BCom 3rd Year Corporate Accounting Redemption Debentures Study Material Notes in hindi

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BCom 3rd Year Corporate Accounting Redemption Debentures Study Material Notes in Hindi

Table of Contents

BCom 3rd Year Corporate Accounting Redemption Debentures Study Material Notes in Hindi:  Redemption of Debentures  Mobilization of Funds  for Debentures  Method of Redemption of Debentures Journal Entries Cumulative Sinking fund  Ledger Accounts Debentures holders Account  General Reserve Account ( Most Important Notes For BCom Students )

Redemption Debentures Study Material
Redemption Debentures Study Material

BCom 2nd Year Cost Accounting Study Material Notes in Hindi.

ऋणपत्रों का शोधन

(Redemption of Debentures)

ऋणपत्रों का शोधन (Redemption of Debentures)

ऋणपत्रों के शोधन का आशय एक कम्पनी द्वारा निर्गमित ऋणपत्रों पर उसके दायित्व से मुक्ति से होता है। शोधन की दृष्टि से ऋणपत्रों को दो भागों में बाँटा जा सकता है – शोध्य और अशोध्य। अशोध्य ऋणपत्रों (Irredeemable Debentures) का कम्पनी के जीवन काल में भुगतान नहीं किया जाता है किन्तु शोध्य ऋणपत्रों (Redeemable Debentures) का भुगतान कम्पनी द्वारा इनके निर्गमन की शर्तों के अनुसार बिना किसी वैधानिक औपचारिकताओं को पूरा किये कभी भी किया जा सकता है।

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 71(1) के अनुसार एक कम्पनी शोधन के समय पूर्णतः अथवा अंशतः इनके अंशों में परिवर्तन के विकल्प सहित ऋणपत्र निर्गमित कर सकती है। किन्तु ऐसे निर्गमन का कम्पनी की व्यापक सभा में एक विशेष प्रस्ताव द्वारा अनुमोदन आवश्यक है।

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 71(4) के अनुसार जब एक कम्पनी इस धारा के अधीन ऋणपत्रों का निर्गमन करती है तो उसे लाभांश के लिये उपलब्ध अपने लाभों से एक ऋणपत्र शोधन संचय खाता (Debenture Redemption Reserve Account) सृजित करना होगा तथा इस खाते में जमा की गयी राशि का ऋणपत्रों के शोधन के अतिरिक्त किसी अन्य कार्य के लिये प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।

ऋणपत्रधारियों के हित की सुरक्षा के लिये सेबी के दिशानिर्देश

(SEBI Guidelines for the Protection of Interest of Debenture holders)

1982 में ऋणपत्रधारियों के हित की रक्षा के लिये सेबी ने दिशानिर्देश जारी किये जिनमें सन् 2000 तक समय-समय पर संशोधन किये जाते रहे हैं। दिशानिर्देयों की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं :

(1) ऋणपत्र निर्गम का उद्देश्य (Purpose of Debenture Issue) : कम्पनियाँ ऋणपत्र निर्गम किसी भी उद्देश्य के लिये कर सकती हैं। किन्तु उसी समूह की दूसरी कम्पनियों के पुनरापूरित कोषों (replenishing funds) के वित्तीयन (अर्थात् इन्हें ऋण प्रदान करने) अथवा इनके अंश क्रय करने के लिये ऋणपत्रों के निर्गम की अनुमति नहीं है। इस कार्य के लिये अंशों के निर्गम अथवा 18 माह की अवधि के अन्तर्गत परिवर्तन प्रदान करने वाले पूर्ण परिवर्तनीय ऋणपत्रों के निर्गम पर यह प्रतिबन्ध लागू नहीं होता।

(2) 36 माह से अधिक परिवर्तन अवधि वाले पूर्णतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों का निर्गम (Issue of Fully Convertible Debentures with a period of more than 36 months) : ऐसे निर्गमों में परिवर्तन ऋणपत्रधारियों के लिये put and call option के साथ ऐच्छिक बनाना होगा।

(3) अनिवार्य साख मूल्यांकन (Compulsory Credit Rating) : 18 माह से अधिक अवधि के बाद परिवर्तन वाले पूर्णतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों तथा 18 माह से अधिक अवधि के बाद परिपक्व होने वाले अपरिवर्तनीय ऋणपत्रों एवं अंशतः परिवर्तनीय ‘ऋणपत्रों के निर्गम की दशा में कम्पनी को किसी मान्य संस्था से अपनी साख का मूल्यांकन कराना आवश्यक है। _

(4) परिवर्तन पर प्रीमियम और परिवर्तन के समय का पूर्वनिर्धारण (Pre-determination of Premium on Conversion and Time of Conversion) : पूर्णतः और अंशतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों पर प्रीमियम और परिवर्तन का समय पहले से ही तय करना होगा तथा इसे प्रविवरण में बतलाना होगा।

(5) ब्याज दर (Interest Rate) : ऋणपत्रों पर देय ब्याज-दर के निर्धारण के लिये कम्पनी पूर्णतः स्वतंत्र है।।

(6) ऋणपत्र न्यासियों की नियुक्ति (Appointment of Debenture Trustees) : 18 माह से अधिक परिपक्वता अवधि। वाले ऋणपत्रों के लिये कम्पनी को अपने प्रविवरण में ऋणपत्र न्यासियों के नामों का उल्लेख कर देना चाहिये।

(7) ऋणपत्र..पन संचिति सजित करना (Creating Debenture Redemption Reserve) : प्रत्येक कम्पनी, जो ऋणपत्रों । द्वारा संसाधन जुटाती है, को इनके शोधन का इरादा करने से पूर्व निर्गमित ऋणपत्रों की राशि के 50% के बराबर राशि ऋणपत्र शोधन संचिति में हस्तान्तरित करना आवश्यक है। ऋणपत्र शोधन संचिति सृजन का उद्देश्य ऋणपत्रों पर ब्याज और मूलधन के समय पर भुगतान को सुगम बनाना है। इसके लिये निम्न लेखा प्रविष्टि की जायेगी :

Corporate Accounting Redemption Debentures

Surplus Account                                                                       Dr.

To Debenture Redemption Reserve Account

(8) ऋणपत्र शोधन संचिति से निकासी (Draw out from Debenture Redemption Reserve): ऋणपत्र शोधन संचिति से निकासी तभी अनुमत है जबकि ऋणपत्र दायित्व का 10% शोधन किया जा चुका हो।

सेबी दिशानिर्देशों, कम्पनी अधिनियम की धारा 71 और कम्पनी कानून मामलों के विभाग द्वारा निर्गत स्पष्टीकरणों का सार

(1) पूर्णतया अपरिवर्तनीय ऋणपत्रों और अंशतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों के अपरिवर्तनीय भाग के लिये सृजन करना ही आवश्यक है।

वह भी तब जबकि ऋणपत्र शोधन अवधि 18 माह से अधिक हो। नई कम्पनियों के परिवर्तनीय निर्गमों के सम्बन्ध में ऋणपत्र शोधन संचिति का सृजन ऋणपत्रों के बकाया जीवन के लिये कम्पनी के लाभ अर्जित करने के वर्ष से प्रारम्भ किया जाना चाहिये।

(2) निम्न परिस्थितियों में ऋणपत्र शोधन संचिति सृजित करना आवश्यक नहीं हैं :

