BCom 2nd Year Corporate Laws Annual Leave With Wages Study material Notes In Hindi

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BCom 2nd Year Corporate Laws Annual Leave With Wages Study material Notes In Hindi

BCom 2nd Year Corporate Laws Annual Leave With Wages Study material Notes In Hindi: Application of the Chapter Annual Leave with Wages  during Leave Period Payment in Advance in Certain Wages Power of State to make Rules Power to Exempt Factories Important Examination Question Long Answer Question Short Answer Questions ( Most Important Notes For BCom 2nd Year )

Annual Leave With Wages
Annual Leave With Wages

BCom 2nd year Corporate Laws Safety Study Material Notes In Hindi

मजदूरी सहित वार्षिक अवकाश

(ANNUAL LEAVE WITH WAGES)

कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को वर्ष में एक निश्चित अवधि का वेतन सहित अवकाश देना अत्यन्त आवश्यक है। इसका श्रमिकों की कार्यकुशलता पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है। कारखाना अधिनियम, 1948 के पूर्व वेतन सहित अवकाश की सुविधा श्रमिकों को नहीं दी जाती थी।

भारतीय कारखाना अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत कारखानों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिये वर्ष में एक निश्चित अवधि का अवकाश मजदूरी सहित देने के लिये अनेक प्रावधान किये गये हैं। सन् 1954 में | इस अधिनियम में जो संशोधन किये गये थे, उनके अन्तर्गत मजदूरी सहित अवकाश की सुविधाओं का विस्तार किया गया था जिनकी विवेचना इस अधिनियम की धारा 78 से 84 में की गई है। मजदूरी सहित अवकाश के सम्बन्ध में बनाए गए प्रावधानों की मुख्य-मुख्य बातें निम्न प्रकार हैं

(I) प्रस्तुत अध्याय का लागू होना

(Application of the Chapter)

कारखाना अधिनियम, 1948 के अध्याय 8 में मजदूरी सहित वार्षिक अवकाश के प्रावधान दिए गए हैं। यह अध्याय धारा 78 से प्रारम्भ होता है जिसमें इस अध्याय के लागू होने या क्षेत्र के बारे में बताया गया है। इस धारा की प्रमुख बातें निम्न प्रकार हैं

1 इस धारा का विपरीत प्रभाव नहीं होता-यदि किसी श्रमिक को किसी अन्य कानून के अधीन अथवा किसी पंचनिर्णय या सेवा समझौते या अनुबन्ध के अन्तर्गत छुट्टियाँ प्राप्त करने पर कोई अधिकार मिलता है तो इस अध्याय के प्रावधानों का उन अधिकारों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

यदि किसी श्रमिक को पंचनिर्णय अथवा सेवा के अनुबन्ध के अन्तर्गत इस अधिनियम में निर्धारित वार्षिक छुट्टियों से अधिक लम्बी छुट्टियाँ मिलती हैं तो वह उन लम्बी छुट्टियों को ही प्राप्त करने का अधिकारी होगा।

2. रेलवे वर्कशॉप पर लागू होनाइस अध्याय के प्रावधान सरकार द्वारा संचालित रेलवे वर्कशॉप में कार्यरत श्रमिकों पर लागू नहीं होंगे क्योंकि इन पर केन्द्रीय सरकार द्वारा स्वीकृत नियम ही लागू होते हैं।

Corporate Laws Annual Leave

(II) मजदूरी सहित वार्षिक छुट्टियाँ/ अवकाश

(Annual Leave with Wages)

मजदूरी सहित वार्षिक अवकाश के सम्बन्ध में धारा 79 में निम्नलिखित प्रावधान किये गये हैं

1 छुट्टियों की संख्या [धारा 79(1)]-प्रत्येक श्रमिक जिसने एक कारखाने में एक कैलेण्डर वर्ष (जनवरी से दिसम्बर तक) 240 दिन या अधिक समय के लिए कार्य कर लिया है तो उसे आगामी कैलेण्डर वर्ष में | निम्नलिखित दर से मजदूरी सहित वार्षिक अवकाश प्राप्त करने का अधिकार होगा

(i) एक वयस्क श्रमिक को उसके द्वारा किये गये कार्य के प्रत्येक 20 दिन के लिए 1 दिन की छुट्टी।

