BCom 2nd Year Deemed Income Clubbing Aggregation Study Material Notes in Hindi

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BCom 2nd Year Deemed Income Clubbing Aggregation Study Material Notes in Hindi

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BCom 2nd Year Deemed Income Clubbing Aggregation Study Material Notes in Hindi : Deemed Incomes  Remember able important Points Regarding Clubbing of Income Aggregation of Income Examination Questions Long Answer Question Short Answer Question ( Most Important Notes For BCom 2nd Year Students )

Clubbing Aggregation Study Material
Clubbing Aggregation Study Material

BCom 2nd Year Income Tax Depreciation Study Material Notes in Hindi

मानी गयी आयें या आय का मिलाना एवं आय का संकलन

(DEEMED INCOME OR CLUBBING OF INCOME AND AGGREGATION OF INCOME)

यह कटु सत्य है कि प्रत्येक करदाता कम-से-कम आय-कर का भुगतान करना चाहता है, अत: करदाता अपनी आय को अपने पारिवारिक सदस्यों या अन्य किन्हीं व्यक्तियों में इस प्रकार से नियोजित करता है ताकि सम्पूर्ण आय पर कर का भार कम हो जाए। इस प्रकार से कर बचाने के तरीके को कर अपवंचना (Tax Evasion) कहते हैं। इस अपवंचना को रोकने के लिए। आय-कर अधिनियम की धारा 60 से 65 के अन्तर्गत ऐसे प्रावधान किये गये हैं जिससे करदाता को स्वयं की वास्तविक आय के अतिरिक्त ऐसी आय पर भी कर देना होता है जो कानूनी रूप में किसी अन्य व्यक्ति ने प्राप्त की है। इन प्रावधानों के अन्तर्गत आय को प्राप्तकर्ता की आय में सम्मिलित न करके अन्य व्यक्ति (हस्तान्तरणकर्ता करदाता) की आय में सम्मिलित किया जाता है। इस प्रकार दूसरे व्यक्तियों की ऐसी आयों को करदाता की आय में जोड़ने की प्रक्रिया को ‘आय का मिलाना’ (Clubbing of Income) कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, करदाता अपनी सम्पूर्ण सम्पत्तियों एवं विनियोगों को भी आय-कर विवरणी (Income tax return) में प्रदर्शित नहीं करते और न उनका कोई रिकॉर्ड रखते है। वस्तुतः ये करदाता की छिपी हुई/गुप्त आयें होती हैं। जिन्हें करदाता आय-कर की चोरी करने के उद्देश्य से छिपाता है। किन्तु जब ये आयें कर-निर्धारण अधिकारी की जानकारी में आ जाती है तन ये करदाता की आयें मान ली जाती है। आय-कर की चोरी रोकने के लिए इन आयों के सम्बन्ध में आय-कर ‘अधिनियम की धाराओं 68 से 69D तक में प्रावधान किया गया है। ऐसी आयों को ‘मानी गयी आयें’ (Deemed Incomes) कहते हैं।

आय का मिलाना‘ (Clubbing of Income) से अभिप्राय अन्य व्यक्तियों की आय, करदाता की आय में शामिल करने से है। निम्नलिखित स्थितियों में अन्य व्यक्तियों की आय करदाता की कुल आय में शामिल की जाती है

1 सम्पत्ति का हस्तान्तरण किये बिना आय का हस्तान्तरण (Transfer of Income without Transfer of Asset) (धारा 60) यदि कोई व्यक्ति अपनी किसी सम्पत्ति से होने वाली आय का हस्तान्तरण किसी अन्य व्यक्ति को करता है लेकिन उस सम्पत्ति के स्वामित्व का हस्तान्तरण नहीं करता है तो उस आय को हस्तान्तरणकर्ता (Transferor) की आय में सम्मिलित किया जाता है।

उदाहरण-अतुल अपने मकान का किराया अपने भाई विपुल को प्राप्त करने का अधिकार दे देता है, किन्तु मकान पर अतुल का स्वामित्व रहता है। ऐसी स्थिति में विपुल को प्राप्त किराया अतुल की ही आय मानी जायेगी।

Deemed Income Clubbing Aggregation

2. सम्पत्ति के खण्डनीय हस्तान्तरण द्वारा आय को हस्तान्तरित करना (Revocable Transfer of Asset) (धारा 61) यदि किसी व्यक्ति ने अपनी किसी सम्पत्ति का किसी अन्य व्यक्ति को खण्डनीय हस्तान्तरण किया हो तो ऐसी सम्पत्ति से उस अन्य व्यक्ति को प्राप्त होने वाली आय हस्तान्तरणकर्ता की कुल आय में सम्मिलित की जायेगी।

खण्डनीय हस्तान्तरण का अर्थ (धारा 63)-खण्डनीय हस्तान्तरण से आशय ऐसे हस्तान्तरण से है, जिसमें कोई ऐसी व्यवस्था है जिसके कारण हस्तान्तरणकर्ता सम्पत्ति की समस्त आय या कुछ आय को प्रत्यक्ष रूप से अथवा अप्रत्यक्ष रूप से पुनः हस्तान्तरित कर सकता है: या हस्तान्तरण में कोई ऐसी व्यवस्था है जिसमें हस्तान्तरणकर्ता उस सम्पत्ति को या उसके कुछ भाग का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वापिस प्राप्त कर सकता है।

उदाहरणराम ने अपना मकान श्याम के नाम 5 वर्ष के लिए कर दिया और इसका किराया श्याम को प्राप्त होने लगा। किराये की यह आय राम (हस्तान्तरणकर्ता) की आय में शामिल होगी, न कि श्याम (हस्तान्तरी) की आय में।

अपवादनिम्नलिखित दशाओं में खण्डनीय हस्तान्तरण होते हुए भी इनकी आय हस्तान्तरी (Transferee) की आय म। शामिल होगी, अर्थात् हस्तान्तरणकर्ता की आय में शामिल नहीं होगी

() यदि सम्पत्ति का हस्तान्तरण किसी ट्रस्ट द्वारा किया गया हो और यह हस्तान्तरण लाभ पाने वाले के जीवन काल में अखण्डनीय है, या

