BCom 2nd year Corporate Laws Hazardous Processes Study Material notes In Hindi

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BCom 2nd year Corporate Laws Hazardous Processes Study Material notes In Hindi

Table of Contents

BCom 2nd year Corporate Laws Hazardous Processes Study Material notes In Hindi: Constitution of site Appraisal Committee (SAC) Specific Responsibility of Occupier in Relation to Hazardous Processes Laying  Down Emergency Standardized Safety Committee  Right of Workers to Warn Imminent Danger Important Examination Questions Long Answer Question Short Answer Questions ( Most Important Notes For BCom 2nd year Students )

Hazardous Processes Study Material
Hazardous Processes Study Material

BCom 2nd year Corporate Laws Safety Study Material Notes In Hindi

खतरनाक प्रक्रियायें

(HAZARDOUS PROCESSES)

औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन की खतरनाक प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप गत वर्षों में हुई औद्योगिक दुर्घटनाओं (जैसे भोपाल गैस दुर्घटना एवं दिल्ली के सिनेमा-घर में हुई त्रासदी आदि) के उपरान्त खतरनाक

वास्थ्य रक्षा एवं सुरक्षा के प्रति सरकार अत्यधिक जागरूक है। खतरनाक प्रक्रियाओं से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिये केन्द्र सरकार ने कारखाना (संशोधन) अधिनियम, 1987 के द्वारा कारखाना अधिनियम में ‘खतरनाक प्रक्रियाओं’ (Hazardous Processes) के नाम से एक नये अध्याय का समावेश किया है। खतरनाक प्रक्रियाओं से सम्बन्धित प्रावधानों की विवेचना कारखाना अधिनियम की धारा 41A से धारा 41H के अन्तर्गत की गयी है।

Corporate Laws Hazardous Processes

(I) स्थल मूल्यांकन समिति का गठन (धारा 41A)

[Constitution of Site Appraisal Committee (SAC)]

कारखाना (संशोधन) अधिनियम, 1987 के अन्तर्गत स्थल मूल्यांकन समिति की नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। स्थल मूल्यांकन समिति के सम्बन्ध में प्रमुख प्रावधान निम्नानसार हैं

1 राज्य सरकार द्वारा नियुक्ति-राज्य सरकार किसी भी खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने की प्रारम्भिक स्थापना या उसके विस्तार के लिये अनुमति प्रदान करने के आवेदन पर विचार करने के लिये (सरकार को) परामर्श देने हेतु राज्य सरकार एक स्थल मूल्यांकन समिति नियुक्त कर सकती है। [धारा 41A(1)]

2. स्थल मूल्यांकन समिति का गठन-इस समिति में 13 सदस्य एवं एक अध्यक्ष रखे जाने का प्रावधान किया गया है। सदस्यों एवं अध्यक्ष की नियुक्ति निम्नलिखित प्रकार की जायेगी

(i) मुख्य कारखाना निरीक्षक इसका अध्यक्ष होगा;

(ii) Water (Prevention and Control of Pollution) Act, 1974 की धारा 3 के अन्तर्गत केन्द्रीय

सरकार द्वारा नियुक्त केन्द्रीय जल प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण मण्डल का एक प्रतिनिधिः

(iii) Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981 की धारा 3 के अन्तर्गत केन्द्रीय

सरकार द्वारा नियुक्त केन्द्रीय वायु प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण मण्डल का एक प्रतिनधि;

(iv) Water (Prevention and Control of Pollution) Act, 1974 की धारा 4 के अन्तर्गत गठित

राज्य मण्डल (State Board) का एक प्रतिनिधि;

(v) Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981 की धारा 5 के अन्तर्गत गठित

राज्य मण्डल (State Board) का एक प्रतिनिधि;

(vi) राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग का एक प्रतिनिधि ।

(vii) भारत सरकार के मौसम विज्ञान (Mateorological) विभाग का एक प्रतिनिधि ।

(viii) व्यावसायिक स्वास्थ्य (Occupational Health) के क्षेत्र में से एक विशेषज्ञ ।