(i) यदि ऋणपत्रों के परिपक्वता की अवधि 18 माह या इससे कम है। (ii) पूर्णतया परिवर्तनीय ऋणपत्रों तथा अंशतः परिवर्तनीय ऋणपत्रों के परिवर्तनीय भाग के लिये इस संचिति का सृजन आवश्यक नहीं है। (iii) यदि कम्पनी ने ऋणपत्रों के शोधन के लिये सिंकिंग फण्ड बनाया है तो ऋणपत्र शोधन संचिति का सृजन आवश्यक नहीं है। किन्तु जब तक सिंकिंग फण्ड की राशि ऋणपत्रों के अंकित मूल्य की राशि के 50% न हो जाये तब तक ऋणपत्रों का शोधन नहीं किया जा सकता है।

(3) रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों और बैंकिंग कम्पनियों द्वारा सार्वजनिक व निजी व्यवस्था द्वारा निर्गमित ऋणपत्रों के लिये यह संचिति आवश्यक नहीं है। कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 2(70) के अन्तर्गत आने वाले अन्य वित्तीय संस्थानों के लिये ऋणपत्र शोधन संचय रिजर्व बैंक के साथ पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों (NBFCs) के समान होगा। रिजर्व बैंक के साथ रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया (संशोधन) अधिनियम 1997 का धारा 45-1A के अन्तर्गत पंजीकत गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों के लिये सार्वजनिक निर्गम से निर्गमित ऋणपत्रों के लिये ऋणपत्र शोधन संचिति की ‘पर्याप्तता राशि’ ऋणपत्रों के मूल का 25% होगी तथा निजी व्यवस्था द्वारा निर्गत ऋणपत्रों के लिये ऋणपत्र शोधन संचिति की कोई आवश्यकता नहीं है।

(4) निर्माणी और ढाँचागत कम्पनियों के लिये सार्वजनिक निर्गम से निर्गमित ऋणपत्रों के लिये ऋणपत्र शोधन संचिति की पर्याप्तता राशि ऋणपत्रों के मूल्य का 50% है तथा निजी व्यवस्था के अन्तर्गत निर्गत ऋणपत्रों के लिये यह 25% है।

(5) परियोजना वित्तीयन (Project financing) के लिये पोषित (raised) ऋणपत्रों के सम्बन्ध में ऋणपत्र शोधन संचिति के सृजन के लिये व्यावसायिक उत्पादन की तिथि तक विलम्ब किया जा सकता है।

(6) प्रत्येक कम्पनी को, जिसे ऋणपत्र शोधन संचय सृजित करना है, प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह के 30 वें दिन या उससे पहले अगले वर्ष 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष में भुगतान के लिये परिपक्व हो रहे ऋणपत्रों की राशि का कम से कम 15% राशि निम्नलिखित में से किसी एक या अधिक पद्धतियों से विनियोजित अथवा जमा कराना होगा:

(अ) किसी भी अनुसूचित बैंक में किसी भी प्रकार के प्रभार अथवा ग्रहणाधिकार से मुक्त जमाओं में:

(ब) केन्द्र सरकार अथवा किसी राज्य सरकार की अ-भारग्रस्त प्रतिभूतियों (unencumbered securities) में;

(स) भारतीय प्रन्यास अधिनियम 1882 की धारा 20 के उप-वाक्यांश (a) से (d) एवं (ee) में उल्लिखित अ-भारग्रस्त

प्रतिभूतियों में;

(द) भारतीय प्रन्यात अधिनियम 1882 की धारा 20 के उप-वाक्यांश (1) में अधिसूचित किसी अन्य कम्पनी द्वारा निर्गमित अ-भारग्रस्त बॉण्ड में।

(7) विनियोग या जमा में बची राशि उस वर्ष के 31 मार्च को समाप्त वर्ष के दौरान परिपक्व हो रहे ऋणपत्रों की राशि के 15% से कम कभी नहीं रहेगी।

(8) ऋणपत्र शोधन संचिति या तो बकाया अवधि के लिये प्रतिवर्ष समान किश्तों में सृजित की जा सकती है अथवा यदि व्यवसाय के हैं तो किसी वर्ष इस संचिति में अधिक राशि भी डाली जा सकती है।

(9) यदि किसी वर्ष ऋणपत्र शोधन संचिति में हस्तान्तरण के पश्चात अवशिष्ट लाभ समचित लाभांश वितरण के लिये अपर्याप्त हैं तो कम्पनी सामान्य संचिति से लाभांश वितरित कर सकती है।

(10) अधिलाभांश निर्गम प्रस्तावों पर विचार करने के लिये ऋणपत्र शोधन संचिति सामान्य संचिति का ही एक भाग मानी जायेगी।

(11) कम्पनी द्वारा ऋणपत्र दायित्व के 10% के वास्तविक शोधन के पश्चात ही ऋणपत्र शोधन संचिति से निकासी की अनुमति है।

उपयुक्त दिशानिर्देशों से स्पष्ट है कि एक कम्पनी के ऋणपत्रों का शोधन न तो पूर्णतया पुँजी से किया जा सकता है और न पूर्णतया लाभा सा चूकि ऋणपत्र निगम के 50% के बराबर ऋणपत्र शोधन संचिति का सजन आवश्यक है, अतः शोधन का बकाया 50% या तो संकलित लाभों से किया जा सकता है या पूँजी से।

Corporate Accounting Redemption Debentures

ऋणपत्रों के शोधन के लिये कोषों का जुटाना

(Mobilisation  of Funds for Redemption of Debentures)

ऋणपत्रों के शोधन के लिये सामान्यतया एक बड़ी राशि की आवश्यकता होती है, अतः यदि इसके लिये यथोचित व्यवस्था नहीं की जाती है तो यह हो सकता है कि उनकी परिपक्वता की तिथि पर कम्पनी के पास उनके भुगतान के लिये पर्याप्त रोकड़ शेष न हो। यदि यह भी मान लिया जाये कि कम्पनी की तरल स्थिति ऐसे शोधन की अनुमति दे देगी तब भी कम्पनी से एक साथ बड़ी मात्रा ___ में धन की निकासी से इसकी कार्यशील पूँजी पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अतः ऋणपत्रों के शोधन के लिये आवश्यक अतिरिक्त

कोषों के लिये पर्याप्त आयोजन करना आवश्यक है। इसके लिये कम्पनी के पास निम्न विकल्प उपलब्ध होते हैं :

(1) लाभों का उपयोग (Utilising Profits) : कम्पनी अपने अर्जित लाभों का एक भाग लाभांश वितरण से रोक कर ऋणपत्रों के भुगतान के लिये प्रयोग कर सकती है। इस प्रकार रोका गया धन सामान्य संचय के रूप में स्वयं व्यवसाय में ही रोका जा सकता है अथवा व्यवसाय के बाहर निवेश किया जा सकता है।

(2) और पूँजी प्राप्त करना (Raising Further Capital) : एक कम्पनी नये अंश या ऋणपत्र निर्गमित कर सकती है और नये निर्गम से प्राप्त धन का उपयोग ऋणपत्रों के शोधन के लिये कर सकती है। इस दशा में नयी अंश पूँजी या नये ऋणपत्र पुराने ऋणपत्रों का स्थान ले लेते हैं।

(3) सम्पत्तियों की बिक्री (Disposing of the Assets): एक कम्पनी अपनी स्थायी सम्पत्तियों की बिक्री से प्राप्त धन को ऋणपत्रों के शोधन में प्रयोग में ला सकती है। चूंकि यह वित्तीयन का एक असाधारण स्रोत है, अतः इस युक्ति का प्रयोग विरला (rarely) ही किया जाता है।