() यदि सम्पत्ति का हस्तान्तरण किसी व्यक्ति को किया गया हो और यह हस्तान्तरण हस्तान्तरी के जीवन-काल में अखण्डनीय है, या आय का मिलाना एवं आय का संकलन

() यदि हस्तान्तरण 1 अप्रैल, 1961 से पूर्व किया गया है और 6 वर्ष से अधिक के लिए अखण्डनीय है।

3.जीवन साथी की आय (Income of Spouse) (धारा 64) यदि किसी व्यक्ति का किसी संस्था में सारवान हित है व इसी संस्था से उसके जीवन साथी को कोई वेतन, बोनस, कमीशन या अन्य कोई पारिश्रमिक मिलता है तो ये समस्त आय। प्राप्तकर्ता के लिए कर-योग्य न होकर उसके जीवन साथी, जिसका संस्था में सारवान हित (Substantial Interest) है, के लिए। कर-योग्य होंगी। परन्तु यदि करदाता के जीवन साथी को यह पारिश्रमिक तकनीकी अथवा व्यावसायिक जानकारी तथा अनुभव का। सेवाएं प्रदान करने के फलस्वरूप प्राप्त हुआ हो तो यह प्रावधान लागू नहीं होगा।

नोट(i) जीवन साथी से आशय पुरुष करदाता के लिए उसकी पत्नी व स्त्री करदाता के लिए उसके पति से है।। (ii) सारवान हित का अर्थ (Meaning of Substantial Interest)-किसी व्यक्ति का कम्पनी में सारवान हित तब माना जाता है जब उसके एवं उसके सम्बन्धियों के पास कुल मिला कर उस कम्पनी के कम-से-कम 20% मताधिकार वाले। अंश हों। अन्य किसी संस्था में व्यक्ति का सारवान हित उस दशा में माना जाता है जबकि वह व्यक्ति एवं उसके सम्बन्धी

कुल मिलाकर कमसेकम 20% लाभ प्राप्त करने के अधिकारी रहे हों। (iii) ‘सम्बन्धीसे आशय (Meaning of Relative)-किसी व्यक्ति के लिए उसके सम्बन्धी से आशय उसके पति-पत्नी,भाई-बहिन तथा ऊपर के वंशज एवं नीचे के वंशजों से है। (iv) यदि किसी संस्थान में पति एवं पत्नी दोनों का सारवान हित हो तथा दोनों उस संस्था से वेतन, कमीशन आदि प्राप्त करते हैं, तो इस संस्था से प्राप्त वेतन, कमीशन आदि को एक ही जीवन-साथी की कुल आय में सम्मिलित किया जायेगा।

4.जीवन साथी को हस्तान्तरित सम्पत्ति से आय (Income Arising out of Transferred Asset to Spouse) [धारा 64(1)(iv)]-जब किसी व्यक्ति द्वारा मकान सम्पत्ति को छोड़कर अन्य कोई सम्पत्ति बिना पर्याप्त प्रतिफल के अथवा अलग-अलग रहने के किसी समझौते के अन्तर्गत किये गये हस्तान्तरण को छोड़कर, प्रत्यक्ष रूप से अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपने जीवन साथी को हस्तान्तरित की जाती है तो उस सम्पत्ति से आय हस्तान्तरणकर्ता की आय समझी जाती है।

पवाद-निम्नलिखित स्थितियों में जीवन साथी को हस्तान्तरित सम्पत्ति की आय संकलित (Clubbed) नहीं की जाएगी

(i) यदि सम्पत्ति का हस्तान्तरण विवाह से पूर्व किया गया हो।

(ii) यदि सम्पत्ति का हस्तान्तरण पर्याप्त प्रतिफल लेकर किया गया हो।

(iii) यदि सम्पत्ति का हस्तान्तरण अलग रहने के समझौते के अन्तर्गत किया गया हो।

(iv) यदि आय की प्राप्ति की तिथि को हस्तान्तरणकर्ता हस्तान्तरिती का जीवन साथी नहीं है।

6. पुत्रवधू की आय (Income of Daughter-in-law) [धारा 64(1)(vi)]-यदि किसी व्यक्ति ने अपनी पुत्र-वधू को 31 मई, 1973 के बाद, बिना या अपर्याप्त प्रतिफल के किसी सम्पत्ति का हस्तान्तरण किया हो और इस सम्पत्ति से उन्हें कोई आय प्राप्त हुई हो, तो ऐसी आय हस्तान्तरणकर्ता करदाता की आय मानी जायेगी।

7. जीवनसाथी या पत्रवध के लाभार्थ किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के संघ को सम्पत्ति का हस्तान्तरण [Income from assets transferred to any person or Association of Persons for the benefit of the spouse or son’s wife of the transferor (धारा 64(1)(vii) and (viii)]-31 मई, 1973 के बाद, करदाता द्वारा यदि अपनी कोई सम्पत्ति पर्याप्त प्रतिफल प्राप्त किए बिना किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के संघ को हस्तान्तरित की जाती है तो ऐसी सम्पत्ति से प्राप्त आय हस्तान्तरणकर्ता की आय में उस सीमा तक शामिल होगी जहाँ तक ऐसी आय उसके जीवन-साथी या पुत्र-वधू के वर्तमान या भावी हित के लिए हो।

8. अवयस्क बच्चे की आय (Income of Minor Child) [धारा 64(1A)]-कर निर्धारण वर्ष 1993-94 से एक अवयस्क बच्चे की आय को उसके माता या पिता (दोनों में जिसकी कुल आय अधिक हो) की आय में शामिल किया जाता है. किन्तु माता-पिता के अलग-अलग रहने पर (वैवाहिक सम्बन्ध विच्छेद होने पर) उसकी आय में जोड़ा जायेगा जो अवयस्क बच्चे का पालन-पोषण करेगा अर्थात् जिसके साथ अवयस्क बच्चा रहता है। यदि अवयस्क की आय पिता अथवा माता दोनों में से जिसकी भी कुल आय में सम्मिलित कर ली जाती है तो आगामी वर्षों में भी उसी की कुल आय में सम्मिलित होती रहेगी जब तक कि कर निर्धारण अधिकारी इसमें परिवर्तन करना आवश्यक न समझे। यदि किसी अवयस्क की आय उसके माता-पिता की आय में शामिल की जाती है, तो ऐसी दशा में प्रत्येक अवयस्क की 1,500₹ तक की आय कर मुक्त होगी, अर्थात् अवयस्क की आय 1,500 ₹ से अधिक होने पर ही माता/पिता की आय में शामिल होगी।

