BCom 2nd Year Computation Income Tax Liability Individuals Study Material Notes in Hindi

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BCom 2nd Year Computation Income Tax Liability Individuals Study Material Notes in Hindi

BCom 2nd Year Computation  Income Tax Liability Individuals Study Material Notes in Hindi : Agricultural Income and Tax Liability Computation of Tax Payable At a Glance  Alternate Minimum Taxon Persons Other than a Company Explanation of the Important Terminology used in AMT Examination Questions Long Answer Question Short Answer Question ( Most Important Notes for BCom 2nd Year Students )

Liability Individuals Study Material
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BCom 2nd Year Cost Accounting Fundamental Aspects Notes

व्यक्तियों के करदायित्व की गणना

(COMPUTATION OF TAX LIABILITY OF INDIVIDUALS)

व्यक्तियों के कर-निर्धारण के द्वितीय चरण में व्यक्ति द्वारा देय कर की गणना की जाती है। किसी व्यक्ति द्वारा देय आय-कर अथवा उसके कर-दायित्व की गणना निम्नलिखित प्रकार की जाती है

1 सर्वप्रथम पीछे बतायी गयी विधि के अनुसार सम्बन्धित व्यक्ति की कुल आय की गणना की जायेगी।

2. कुल आय को पूर्णाकित करना (Rounding off of Total Income)-उपरोक्त कर-योग्य आय/कुल आय को 10 के गुणांक में पूर्णाकित (Round off) करते हैं। इसके लिए कुल आय का अन्तिम अंक 5 या इससे अधिक होने पर कुल आय को 10 तक आगे बढ़ाया जाता है एवं अन्तिम अंक 5 से कम है तो इसे हटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए

गणना की हुई कुल आय

(Calculated Total Income)

पूर्णाकित कुल आय

(Rounded off Total Income)

₹1,70,796

₹1,70,800
₹1,70,795

 

₹ 1,70,800
₹1,70,792 ₹1,70,790

 

3. एक व्यक्ति पर आयकर तभी लगेगा जबकि उसकी कुल आय/करयोग्य आय, करमुक्त सीमा (Exemption limit) से अधिक है। वित्त अधिनियम, 2017 के द्वारा कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 हेतु कर-मुक्त सीमा 60 वर्ष से कम आयु वाले निवासी पुरुष एवं महिला करदाता के लिए 2,50,000१, 60 वर्ष या अधिक परन्तु 80 वर्ष से कम आयु के निवासी व्यक्तियों (परुष एवं महिला दोनों) के लिए 3 लाख ₹,80 वर्ष या अधिक आयु वाले निवासी व्यक्ति (पुरुष एवं महिला) करदाता के लिए 5 लाख र है। सकल कर-दायित्व की गणना (Computation of Gross Tax Liability)-कर-योग्य आय को निम्नलिखित चार वर्गो (Four Groups) में विभाजित कर लें एवं इनसे सम्बन्धित नीचे बतायी गयी आय-कर दरों के अनुसार कर की गणना कर लें

(a) दीर्घकालीन पूँजी लाभ (L.T.C.G.) [u/s 112]-कर की दर 20%: (b) दीर्घकालीन प्रतिभूतियों के सम्बन्ध में दीर्घकालीन पूँजी लाभ

(1) जिन पर प्रतिभूति व्यवहार कर (S.T.T.) दिया गया है-धारा 10(38)-Nil (II) जिन पर प्रतिभूति व्यवहार कर (S.T.T.) नहीं दिया गया है

() सूचीगत (Listed) प्रतिभूति यदि सूचकांकित (Indexation) है-20%

() सूचीगत (Listed) प्रतिभूति यदि बिना सूचकांकित (Indexation) है-10% (ii) धारा 111A के अन्तर्गत अल्पकालीन पूँजी लाभ पर (S.T.C.G. u/s 111A)-15%;

धारा 111A के अन्तर्गत कर की णना करने सम्बन्धी शर्ते(a) यह धारा किसी कम्पनी के सूचीयत समता अंशों (Listed Equity Shares) व समता आधारित कोषों की यूनिटों (Units of Equity Oriented Funds) एवं व्यावसायिक ट्रस्ट के यूनिट पर लागू होगी। (b) समता अंशों एवं समता आधारित कोषों की यूनिटों का विक्रय मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से किया गया हो।