ऋणपत्रों के शोधन की विधियाँ

(Methods of Redemption of Debentures)

एक कम्पनी अपने ऋणपत्रों का शोधन निम्न में से किसी एक या अधिक विधियों द्वारा कर सकती है

1 . एक निश्चित अवधि बीत जाने पर शोधन।

2. परिवर्तन द्वारा ऋणपत्रों का शोधन।

3. एक निश्चित अवधि के पश्चात कम्पनी के विकल्प पर शोधन।

4. वार्षिक आहरणों द्वारा शोधन।

5. खुले बाजार में क्रय द्वारा शोधन।

एक निश्चित अवधि बीत जाने पर शोधन

(Redemption at the expiry of a specified period)

इस पद्धति के अन्तर्गत ऋणपत्रों की कुल राशि इनकी परिपक्वता की तिथि पर ऋणपत्रधारियों को एक मुश्त भुगतान कर दी जाती है। ऋणपत्रों के शोधन के लिये आवश्यक कोष की व्यवस्था (अ) पूँजी से (ब) लाभों से (स) नये अंश व ऋणपत्रों के निर्गमन से अथवा (द) सम्पत्तियों के विक्रय से की जा सकती है। कोष की व्यवस्था के तरीके के आधार पर इनकी लेखा-प्रविष्टियाँ में अन्तर आ जाता है

(अ) पूँजी से ऋणपत्रों का शोधन (Redemption of debentures out of capital) _

इस दशा में ऋणपत्रों के भुगतान के लिये कम्पनी के लाभों का उपयोग नहीं किया जाता है। अतः ऋणपत्रों पर भुगतान की गयी राशि से कम्पनी की सम्पत्तियाँ घट जाती हैं। इससे कम्पनी की कार्यशील पूँजी बुरी तरह से प्रभावित होती है। अतः शोधन की यह पद्धति तब अपनायी जा सकती है जबकि कम्पनी के पास पर्याप्त रोकड़ शेष है। इस विधि के अन्तर्गत कम्पनी की पुस्तकों में निम्न लेखा-योजना अपनायी जाती हैं :

(i) यदि ऋणपत्रों का शोधन सममूल्य पर किया जाता है :

(a) On debentures becoming due for payment:

Debentures Account                                                          Dr

To Debentureholders Account                                            with the nominal value of

or Debenture Redemption Account                                    debentures to be redeemed

(b) On redemption :

Debenture holders Account                                        Dr.             with the

or Debenture Redemption  Account                        Dr             amount paid

To Bank Account

(ii) यदि ऋणपत्रों का शोधन प्रीमियम पर किया जाता है :

(a) On debentures becoming due for payment:           Dr  (with the nominal value)

Debentures Account Premium on Redemption of Debentures A/C Dr (with the amount of premium)

To Debentureholders Account                                              Dr.    (with the total)

(b) On redemption :

Debentureholders Account                                                         Dr.        with the

To Bank Account                                                                             amount paid

नोट : Premium on Redemption of Debentures एक पूँजीगत हानि है। इसे प्रतिभूति प्रीमियम खाते अथवा किसी पूँजीगत अथवा आगम संचय से अपलिखित किया जा सकता है। अपलिखित न किये जा सकने तक इसे चिट्ठे में सम्पत्ति पक्ष में ‘अन्य चालू सम्पत्तियाँ’ अथवा ‘अन्य गैर-चालू सम्पत्तियाँ’ उप-शीर्षक के अन्तर्गत दिखलाया जायेगा।

(iii) यदि ऋणपत्रों का शोधन कटौती पर किया जाता है : यह एक अव्यावहारिक स्थिति है। ऐसी स्थिति होने पर निम्न लेखा प्रविष्टियाँ की जायेंगी :

(a) On debentures becoming due for payment: Debentures Account Dr. (with the nominal value)

To Debentureholders Account                                                       (with the amount payable)

To Profit on Redemption of Debentures A/                              (with discount on redemption)

(b) On redemption :

Debentureholders Account                                                                 Dr. with the

To Bank Account                                                                                         amount paid

Corporate Accounting Redemption Debentures

नोट : ऋणपत्रों के शोधन पर लाभ एक पूँजीगत  लाभ है। इसे अपलिखित न हुई ऋणपत्रों पर कटौती की राशि के अपलेखन के लिये प्रयोग किया जा सकता है, अन्यथा इसे निम्न प्रविष्टि द्वारा पूँजीगत संचिति खाते में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा :

Profit on Redemption of Debentures Account                Dr. with the amount of

To Capital Reserve Account                             profit on redemption

नोट : ऋणपत्रों के शोधन से पूर्व निर्गमित ऋणपत्रों की राशि के 50% के बराबर राशि ऋणपत्र शोधन संचिति में हस्तान्तरित किये जाने के सेबी के दिशानिर्देश और कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 71 के कारण ऋणपत्रों का पूरी तरह शोधन सम्भव नहीं है। अतः इस सम्बन्ध में बहस केवल शैक्षिक रुचि के लिये ही रह गयी है।

उदाहरण 1. 1 जनवरी 2010 को A Ltd. ने 100 ₹ वाले 5,000. 14% ऋणपत्र 3% कटौती पर निर्गमित किये। पाँचवें वर्ष के अन्त में ये ऋणपत्र 2% प्रीमियम पर शोध्य थे। इन लेन-देनों के अभिलेखन के लिये आवश्यक जर्नल प्रविष्टियाँ कीजिये।

On January 1, 2016, A Ltd. issued 5,000, 14% Debentures of ₹ 100 each at a discount of 3%. These debentures were redeemable at 2% premium at the end of fifth year. Give the necessary journal entries for recording the above transactions

Note : Loss on Issue of Debentures Account has to be written off by the company against its P. & L. Account over the period of 5 years at the rate of 25,000 x 1 =₹ 5,000 per year.

(ब) लाभों से ऋणपत्रों का शोधन (Redemption of debentures out of profit)

इस दशा में कम्पनी के लाभ लाभांश के रूप में वितरण से रोक लिये जाते हैं और उन्हें ऋणपत्रों के शोधन के लिये उपयोग में । लाया जाता है। इसके लिये भुगतान किये गये ऋणपत्रों के अंकित मूल्य के बराबर राशि आधिक्य खाते से सामान्य संचिति खाते (General Reserve Account) में हस्तान्तरित कर दी जाती है जिससे कि उसे लाभांश के रूप में न बाँटा जा सके। रोके गये । लाभों के विनियोजन के लिये कम्पनी के पास दो विकल्प होते हैं :

(i) रोकी गई लाभों की राशि स्वयं व्यवसाय में ही रखी जाय।

(ii) रोकी गई लाभों की राशि व्यवसाय के बाहर विनियोजित की जाय।

(i) लाभों की राशि व्यवसाय में ही रखना (Retaining profit in the business itsell) : इस दशा में निम्न लेखा-प्रविष्टियाँ की जायेंगी :

(a) On debentures becoming due for payment:

Debentures Account                          Dr. with the nominal value of

To Debentureholders Account                    debentures to be redeemed

नोट : यदि ऋणपत्रों का प्रीमियम पर शोधन किया जाता है तो देय प्रीमियम की राशि से ‘Premium on Redemption of Debentures Account’ को भी डेबिट किया जायेगा। इसी तरह, यदि ऋणपत्रों का शोधन कटीती पर किया जाता है तो शोधन पर कटौती की राशि से ‘Profit on Redemption on Debentures Account’ को क्रेडिट किया जायेगा।