(ix) राज्य सरकार के नगर नियोजन विभाग का एक प्रतिनिधि।

(x) उपरोक्त वर्णित 9 व्यक्तियों के अतिरिक्त अधिकतम पाँच अन्य सदस्य राज्य सरकार द्वारा

निम्नलिखित प्रकार से मनोनीत किये जायेंगे।

(a) कारखाने में होने वाली खतरनाक प्रक्रिया का विशिष्ट ज्ञान रखने वाला एक वैज्ञानिक ।

(b) स्थानीय सरकार का एक प्रतिनिधि जिसके क्षेत्र में कारखाना स्थापित है।

(c) अधिकतम तीन अन्य व्यक्ति जिनको राज्य सरकार उपयुक्त समझे। [धारा 41(A)] 3. SAC द्वारा आवेदन की जाँच एवं निर्धारित प्रारूप में सिफारिश-SAC खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने की स्थापना हेतु आवेदन का परीक्षण करेगी तथा निर्धारित प्रारूप में ऐसे आवेदन की प्राप्ति के 90 दिन की अवधि के भीतर राज्य सरकार को अपनी सिफारिश देगी।

4. केन्द्रीय सरकार के उपक्रम की दशा में प्रतिनिधित्व यदि प्रारम्भिक स्थापना अथवा विस्तार के लिये आवेदन-पत्र देने वाला कारखाना कम्पनी अथवा निगम सहित केन्द्रीय सरकार का उपक्रम है तो केन्द्रीय सरकार द्वारा नामांकित व्यक्ति को राज्य सरकार इस समिति में सदस्य के रूप में मनोनीत करेगी।

5. समिति की शक्ति या अधिकार-स्थल मल्यांकन समिति खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने की स्थापना या विस्तार का आवेदन देने वाले व्यक्ति से कोई भी सूचना माँगने का अधिकार रखती है ।

5. अन्य किसी सरकारी बोर्ड से अनमति प्राप्त करने से मक्ति-यदि किसी खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने की स्थापना या विस्तार के आवेदन पर राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है तो ऐसी दशा में उस कारखाने को जल (प्रदूषण निवारण) अधिनियम तथा वायु प्रदूषण निवारण एवं नियन्त्रण) अधिनियम आदि के अन्तर्गत गठित केन्द्रीय एवं राज्य बोर्ड से पुनः अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है।

(II) खतरनाक प्रक्रियाओं वाले कारखाने के परिभोगी(अधिष्ठाता) की धारा 41B के अन्तर्गत खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता के निम्नलिखित कर्त्तव्य हैं

6. खतरों एवं उनसे बचने के उपायों की सचना देना-खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता का कर्त्तव्य है कि वह निर्माण, परिवहन, संग्रहण तथा अन्य प्रक्रियाओं में सामग्री या पदार्थों के खुले रहने या लाने-ले-जाने के कारण उत्पन्न होने वाले खतरों एवं उनसे बचने के उपायों की सूचना दे । ऐसी सूचना निर्धारित रीति से कारखाने में कार्यरत श्रमिकों.मख्य निरीक्षक स्थानीय कारखाना अधिकारी एवं आस-पास की सामान्य जनता को दी जानी चाहिये।

7. स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सम्बन्धी नीति का निर्धारण एवं उसकी सचना-प्रत्येक खतरनाक प्रक्रियाओं वाले कारखाने का परिभोगी उक्त कारखाने के पंजीकरण के समय कारखाने में नियुक्त कर्मचारियों की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य के सम्बन्ध में व्यापक नीति की व्यवस्था करेगा तथा ऐसी नीति को मुख्य निरीक्षक एवं स्थानीय कारखाना अधिकारी को सूचित करेगा तथा तत्पश्चात, ऐसे अन्तरालों पर, जैसा निर्धारित किया जाये, मुख्य निरीक्षक तथा स्थानीय कारखाना अधिकारी को उक्त नीति में किये गये किसी भी बदलाव की सूचना देगा।

