ञापन अथवा ‘स्मृति-पत्र’ (Memo) शब्द अंग्रेजी भाषा के (Memorandum) शब्द का संक्षिप्त रुप है जिसका अभिप्राय है-‘याद रखने के लिए एक नोट’। यह अन्तरिक संचार का ऊपर से नीचे, नीचे से ऊपर एवं समतलीय प्रवाह है। यह किसी भी महत्त्वपूर्ण सूचना को संक्षिप्त रुप में संचारित कर क्रिया हेतु सुझाव की प्रस्तुति करता है। ज्ञापन एक लिखित सन्देश है जो सामान्यत: संस्था के कर्मचारियों द्वारा दैनिक कार्यों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। ज्ञापन का मुख्य उद्देश्य सूचना को दस्तावेज के रुप में रखना, भेजना. निर्णयन या संक्षेप में प्रार्थना करना होता है।

सामान्यत: ज्ञापन का प्रयोग अग्रलिखित अवसरों पर किया जाता है

(i) नियमित सन्देशों/सूचनाओं को सम्प्रेषित करने के लिये।

(ii) सामयिक प्रतिवेदन प्रेषित के लिये।

(iii) किसी संगठन/संस्था में सम्प्रेषण में नित नये परिवर्तनों के लिये।

(iv) कर्मचारियों को निर्देश जारी करने के लिये।

(v) मौखिक निर्णयों को निश्चित करने के लिये।

(vi) किसी विषय विशेष पर गलत निर्णय पर पूछताछ के लिये।

(vii) विशेष सूचना प्राप्ति के लिये।

(viii) किसी जारी किये आदेश को रोकने अथवा वापस लेने के लिये।

ज्ञापन/मेमो के लाभ (Advantages of Memo)-ज्ञापन किसी संगठन के कर्मचारियों को लिखे जाते हैं और इसमें केवल विषय ही स्पष्ट किया जाता है। इससे निम्नलिखित लाभ होते हैं

(i) संक्षिप्त सम्प्रेषण (Communicate Brief Summary)-ज्ञापन द्वारा किसी सन्देश को बिना किसी औपचारिकता के संक्षिप्त रुप में प्रेषित किया जाता है।

(ii) मितव्ययी (Economic) ज्ञापन सामान्यतः संगठन में कार्यरत कर्मचारियों के मध्य लिखा जाता है। यह हस्तलिखित या सामान्य छपाई या टंकित रुप में प्रेषित किया जाता है, इसलिए इसकी लागत कम आती है। अत: यह कर्मचारियों के मध्य सन्देश का सबसे सस्ता मितव्ययी साधन है।

(iii) भावी सन्दर्भ (Future Reference)—ज्ञापन को कार्यालय फाईल या कम्प्यूटर डिस्क में सुरक्षित रखा जाता है अतः इसके द्वारा प्रेषित सन्देश को भविष्य में सन्दर्भ के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।

(iv) शीघ्र संचारित (Quick Transmission)-ज्ञापन द्वारा सन्देश का प्रसारण सभी दिशाओं में शीघ्रतापूर्वक तथा आसानी से होता है।

(v) लेखाजोखा योग्य (Accountable)-ज्ञापन, तथ्यों व निर्णयों का दस्तावेज स्वरुप होने से लेखा जोखा योग्य होते हैं।

ज्ञापन/मेमों की हानियाँ (Disadvantages of Memo)-ज्ञापन के जहाँ उपर्युक्त वर्णित अनेक लाभ हैं, वही इससे कुछ हानियाँ भी हैं। प्राय: व्यक्ति किसी घटना हेतु जारी ‘ज्ञापन’ पर भावनात्मक रुप से आहत होकर बुरा मानते हैं। ‘ज्ञापन’ प्राप्त करने वाला व्यक्ति हतोत्साहित होता है तथा यह भी सम्भव है कि वह संस्था के वातावरण को प्रभावित करे अर्थात् ज्ञापन से मतभेद पैदा होते हैं जो संस्था की उत्तरोत्तर प्रगति में बाधक होते हैं।

जापन/मेमो के लक्षण या विशेषताएँ (Characteristics of Memo)-ज्ञापन की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं

1 ज्ञापन में प्रति (To) से प्रेषक (From), विषय (Subject) व दिनांक (Date) आदि सूचनाएँ होती हैं।

2. ज्ञापन प्राप्तकर्ता एक व्यक्ति होने से उसके नाम को प्रति (To) के सामने लिखा जाता है। जब यह कई व्यक्तियों या समूह को प्रेषित किया जाता है तो सूची अनुसार नामबद्ध कर इसे प्रेषित किया जाता है।

3.जापन का विषय, स्पष्ट व संक्षिप्त होना चाहिए ताकि प्राप्तकर्ता को विषय की जानकारी आसानी व सरलता से हो सके।

4. ज्ञापन में शिष्टता का कोई स्थान नहीं होता केवल विशिष्ट व्यक्ति के नाम का सम्बोधन कर सन्देश को प्रेषित किया जाता है।

5. ज्ञापन में ज्ञापन जारीकर्ता का हस्ताक्षर महत्त्वपूर्ण नहीं होता।

एक प्रभावी ज्ञापन/मेमो की विशेषताएँ

(Characteristics of an Effective Memo)-

एक प्रभावी ज्ञापन तैयार करते समय निम्नलिखित बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिये

1 ज्ञापन लिखने के पूर्व यह देखना चाहिये कि उसका उद्देश्य क्या है। साथ ही साथ उन श्रोताओं/व्यक्तियों को निश्चित किया जाना चाहिये जिनके लिए ज्ञापन लिखा जा रहा है। विषय विशेष का क्षेत्र निर्धारण कर समस्त सन्दर्भ व समंकों को एकत्रित किया जाना चाहिये।

2. ज्ञापन लिखते समय उद्देश्य व पाठक की आवश्यकता को ध्यान में रखा जाना चाहिये। तथ्यों की औचित्यपूर्ण व अर्थपूर्ण प्रस्तुति की जानी चाहिए।

3. ज्ञापन लेखन के अन्त में पूर्वलिखित विषय पर पुनःविचार करना चाहिये ताकि ज्ञापन संक्षिप्त, स्पष्ट व भिन्न हो।

4. ज्ञापन लेखन के समय यथासम्भव मितव्ययिता अपनायी जानी चाहिए।

5. ज्ञापन के लेखन के समय प्राप्तकर्ता की सदभावना व सकारात्मकता को ध्यान में रखा जाना चाहिए।

कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) कार्यालय ज्ञापन का प्रयोग कर्मचारियों के प्रार्थना पत्रों/याचिकाओं का उत्तर देने या पत्रों की प्राप्ति से सम्बन्धित सूचना देने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग मन्त्रालयों के मध्य सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से किया जाता है अर्थात् इसका प्रयोग एक मन्त्रालय के एक भाग, उपभाग, शाखा, अनुभाग का दूसरे मन्त्रालयों के ऐसे ही भाग/प्रभाग, उपभाग, शाखा के अनुभाग को सूचनाओं आदि से अवगत कराने के लिए किया जाता है। इसका प्रारुप सदैव अन्य पुरुष में लिखा जाता है।

कार्यालय ज्ञापन (मेमो) मुख्यत: निम्नलिखित प्रकार के होते हैं

(i) नित्यकर्म सन्देश वाले कार्यालय ज्ञापन (Routine Message Office Memorandum) ये ज्ञापन किसी विशिष्ट कार्यालय के लिए तैयार किये जाते हैं, यद्यपि इनका प्रयोग कभी-कभी किया जाता है। यह एक फार्म (Form) के रुप में होते हैं और उसी कार्यालय को प्रेषित किये जाते है जिनके अनुसार ये बनाये जाते हैं। इसमें निहित नित्यकर्मी सन्देश प्राय: एक-से होते हैं।

(ii) अतकार्यालय पथनिर्धारण पर्ची (Intra-office Routing Slip)-इसका प्रयोग एक ही कार्यालय में कई व्यक्तियों को सूचना या सामग्री प्रेषित करने के लिए किया जाता है। इसे कार्यालय की आवश्यकता के अनुसार तैयार किया जाता है। कार्यालय की आवश्यकता के आधार पर इस पर्ची में परिवर्तन किया जाना सम्भव होता है। प्राय: इसे सीमित संख्या में मुद्रित किया जाता है।