(b) On redemption :

Debentureholders Account                                Dr. with the

To Bank Account                                       amount paid

(c) On transfer of profits: Surplus Account         Dr. with the rest 50% of the nominal

To General Reserve Account                       value of debentures redeemed

सेबी के दिशानिर्देशों के कारण एक कम्पनी के लिये अपने ऋणपत्रों का पूर्णतया लाभों से शोधन सम्भव नहीं रह गया है। अतः यदि ऋणपत्रों की परिपक्वता तिथि पर उनका एक मुश्त शोधन किया जाता है तो लाभों से केवल 50% का ही शोधन किया जा सकता है।

उदाहरण 2. राठी लि० ने 2008 में 20,00,000 ₹ के 14% ऋणपत्र निर्गमित किये थे और 1 जनवरी 2015 को उनका लाभों से । शोधन किया गया। उस तिथि पर ऋणपत्र शोधन संचिति 5,40,000 ₹ थी। यह मानते हुए कि ऋणपत्रों का 5% प्रीमियम पर शोधन । किया गया, जर्नल में लेखे कीजिये।

Rathi Ltd. issued 20,00,000, 14% Debentures in 2008 and the same were redeemed on January 1, 2015 out of profits. The Debenture Redemption Reserve stood at ₹ 5,40,000 on that date. Show the entries | presuming that debentures were redeemed at a premium of 5 per cent.

 

Corporate Accounting Redemption Debentures

(ii) रोके गये लाभों की राशि को व्यवसाय के बाहर विनियोजित करना (Investing the amount of profit withheld outside the business): चूँकि ऋणपत्रों के शोधन के लिये आवश्यक राशि सामान्यतया काफी बड़ी होती है और कम्पनी को जैं तिथि पर उनके शोधन के लिये पर्याप्त रोकड़ की उपलब्धता को आश्वस्त करने के लिये वह प्रारम्भ से ही आवश्यक व्यवस्था करे। इसका सर्वोत्तम तरीका यह होगा कि ऋणपत्रों के पूरे जीवन काल में प्रत्येक वर्ष कम्पनी के विभाज्य लाभों का एक भाग अलग रख दिया जाये और उसे व्यवसाय के बाहर विनियोग कर दिया जाय जिससे कि ऋणपत्रों की परिपक्वता पर आवश्यक रोकड़ की व्यवस्था विनियोगों को वसूल करके की जा सके। व्यवसाय के बाहर कोषों के विनियोजन की दो पद्धतियाँ हैं :

(अ) ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति।

(ब) बीमा पॉलिसी पद्धति.

ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति  (Debenture Redemption Fund Method)

इसे सिंकिंग फण्ड पद्धति (Sinking Fund Method) भी कहते हैं। इस पद्धति के अन्तर्गत प्रत्येक वर्ष लाभों से एक निश्चित राशि निकाल कर ऋणपत्र शोधन कोष खाता (अथवा सिंकिंग फण्ड खाता) में जमा कर दी जाती है और निकाली गई राशि को व्यवसाय के बाहर प्रथम श्रेणी की प्रतिभूतियों में विनियोग कर दिया जाता है। यदि किसी वर्ष के लाभ निश्चित वार्षिक ऋणपत्र शोधन कोष अंशदान को प्रदान करने के लिये अपर्याप्त हैं तो कमी को अगले वर्षों के लाभों से प्रदान किया जाता है। जब ऋणपत्र शोधन के लिये देय होते हैं तो प्रतिभूतियों (अर्थात् ऋणपत्र शोधन कोष विनियोगों) को बेचा जाता है और उनकी बिक्री से प्राप्त राशि से ऋणपत्रों का भुगतान कर दिया जाता है। विनियोगों के विक्रय पर लाभ अथवा हानि को ऋणपत्र शोधन कोष खाता (अथवा सिंकिंग फण्ड खाता) में हस्तान्तरित कर दिया जाता है। ऋणपत्रों के भुगतान के पश्चात् ऋणपत्र शोधन कोष खाता मुक्त हो जाता है और उसका शेष सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरित कर दिया जाता है। इस संचिति को अंशधारियों को नकद लाभांश बाँटने के अतिरिक्त अन्य किसी भी कार्य के लिये प्रयोग किया जा सकता है।

यहाँ एक प्रश्न उठता है। आखिर ऋणपत्र शोधन कोष क्यों सृजित किया जाता है जबकि ऋणपत्रों के पुनर्भुगतान के बाद भी यह कोष बना रहता है ? इस कोष के सृजन का मुख्य उद्देश्य सिंकिंग फण्ड विनियोगों के लिये नकदी की व्यवस्था करना है। प्रत्येक वर्ष कम्पनी के लाभों का एक भाग अलग रखकर उस सीमा तक लाभांश के लिये उपलब्ध राशि कम हो जाती है और नकदी की तत्सम्बन्धी राशि रोक ली जाती है जिसे विनियोग के लिये प्रयुक्त किया जाता है। यदि इस प्रकार कोष सजित नहीं किया जाता है तो उच्चतर लाभांश का भुगतान किया जायेगा और व्यवसाय से अधिक रोकड़ बाहर चली जायेगी। अतः कम्पनी के रोकड संसाधनों के संरक्षण के लिये सिंकिंग फण्ड की यक्ति अपनायी जाती है।

सिंकिंग फण्ड दो प्रकार से बनाया जा सकता है :

(1) संचयी सिंकिंग फण्ड (Cumulative Sinking Fund)

(2) असंचयी सिंकिंग फण्ड (Non-Cumulative Sinking Fund)

संचयी सिंकिंग फण्ड (Cumulative Sinking Fund)

संचयी सिंकिंग फण्ड प्रत्येक वर्ष आवधिक अंशदान और ब्याज दोनों से बढ़ता है। इसमें सिंकिंग फण्ड विनियोगों से प्राप्त ब्याज सिंकिंग फण्ड खाते में क्रेडिट की जाती है तथा ब्याज की यह राशि अंशदान की वार्षिक राशि सहित प्रत्येक वर्ष प्रतिभूतियों में विनियोग कर दी जाती है। प्रत्येक वर्ष लाभों से इतनी राशि निकाली और विनियोग की जाती है जिससे कि वह एक निश्चित दर से चक्रवृद्धि

ब्याज सहित उतना राशि हा जाय जो ऋणपत्रों के शोधन पर देय कल राशि के लिये पर्याप्त हो। वार्षिक अंशदान का राशि शात १४ के लिये सिंकिंग फण्ड सारणियों का प्रयोग किया जाता है। तैयार सिंकिंग फण्ड तालिका के अभाव में सिकिग फण्ड कीगणना के लिये निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जा सकता है। सिंकिंग फण्ड सारणियाँ दो प्रकार की होती हैं जो कि नीचे दी गई हैं :

तालिका A को प्रयोग करने की विधि : माना कि 6 वर्ष बाद 10.000 ₹ के ऋणपत्रों का भुगतान करना है। विनियोगों पर यदि 4% प्रतिवर्ष आय की सम्भावना है तो तालिका में 6 वर्ष वाली पंक्ति तथा 4 प्रतिशत वाले खाने में देखने पर ज्ञात हुआ कि यदि 0.150761 ₹ प्रतिवर्ष 4 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज पर जमा किया जाय तो यह राशि 6 वर्ष के अन्त में 1 ₹ हो जायेगी। अतः 6 वर्ष बाद 10,000 ₹ प्राप्त करने के लिये प्रतिवर्ष जमा की जाने वाली राशि 10,000 x 0.150761 अर्थात् 1,507.61 ₹ होगी।