8. सूचना की विषयवस्तुअधिष्ठाता/परिभोगी द्वारा दी जाने वाली सूचना में व्यर्थ पदार्थों की मात्रा (Quantity of Waste Materials), विशेष विवरण (Specification) एवं अन्य लक्षणों के सम्बन्ध में सही सूचना एवं उनके व्यवस्थापन (Disposal) की विधि को शामिल करते हैं।

9. आपातकालीन योजना तथा संकट निवारण उपाय निश्चित करना एवं उनकी जानकारी देना-प्रत्येक खतरनाक प्रक्रियाओं वाले कारखाने का परिभोगी, मुख्य कारखाना निरीक्षक के अनुमोदन से कारखाने के कार्यस्थल की आपातकालीन योजना बनायेगा एवं विस्तृत संकट निवारण उपाय निश्चित करेगा। तत्पश्चात् वह कारखाने में कार्यरत श्रमिकों तथा आस-पास रहने वाली सामान्य जनता को दुर्घटना होन की दशा में अपनाये जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी भी देगा।

10. खतरनाक प्रक्रिया की सूचना मुख्य निरीक्षक को देना–प्रत्येक खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने का परिभोगी/अधिष्ठाता (Occupier) अपने कारखाने की प्रक्रिया के बारे में निम्नलिखित अवधि में निर्धारित प्रारूप में निम्नलिखित सूचनायें देगा

(i) यदि कारखाना अधिनियम, 1987 के प्रभावशील होने की तिथि को खतरनाक प्रक्रिया की जा रही हो तो संशोधन के प्रभावशील होने के 30 दिनों के भीतर तथा

(ii) संशोधन के प्रभावशील होने की तिथि के बाद खतरनाक प्रक्रिया प्रारम्भ की गई हो तो ऐसी प्रक्रिया के प्रारम्भ करने के 30 दिनों के भीतर।

11. प्रावधानों के उल्लंघन पर दण्ड-यदि परिभोगी उपर्युक्त प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उक्त कारखाने का लाइसेन्स रद्द किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त वह कारावास तथा आर्थिक दण्ड दोनों का भागी हो सकता है।

12. खतरनाक पदार्थों के लाने-ले-जाने, उपयोग, परिवहन, संग्रहण तथा व्यवस्थापन सम्बन्धी उपायों का निर्धारण एवं प्रचार-प्रत्येक खतरनाक प्रक्रियाओं वाले कारखाने के परिभोगी को मुख्य कारखाना निरीक्षक की। पूर्व अनुमति से कारखाने में खतरनाक पदार्थों को लाने-ले-जाने, उपयोग.परिवहन, संग्रहण एव व्यवस्थापन के उपाय निर्धारित करने होंगे। इसके अतिरिक्त, उसे इन उपायों का निर्धारित रीति से कार्यरत श्रमिकों तथा । कारखाने के आस-पास रहने वाली सामान्य जनता में प्रचार भी करना होगा। [धारा 41-B(7)]

पूर्व अनुमति से कारखाने में खतरनाक प्रक्रियाओं वाले कारखाने पक्षण तथा व्यवस्थापन सम्बन्धी उप

(III) खतरनाक प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में अधिष्ठाता या परिभोगी का विशिष्ट दायित्व

(Specific Responsibility of Occupier in Relation to Hazardous Processes)

खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने का प्रत्येक अधिष्ठाता या परिभोगी दायित्वों के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य निष्पादित करेगा

1 स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सम्बन्धी अभिलेख रखना-कारखाने में ऐसे श्रमिकों के सम्बन्ध में सही-सही स्वास्थ्य अभिलेख या चिकित्सा रिकॉर्ड रखना,जो किसी रासायनिक या विषैले पदार्थ से अथवा कारखाने में प्रयोग आने वाले निर्मित या संगृहीत होने वाले हानिकारक पदार्थों से प्रभावित हो। ऐसे रिकार्ड निर्धारित शर्तों के अन्तर्गत श्रमिकों को भी दिखाये जायेंगे।