(ii) नवयुवक श्रमिक को उसके द्वारा किये गये कार्य के प्रत्येक 15 दिन के लिए 1 दिन की छुट्टी।

स्पष्टीकरण 1-240 दिनों की गणना करते समय निम्नलिखित दिनों को भी श्रमिकों के द्वारा कारखानों में किये गये काम के दिनों में गिना जायेगा

(i) ठहराव या अनुबन्ध या स्थायी आदेशों के अन्तर्गत स्वीकृत कार्य देने से इन्कारी के दिन

(ii) स्त्री श्रमिक की दशा में प्रसूति अवकाश के दिन, जो 12 सप्ताह से अधिक न हो; (iii) जिस वर्ष अवकाश/छुट्टी का लाभ उठाया जाता है, उससे पिछले वर्ष की अवधि में उपार्जित

अवकाश। – स्पष्टीकरण 2-इस रीति से दिए जाने वाले अवकाश में उन समस्त छुट्टियों को शामिल नहीं किया ‘जायेगा जो ऐसे अवकाश के बीच अथवा पहले या बाद में पड़ती हैं । ।

2. एक जनवरी के अतिरिक्त किसी अन्य तिथि से कार्य प्रारम्भ करना यदि कोई श्रमिक एक जनवरी के बाद किसी अन्य दिन से कार्य आरम्भ करता है लेकिन शेष बचे हुए कलैण्डर वर्ष में दिनों की कुल संख्या । के कम-से-कम 2/3 दिनों के लिए उस श्रमिक ने कार्य किया है तो ऐसी दशा में वह भी उपर्युक्त वर्णित धारा * 79(1) के अन्तर्गत उल्लेखित दरों से मजदूरी सहित अवकाश प्राप्त करने का अधिकारी होगा [धारा 79(27

3. वर्ष के बीच सेवामुक्त-यदि किसी श्रमिक को वर्ष के बीच में ही सेवामुक्त कर दिया जाता है या उसे निकाल दिया जाता है तो भी अवकाश की गणना धारा 79(1) के अनुसार ही की जाएगी।

4. छुट्टियों के दिनों की गणना-सवेतन छुट्टियों के दिनों की गणना करते समय आधे या आधे से अधिक दिन के अवकाश को पूरे दिन की छुट्टी मान लिया जायेगा तथा आधे से कम दिन की छुट्टी को छोड़ दिया जायेगा।

5. उपार्जित अवकाश लिये जाने पर आगामी वर्ष में मिलने वाले अवकाशों में शामिल करना यदि कोई श्रमिक किसी कैलेण्डर वर्ष में मिलने वाले अवकाश का पूर्ण रूप से लाभ नहीं उठा पाता है तो ऐसे – अवकाश को आगामी कैलेण्डर वर्ष में मिलने वाले अवकाश में जोड़ दिया जाएगा अर्थात् बकाया अवकाश संचित किया जा सकता है और अगले वर्ष ले जाया जा सकता है, किन्तु एक प्रौढ़ श्रमिक अधिक से अधिक 30 दिन और एक बालक श्रमिक अधिक से अधिक 40 दिन का ही बकाया अवकाश आगामी कैलेण्डर वर्ष में ले जा सकता है। यहाँ पर यह भी उल्लेखनीय है कि यदि किसी श्रमिक ने छुट्टियों के लिए आवेदन किया है और उसे किसी समझौते या योजना के अन्तर्गत छुट्टियाँ स्वीकृत नहीं की जाती हैं तो ऐसी दशा में उस श्रमिक की अस्वीकृत छट्टियों को भी आगामी वर्ष में जोड दिया जायेगा।

6. अवकाश लेने हेतु आवेदनपत्र देने की विधि कोई भी श्रमिक अवकाश हेतु कारखाने के प्रबन्धक को लिखित रूप में कभी भी प्रार्थना-पत्र दे सकता है, किन्तु प्रार्थना-पत्र उस तिथि के कम-से-कम 15 दिन पूर्व दिया जाना चाहिए जिस तिथि से वह अवकाश प्राप्त करना चाहता है। यदि श्रमिक लोकोपयोगी सेवा वाले कारखाने में कार्य करता है तो उसे छुट्टियाँ लेने की तिथि से कम-से-कम 30 दिन पूर्व आवेदन करना चाहिए।