तालिका B को प्रयोग करने की विधि : इस तालिका से यह ज्ञात किया जा सकता है कि यदि प्रति वर्ष 1 ₹ का विनियोग किया जाय तथा प्राप्त ब्याज का भी विनियोग कर दिया जाए तो एक निश्चित अवधि में एक निश्चित ब्याज पर कितनी राशि संग्रहीत हो जायेगी। माना कि 3 वर्षों के अन्त में 10,000₹ का आयोजन करना है। विनियोगों पर 5 प्रतिशत ब्याज की दर प्राप्त होने की सम्भावना हो तो उपरोक्त तालिका में 3 वर्ष वाली पंक्ति तथा 5 प्रतिशत वाले खाने में देखने पर ज्ञात हुआ कि 1 ₹ की राशि 3। वर्ष में 3.15250 के बराबर हो जायेगी।

अतः 10,000 ₹ प्राप्त करने के लिए 10000 = 3,172.08 ₹ का प्रतिवर्ष आयोजन करना होगा।

नोट : यदि ऋणपत्रों का प्रीमियम पर शोधन किया जाना है तो ऋणपत्र शोधन कोष खाते में वार्षिक अंशदान की राशि की गणना ऋणपत्रों के शोधन पर प्रीमियम सहित देय कुल राशि (न कि ऋणपत्रों के अंकित मूल्य की राशि) के लिये की जायेगी।

Corporate Accounting Redemption Debentures

लेखा प्रविष्टियाँ (Accounting Entries)

प्रथम वर्ष के अन्त में लेखे :

(i) For setting aside the amount of profits :

Surplus Account                                                               Dr. with the amount

To Debenture Redemption Fund Account                         of profit set

or Sinking Fund Account                                                                     aside

(ii) For investing in securities the number of profits set aside :

D.R.F. Investment Account                                       Dr with the

or Sinking Fund Investment Account                 Dr amount

To Bank Account                                                                                 invested

द्वितीय और बाद के वर्षों में लेखे:

(i) For receiving interest on investments made in the past :

Bank Account                                                                       Dr with the amount of interest

 

To Interest on D.R.F. Investment Account                 received on investments

(ii) For transferring the interest account to D.R. Fund Account:

Interest on D.R.F. Investment Account                    Dr. with the amount

To Debenture Redemption Fund Account                             of interest

नोट : उपर्युक्त (i) और (ii) प्रविष्टियों के लिये निम्न एक प्रविष्टि भी की जा सकती है :

Bank Account                                                                          Dr. with the amount

To Debenture Redemption Fund Account                                of interest

(iii) For setting aside the annual instalment of profits :

Surplus Account                                                                    Dr. with the annual amount

To Debenture Redemption Fund Account                         of profit set aside

(iv) For investing the annual instalment of profit and interest received on investments :

Debenture Redemption Fund Investment Account      Dr. with the total of profit set

To Bank Account                                                                                     aside and interest received

अन्तिम वर्ष के अन्त में (अर्थात् ऋणपत्रों के शोधन के वर्ष में) लेखे :

(i) For receiving interest on investments made in the past years :

Bank Account                                                                        Dr. with the amount of interest

To Debenture Redemption Fund Account                     Received on investments

(ii) For setting aside the annual instalment of profit :

Surplus Account                                                            Dr. with the annual amount

To Debenture Redemption Fund Account                    of profit set aside

नोट : ध्यान रहे कि व्यवहार में अन्तिम वर्ष में कोई विनियोग नहीं किया जाता है क्योंकि दूसरे दिन ही ऋणपत्रों के शोधन के लिये धन की आवयकता होगी।

(iii) For disposing of the securities :

Bank Account                                                                    Dr. with the sale proceeds

To D.R.F. Investment Account                                                    of investments

(iv) For transferring profit or loss on sale of securities :

(a) For profit on sale of securities :

D.R.F. Investment Account                                       Dr. with the amount

To Debenture Redemption Fund Account of profit

(b) For loss on sale of securities :

Debenture Redemption Fund Account                         Dr. with the amount

To D.R.F. Investment Account                                      of loss

(v) For recording the redemption of debentures :

(a) If redeemed at par:

Debentures Account                                                     Dr. with the nominal value of

To Debentureholders Account                                                    debentures redeemed

(b) If redeemed at premium :

Debentures Account                                                    Dr. (with the nominal value of debentures)

Prem on Redemption of Debentures Account    Dr. (with the prem. payable on redemption

To Bank Account                                                             (with the total amount paid)

नोट : ऋणपत्र शोधन पर प्रीमियम खाते को या तो प्रतिभति प्रीमियम खाते (यदि कोई है) या ऋणपत्र शोधन कोष खाते में हस्तान्तरित करके बन्द कर दिया जाता है।

Securities Premium Account                                     Dr.                  with the amount

or Debenture Redemption Fund Account         Dr.                   of premium on

To Premium on Redemption of Debentures Alc                            redemption

(c) If redeemed at discount: Debentures Account     Dr. (with nominal value of debentures)

To Debentureholders Account                                                   (with the amount paid)

To Debenture Redemption Fund Account                         (with discount on debentures)

(vi) For payment to debentureholders :

Debentureholders Account                                             Dr. with the

To Bank Account                                                                        amount paid

(vii) For transferring the balance of Debenture Redemption Fund Account to General Reserve :

Debenture Redemption Fund Account                    Dr. with the

To General Reserve Account                                                     balance left

नोट : (1) ऋणपत्रों के शोधन के पश्चात् ऋणपत्र शोधन कोष खाता के शेष को सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरण के दो कारण हैं : (i) ऋणपत्रों के शोधन के पश्चात यह किसी विशिष्ट उद्देश्य के लिये नहीं रहता तथा भविष्य में इसे लाभांश वितरण के लिये भी प्रयोग किया जा सकता है। (ii) तदनुरूपी (corresponding) विनियोगों की बिक्री के पश्चात् ऋणपत्र शोधन कोष खाता में ‘कोष’ शब्द के प्रयोग का औचित्य नहीं रहता।।

(2) ऋणपत्र शोधन कोष के शेष को सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरित करते समय विनियोगों के विक्रय पर लाभ और ऋणपत्रों के शोधन अथवा रद्द करने पर लाभ जैसे पूँजीगत लाभों को पूँजीगत संचिति खाते में हस्तान्तरित कर देना चाहिये तथा अवशेष राशि को ही सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरित करना चाहिये क्योंकि सामान्य संचिति को भविष्य में लाभांश के लिये भी प्रयोग में लाया जा सकता है। अतः सामान्य संचिति खाते को पूँजीगत लाभ की मदों से क्रेडिट करना गलत ही होगा।

(3) यदि कुल ऋणपत्रों के केवल एक भाग का ही भुगतान किया जाता है तो शोधन किये ऋणपत्रों के चुकता मूल्य के बराबर राशि ही सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरित की जायेगी। किन्तु यदि ऋणपत्र शोधन कोष खाते का शेष शोधन किये ऋणपत्रों की चुकता पूँजी से कम है तो इस खाते का शेष ही सामान्य संचिति खाते में हस्तान्तरित किया जायेगा।

 (4) ऋणपत्रों के शोधन के समय यह देख लेना चाहिये कि यदि कम्पनी में ऋणपत्र शोधन संचिति सृजित नहीं की गई है तो शोधन की तिथि पर ऋणपत्र शोधन कोष खाते का शेष निर्गमित ऋणपत्रों के अंकित मूल्य का राशि के 50% से कम न हो।