2. खतरनाक पदार्थों के ढोने में योग्यता प्राप्त व्यक्तियों की नियक्ति-खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता/परिभोगी को ऐसे योग्यता प्राप्त एवं अनभवी व्यक्तियों की नियक्ति करनी होगी, जो कारखान में खतरनाक पदार्थों के ढोने एवं उसका निरीक्षण करने में सक्षम हों। इसके अतिरिक्त ये व्यक्ति श्रमिका का सरक्षा के लिये सभी आवश्यक सुविधायें भी निर्धारित रीति से उपलब्ध कराने में भी सक्षम होने चाहिये।

यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि इस प्रकार से नियक्त किये गये व्यक्ति की योग्यता एवं अनुभव के प्रश्नों पर मुख्य निरीक्षक का निर्णय ही अन्तिम होगा।

3. स्वास्थ्य परीक्षा की व्यवस्था करनाखतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता को निम्नानुसार अपने प्रत्येक श्रमिक की स्वास्थ्य परीक्षा की व्यवस्था भी करनी होगी

(i) किसी भी खतरनाक पदार्थ को लाने-ले-जाने या उस पर कार्य करने हेतु लगाने से पूर्व तथा (ii) उस कार्य को करते हये तथा उस कार्य को करना बन्द करने के बाद उस निर्धारित विधि एवं समय अन्तराल जो कि 12 महीने से अधिक का नहीं होगा।

(IV) केन्द्रीय सरकार द्वारा जाँच समिति की नियुक्ति (धारा 41D)

(Appointment of Inquiry Committee by Central Government)

कारखाना (संशोधन) अधिनियम,1987 द्वारा केन्द्रीय सरकार को जाँच समिति नियुक्त करने का अधिकार दिया गया है। इस सम्बन्ध में मुख्य प्रावधान निम्नानुसार हैं

1 असाधारण परिस्थितियों में नियुक्त करना-केन्द्रीय सरकार खतरनाक प्रक्रिया में लगे किसी कारखाने में असामान्य परिस्थितियाँ उत्पन्न होने पर जाँच समिति नियुक्त कर सकती है। यह समिति कारखाने में लागू किये गये स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रमापों की जाँच करने के लिये गठित की जा सकती है।

2. जाँच के उद्देश्य-इस समिति की जाँच के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं(i) कारखाने में पालन किये जाने वाले स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रमापों की जाँच करना; (ii) इनके पालन में हुई त्रुटियों एवं असावधानियों के कारणों का पता लगाना; एवं (iii) असामान्य परिस्थितियों को भविष्य में उत्पन्न होने अथवा पुनः उत्पन्न होने से रोकना।

3. समिति का गठन, कार्य एवं कार्यकाल

(i) ऐसी जाँच समिति में दो सदस्य होंगे तथा एक अध्यक्ष होगा। इस प्रकार इस समिति में कुल मिलाकर तीन व्यक्ति होंगे।

(ii) जाँच समिति का कार्य केन्द्रीय सरकार द्वारा परिस्थितियों के अनुसार निश्चित किया जायेगा। (iii) समिति के सदस्यों का कार्यकाल केन्द्रीय सरकार द्वारा परिस्थितियों के अनुरूप निर्धारित होगा।

4. सिफारिशें सलाहकारी प्रकृति की होना-केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त जाँच समिति की सिफारिशें सलाहकारी प्रकृति (Recommendatory Nature) की होगी।

(v) आपातकालीन प्रमापों का निर्धारण (धारा 41E)

(Laying-down Emergency Standards)

1 आपातकालीन प्रमाप निर्धारित करने का निर्देश देने का अधिकार यदि केन्द्रीय सरकार इस बात स सन्तुष्ट हो कि किसी खतरनाक प्रक्रिया अथवा खतरनाक प्रक्रियाओं की श्रेणी के लिये कोई सुरक्षा प्रमाप निर्धारित नहीं किये नहीं किये गये हैं अथवा निर्धारित किये गये प्रमाप अपर्याप्त हैं जो केन्द्रीय सरकार ऐसी खतरनाक प्रक्रियाओं क सम्बन्ध में उचित प्रमाप लाग करने के लिये आपातकालीन प्रमाप निर्धारित करने का निर्देश दे सकती है।