उपरोक्त प्रावधान अवयस्क की उस आय के सम्बन्ध में लागू नहीं होगा जो अवयस्क बच्चे द्वारा किये गये निजी श्रम से या उसके विशेष ज्ञान अनुभव के आधार से किये गये कार्यों से अर्जित किया गया हो अथवा बच्चा धारा 80U में निर्दिष्ट शारीरिक या मासक रूप से अपंग है अथवा उसकी आय 1,500 से अधिक नहीं है। यदि अवयस्क बच्चे की स्वअर्जित आय को की विनियोजित किया जाता है तो ऐसे विनियोग से अर्जित आय अवयस्क की आय नहीं मानी जायेगी, वरन् इसे भी नियमानसारा माता-पिता की आय में जोड़ा जाएगा।

स्पष्टीकरण-अवयस्क बच्चे से अभिप्राय 18 वर्ष से कम उम्र वाले तथा वैधानिक बच्चे से है चाहे वह गोद लिया दादो। अथवा सौतेला, परन्तु इसमें अवैध बच्चे को सम्मिलित नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त बच्चे शब्द में पुत्र एवं पुत्रियाँ ही शामिल किये जाते हैं। पोते-पोतियाँ, भतीजा-भतीजी, भान्जा-भान्जी आदि शामिल नहीं हैं।

9. परिवर्तित सम्पत्ति से आय (Income from Converted Assets) [धारा 64(2)]-यदि कोई व्यक्ति 31 दिसम्बर, 1969 के पश्चात् अपनी स्वयं की व्यक्तिगत सम्पत्ति को हिन्दू अविभाजित परिवार (जिसका वह सदस्य है) को बिना पर्याप्त मौद्रिक प्रतिफल के हस्तान्तरित कर देता है/हिन्दू अविभाजित परिवार की सम्पत्ति के रूप में परिवर्तित कर देता है तो इस प्रकार हस्तान्तरित/परिवर्तित की गयी सम्पत्ति को परिवर्तित सम्पत्ति (Converted Asset) माना जाता है तथा ऐसी परिवर्तित सम्पत्ति से होने वाली आय हस्तान्तरणकर्ता की आय में सम्मिलित की जाती है। यदि भविष्य में उक्त हिन्दू अविभाजित परिवार का पूर्ण अथवा आंशिक विभाजन हो जाता है तो विभाजन के बाद ऐसी परिवर्तित सम्पत्ति में से हस्तान्तरणकर्ता, उसके जीवन साथी एवं अवयस्क बच्चे को जो आय प्राप्त होगी वह विभाजन के पश्चात् भी हस्तान्तरणकर्ता करदाता की कुल आय में ही शामिल की जायेगी।

यदि कोई आय हस्तान्तरणकर्ता व्यक्ति की कुल आय में शामिल की जाती है तो उसे परिवार की, उस व्यक्ति के जीवन साथी अथवा अवयस्क बच्चे की आय में शामिल नहीं किया जायेगा।

10. बेनामी व्यवहार (Benami Transaction)-जब कोई करदाता कर बचाने के उद्देश्य से कोई व्यवहार अवास्तविक व्यक्ति या नकली व्यक्ति के नाम से करता है तो इस प्रकार के व्यवहार को ‘बेनामी व्यवहार’ या ‘नकली व्यवहार’ कहा जाता है और उस नकली व्यक्ति को ‘बेनामीदार’ कहा जाता है। यदि किसी व्यवहार (लेन-देन) को बेनामी माना जाता है तो ऐसे लेन-देन से होने वाली आय पर वास्तविक व्यक्ति पर ही कर लगेगा न कि बेनामीदार व्यक्ति पर।

Deemed Income Clubbing Aggregation

आय को मिलाने के सम्बन्ध में ध्यान रखने योग्य महत्त्वपूर्ण बातें

(Remember able Important Points Regarding Clubbing of Income)

1 अन्य व्यक्तियों की आय को करदाता की आय में शामिल किये जाने सम्बन्धी नियम ऋणात्मक आय अर्थात् हानि पर भी लागू होता है।

2. जीवन साथी, अवयस्क पुत्र, पुत्र-वधू आदि अन्य व्यक्तियों की आय यदि करदाता की आय में शामिल की जानी हो. तो ऐसी स्थिति में ऐसी आय उसी शीर्षक में शामिल की जाएगी, जिससे वह सम्बन्धित है। जैसे-अवयस्क के नाम पर मकान सम्पत्ति की आय माता/पिता की आय में मकान सम्पत्ति शीर्षक में ही शामिल होगी और उस शीर्षक की नियमानुसार कटौतियाँ मिलेंगी।

3. यदि ऐसी आय में से उद्गम स्थान पर कर की कटौती की गई हो तो उसे सकल बनाकर सम्मिलित किया जायेगा करदाता के कर-निर्धारण के समय उद्गम स्थान पर काटे गये कर का लाभ करदाता को ही प्राप्त होगा। उसके द्वारा देय सकल कर में से इसे घटा दिया जायेगा।

4. यदि करदाता की आय में अन्य व्यक्तियों की आय शामिल है, तो उसे धारा 80C से 800 तक की कटौतियाँ नियमानुसार मिलेगी। यहाँ यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि ये कटौतियाँ करदाता की व्यक्तिगत आय एवं उसकी आय में शामिल की गयी अन्य व्यक्तियों की आय के योग पर मिलेंगी।