(c) ऐसी प्रतिभूतियों के व्यवहार पर प्रतिभूति व्यवहार कर (Securities Transaction Tax) वसूला गया।

(iii) धारा 11BB के अन्तर्गत आकस्मिक आयें (Incomes) जैसे-लाटरी, वर्ग-पहेली, दौड़ एवं घुड़दौड, टी० वा० गेम, ताश के खेल, जुए एवं शर्त लगाने से हुई आय-कर की दर 30% (iv) कुल आय में से उपरोक्त 40, 4(ii) एवं 4

(iii) की राशि घटाने के बाद बची हुई शेष कुल आय पर आय-खण्ड के अनुसार आय-कर की सामान्य दरों से कर लगेगा। वित्त अधिनियम 2017 के द्वारा कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 हेतु आय-खण्ड (Income slab) के अनुसार आय-कर की निम्नलिखित सामान्य दरें तय की गयी हैं

कृषि आय एवं कर दायित्व

(Agricultural Income and Tax Liability)

आय-कर अधिनियम की धारा 10(1) के अनुसार कृषि आय, आय-कर से मुक्त है। कर निर्धारण वर्ष 1973-74 तक कृषि आय पूर्णतया कर मुक्त थी अर्थात् न तो कृषि आय पर आय-कर लगता था और न अन्य आयों पर आय-कर ज्ञात करने के लिये इसे । कुल आय में सम्मिलित किया जाता था, परन्तु कर निर्धारण वर्ष 1974-75 से व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार करदाता का कर दायित्व ज्ञात करते समय कृषि आय को ध्यान में रखा जाता है। निम्नलिखित दोनों शर्ते पूरी होने पर कृषि आय को कुल आय में अलग से जोड़कर सर्वप्रथम संयोजित आय (Aggregated income) पर सकल कर-दायित्व ज्ञात किया जाएगा और इसके बाद कृषि आय पर सीमान्त दर से कर की छूट घटाई जाएगी

1 यदि व्यक्ति या हिन्द अविभाजित परिवार करदाता की कल आय (कृषि आय को छोड़कर) 2,50,000 ₹ 3,00,000 अथवा 5 लाख ₹ जो भी लागू हों की करमुक्त सीमा से अधिक हो, तथा

2. कृषि आय की राशि 5,000 ₹ से अधिक हो। उपरोक्त दोनों शर्ते पूरी होने पर कर की गणना निम्न प्रकार की जाएगी

Step I : कुल आय + कृषि आय = संयोजित आय पर निर्धारित दरों से आय-कर

Step II: घटाइये-कृषि आय + आय की प्रभावी करमुक्त सीमा की राशि परं आय-कर

देय आय-कर शुद्ध कर दायित्व की गणना (Computation of Net Tax Liability)-उपर्युक्त के अनुसार परिकलित किये गये सकल। कर-दायित्व (Gross Tax Liability) की राशि में से निम्नलिखित रकमों (यदि कोई हों तो), को घटाइए, शेष रकम व्यक्ति करदाता द्वारा शुद्ध देय आय-कर की राशि कही जायेगी

(i) उद्गम स्थान पर काटा गया तथा संग्रह किया गया कर (Tax deducted at source),

(ii) अग्रिम चुकाया गया कर (Advance tax paid),

(III) स्वयं कर-निर्धारण के अन्तर्गत चुकाया गया कर (Tax paid under self assessment)

कर में कटौती (Rebate of Tax)-यदि व्यक्ति करदाता की कुल आय में ऐसी आय शामिल की गयी है जिस पर पहले ही कर लग चुका है तो उसे इस सम्बन्ध में कर की राशि में से कुछ छूट दी जाती है, जिसे कर में कटौती कहते हैं। इस सम्बन्ध में आयकर अधिनियम में निम्न प्रावधान है

व्यक्तियों के संघ अथवा व्यक्तियों के समूह (AOP or BOI) के सदस्य को कर में कटौती (Tax Rebate for Share of Profit from AOP or BOI) (धारा 86 एवं धारा 110)-यदि AOP अथवा BOI ने अपनी कुल आय पर कर की सामान्य दरों से आय-कर चुकाया है तो सदस्य की आय का भाग सदस्य की अपनी कुल आय में शामिल होगा। सदस्य को आय के इस भाग पर आय-कर की औसत दर से कौती दी जाएगी। नोट-जब AOP अथवा BOI के किसी भी सदस्य की आय कर-मुक्त सीमा से अधिक नहीं होती एवं AOP अथवा BOI की अपनी आय