केन्द्रीय सरकार ऐसे प्रमाप निर्धारित करने का निर्देश कारखाना सलाह, सेवा तथा श्रम संस्थानों के ‘महानिदशक (Director-General of Factory Service and Labour Institutes) अथवा खतरनाक

(1)] प्रक्रियाओं के सुरक्षा प्रमापों के विशेषज्ञ किसी भी संस्थान को दे सकती है।

2. प्रभावशीलता (Effectiveness)-ऐसे आपातकालीन प्रमाप जब तक अधिनियम के नियमों में शामिल नहीं कर दिये जाते हैं तब तक उक्त प्रावधानों को उसी प्रकार प्रभावी माना जायेगा मानो कि वे प्रावधान इस अधिनियम के नियमों में सम्मिलित हैं।

(VI) रसायनों तथा जहरीले पदार्थों के प्रभाव में आने की मान्य सीमा (धारा 41F)

(Permissible Threshold Limits of Exposure of Chemicals and Toxic Substances)

1 किसी भी कारखाने की निर्माण प्रक्रियाओं में रसायनों एवं जहरीले पदार्थों के प्रभाव की अधिकतम अनुमति योग्य सीमा का उल्लेख द्वितीय अनुसूची में किया गया है।

2. केन्द्रीय सरकार किसी भी समय किसी भी विशेषज्ञ संस्था या विशेषज्ञ द्वारा प्राप्त वैज्ञानिक प्रमाण को प्रभावी करने के लिये इस अनसूची में आवश्यक संशोधन कर सकती है। [धारा 41F(2)]

(VII) सुरक्षा समिति (धारा 41G)

(Safety Committee)

कारखाना (संशोधन) अधिनियम, 1987 द्वारा खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखानों में सुरक्षा समिति संगठन करने का प्रावधान किया गया है। सुरक्षा समिति के सम्बन्ध में प्रमुख प्रावधान निम्नानुसार हैं

1 सुरक्षा समिति की स्थापना-खतरनाक प्रक्रिया वाले या खतरनाक पदार्थों को उपयोग करने या ढोने वाले कारखाने के अधिष्ठाता/परिभोगी को अपने कारखाने में एक सुरक्षा समिति की स्थापना करनी होगी।

2. समिति का गठनसुरक्षा समिति में श्रमिकों एवं प्रबन्धकों दोनों के प्रतिनिधियों की संख्या बराबर-बराबर होगी अर्थात् दोनों के समान संख्या में प्रतिनिधि होंगे।

3. उद्देश्यसुरक्षा समिति की स्थापना का मूलभूत उद्देश्य कार्य पर उचित स्वास्थ्य एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से श्रमिकों एवं प्रबन्ध में सहयोग को प्रोत्साहन देना तथा इस सम्बन्ध में अपनाये गये उपायों की समय-समय पर समीक्षा करना होगा।

4. सुरक्षा समिति गठित करने से मुक्ति-राज्य सरकार लिखित में रिकॉर्ड किये गये कारणों से किसी कारखाने या कारखानों की श्रेणी में परिभोगी को ऐसी समिति की स्थापना करने में छूट दे सकती है।

5. सदस्यों का कार्यकाल, अधिकार एवं कर्त्तव्य-सुरक्षा समिति के सदस्यों का कार्यकाल, अधिकार एवं कर्त्तव्य वे ही होंगे जोकि निर्धारित किये गये हों।

 (VII) श्रमिकों को अन्तर्निहित खतरे की सूचना देने का अधिकार (धारा 41H)

(Right of Workers to Warn Imminent Danger)

1 खतरे की सूचना देनायदि किसी खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने में कार्यरत श्रमिकों को इस बात की पर्याप्त आशंका हो कि दुर्घटना के कारण उनके जीवन या स्वास्थ्य को खतरे की संभावना है तो वे कारखाने के परिभोगी एजेन्ट प्रबन्धक या कारखाने अथवा उस प्रक्रिया के प्रभारी व्यक्ति को स्वयं या सरक्षा समिति में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इस बात की चेतावनी दे सकते हैं एवं साथ-ही-साथ कारखाना निरीक्षक को भी सूचित कर सकते हैं।