5. यदि अन्य व्यक्ति को हस्तान्तरित की गयी सम्पत्ति की आय के विनियोजन से भी कोई आय प्राप्त होती है तो ऐसी आय के विनियोजन से प्राप्त आय को सम्बन्धित अन्य व्यक्ति की आय में ही सम्मिलित किया जायेगा। करदाता की आय में। केवल मूल सम्पत्ति से हुई आय को ही सम्मिलित किया जायेगा। संक्षेप में, मूल सम्पत्ति की आय से कमाई गई आय को हस्तान्तरणकर्ता की आय में सम्मिलित नहीं किया जायेगा।

6. यदि हस्तान्तरित की गयी सम्पत्ति में कोई वृद्धि होती है तो मूल सम्पत्ति की आय को ही करदाता की आय में सम्मिलित। किया जायेगा, बढ़ी हुई सम्पत्ति की आय को सम्मिलित नहीं किया जायेगा। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ने अपनी पली को एक कम्पनी के अंश उपहार में दिये। इस दशा में अंशों का लाभांश करदाता की आय में सम्मिलित किया जायेगा। परन्त यदि कम्पनी बोनस अंश निर्गमित कर देती है तो बोनस के रूप में मिले अंशों का लाभांश करदाता की आय में । समिमलित नहीं किया जायेगा। इसे उसकी पत्नी की आय में ही सम्मिलित किया जायेगा ।

मानी गई आयें

(Deemed Incomes)

कुछ व्यवहार ऐसे होते हैं, जो प्रत्यक्ष रूप से आय की श्रेणी में नहीं आते हैं, लेकिन कर अपवंचन को रोकने के लिए ऐसे व्यवहारों को आय मानकर कुल आय में शामिल कर लिया जाता है। ऐसी मानी गयी आयें (Deemed Incomes) निम्न प्रकार।

1 अस्पष्ट नकद साख (Unexplained Cash Credit) (धारा 68)-यदि गत वर्ष में करदाता की लेखा पुस्तकों में। कोई ऐसी रकम जमा (Credit) की गयी हो, जिसकी प्रकृति तथा स्रोत के बारे में करदाता कर-निर्धारण अधिकारी को संतुष्ट न कर पाये, तो ऐसी जमा की गयी राशि करदाता की आय मान ली जाएगी और कुल आय में शामिल करके उस पर कर लगाया जाएगा।

धारा 68 में संशोधन (01.04.2013 से प्रभावी) (Amendment in Section 68 w.e.f. 01.04.2013)-यदि एसा। कम्पनी जिसमें जनता का सारवान हित नहीं है, अपनी पुस्तकों में अंश आवेदन राशि (Share Application Money), अंश पूजा (Share Capital), अंश प्रब्याजि (Share Premium) आदि नाम से कोई राशि क्रेडिट करती है तो इसे अस्पष्ट नकद साख (Unexplained Cash Credit) के रूप में आय माना जायेगा जब तक कि निवासी व्यक्ति जिसके नाम में राशि क्रेडिट की गई है, ऐसी क्रेडिट की गई राशि का स्रोत एवं प्रकृति नहीं बताता है। (ii) उसके द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण कर-निर्धारण अधिकारी की राय में सन्तोषजनक है।

अपवाद (Exception)-यदि उक्त राशि जोखिम पूँजी कम्पनी अथवा जोखिम पूँजी कोष के नाम क्रेडिट की गई है, तो उपरोक्त प्रावधान लागू नहीं होगा।

2. अस्पष्ट विनियोग (unexplained Investments) (धारा 69) यदि गत-वर्ष में करदाता ने कोई ऐसे विनियोग किये हैं, जिन्हें उसने अपनी लेखा पुस्तकों में नहीं लिखा है तथा जिनकी प्रकृति और स्रोतों के बारे में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दे पाता है, तो ऐसे अस्पष्ट विनियोगों की राशि को आय मानकर कुल आय में शामिल किया जाएगा।

3. अस्पष्ट धन (Unexplained Money) (धारा 69A)-यदि किसी वित्तीय वर्ष में करदाता के पास ऐसा धन, आभषण. सोना-चाँदी अथवा अन्य कोई मूल्यवान वस्तु पायी जाती है, जिसे उसने अपनी लेखा पुस्तकों में नहीं लिखा है तथा उसके स्रोत एवं प्रकृति के बारे में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं देता है, तो ऐसा अस्पष्ट धन आय मान लिया जाएगा।

3. पूर्ण रूप से नहीं दिखाये गये विनियोग (Not Fully Disclosed Investment) (धारा 69B)-यदि किसी वित्तीय वर्ष में करदाता ने कोई विनियोग किया है और उसकी सम्पूर्ण राशि लेखा पुस्तकों में नहीं लिखी गयी है, तो शेष राशि आय मानकर कुल आय में शामिल की जाएगी।

4. न स्पष्ट किया गया व्यय (Unexplained Expenditure) (धारा 69C)-यदि किसी वित्तीय वर्ष में करदाता ने कोई व्यय किया है और इस व्यय के साधन या स्रोत के सम्बन्ध में कोई सन्तोषजनक स्पष्टीकरण या प्रमाण नहीं देता है, तो व्यय की ऐसी राशि आय मान ली जाएगी।

5. हुण्डी पर लिये हुए ऋण अथवा उनका भुगतान (Amount Borrowed or Repaid on Hundi) (धारा 69D) यदि हण्डी पर लिया हुआ ऋण और उसका भुगतान चैक के माध्यम से नहीं किया गया है, तो ऐसी राशि और उसका ब्याज ऋण लेने वाले की आय मान ली जाएगी।

धारा 68, 69, 69A, 69B, 690 अथवा 69D में संदर्भित आय पर कर देयता (Tax on Income Referred to in Section 68,69,69A,69B, 69C or 69D) [धारा 115 BBE]-धारा 115BBE दिनांक 01.04.2013 से प्रभावी है। इस धारा के अनुसार यदि किसी करदाता की कुल आय में धारा 68,69,69A,69B, 69C अथवा 69D में संदर्भित उपर्युक्त आय शामिल की जाती है तो धारा 68,69,69A,698,690 अथवा 69D के अन्तर्गत मानी गई आय पर 30% की दर से कर लगेगा। उपरोक्त धाराओं के अन्तर्गत आय की गणना करने में किसी खर्चे या भत्ते की कटौती नहीं मिलेगी।

आय का संकलन

(Aggregation of Income)