(5) इस पद्धति के अन्तर्गत लाभों की उपलब्धता और विनियोगों के लिये पर्याप्त रोकड़ शेष मानकर चला जाता है।

(6) जब तक ऋणपत्रों का शोधन नहीं कर दिया जाता है तब तक ऋणपत्र शोधन कोष खाता चिठे में दायित्व पक्ष में दिखाया जाता रहेगा तथा ऋणपत्र शोधन कोष विनियोग खाता चिठे में सम्पत्ति पक्ष में दिखाया जायेगा।

Corporate Accounting Redemption Debentures

उदाहरण 3. एक कम्पनी ने 1 जनवरी, 2013 को तीन वर्षों के अन्त में 5% प्रीमियम पर देय प्रति 100 ₹ वाले 1,000 10% ऋणपत्र 3% कटौती पर निर्गमित किये। इस उद्देश्य के लिये एक सिंकिंग फण्ड स्थापित करने का निश्चय किया गया। विनियोगों से 5% प्रतिवर्ष प्राप्त होने का अनुमान है। सिंकिंग फण्ड तालिका से स्पष्ट है कि प्रतिवर्ष 0.317208 की राशि अलग रखने और उसे 5% प्रतिभूतियों में विनियोजन से तीन वर्षों के पश्चात् 1 ₹ प्राप्त होगा। विनियोग 10 ₹ के गुणक में ही किये गये।

31 दिसम्बर 2015 को 49,000 ₹ का बैंक शेष था और विनियोग 68,000 ₹ में बेचे गये तथा ऋणपत्रों का भुगतान कर दिया गया। जर्नल में प्रविष्टियाँ दीजिये तथा कम्पनी की पुस्तकों में सम्बन्धित लेजर खाते तैयार करो। ऋणपत्रों पर ब्याज की उपेक्षा कीजिये।

A company issued 1,000 10% Debentures of₹ 100 each at 3% discount on 1st January 2013 repayable at the end of 3 years at a premium of 5%. It was decided to set up a Sinking Fund for the purpose, the investments being expected to realise 5% p.a. Sinking Fund table shows an amount of Re. 0.317208 set aside every year and invested in 5% securities will yield Re. 1 after 3 years. Investments were made in multiples of 10 only.

On 31st December 2015, the balance at bank was 49,000 and the investments were sold for * 68,000 and the debentures were redeemed.

Give journal entries and prepare the relevant ledger accounts in the books of the company. Ignore debenture interest.

Corporate Accounting Redemption Debentures

उदाहरण 4 बजाज कम्पनी ने 1 जनवरी 2012 को 100 वाले 37,128 12% ऋमपत्र चार वर्ष बाद शोध्य हैं। इसके लिये एक सिंकिंग फण्ड खाता खोला गया जिसमें प्रत्येक वर्ष 31 दिसम्बर को एक निश्चित राशि हस्तान्तरित की गयी।

प्रथम विनियोग 31 दिसम्बर 2012 को 10% चक्रवद्धि ब्याज पर किया गया । आवश्यक खाते बनाओं ।

Bajaj Co. issued 37,128 12% Debentures of 100 each on January 1, 2012, the debentures are redeemable after 4 years. For this purpose a Sinking Fund Account was opened to which a fixed amount was transferred on December 31.

First investment was made on December 31, 2012 at 10% compound interest.

Make necessary ledger accounts.

Solution : Sum required for the redemption of debentures = 37,12,800

Amount of profit to be set aside every year is calculated as follows:

Suppose Re. 1 is invested every year in securities.

Notes: (1) No investment has been made in the last year, i.e., in 2015 because this amount has to be utilised for the payment to the debenture holders on the following day.

(2) It has been assumed that investments have been realised at their purchase price.

उदाहरण 5. 1 जनवरी 2015 को एक कम्पनी को पास 6,00,000 रु के 10% ऋणपत्र अदत्त थे । उस तिथि को ऋणपण शोधन कोष में 5,00,000 था जो कि 5,90,000 रु के 6% (2021) भारत सरकार के ऋण में लगा था । ऋणपत्र शोधन कोष में जोडें जाने वाली वार्षिक किश्त 64,600 रु है ।

31 दिसम्बर 2015 को विनियोगो से ब्याज प्राप्त करने के बाद 1,56,400 का बैकं शेष था । उस तिथि पर विनियोग 83% शुद्ध मूल्य पर बेचे गये और ऋणपत्रों का भुगतान कर दिया गया ।

2015 को लिए आवश्यक लेजर खाते दिखलाइये ।

A company has 6,00,000 10% Debentures outstanding on January 1, 2015. On that date, the Debenture Redemption Fund stood at * 5,00,000 represented by 5,90,000 6% (2021) Loan of the Government of India. The annual instalment added to the Debenture Redemption Fund is * 64,600.

On December 31, 2015, the balance at bank (after interest on investments had been received) was 1,56,400. On that date, the investments were sold at 83% net and the debentures were paid off.

Show the necessary ledger accounts for 2015.

Corporate Accounting Redemption Debentures

उदाहरण 7. एक लिमिटेड कम्पनी के पास 1,00,000 ₹ के 15% ऋणपत्र 1 जनवरी 2015 या उसके बाद सूचना देने पर 105% पर कम्पनी के विकल्प पर देय थे। 30 जून तथा 31 दिसम्बर को अर्द्धवार्षिक ब्याज दिया जाता रहा है।

प्रतिवर्ष लाभ में से धनराशि ऋणपत्र भुगतान कोष में जमा की जाती है तथा भुगतान कोष के समान ही लागत पर विनियोग खरीदे जाते हैं। 31 दिसम्बर 2014 को निम्नांकित खातों के शेष इस प्रकार थे:

प्रतिभूति प्रीमियम खाता                       30,000

ऋणपत्र भुगतान कोष                            90,000

सामान्य संचिति                                      20,000

सामान्य संचिति                                     18,000

लाभ-हानि खाता (जमा)                       1,00,000

15% ऋणपत्र                                            90,000

भुगतान कोष विनियोग                        25,000

संचालकों ने विकल्प के उपयोग का निर्णय किया गया तथा 1 जनवरी 2015 को ऋणपत्र भुगतान करना तय हुआ। इसके लिए। विनियोग 87,000 ₹ में बेचे गए।

भुगतान को प्रभावित करने वाले आवश्यक खाते बनाइए।

A limited company has outstanding 1,00,000 15% Debentures redeemable at the company’s option on or after 1st Jan, 2015 at 105%. Interest has been paid half-yearly on 30th June and 31st December.

Amounts have been appropriated annually out of profits to a Debenture Sinking Fund and Investments have been purchased at a cost, which equals the amount of the Sinking Fund. On 31st Dec. 2014, the balance in the following accounts were :

Securities Premium Account                          30,000

Debenture Sinking Fund                                   90,000

General Reserve                                                    20,000

  1. & L. Account (Cr.)                                           18,000

15% Debentures                                                  1,00,000

Debenture Sinking Fund Investment         90,000

Balance at Bank                                                      25,000

The directors decide to exercise their option to redeem the debentures on 1st January 2015 and towards financing this, the investments were sold for cash realising  87,000.

Write up Ledger Accounts concerned to give effect to the redemption.