2. अधिष्ठाता या नियोक्ता द्वारा आवश्यक कदम उठाना-आसन्न खतरे के सम्बन्ध में सन्तुष्ट हो जाने की दशा में कारखाने के अधिष्ठाता या नियोक्ता या परिभोगी, एजेन्ट,प्रबन्धक या कारखाने अथवा प्रक्रिया के पधारी व्यक्ति का यह कर्तव्य होगा कि वह तुरन्त उपचारात्मक आवश्यक कदम उठाये एवं इन उठाये गये। कदमों की रिपोर्ट भी निकटतम निरीक्षक को भेजे।

3. खतरे की विद्यमानता के बारे में सन्तष्ट न होने पर भी निकटवर्ती निरीक्षक को सचना देना यदि कारखाने का अधिष्ठाता या परिभोगी, एजेन्ट, प्रबन्धक या प्रभारी व्यक्ति श्रमिकों द्वारा सचित खतरे के सम्बन्ध में सन्तुष्ट नहीं हो तो भी वह निकटतम निरीक्षक को इसकी आवश्यक रिपोर्ट तुरन्त प्रभाव से भेजेगा एवं सम्भावित खतरे के प्रश्न के सम्बन्ध में उस निरीक्षक का फैसला अन्तिम होगा।

Corporate Laws Hazardous Processes

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(LONG ANSWER QUESTIONS)

1 खतरनाक प्रक्रिया से क्या आशय है ? खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता के क्या कर्तव्य हैं ? समझाइए।

What is meant by hazardous process ? What are the duties of an occupier of factory having hazardous process ?

2. खतरनाक प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में कारखाना (संशोधन) अधिनियम, 1987 के प्रमुख प्रावधानों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

Describe in brief the main provisions of the Factories (Amendment) Act, 1987 regarding dangerous processes.

Corporate Laws Hazardous Processes

लघु उत्तरीय प्रश्न

(SHORT ANSWER QUESTIONS)

1 खतरनाक प्रक्रियाओं के अन्तर्गत स्थल मूल्यांकन समिति के गठन के सम्बन्ध में क्या प्रावधान हैं ?

What are the provisions related to constitution of site appraisal committee under hazardous processes ?

2. खतरनाक प्रक्रिया वाले कारखाने के अधिष्ठाता के कर्त्तव्यों से सम्बन्धित कारखाना अधिनियम में दिये गये प्रावधानों का वर्णन कीजिए।

Describe the provisions of Factories Act with regard to the functions of occupiers of factories involving hazardous processes.

3. केन्द्रीय सरकार द्वारा जाँच समिति की नियुक्ति के सम्बन्ध में क्या प्रावधान हैं ?

What are the provisions related to the appointment of inquiry committee by the Central Government?

4. कारखाना अधिनियम की धारा 41-G के अन्तर्गत सुरक्षा समिति के अर्थ एवं अवधारणा की विवेचना कीजिए।

Explain the meaning and concept of Safety Committee under Section 41G of Factory Act.

5. श्रमिकों को अन्तर्निहित खतरे की सूचना देने का अधिकार क्या है ?

What is the right of workers to warn of imminent danger?

6. निम्नलिखित के सम्बन्ध में क्या प्रावधान हैं

(i) परिभोगी या अधिष्ठाता द्वारा अनिवार्य रूप से जानकारी देना।

(ii) खतरनाक प्रक्रिया के सम्बन्ध में परिभोगी के विशिष्ट उत्तरदायित्व।

What are the provisions related to  following:

(i) Compulsory Disclosure of Information by Occupier.

(ii) Specific Responsibility of Occupier.

7. आपातकालीन प्रमापों के निर्धारण सम्बन्धी प्रावधानों की विवेचना कीजिए।

Describe the provisions related to laying down emergency standards.

8. रासायनिक तथा विषैले पदार्थों के प्रभाव में आने की मान्य सीमा क्या है ? समझाइए।

What is the permissible limit of exposure of chemicals and toxic substances ? State.

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chetansati

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