करमुक्त सीमा से अधिक होती है तो AOP अथवा BOL को अपनी कुल आय पर सामान्य दरों से आय-कर देना होता है। कर में राहत (Relief of Tax) (धारा 89 एवं नियम 21A) यदि किसी गत वर्ष में किसी व्यक्ति करदाता को

() पुराना बकाया वेतन मिलने के कारण, अथवा

() अग्रिम वेतन मिलने के कारण, अथवा

() 12 माह से अधिक वेतन मिलने के कारण, अथवा

() वेतन के स्थान पर लाभ मिलने के कारण, अथवा

() परिवार पेंशन का बकाया मिलने के कारण

उसकी आय पर उस दर से अधिक दर से कर लगता है जो दर उस पर अन्यथा लागू होती तो सम्बन्धित व्यक्ति करदाता द्वारा इस सम्बन्ध में धारा 89 के अन्तर्गत प्रार्थना-पत्र देने पर कर-निर्धारण अधिकारी द्वारा उसे नियम 21A द्वारा निर्धारित कर राहत प्रदान की जाती है।

बकाया वेतन प्राप्त होने पर कर राहत की गणना निम्न प्रकार की जाती है

(i) गत वर्ष की कुल आय (बकाया वेतन को शामिल करके) पर देय आय-कर की गणना करेंगे।

(ii) गत वर्ष की कुल आय में से बकाया वेतन की राशि घटाकर शेष आय पर देय आय-कर की गणना करेंगे।

(iii) उपर्युक्त (i) में परिकलित देय आय-कर की राशि में से  में परिकलित देय आय-कर की राशि को घटा देंगे एवं इस प्रकार बची हुई शेष राशि को बकाया वेतन पर देय आय-कर माना जाएगा।

(iv) बकाया प्राप्त वेतन की राशि जिन-जिन गत वर्षों से सम्बन्धित है. प्राप्त बकाया वेतन की राशि को उन-उन गत वर्षों की आय में जोड़ देंगे एवं प्रत्येक गत वर्ष की कुल आय पर उस गत वर्ष के लिए निर्धारित आय-कर की दरों से देय आय-कर की गणना कर लेंगे।

(v) प्राप्त बकाया वेतन से सम्बन्धित गत वर्षों में से प्रत्येक गत वर्ष की कुल आय (बकाया प्राप्त वेतन को शामिल किये बिना) पर उस गत वर्ष के लिए निर्धारित आय-कर की दरों से आय-कर की गणना कर लेंगे।

(vi) उपर्युक्त (iv) में परिकलित आय-कर की राशि में से (v) में परिकलित कर की राशि को घटा देंगे एवं इस प्रकार बची

हुई राशि सम्बन्धित गत वर्ष के बकाया प्राप्त वेतन पर देय आय-कर की राशि होगी। इस प्रकार प्रत्येक गत वर्ष के बकाया वेतन पर परिकलित देय आय-कर की राशि का योग कर लेंगे जो सभी गत वर्षों के बकाया प्राप्त वेतन पर देय  आय-कर की राशि कही जाएगी। ( अन्त में, उपर्युक्त (iii) में परिकलित बकाया वेतन पर देय आय-कर की राशि में से

(vi) में परिकलित की गयी सभी वर्षों के बकाया प्राप्त वेतन पर देय आय-कर की राशि को घटा देंगे, शेष बची हुई राशि ही धारा 89 में कर राहत की। राशि होती है। नोट-देय आय-कर की गणना करते सपय कर की राशि में अधिभार (Surcharge) (यदि देय है) एवं EC तथा SHEC की राशि भी शामिल की जाती है।

कम्पनी के अतिरिक्त अन्य सभी व्यक्तियों पर वैकल्पिक

न्यूनतम कर का प्रावधान (धारा 115JC to 115JE)

(Alternate Minimum Taxon Persons Other than a Company)