घारा 2(45) के अनुसार, कुल आय से आशय ऐसी आय से है जिस पर एक करदाता आय-कर चुकाने के लिए दायी है। एवं जिसकी गणना आय-कर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार की गई है। इस प्रकार एक करदाता की कल आय में सामान्यतया ऐसी आयें ही शामिल की जाती हैं जिन पर आय-कर लगता है। परन्तु कभी-कभी ऐसी आयें भी करदाता की कुल आय में सम्मिलित की जाती हैं जिन्हें कुल आय में तो शामिल किया जाता है, परन्तु उन पर आय-कर नहीं लगता है। करदाता की कुल आय में ऐसी आयों को सम्मिलित करने की प्रक्रिया को ही ‘आय का संकलन’ (Aggregation of Income) कहा जाता है।

धारा 66 के अनुसार, एक करदाता की कुल आय की गणना करते समय ऐसी आयें भी उसकी आय में जोड़ी जाती हैं जिन पर आय-कर नहीं लगता। धारा 86 के अनुसार, ऐसी आयें ‘व्यक्तियों के संघ’ (Association of Persons) या ‘व्यक्तियों के

जनमण्डल‘ (Body of Individuals) की सदस्यता से करदाता को प्राप्त लाभ का भाग या अन्य पारिश्रमिक आदि है। इस । सम्बन्ध में निम्नलिखित प्रावधान हैं

1 व्यक्तियों के संघ अथवा व्यक्तियों के जन-मण्डल के सदस्य के रूप में करदाता को प्राप्त उसके लाभ का हिस्सा, यदि ऐसे संघ अथवा जन-मण्डल पर सामान्य दर से कर लगा है तो उसके सदस्य की कुल आय में शामिल होगा, परन्तु ऐसी आय के सम्बन्ध में करदाता को आय-कर की औसत दर से आय-कर की छूट प्राप्त होगी। (धारा 66)

2. यदि व्यक्तियों के संघ अथवा व्यक्तियों के जन-मण्डल पर अधिकतम सीमान्त दर या इससे अधिक दर से आय-कर लग चुका है तो उसके सदस्य की कुल आय में उसके लाभ का हिस्सा शामिल नहीं होगा।

नोट यदि व्यक्तियों के संघ अथवा समूह (जन-मण्डल) द्वारा आय-कर देय नहीं है तो सदस्य के लाभ का हिस्सा उसकी व्यक्तिगत कुल आय में जोड़कर उस पर भी आय-कर लगेगा।

Illustration 1

श्री संजीव के पास मृणाल प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी के 30% अंश हैं। इसी कम्पनी में उनकी पत्नी श्रीमती सुरेखा नौकरी करती हैं। वह 3.00,000₹ प्रति वर्ष वेतन प्राप्त करती हैं। श्री संजीव की कुल आय 4,50,000₹ है एवं श्रीमती सुरेखा की वेतन के अलावा अन्य कुल आय 80,000 ₹ है। दोनों की कर-योग्य आय ज्ञात कीजिए। आपके उत्तर में क्या परिवर्तन होगा यदि श्रीमती सुरेखा के पास इस सेवा के लिए पेशेगत योग्यता हो ?

Shri Sanjeev owns 30% shares of Mrinal Pvt. Ltd. Company. Her wife Smt. Surekha is employed in the same company. She receives salary of ₹3,00,000 from the company. Shri Sanjeev has total income of ₹4,50,000 and Smt. Surekha’s income (other than salary) was ₹ 80,000. Find out taxable income of both. How your answer will be different in case if Smt. Surekha has professional qualification ?

Deemed Income Clubbing Aggregation

नोट– संजीव के पास 30% अंश होने के कारण मृणाल प्राईवेट लिमिटेड में उसका सारवान हित माना जायेगा। उसकी पत्नी श्रीमती सुरेखा के पास पेशागत योग्यता न होने पर कम्पनी से प्राप्त वेतन को संजीव की आय में शामिल किया जायेगा, परन्तु श्रीमती सुरेखा के पास पेशागत योग्यता होने पर कम्पनी से प्राप्त वेतन श्रीमती सुरेखा की व्यक्तिगत आय मानी जायेगी अर्थात् संजीव की आय में शामिल नहीं होगी

Illustration 2

श्री राजीव गोयल एवं श्रीमती गोयल दोनों अरणव लिमिटेड में नियुक्त हैं, एवं उनका वेतन क्रमश: 25,000 ₹ एवं 20,000₹ प्रति माह है। उनकी अन्य आय क्रमशः 80,000 ₹ एवं 1,30,000₹ है। इस कम्पनी के अंश उनके व उनके सम्बन्धियों के पास निम्न प्रकार हैंश्री गोयल 14%, श्रीमती गोयल 5%, श्री गोयल के भाई के पास 3% एवं श्रीमती गोयल के भाई के पास 2 कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए श्री गोयल एवं श्रीमती गोयल की कर-योग्य आय की गणना कीजिए।

Shri Rajeev Goel and Smt. Goel are employed in Arnav Limited. Their salary is 25,000 per month and ₹ 20,000 per month respectively. Their other income is ₹ 80,000 and ₹1,30,000. The shares of the company are held by them and their relatives are as under: Shri Goel 14%, Smt. Goel 5%, Shri Goel’s brother 3%, Smt. Goel’s brother 2%. Compute the taxable income of Shri Goel and Smt. Goel for Assessment Year 2018-19.

Illustration 3

नीचे दी गई दशाओं में अवयस्क की आय को शामिल करने से सम्बन्धित प्रावधान लागू होंगे अथवा नहीं

Discuss, whether the provisions of clubbing of income of minor shall be applicable or not, in each of the following cases:

()सतीश ने अपने अवयस्क पौत्र अरणव के नाम से सावधि जमा खाते में चार लाख ₹ जमा कराए जिससे प्रति वर्ष 40,000 ₹ की आय होती है।

Satish deposited ₹4,00,000 in the name of his minor grandson Arnav under ‘Fixed

Deposit Account’. The deposit caries an annual income of ₹ 40,000.