उदाहरण 8. कई वर्ष पूर्व एक सीमित प्रमण्डल ने 12% ऋणपत्र निर्गमित किए थे जो कि प्रमण्डल के विकल्प पर 105% की दर से तीन महीने की सूचना देकर किसी ब्याज तिथि (30 जून और 31 दिसम्बर) को भुगतान किए जा सकते थे। प्रमण्डल ने एक ऋणपत्र भगतान कोष स्थापित किया था जो कि अंशतः विनियोगों के रूप में था।

31 दिसम्बर 2014 को 3,00,000 ₹ के ऋणपत्र अदत्त थे, ऋणपत्र भुगतान कोष 1,21,500 ₹, ऋणपत्र भुगतान विनियोग 1.17.800 ₹ और अंश प्रब्याज खाता 25,000 ₹के थे।

30 सितम्बर 2015 को प्रमण्डल के संचालकों ने समस्त ऋणपत्रों का भुगतान तीन महीने बाद करने की सूचना दी थी। उसी समय धारियों (Holders) को नये 14% ऋणपत्र 98% निर्गमन मूल्य पर 2,00,000 ₹ की कुल अंकित राशि तक लेने के लिये आमन्त्रित किया। ये सभी ले लिए गए थे।

पुराने ऋणपत्रों के लिये भुगतान की शेष राशि 89,300 ₹ के अंकित मूल्य के विनियोग 96,700 ₹ में बेचकर तथा शेष चालू कोषों से प्राप्त की गई।

प्रमण्डल की पुस्तकों में आवश्यक खाते उचित समायोजनों अथवा हस्तान्तरणों सहित दिखाइए। ब्याज से सम्बन्धित प्रविष्टियों देना आवश्यक नहीं है।

A number of years ago a limited company issued 12% Debentures redeemable at the option of the company at 105 percent on any interest date (30th June and 31st December) on giving three months’ notice. The company has subsequently built up a Debenture Sinking Fund partly represented by investments.

On 31st December 2014, Debentures outstanding were ₹3,00,000, the Debenture Sinking Fund stood at₹1,21,500, the Debenture Sinking Fund Investments at ₹1,17,800 and Securities Premium Account at₹ 25,000.

On 30th September 2015, the directors of the company gave notice of their intention to repay the whole of the debentures three months after that date, at the same time offering holders the option of subscribing the new 14% Debentures at the issue price of 98 per cent upto a total nominal amount of ₹ 2,00,000. The whole of these were taken up.

The balance of cash required to pay off the old debentures was provided as to ₹96,700 by the sale of investments having the book value of₹89,300 and as to the remainder out of current funds.

Set out the relevant Ledger Accounts in the books of the company, making appropriate adjustments. Entries relating to interest are not required.

 

Corporate Accounting Redemption Debentures

Note: Profit on sale of investment is a capital profit and hence transferred to Capital Reserve Account.

असंचयी सिंकिंग फण्ड (Non-Comulative Sinking Fund)

संचयी सिंकिंग फण्ड पद्धति का प्रयोग करने में अनेक कठिनाइयाँ आती हैं जैसे :

(1) प्रतिवर्ष एक ही ब्याज वाली प्रतिभूतियों का मिलना तथा (2) प्रत्येक वर्ष कम्पनी के पास सिंकिंग फण्ड की किश्त का विनियोग करने के लिये आवश्यक रोकड़ की व्यवस्था होना। असंचयी सिंकिंग फण्ड पद्धति इन कठिनाइयों को हल कर देती है।

इसके अन्तर्गत विनियोग पर प्राप्त ब्याज न तो सिंकिंग फण्ड खाते में जमा किया जाता है और न इसका पुनर्विनियोग ही किया जाता है। इसे सामान्य विनियोग पर अर्जित व्याज मान कर लाभ-हानि खाते में जमा किया जाता है। अतः इसमें यह आवश्यक नहीं रहता कि प्रत्येक वर्ष एक ही ब्याज वाली प्रतिभूतियाँ क्रय की जायें। दूसरी बात यह भी आवश्यक नहीं है कि जितनी राशि शोधन कोष में जमा की जाये उतनी ही राशि विनियोग की जाये। कम्पनी के पास उपलब्ध रोकड़ के अनुसार ही विनयोग किये जाते हैं। इस विधि में लेखा-प्रविष्टियाँ निम्न प्रकार से की जाती हैं

: प्रथम वर्ष के अन्त में लेखे :

(i) For setting aside the amount of profits :

Surplus Account                                 Dr. with the amount

To Sinking Fund Account                             of profit set

or Debenture Redemption Fund Account        aside

(ii) For investing the amount of profits set aside :

Sinking Fund Investment Account                   Dr with the

or D.R.F. Investment Account                             Dr amount

To Bank Account                                                                     invested

द्वितीय और बाद के वर्षों के अन्त में लेखे :

In the second and subsequent years –

(i) For receiving interest on investments made in the past :

Bank Account                                          Dr. with the amount of interest

To Interest on Sinking Fund Investment A/c            received on investments

(ii)  For transferring the interest to profit and Loss Account:

Interest on Sinking Fund Investment Account                 Dr with the amount

To Profit and Loss Account                                                 of interest received

(iii) For setting aside the amount of profits :

Surplus Account                                                                 Dr. with the amount

To Sinking Fund Account

of prc fit set aside

(iv) For investing the amount of profits set aside :

Sinking Fund Investment Account                                 Dr with the amount

To Bank Account                                                            invested

अन्तिम वर्ष (अर्थात ऋणपत्रों के शोधन के वर्ष) के अन्त में लेखे :

अन्तिम वर्ष में उपर्युक्त (i), (ii) और (iii) प्रविष्टियाँ पास करने के पश्चात् सिंकिंग फण्ड विनियोगों के विक्रय, विक्रय पर लाभ-हानि के हस्तान्तरण, ऋणपत्रों के भुगतान और सिंकिंग फण्ड खाते के शेष के सामान्य संचिति में हस्तान्तरण के लिये लेखे उसी प्रकार होंगे जैसा कि संचयी सिंकिंग फण्ड में होते हैं।

उदाहरण 9. 1 जनवरी 2010 को एक समिति कम्पनी ने 10 वर्षों बाद शोध्य 3,00,000 ₹ के 14% ऋणपत्र निर्गमित किये। कम्पनी ने उनके शोधन के लिये एक असंचयी सिंकिंग फण्ड स्थापित किया। संचालकों के विवेक पर सिंकिंग फण्ड का धन व्यवसाय में रखा जा सकता था अथवा 8% प्रन्यासी प्रतिभूतियों में विनियोजित किया जा सकता था। पहले पाँच वर्षों के अन्तर्गत सिंकिंग फण्ड में हस्तान्तरित राशि और किये गये विनियोग निम्नलिखित थे :

On January 1, 2010, a limited company issued ₹ 3,00,000 14% Debentures redeemable after 10 years. The company established a non-cumulative sinking fund for their redemption. The sinking fund monies were to remain in the business or invested in 8% trustee securities at the discretion of directors. During the first five years the amount transferred to the sinking fund and investments made were as under:

वर्ष सिकिगं फण्ड में हस्तातरित राशि विनियोजित राशि
(Year ) ( Amount transferred to Sinking fund ) (Amount Invested )
2010 20,000 4,000
2011 30,000 20,000
2012 20,000 25,000
2013 40,000 Nill
2014 Nill 15,000

 

Corporate Accounting Redemption Debentures

आपको (अ) पाँच वर्षों के लिये आवश्यक खाते तैयार करने हैं; (ब) 2014 के अन्त में इन खातों को आर्थिक चिठे में दिखलाना है; और (स) संक्षेप में बताना है कि ऋणपत्रों के भुगतान के पश्चात् सिंकिंग फण्ड की राशि का निबटारा किस प्रकार होगा।

You are required (a) to prepare necessary accounts for five years; (b) to show these accounts in the balance sheet at the end of 2014 and (c) to state briefly how the amount of the sinking fund would be disposed of when the debentures have been paid off.