कम्पनी की भाँति कर-निर्धारण वर्ष 2013-14 से कम्पनी के अतिरिक्त अन्य सभी व्यक्तियों पर भी वैकल्पिक न्यनतम कर। (AMT) की व्यवस्था लागू की गई है। वैकल्पिक न्यूनतम कर (AMT) से सम्बन्धित प्रमुख प्रावधान निम्न प्रकार हैं

वैकल्पिक न्यूनतम कर के प्रावधान किन व्यक्तियों पर लाग होंगे [धारा 11JEE(1)] (To Whom AMT shall be Applicable)

(i) कम्पनी के अतिरिक्त अन्य कोई भी व्यक्ति जिसने गत वर्ष में धारा 80P के अतिरिक्त धारा 80IA से धारा 80RRB एवं धारा 10AA के अन्तर्गत कटौती प्राप्त करने का दावा किया है।

(ii) गतवर्ष में परिकलित नियमित आय-कर (Regular Income-tax) की राशि देय वैकल्पिक न्यूनतम कर से कम है।

अपवाद (Exception)-यदि किसी व्यक्ति (Individual), हिन्दू अविभाजित परिवार (H.U.F.), व्यक्तियों के संघ (AOP), व्यक्तियों के समुदाय (BOD या कृत्रिम व्यक्ति की समायोजित कुल आय बीस (20) लाख से अधिक नहीं है तो उस पर वैकल्पिक न्यूनतम कर का प्रावधान लागू नहीं होगा अर्थात् यथावत सामान्य ढंग से परिकलित किये जाने वाले आय-कर का ही भुगतान करना होगा।

कर दायित्व (Tax Liability)-समायोजित कल आय को ही उक्त व्यक्ति की कुल आय माना जायेगा एवं इस आय पर 18.5% + शिक्षा उपकर 3% की दर से कर देना होगा।

अंकेक्षण रिपोर्ट (Audit Report)-वैकल्पिक न्यूनतम कर (AMT) का भुगतान करने वाले व्यक्ति को किसी C.A. से निर्धारित प्रपत्र में इस आशय का प्रमाण-पत्र लेना होगा कि उसने समायोजित कुल आय की राशि की गणना तथा उस पर देय वैकल्पिक न्यूनतम कर की राशि की गणना आय-कर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की है एवं उक्त अंकेक्षण रिपोर्ट को धारा 139(1) में वर्णित आय-कर विवरणी (Income tax Return) दाखिल करने की देय तिथि पर या उससे पूर्व आय-कर विभाग में जमा करना होगा।

वैकल्पिक न्यूनतम कर के लिए क्रेडिट (Credit for AMT) (धारा 11JD)-यदि कोई व्यक्ति वैकल्पिक, न्यूनतम कर (AMT) का भुगतान करता है तो नियमित आय-कर (Regular Income-tax) की तुलना में (वैकल्पिक न्यूनतम कर-नियमित आय-कर) जितनी अधिक राशि का भुगतान हुआ है, उसे उतनी राशि का क्रेडिट प्रदान किया जायेगा। उदाहरण के लिए, यदि कल कर-योग्य आय पर देय आय-कर 25,000₹ है एवं धारा 11JC के अन्तर्गत चुकाया गया वैकल्पिक न्यूनतम कर 60,000₹ है तो 35,000 ₹ का कर क्रेडिट (Tax Credit) सम्बन्धित व्यक्ति को दिया जायेगा। जिस कर-निर्धारण वर्ष से यह कर क्रेडिट मान्य/स्वीकृत होता है, उसके अगले 10 कर-निर्धारण वर्षों तक पूर्ति के लिए आगे ले जाया जा सकता है। यह भी उल्लेखनीय है। कि यह पूर्ति उस कर-निर्धारण वर्ष में एवं उतनी राशि तक ही की जायेगी जिस कर-निर्धारण वर्ष में नियमित आय-कर की रकम धारा 115JC के अन्तर्गत देय वैकल्पिक न्यूनतम कर से जितनी अधिक है। उदाहरण के लिए, यदि किसी कर-निर्धारण वर्ष में नियमित आय-कर 50,000₹ है तथा धारा 115JC के अन्तर्गत देय वैकल्पिक न्यूनतम कर 35,000₹ है तो उक्त कर-निर्धारण वर्ष में 50,000 – 35,000 = 15,000₹ की ही पूर्ति की जा सकती है एवं 35,000 ₹ कर चुकाना पड़ेगा।