() बारह वर्षीय बाल कलाकार राधिका ने बॉलीवुड की फिल्म में काम करके फिल्म निर्माता से आठ लाख ₹ कमाए।

Radhika, a minor child artist, aged 12 years, acted in a bollywood movie and earned ₹

8,00,000 from the film producer.

() उपरोक्त (ब) की दशा में मान लीजिये कि राधिका के द्वारा उक्त आठ लाख ₹ पंजाब नेशनल बैंक के फिक्सड डिपॉजिट एकाउन्ट में जमा कराये जाते हैं जिस पर उसे 60,000 ₹ वार्षिक की आय होती है।

Continuing with case (b) above, suppose that 8,00,000 earned by Radhika is deposited in Punjab National Bank Fixed Deposit Account in her name. The fixed deposit carries annual interest of ₹ 60,000.

() एक्स एक 14 वर्षीय अवयस्क, धारा 80U में दर्शाई गई शारीरिक असमर्थता से पीड़ित है। उसके पितामह ने उसके नाम से सात लाख र स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के फिक्सड डिपॉजिट एकाउन्ट में जमा कराये जिन पर 9% वार्षिक ब्याज प्राप्त होता है।

x, a minor aged 14 years is suffering from physical disability specified u/s 80U. His grand-father has deposited ₹ 7,00,000 in his name in State Bank of India in Fixed Deposit Account. The rate of interest is 9% p.a.

Solution :

() हॉ, अरणव के सावधि जमा खाते के ब्याज से 40,000 ₹ वार्षिक आय उनके पिता/माता की आय में शामिल की जायेगी यदि इस आय को छोड़कर उनकी कर-योग्य आय अधिक हो।

() नहीं, राधिका की आय उसके माता-पिता की आय में शामिल नहीं की जायेगी क्योकि उसने यह आय अपनी व्यक्तिगत कला के द्वारा अर्जित की है। इस दशा में राधिका के माता-पिता के द्वारा उसकी आय की विवरणी अलग से फाइल की जाएगी।

() हाँ, राधिका की ब्याज से आय उसके माता-पिता की आय में शामिल की जायेगी। (द) नहीं, एक्स की व्याज से आय को उसके माता-पिता की आय में शामिल नहीं किया जायेगा उसके माता-पिता उसकी आय की विवरणी अलग से जमा करेंगे।

Illustration 4

निर्णय कीजिये कि निम्नलिखित आयें किस व्यक्ति के लिए कर-योग्य होगीDecide about the person in whose hands the following incomes shall be taxable :

(i) श्री महेश ने 100 ₹ के 1,000 ऋणपत्र 12% ब्याज के श्री रमेश को इस शर्त पर हस्तान्तरित किए कि यदि उनका भुगतान एक वर्ष के भीतर नहीं हुआ तो वे श्री महेश को फिर से प्राप्त हो जायेंगे।

Mr. Mahesh transfers 1.000 debentures of ₹ 100 each carrying 12% interest to Mr. Ramesh on the condition that if price is not paid within one year, the debentures will

revert back to Mr. Mahesh.

(i) मास्टर वासु (आयु 16 वर्ष) को 2017-18 में निम्नलिखित आयें प्राप्त हुई

Master Vasu (age 16 years) had following incomes during 2017-18 :

() बैंक में स्थायी जमा राशि पर ब्याज (Interest on Fixed Deposits in a Bank) 5,000

() ऋणपत्रों पर ब्याज (Interest on Debentures)                                                      9,000

() कम्पनी में स्थायी निक्षेप पर ब्याज (Interest on Fixed Deposits of a company)   11,000

() उसके द्वारा किए गए संगीत के आयोजन से आय                                                    50,000

(Income from a singing concert held by him)

() उसके पिता की कुल आय (His father’s total income)                                           1,92,000

() उसकी माता की कुल आय (His mother’s total income)                                        1,95,000 ]

(iii) श्री ‘अ’ ने अपनी दुकान (जिसका किराया 5,000₹ मासिक था) अपने रिश्तेदार ‘ब’ को इस शर्त पर हस्तान्तरित कर दी कि ‘ब’ की मृत्यु पर पुन: वह दुकान उसे ही प्राप्त हो जायेगी।

Mr. ‘A’ transfers a shop (monthly rent ₹ 5,000) to his relative Mr. B. on the condition that shop will revert back to Mr. A on the death of Mr. B. Solution :

(i) Where there is revocable transfer of asset, its income remains transferor’s income u/s 61. In this case Mr. Mahesh has made revocable transfer as such interest will be Mr. Mahesh’s income.

(ii) U/s 64(1A) income of a minor child is clubbed with the income of that parent  whose other income is higher. In this case income of Mr. Vasu will be his mother’s income as her income is higher. Incomes to be clubbed are :

(a) Interest on Bank Deposit                                                                    5,000

(b) Interest on debentures                                                                       9,000

(c) Interest on fixed deposit with a Company                                         11.000

Total                      25,000

Less exempted u/s 10(32)                                                                    (-)1,500

Mother’s Income                                                                                    23,500

(iii) Income of master Vasu from a singing concert is his personal income. It shall not be clubbed with the income of his parent.

(iv) In case transfer of asset is not revocable during the lifetime of transferee, it is treated as irrevocable transfer u/s 62 and as such remains transferee’s income. In this case income from shop will remain Mr. B’s income and will not be clubbed with the income of Mr. A.