(c) The balance left in the Debenture Sinking Fund Account, set free by redemption of debentures, is transferred to the general reserve. If the directors so desire, it may be transferred to capital reserve.

बीमा पाँलिसी पद्धति (Insurance Policy Method) यदि पन्दति बहत कछ ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति से मिलती-जुलती है। इस पद्धति के अन्तर्गत ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति की तरह प्रतिवर्ष लाभों से एक निश्चित राशि निकाली जाती है और उसे ऋणपत्र शोधन कोष खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है, किन्तु ‘निकाली गई लाभ की राशि को प्रतिभूतियों में विनियोग करने के स्थान पर बीमा कम्पनी से ऋणपत्रों के शोधन केलोसी अवधि की एक सावधि बीमा पॉलिसी (Endowment Policy) ली जाती है जो कि ऋणपत्रों के शोधन की तिथि पर परिपक्व हा।। पता की तिथि पर पॉलिसी की प्राप्त राशि से ऋणपत्रों का शोधन कर लिया जाता है। यह पद्धति ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति से तीन बातों में भिन्न है। एक तो पॉलिसी पर प्रीमियम प्रत्येक वर्ष के आरम्भ में भुगतान किया जाता है और उसे ऋणपत्र शोधन पॉलिसी खाता (Debenture Redemption Policy Account) म डाबट किया। या है। प्रत्येक वर्ष लाभों से निकाले जाने वाली राशि वार्षिक प्रीमियम के बराबर होती है तथा प्रत्येक लेखा वर्ष के अन्त में इसका लिये आधिक्य खाता (Surplus Account) डेबिट तथा ऋणपत्र शोधन कोष खाता (Debentures Redemption Fund Account) क्रेडिट किया जाता है। दूसरा अन्तर यह है कि ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति के विपरीत इस पद्धति के अन्तर्गत ब्याज प्रत्येक वर्ष प्राप्त नहीं होगा बल्कि यह एक निश्चित दर से उपार्जित (Accrue) होता रहेगा। अतः इस पद्धति में सामान्यतया ब्याज की वार्षिक गणना नहीं की जाती है। तीसरा अन्तर यह है कि ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति में विनियोगों के विक्रय पर लाभ भी हो। सकता है और हानि भी। किन्तु इस पद्धति के अन्तर्गत बीमा पॉलिसी की वसली पर सदैव लाभ ही होता है क्योंकि बीमा पॉलिसी की राशि भुगतान की गई प्रीमियम की राशियों के योग से अधिक होती है। वस्तुतः यह आधिक्य अर्जित कुल ब्याज होता है जिसे पॉलिसी की वसूली के पश्चात ऋणपत्र शोधन कोष खाते में हस्तान्तरित कर दिया जाता है।

लेखा प्रविष्टियाँ (Accounting Entries)

प्रथम और बाद के वर्षों में लेखे :

(i) On payment of premium at the beginning of the year :

Debenture Redemption Policy Account                   Dr. with the amount

To Bank Account                                      of annual premium

(ii) On transfer of profit to Debenture Redemption Fund Account at the end of the year :

Surplus Account                                      Dr. with the amount

To Debenture Redemption Fund Account                 of profit set aside

अन्तिम वर्ष में लेखे : उपर्युक्त दो प्रविष्टियों के अतिरिक्त अन्तिम वर्ष में निम्नलिखित प्रविष्टियाँ और की जाती हैं :

(i) On receiving the policy amount from the insurance company :

Bank Account                                                                        Dr. with the

To Debenture Redemption Policy Account                     policy amount

(ii) On transfer of accrued interest (i.e., the excess amount received on realisation of policy) to

Debenture Redemption Fund Account:

Debenture Redemption Policy Account                      Dr. with the

To Debenture Redemption Fund Account                   excess amount

(iii) On debentures becoming due for payment :

Debentures Account                                                  Dr. with the nominal value

To Debentureholders Account                                              of debentures redeemed

(iv) On redemption : Debentureholders Account           Dr. with the

To Bank Account                                                                              amount paid

(v) On transfer of the balance of Debenture Redemption Fund Account to General Reserve:

Debenture Redemption Fund Account                 Dr. with the balance

To General Reserve Account left in D.R.F. a/c

नोट : यदि कम्पनी ऋणपत्र शोधन कोष पद्धति की भाँति प्रत्येक वर्ष ब्याज को लेखा पुस्तकों में लाना चाहती है तो इसके लिये प्रत्येक वर्ष के अन्त में पॉलिसी खाते के प्रारम्भिक शेष और चालू वर्ष में भुगतान की गई प्रीमियम की राशि के योग पर अनुमानित Expected Rate) से ब्याज की गणना की जायेगी और उसे ऋणपत्र शोधन पॉलिसी खाते में डेबिट तथा ऋणपत्र शोधन काष खाते में क्रेडिट किया जायेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो पॉलिसी की परिपक्वता पर पॉलिसी खाता कोई लाभ नहीं दर्शायेगा क्योंकि प्रत्येक वर्ष किये गये ब्याज के समायोजनों से पॉलिसी खाता पॉलिसी के परिपक्वता मूल्य के बराबर हो जायेगा।

उदाहरण 10. 1 जनवरी 2013 को एक कम्पनी ने तीन वर्षों बाद 4% प्रीमियम पर शोध्य 100 ₹ वाले 1,000 14% ऋणपत्र निर्गमित किये। ऋणपत्रों के शोधन के लिये कम्पनी ने 1,04,000 ₹ की एक बीमा पॉलिसी ली और 32,500 ₹ वार्षिक प्रीमियम के भुगतान किये। तीसरे वर्ष के अन्त में पॉलिसी की राशि प्राप्त हो गयी और ऋणपत्रों का भुगतान कर दिया गया।

आवश्यक लेजर खाते दिखाइये।

On January 1, 2013, a company issued 1,000 14% Debentures of 100 each redeemable at 4% premium after three years. The company took an insurance policy of 1,04,000 for the redemption of debentures and paid * 32,500 annual premiums. At the end of the third year, policy amount was received and debentures redeemed.

Show necessary ledger accounts.

उदाहरण 11 1 जनवरी 2013 को हिन्दुस्तान मैन्युफैक्वरिंग कम्पनी  लि नें 2,00,000 के 15% ऋणपत्र निर्गमित किये जिनका शोधन 3 वर्षों के बाद होना है। ऋणपत्रों के शोधन के लिये कम्पनी एक बीमा पॉलिसी लेती है और 62,821.43 ₹ का वार्षिक प्रीमियम भुगतान किया जाता है जिस पर 3% चक्रवृद्धि दर से ब्याज की गणना की जा सकती है। तीन वर्षों के लिये ऋणपत्र शोधन । कोष खाता और ऋणपत्र शोधन पॉलिसी खाता दिखाइये।

Hindustan Manufacturing Company Ltd. issued on January 1.2013 ₹2.00.000 15% Debentures which are to be redeemed after 3 years. The company takes an insurance policy for the redemption of debentures and the annual premium paid is 62,821.43 on which interest at 3% compound rate may be calculated. Show Debenture Redemption Fund Account and Debenture Redemption Policy Account for the 3 years

chetansati

Admin

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