[धारा 79(6)] यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि कोई भी श्रमिक एक वर्ष में तीन बार से अधिक सवेतन छुट्टियाँ नहीं ले सकता है।

7. बीमारी की दशा में पूर्व आवेदन नहीं-यदि कोई श्रमिक उपार्जित सवेतन छुट्टियों में से ही कुछ छुट्टियाँ अपनी बीमारी के दिनों में लेना चाहता है तो वह ऐसी दशा में बिना पूर्व आवेदन के भी छुट्टियाँ ले सकता है।

इस सम्बन्ध में यह उल्लेखनीय है कि इस प्रकार ली गयी छुट्टियों की अवधि के वेतन का भुगतान ऐसी छुट्टियों का आवेदन करने के 15 दिन के भीतर तथा जनउपयोगी सेवा वाले उपक्रमों की दशा में 30 दिनों के भीतर कर दिया जायेगा।

8. अवकाश के लिये योजना बनाना–कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये कारखाने का मालिक या प्रबन्धक श्रमिकों के प्रतिनिधियों की सहमति से एक योजना का निर्माण कर सकता है जिसके द्वारा ऐसे अवकाश देने में कार्य को नियमित किया जा सके। इस प्रकार की योजना क्रियान्वित करने से पूर्व उसे लिखित रूप में उसको मुख्य निरीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

योजना का प्रदर्शन एवं नवीनीकरण उपर्युक्त प्रकार से तैयार की गई योजना कारखाने में महत्त्वपर्ण सविधाजनक स्थानों पर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जानी आवश्यक है। यह योजना लाग होने की तिथि से 10 महीने की अवधि के लिये कार्यशील होगी। इसमें यदि किसी भी प्रकार का परिवर्तन या नवीनीकरण होता है तो इसकी सूचना भी प्रकाशित करनी होगी एवं उसकी एक प्रतिलिपि मुख्य निरीक्षक के समक्ष प्रस्तत करनी होगी।

9. अवकाश आवेदन अस्वीकार करनाअवकाश आवेदन, अवकाश योजना के (उपधारा अन्तर्गत योजना) अनुरूप न होने पर अस्वीकृत किया जा सकता है।

10. कायमुक्त श्रमिक को जमा छद्रियों की मजटरी का भगतान यदि कोई श्रमिक सवेतन छट्टियां प्राप्त करन का आधकारी है किन्तु उसे उन छट्टियों के उपयोग करने से पर्व ही अधिष्ठाता/परिभोगी द्वारा कार्यमक्त कर दिया जाता है तो वह अपने जमा छुट्टियों के दिनों की मजदूरी प्राप्त कर सकता है । इस मजदूरी का भुगतान कार्यमुक्त करने के अगले कार्यशील दिन में कर दिया जाना आवश्यक है।

11. नौकरी छोड़ने वाले श्रमिकों को जमा छुट्टियों की मजदूरी यदि कोई श्रमिक सवेतन छुट्टियाँ प्राप्त करने का अधिकारी है तथा वह छुट्टियों के लिए आवेदन करता है किन्तु उसे अस्वीकार कर दिया जाता है, इसके परिणामस्वरूप वह श्रमिक नौकरी छोड़ देता है तो ऐसा श्रमिक अपनी उपार्जित छुट्टियों की मजदूरी प्राप्त करने का अधिकारी होगा। इस मजदूरी का भुगतान आगामी वेतन दिवस को या इससे पूर्व ही कर देने का दायित्व अधिष्ठाता का है।

12. सूचना की अवधि की गणना कार्य अथवा कार्य से अलग करने से पूर्व यदि किसी प्रकार की सूचना (Notice) दी जानी आवश्यक है तो शेष उपार्जित सवेतन छुट्टियों के दिनों की सूचना की अवधि को गणना में शामिल नहीं किया जायेगा।

(III) अवकाश की अवधि की मजदूरी

(Wages During Leave Period)