Deemed Income Clubbing Aggregation

Illustration 5

श्री अभिषेक के द्वारा नीचे दी गई जानकारी से कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 की कुल आय की गणना कीजिये तथा प्रत्येक बिन्दु को स्पष्टत: समझाइये

From the particulars given below compute the total income of Mr. Abhishek for the assessment year 2018-19 explaining each point clearly :

1 पेशे से आय (Income from profession)                                       1,04,500

2. अवयस्क पुत्र की आय (संगीत उसका पेशा है) [Income of minor son (singing is his profession)                                                                                          15,000

3. लॉटरी का इनाम-लॉटरी की टिकट श्री अभिषेक की अवयस्क पुत्री के नाम से ली गई थी।

(Winnings from lottery : ticket purchased in the name of Mr. Abhishek’s minor daughter)                                                                                                 7,500

4. श्री अभिषेक के पिता ने एक भारतीय कम्पनी के ऋणपत्र अभिषेक के अवयस्क पुत्र को उपहार में दिये थे जिन पर कम्पनी ने सकल ब्याज का भुगतान किया।

Mr. Abhishek’s father gifted debentures of an Indian company to Mr. Abhishek’s minor son and company paid gross interest)                             6,500

5. श्री अभिषेक की पत्नी सरकारी नौकरी में है तथा ‘वेतन’ शीर्षक से उसकी गणना की गई आय

(Mr. Abhishek’s wife is a government servant and her income computed under the head salaries)     90,000

6. श्री अभिषेक ने ऋणपत्र अपनी पत्नी को उपहार में दिए जिनका ब्याज

(Interest on debentures purchased by Mr. Abhishek’s but gifted to Mrs. Abhishek)           15,000

Deemed Income Clubbing Aggregation

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

दीर्घ उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Long Answer Theoretical Questions)

1 आय के मिलान से आपका क्या आशय है ? किन परिस्थितियों में एक व्यक्ति की आय दूसरे की आय मानी जाती है ?

What do you mean by clubbing of income? In what circumstances is the income of one person treated as income of another ?

2. एक करदाता केवल अपनी ही आयों पर कर नहीं देता बल्कि वह, विशेष दशाओं में, दूसरों की आयों पर भी कर देता है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।

An assessee does not pay tax only on his own income but he is liable to pay tax on other’s income too, under certain circumstances.” Comment on this statement.

3. उन परिस्थितियों को बताइए जिनमें करदाता की पत्नी तथा अवयस्क बच्चे की आय करदाता की कुल आय में शामिल की जाती है।

State the circumstances in which the income of the wife and minor child of the assessee are included in the assessee’s total income.

4. उन परिस्थितियों को बताइये जिनमें कि एक करदाता की जीवन साथी की आय करदाता की कुल आय में सम्मिलित की जाती है।

State the circumstances in which the income of the spouse of an assessee is included in the assessee’s total income.

5. आय-कर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत मानी गयी आय के सम्बन्ध में प्रावधानों का वर्णन कीजिए।

Explain the provision of Income Tax Act, 1961 regarding Deemed Income.

6. उन परिस्थितियों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए जिसमें करदाता की कुल आय में अन्य व्यक्तियों की आय को सम्मिलित किया जाता है।

Explain with examples the circumstances under which incomes of other persons are included in the total income of an assessee.

7. निम्न के सम्बन्ध में आय-कर अधिनियम की व्यवस्थाओं को स्पष्ट रूप से लिखिए

Explain clearly the provisions of Income Tax Act regarding the followings :

(i) अस्पष्ट नकद साख (unexplained Cash Credits)

(ii) न स्पष्ट किया गया विनियोग आदि (Unexplained Investments etc.)

(iii) न स्पष्ट किया गया व्यय (Unexplained Expenditure)

(iv) हुण्डी पर लिये हुए ऋण अथवा उनका भुगतान (Amount borrowed or repaid on hundi)

8. निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए

Write short notes on the following:

(i) आय का मिलाना (Clubbing of Income),

(ii) मानी गयी आयें (Deemed Incomes),

(iii) आय का संकलन (योग) (Aggregation of Income)

Deemed Income Clubbing Aggregation

लघु उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Short Answer Theoretical Questions)

1 ‘आय के मिलाने’ से आप क्या समझते हैं ? यह कब किया जाता है ?

What do you understand by ‘Clubbing of Income’ ? When it is effected ?

2. मानी गई आयें’ किसे कहते हैं ? इनके प्रावधान समझाइये।

What are ‘Deemed Incomes’ ? Elucidate its provisions.

3. आय के संकलन से आप क्या समझते हैं? कौन-कौन सी ऐसी आयें हैं जिन्हें करदाता की आय मान लिया जाता है ।

What do you understand by ‘aggregation of income’? What are the incomes deemed to be the income of the assessee ?

4. सम्पत्ति का खण्डनीय हस्तान्तरण क्या है?

What is revocable transfer of an asset?

5. जीवनसाथी को हस्तान्तरित सम्पत्ति की आय को कब दूसरे जीवन साथी की आय में सम्मिलित नहीं किया जाता है?

When does income from an asset transferred to spouse is not included in the income of other spouse?

6. अवयस्क बच्चे की आय उसके माता-पिता की आय में किस प्रकार जोड़ी जाती है ?

How is income of minor child included in the income of parents ?

7. परिवर्तित सम्पत्ति से होने वाली आय के कर-निर्धारण को समझाइए।

Explain the assessment of income arising from converted asset.

Deemed Income Clubbing Aggregation

क्रियात्मक प्रश्न

(Numerical Questions)

1 श्रीमती A एक ऐसी कम्पनी में प्रबन्ध सलाहकार हैं जिसमें उनके पति श्री A का सारवान हित है। श्रीमती A को इस कम्पनी से गत वर्ष में 50,000 ₹ की फीस प्राप्त हुई। यह फीस किसके हाथों में कर-योग्य है व क्यों ?

Smt. A is a management consultant in a company in which her husband Mr. A has substantial interest. Smt. A received a sum of 50,000 as fees from the company during the previous year. In whose hands this fees is taxable and why? Ans. Taxable in the hands of A u/s 64.

2. श्री ‘ए’ एवं श्रीमती ‘ए’ दोनों फर्म में साझेदार हैं। उनका लाभ में हिस्सा क्रमशः 1,00,000₹ व 80,000₹ है। क्या उनकी आय एक-दूसरे में जोड़ी जायेगी ? यदि हाँ, तो किसकी आय में ? यदि नहीं, तो क्यों ?

Mr. A and Mrs. A are partners in a business. Their share of profit is ₹ 1,00,000 and ₹ 80,000 respectively. Will their income be clubbed ? If so, then in whose income ? If not, then why? Ans. It can not be clubbed as share of profit from firm is exempted.