विशेषकर के क्रेडिट पर कोई ब्याज देय नहीं होगा।

वैकल्पिक न्यूनतम कर व्यवस्था में प्रयुक्त महत्त्वपूर्ण शब्दावली की व्याख्या

(Explanation of the Important Terminalogy used in AMT)

1 समायोजित कुल आय (Adjusted Total Income) [धारा 115JC(2)]-समायोजित कुल आय से अभिप्राय अध्याय XII-BA के प्रावधानों (धारा 115JC से धारा 115JF) को प्रभावी करने से पूर्व अध्याय VI-A की धारा 80P को कोडकर धारा 80IA से धारा 80RRB अर्थात् धारा 80IA, 80IAB. 80IB. 80IC. 80TD. 80IE, 80JJA, BOLA, 80QCBI तथा 80RRB एवं धारा 10AA के अन्तर्गत विशेष आर्थिक क्षेत्र में स्थापित नई इकाई के लाभों के सम्बन्ध में कटौता का दावा । किया गया है तो इन धाराओं से सम्बन्धित मांगी गई कटौती की राशि को परिकलित की गई कर-योग्य आय में जोड़कर प्राप्त आय की राशि से है।

2. न्यनतम वैकल्पिक कर (AMTD Iधारा 115JEDIT-धारा 115IC(2) के अन्तर्गत परिकलित समायोजित कुल आय। पर 18.5% की दर से परिकलित आय-कर की राशि न्यूनतम वैकल्पिक कर कहलाती है।

3. नियमित आयकर (Regular Income Tax) [धारा 115JF(d)]-नियमित आय-कर से आशय अध्याय XIIBA (धारा 115JC से 115JF) को ध्यान में रखे बिना आय-कर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सम्बन्धित व्यक्ति का गत वर्ष की कुल आय पर देय आय-कर से है।

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

क्रियात्मक प्रश्न

(Numerical Questions)

(1) कुल आय की गणना से सम्बन्धित प्रश्न

(Questions Related to Computation of Total Income)

1 निम्नलिखित सूचनाओं के आधार पर कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए पुरूष कर्मचारियों द्वारा देय आयकर की राशि गणना कीजिए

From the following information determine the income tax payable by male employees for assessment year 2018-19 :

कर्मचारी (Employee)

A B C D
सकल वेतन (Gross Salary)

 

2,10,000 6,65,000 10,00,000 20,50,000
पी० पी० एफ० में अंशदान (Contribution to P.P.F.) 45,000 50,000 1,40,000 1,60,000

 

2. कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए श्री x की कुल आय एवं कर दायित्व की गणना कीजिये।

(i) मूल वेतन 40,000 ₹ प्रति माह

(ii) महंगाई भत्ता 2,000₹ प्रति माह

(iii) दो बच्चों के लिये शिक्षा भत्ता 600₹ प्रति माह

(iv) x का नियोक्ता द्वारा भुगतान किया गया बिजली बिल 10,000₹

(v) 2017-18 में प्राप्त किया यूनिफार्म भत्ता 10.000₹ लेकिन खर्च किया 8.000

(vi) नियोक्ता ने घरेल कर्मचारी नियक्त किया एवं उसका वेतन दिया 600 प्रतिमाह

(vii) किराया मक्त घर नियोक्ता ने किराया दिया 36,000 ₹ प्रतिवर्ष। फनीचर का किराया 600 ₹ प्रतिमाह

(viii) मकान सम्पत्ति से हानि (गणना की गयी) 10,000 ₹

(ix) चेक द्वारा भुगतान किया गया X का 2017-18 का स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम 2.000

Calculate the total income and tax liability of Mr. X for the assessment year 2018-19

(i) Basic Salary ₹40,000 per month.

(ii) Dearness Allowance ₹2,000 per month.

(iii) Children Education Allowance in respect of two children, 600 per month

 (iv) Electricity Bills of x paid by employer ₹ 10,000.

(v) Received Uniform Allowance ₹10,000 but spent ₹ 8,000 during 2017-18.

(vi) Domestic servant appointed and salary paid by emplover 600 per month.

(vii) Rent free accommodation, rent paid by employer * 36,000 p.a, hire charges of furniture ₹600p.m.