श्रमिक को मजदूरी सहित अवकाश के लिए दी जाने वाली मजदूरी की गणना अवकाश के माह के तुरन्त पूर्व के महीने में अर्जित पूरे समय की मजदूरी के दैनिक औसत के बराबर होगी। इस आय में महंगाई भत्ता तथा खाद्य सामग्री एवं अन्य वस्तुओं की रियायती बिक्री के नगद मूल्य लाभ को सम्मलित किया जायेगा किन्तु बोनस सम्मलित नहीं होगा। खाद्यान्न की रियायती बिक्री के नगद लाभ का मूल्य एक आदर्श परिवार (श्रमिक, पत्नी तथा 14 वर्ष से कम आयु के दो बच्चे अर्थात् कुल मिलाकर तीन वयस्क उपभोग इकाइयाँ हों) को प्राप्त होने वाले लाभ के बराबर ही सम्मिलित किया जायेगा। राज्य सरकार इसके गणना की रीति तथा सम्बन्धित रजिस्टर को रखने के सम्बन्ध में नियम बना सकती

कुछ दशाओं में अग्रिम भुगतान

(Payment in Advance in Certain Cases)

यदि किसी वयस्क श्रमिक की 4 दिन या अधिक एवं बालक श्रमिक को 5 या अधिक दिनों का मजदूरी सहित अवकाश स्वीकृत किया जाता है तो ऐसे अवकाश के प्रारम्भ होने के पूर्व ही उक्त अवकाश की अवधि के लिए देय मजदूरी का भुगतान अग्रिम रूप में करना होगा।

अदत्त मजदूरी वसूल करने की रीति

(Mode of Recovery of Unpaid Wages)

यदि किसी नियोक्ता ने इस अध्याय के अन्तर्गत श्रमिक को देय किसी धनराशि का भुगतान नहीं किया है तो उसकी वसूली उसी प्रकार की जायेगी जिस प्रकार मजदूरी भुगतान अधिनियम, 1936 (Payment of Wages Act, 1936) विलम्बित मजदूरी (Delayed Wages) की वसूली की जाती है। [धारा 82]

(VI) राज्य सरकार को नियम बनाने का अधिकार

(Power of State to Make Rules)

राज्य सरकार, कारखाना प्रबन्धकों को निर्धारित विवरण वाले रजिस्टर रखने तथा उन्हें जाँच के लिए निरीक्षकों के सम्मुख प्रस्तुत करने के सम्बन्ध में आवश्यक नियम बना सकती है।

(VII) कारखानों को मुक्त करने का अधिकार

(Power to Exempt Factories)

यदि राज्य सरकार उचित समझे तो किसी भी कारखाने को उपर्युक्त समस्त प्रावधानों से या कुछ प्रावधानों से मुक्त कर सकती है।

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(LONG ANSWER QUESTIONS)

1 कारखाना अधिनियम, 1948 के अधीन श्रमिकों को मजदूरी सहित वार्षिक अवकाश देने सम्बन्धी प्रावधानों को स्पष्ट कीजिए।

Explain clearly the provisions of the Factory Act, 1948 regarding the payment of wages with annual leave.

2. मजदूरी सहित अवकाश के सम्बन्ध में तथा अवकाश की अवधि में मजदूरी ज्ञात करने के सम्बन्ध में कारखाना अधिनियम के प्रावधानों की विवेचना कीजिए।

Discuss the provisions of the Factories Act regarding leaves with wages and also regarding determination of wages during leave period.

3. श्रमिकों को मजदूरी सहित अवकाश देने के सम्बन्ध में कारखाना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों का उल्लेख कीजिए।

Discuss the various provisions of the Indian Factory Act, 1948 regarding to leave with wages.

लघु उत्तरीय प्रश्न

(SHORT ANSWER QUESTIONS)

1 अवकाश के दिनों की मजदूरी सम्बन्धी क्या प्रावधान हैं ? समझाइए।

What are the provisions related to wages during leave period ? State.

2. मजदूरी सहित अवकाश के आवेदन करने की क्या विधि है ?

What is the method of submitting an application for leave with wages?

3. अदत्त मजदूरी की वसूली क्या है ? समझाइए।

What is recovery of unpaid wages ? State.

4. योजना का प्रदर्शन एवं नवीनीकरण क्या है ? समझाइए।

What is show off and renewal of plan ? State.

5. मजदूरी के अग्रिम भुगतान पर टिप्पणी लिखिए।

Write a note on Advance Payment of Wages.

6. किसी भी वर्ष में अधिक से अधिक कितनी बार मजदूरी सहित अवकाश लिया जा सकता है ?

How many times leave with wages can be taken in any year?

Corporate Laws Annual Leave

chetansati

Admin

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