3. विवाह के वायदे के प्रतिफल में रहीम ने जमीला को 15 अक्टूबर, 2016 को एक कम्पनी के 1,000 बॉण्ड्स हस्तान्तरित कर दिये। उनका विवाह 12 जून, 2017 को हुआ। गत वर्ष में जमीला को बॉण्ड्स पर ब्याज के रूप में 3,000₹ प्राप्त हुए। ब्याज की आय पर कौन (रहीम या जमीला) कर देगा और क्यों ?

In consideration of a promise to marry, Rahim transferred 1,000 bonds of a company to Jamila on 15th October, 2016. They married on 12th June, 2017. During the previous year Jamila received interest on bonds amounting to 3,000. Who (Rahim or Jamila) is liable to pay tax on the interest income and why? Ans. Rahim is liable to pay tax on the interest income.

4. प्रशान्त ने 40,000 ₹ अपनी पत्नी को उपहार में दिये। उसकी पत्नी ने इसमें 1,00,000 ₹ और मिलाकर 1 अप्रैल, 2013 को बैंक में 10% वार्षिक ब्याज पर 5 वर्षों के लिए जमा करवा दिये। बैंक ने गत वर्ष में उनकी पत्नी के खाते में 66,550 ₹ ब्याज के जमा किये। इस आय का कितना भाग प्रशान्त की आय में जोड़ा जायेगा एवं क्यों ?

Parsant gifted a sum of ₹4,00,000 to his wife. His wife deposited this amount with contributing ₹ 1,00,000 from her side in a bank for 5 years on 1st April, 2013 at 10% per annum. The Bank credited interest of₹66,550 in her account during the previous year. To what extent of this income will be included to Parsant’s income and why? Ans. 53,240 will be included to Parsant’s income.

श्री विशाल के पास कोई भी अर्हता और अनुभव नहीं है। वे सलोनी लिमिटेड में नौकरी करते हैं। 10 सितम्बर, 2017 से। सलोनी लिमिटेड में श्रीमती विशाल की 20% या उससे अधिक सामान्य अंशपुँजी है। कर-निर्धारण वर्ष 2018-19 के लिए। श्री विशाल और श्रीमती विशाल की शुद्ध आय ज्ञात कीजिये।

Vishal, having no qualification or experience, is employed by Saloni Ltd. Mrs. Vishal holds more than 20% equity share capital in Saloni Ltd. from September 10, 2017. Find out the net income of Mr. Vishal and Mrs. Vishal for the assessment year 2018-19. Ans. Income of Mr. Vishal ₹ 42,000; Income of Mrs. Vishal ₹ 89,600.

6. मास्टर वैभव (आयु 15 वर्ष) को 2017-18 में निम्नलिखित आये हुई

Master Vaibhav (Age 15 years) has the following incomes during 2017-18:

(i) बैंक में स्थायी जमा पर ब्याज 30,000 ₹ (Interest on fixed deposits in a Bank ₹30,000),

(ii) सरकारी प्रतिभूतियों पर ब्याज 32,000 ₹ (Interest on Government Securities ₹ 32,000),

(iii) ऋणपत्रों पर ब्याज 16,000 ₹ (Interest on debentures ₹ 16,000),

(iv) फिल्म में अभिनय से आय 40,000 ₹ (Income by acting in a film ₹40,000),

(v) गाना गाने से आय 20,000 ₹ (Income by a singing concert held by him ₹ 20,000),

उसके पिता की आय 1,80,000 ₹ है (His father’s total income ₹ 1,80,000)

उसकी माता की आय 1,80,500 ₹ है (His mother’s total income ₹ 1,80,500)

बताइए किस व्यक्ति के हाथों में उपरोक्त आयें कर-योग्य हैं ? कर-योग्य आय की गणना कीजिए।

Decide about the person in whose hands the above incomes shail be taxable and the amount of income to be taxed.

Ans. Master Vaibhav’s father ₹ 1,80,000

Master Vaibhav’s mother ₹2,57,000

Master Vaibhav’s ₹ 60,000.

7. एक परिवार की आय निम्नलिखित हैं (The income of a family is as under) :

1. मि० विवेक की व्यापार से आय ( Vivek from business)   1,50,000

2. श्रीमती विवेक की वेतन से आय (Mrs. Vivek from employment)      80,000

3. मि० विवेक के अवयस्क पुत्र की ब्याज से आय (विनियोग के लिए राशि दादा से प्राप्त हुई) 10,000

(Minor son of Mr. Vivek (Interest from a company)

The amount for investment received from his grand-father)

4. मि० विवेक के अवयस्क पुत्र की फिल्म अभिनय से आय 60,000

[Minor son of Mr. Vivek, (from acting in film)

5. मि० विवेक की अवयस्क पुत्री की आय (Income of minor daughter of Mr. Vivek) 6,000

उपरोक्त आयें किसके हाथों में कर-योग्य हैं ? मि० विवेक की कुल आय की गणना कीजिए।

Discuss in whose hands the incomes are assessable and compute the total income of Mr. Vivek.

Ans.

1. Income of Mr. Vivek ₹ 1,63,000

2. Income of Mrs. Vivek ₹80,000

3. Income of minor son of Mr. Vivek ₹ 60,000.

8. मि० रजत ने अपनी सम्पत्ति, जिससे वार्षिक आय 5,00,000₹ है अपने हिन्दू अविभाजित परिवार को अन्तरित कर दी परिवार में मि० रजत, श्रीमती रजत, वयस्क पुत्र मनीष एवं अवयस्क पुत्र आयुष हैं। आय-कर अधिनियम, 1961 के अन्तर्गत आय का क्या व्यवहार होगा ? यदि परिवार में सम्पत्ति का बराबर-बराबर विभाजन कर दिया जाए तो सदस्यों की आय की गणना कीजिए।

Mr. Rajat transfers his self-acquired property yielding an annual income of ₹5,00,000 to his HUF consisting of Rajat, Mrs. Rajat, his major son Manish and minor son Ayush. How the income is treated under the IT Act, 1961 ? If the family is partitioned equally compute the income of members.

Ans.

(a) if no partition : Income of Rajat 5,00,000.

(b) If partition of HUF : Income of Rajat 3.73,500

Income of Manish ₹1,25,000.

Deemed Income Clubbing Aggregation

chetansati

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