(viii) Loss from house property computed ₹ 10,000.

(ix) Health insurance premium of X in 2017-18 paid by cheque < 2,000.

Ans. Income from Salary ₹ 5,71,200; Total Income ₹ 5.59.200; Tax Payable ₹ 25,070.

3. श्री रवि (आयु 63 वर्ष) दिल्ली में एक कम्पनी में कार्यरत हैं। वह 40,000₹ मासिक वेतन तथा वेतन का 50% महंगाई भत्ता प्राप्त कर रहे हैं। कम्पनी ने उन्हें सुसज्जित मकान दिया है। कम्पनी 10,000₹ प्रतिमाह असुसज्जित मकान के किराये क रूप में भुगतान करती है। कम्पनी द्वारा दिये गये फर्नीचर की लागत 80.000₹ है। इस मकान के किराये के रूप में। कम्पनी श्री रवि से 750१ प्रतिमाह वसल करती है। इसके अतिरिक्त श्री रवि के 6,000 ₹ के फोन बिलों का भुगतान कम्पनी द्वारा किया गया है। श्री रवि की अन्य आय का विवरण निम्नवत् है

(i) भूमि के सम्बन्ध में दीर्घकालीन पूँजी लाभ                          3,00,000

(ii) अंशों (सूचीकृत नहीं) के सम्बन्ध में दीर्घकालीन पूँजी लाभ    2,00,000

(iii) लॉटरी से जीत (प्राप्त)                                                    70,000

(iv) घुड़दौड़ से जीत (प्राप्त)                                                   3,000

(v) अन्य आय                                                                     2,95,000

श्री रवि के पास मेरठ में एक मकान है. जो उनके दिल्ली में कार्यरत होने के कारण पूरे गत वर्ष खाली रहा है। इस मकान की मरम्मत के लिए एक अनुसूचित बैंक से लिए गये ऋण के सम्बन्ध में उन्होंने गत वर्ष में 50,000 ऋण पर ब्याज तथा 22,000 मूलधन के रूप में भुगतान किये। श्री रवि ने अपनी पॉलिसी पर चैक द्वारा 22.000 मेडिक्लेम बीमा प्रीमियम का भुगतान किया तथा अपने सार्वजनिक प्रॉविडेण्ट फण्ड में 1,35,000 का अंशदान किया। कर-निधारण वर्ष 2018-19 के लिए श्री रवि की कुल आय तथा कर-दायित्व का निर्धारण कीजिए।

Mr. Ravi (Age 63 years) is employed in a company in Delhi. He is drawing a salary of 40,000 p.m. plus 50% of salary as dearness allowance. He has been provided with a furnished house by the company. The company pays ₹ 10,000 p.m. as the rent of the unfurnished house. Cost of the furniture provided by the company is 80,000. The company charges 750 p.m. Mr. Ravi as the rent of this house. Besides, the company paid the phone bills of ₹6,000 of Mr. Ravi. Particulars of other income of Mr. Ravi are as under:

(i) Long-term capital gains in respect of land                                   3,00,000

(ii) Long-term capital gains in respect of shares (non-listed)            2,00,000

(iii) Winnings from lottery (received)                                                 70,000

(iv) Winning from horse race (received)                                            3,000

(v) Other income                                                                               2,95,000

Mr. Ravi owns a house in Meerut which remained vacant throughout the previous year as he is employed in Delhi. He paid ₹50,000 as interest on loan and ₹ 22,000 as principal amount in the previous year regarding the loan taken from a scheduled bank for the repair of this house. Mr. Ravi paid mediclaim insurance premium of ₹ 22,000 by cheque on own policy and contributed र 1,35,000 in his public provident fund.

Determine the total income and tax liability of Mr. Ravi for the assessment year 2018-19.

Ans. Income from Salary ₹ 7,97,000; L.T.C.G. ₹ 5,00.000; Income from Other Sources  3,98,000; Loss from House Property ₹ 30,000; Deduction u/s 80C ₹ 1,35,000 and u/s 80D ₹ 22,000; Total Income ₹ 15,08,000; Tax Payable ₹ 2,28,248 Rounded off ₹ 2,28,250: TDSI

on Lottery ₹ 30,000; Net Tax Liability ₹ 1,98,250.

4. कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिये एक व्यक्ति की आय के निम्नलिखित साधन हैं

An individual has the following sources of income for the assessment year 2018-19 :

(i) वेतन से सकल आय (Gross income from salary)                        50,000

(ii) मकान सम्पत्ति से आय (गणना की गई)

[Income from House Property (computed)]                                       34,000

(iii) व्यापार से आय (Income from Business)                                   5,14,000

(iv) बैंक में स्थायी जमा पर ब्याज (Interest on fixed deposit in a bank)   8,000

उसने 8,000 ₹ जीवन बीमा प्रीमियम दिया तथा एक अनुमोदित संस्था को चैक द्वारा 5,000 ₹ दान दिया। कर-निर्धारण वर्ष 2017-18 के लिए करदाता के सकल कर दायित्व की गणना कीजिए।

He has paid life insurance premium of 8,000 and donated a sum of 5,000 by cheque to an approved institution. Calculate the gross tax liability of the assessee for the assessment year 2018-19.

Ans. G.T.I. ₹6,06,000; Taxable Income ₹ 5,95,500; Gross Tax Liability ₹ 32,548.

नोट– न्यूनतम वैकल्पिक कर (AMT) का प्रावधान लागू नहीं होगा।

5. निम्नलिखित सूचनाओं के आधार पर कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए सकल कर-दायित्व की गणना कीजिए

From the following information compute Gross Tax Liability for A.Y. 2018-19 :

(i) सकल वेतन (Gross Salary)                                                                  3,75,000

(ii) राष्ट्रीय बचत पत्र (N.S.C.) पर अर्जित ब्याज (Interest earned on N.S.C.)   8,000

(iii) बैंक में स्थायी जमा पर ब्याज (Interest on Fixed Deposit in a Bank)        2,000

(iv) विकलांग पुत्र के पुनर्वास पर व्यय (Expenses on rehabilitation of handicapped son) । 10,000

(v) प्रमाणित प्रॉविडेन्ट फण्ड में जमा किया (Deposited in R.P.F.)                    15,000

(vi) जीवन बीमा प्रीमियम (L.I.C. Premium)                                                  5,000

Ans. Total Income ₹2,82,000; Gross Tax Liability Nil.

नोट न्यूनतम वैकल्पिक कर (AMT) का प्रावधान लागू नहीं होगा।

6. निम्नलिखित सूचनाओं से करदायित्व की गणना कीजिए

From the following information, calculate tax liability :

कुल कर-योग्य आय 12,70,000 ₹ जिसमें निम्नलिखित मदों से आय सम्मिलित है

Total taxable income ₹ 12,70,000 includes the following incomes :

(i) ताश के खेल से आय (Income from card games)                                        64,000

(ii) लॉटरी से प्राप्त आय (Income received from lottery)                                  35,000

(iii) 02-02-2018 को मान्यता प्राप्त स्कन्ध विपणि के माध्यम से बेचे गये समता अंशों पर दीर्घकालीन लाभ

40,000

(Long-term capital gains on transfer of equity shares on 02-02-2018 through a recognized stock exchange)

(iv) लॉटरी टिकट पर व्यय (Expenses on lottery tickets)                                  10,000

Ans. Gross Tax Liability ₹ 1,81,500; Net Tax Payable ₹ 1,52,745.

नोट– न्यूनतम वैकल्पिक कर (AMT) का प्रावधान लागू नहीं होगा।

7. श्री आनन्द गत वर्ष 2017-18 की अपनी आयों का निम्नलिखित विवरण प्रस्तुत करता है

Shri Anand furnishes the following details in respect of his Income of previous year 2017-18:

(i) सरकारी प्रतिभूतियों से ब्याज (सकल) [Interest on Govt. Securities (Gross)]

(ii) मकान सम्पत्ति से कर-योग्य आय (Income from House Property)

(iii) व्यापार से लाभ (Income from Business)

(iv) शुद्ध कृषि आय (Net Agriculture Income) कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के कर-दायित्व की गणना कीजिए।

Compute tax-liability for the assessment year 2018-19.

Ans. Total Income ₹2,85,000; Net Tax Payable Nil.

नोट– न्यूनतम वैकल्पिक कर (AMT) का प्रावधान लागू नहीं होगा।

 

chetansati

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