(3) अनकल सचना कार्यालय ज्ञापन (Good News Office Memorandum)-जब कोई भी ज्ञापन किसी कर्मचारी को अनकल सूचना भेजने के लिये लिखा जाता है तो उसे अनकल कार्यालय ज्ञापन कहा जाता है। इसमें निहित सन्देश स्पष्ट, सरल एवं सीधा होता है तथा इस प्रकार ज्ञापन पाठकों को पहचानकर उन्हीं के स्तर पर लिखा जाता है।

(4) गायक मचना कार्यालय ज्ञापन (Negative Message Office Memorandum)-यदि मेमो किसी कर्मचारी को दण्डित करने से सम्बन्धित होता है नकारात्मक सूचना कार्यालय ज्ञापन कहा जाता है।

उदाहरण (Example)

1 कर्मचारी की अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण

दीवान टायर लि०

मेरठ मेमो संख्या/467

दिनांक 31 जुलाई, 2016

प्रति : श्री आर० के० वर्मा लेखाकार

द्वारा : श्री के० एस० शर्मा, एम० डी०

विषय : 29 जुलाई 2016 को कार्य पर अनुपस्थित।

कतिपय सूत्रों से हमें यह ज्ञात हुआ है कि आप दिनांक 29 जुलाई, 2016 को कार्यालय में उपस्थित नहीं थे तथा आपका कोई अवकाश प्रार्थना पत्र भी प्राप्त नहीं हुआ था।

कृपया आप अपनी अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट करने का कष्ट करें। यदि आपका उत्तर 5 अगस्त तक प्राप्त नहीं होता है तो आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।

के० एस० शर्मा

प्रबन्ध संचालक

2. कर्मचारी के स्थानान्तरण सम्बन्धी मेमो

मोहित एण्टरप्राइजेज

देहली रोड, मेरठ

सन्दर्भ : स्था०/30/2016

दिनांक : 10 जुलाई, 2016 कार्यालय आदेश श्री संजय सिंह, लेखाकार का स्थानान्तरण मुख्य कार्यालय से आगरा शाखा को कर दिया गया है। वह अपना कार्यभार श्री अजय अग्रवाल, प्रबन्धक लेखाविभाग को सौंप कर श्री श्यौराज सिंह, शाखा प्रबन्धक आगरा को 20 जुलाई, 2016 तक सूचित करें।

एस० डी० शर्मा

प्रबन्धक

प्रतिलिपि सूचनार्थ :

1. संजय सिंह, लेखाकार।

2. अजय अग्रवाल, प्रबन्धक लेखा विभाग।

3. श्यौराज सिंह, शाखा प्रबन्धक, आगरा।

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(Expected Important Questions for Examination)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 सरकारी पत्र से क्या आशय है ? सरकारी तथा व्यावसायिक पत्र में अन्तर कीजिए।

What is meant by Official Letters ? Distinguish between official letters and business letters.

2. ज्ञापन क्या है ? एक प्रभावी ज्ञापन की विशेषताएँ बताइए।

What are memos? Explain the characteristics of an effective memo.

3. कार्यालय ज्ञापन क्या है ? यह कितने प्रकार का होता है ?

What is office memorandum ? Explain its types.

4. मेमो क्या है ? इसके लाभों एवं हानियों का वर्णन कीजिए। अपनी ड्यूटी पर न आने के लिये स्पष्टीकरण देने हेतु नमूने के तौर पर एक मेमो लिखिए।

What is memo ? Discuss its advantages and disadvantages. Draft a specimen of memo asking for explanation for not attending the duty.

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

1 सरकारी पत्र तथा व्यापारिक पत्र में अन्तर कीजिए।

Distinguish between official letter and business letter.

2. मेमो क्या है ?

What is memo ?

3. कार्यालय ज्ञापन कितने प्रकार का होता है ?

Explain the types of office memo.

4. मेमो का प्रयोग किन उद्देश्यों के लिये किया जाता है ?

For what purposes memo are used ?

Communication Official Letters office

chetansati

Admin

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