BCom 3rd Year Corporate Accounting Disposal Profit Study Material notes in Hindi

BCom 3rd Year Corporate Accounting Disposal Profit Study Material notes in Hindi:  Divisible Profits Legal Position  Declaration of Dividend Reserves Dividend  Interim Dividend Interest out of Capital  Accounting Disclosure Separate Bank Account Dividends Accounting Disclosure  Surplus Accounting:

Disposal Profit Study Material
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BCom 3rd Year Incorporation Profit loss Prior Study Material Notes in Hindi

लाभ का निपटारा

Disposal of Profit

विभाज्य लाभ (Divisible Profits) विभाज्य लाभ का आशय उन लाभों से है जो अंशधारियों को लाभांश वितरण के लिये उपलब्ध हैं। विशुद्ध लेखांकन की दृष्टि से लाभों को लाभांश के रूप तभी वितरित करना चाहिये जब वे समस्त व्ययों, हानियों, स्थायी सम्पत्तियों पर हास, चालू सम्पत्तियों के मूल्य में गिरावट, कर, विगत हानियों और संचयों में उचित हस्तान्तरण के उपरान्त बच रहते हैं। लाभों के अभाव में लाभांश नहीं दिया जाना चाहिये। कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 2 (35) के अनसार लाभांश में अन्तरिम : लाभांश का घोषणा और भुगतान कम्पनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों और कम्पनीज (लाभांश की घोषणा) नियम 2014 के प्रावधानों का पालन करते हुये ही किया जा सकता है।

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वैधानिक स्थिति (Legal Position)

विभाज्य लाभों की गणना के सम्बन्ध में कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123 के प्रावधान निम्न प्रकार हैं :

(i) चालू वर्ष के लाभों से लाभांश की घोषणा : कम्पनी अधिनियम 2013 की अनुसूची II के प्रावधानों के अनुरूप हास का आयोजन करने के पश्चात आये चालू वर्ष के लाभों से लाभांश की घोषणा की जा सकती है, अथवा

(ii) गत वर्ष या वर्षों के लाभों में से लाभांश की घोषणा : कम्पनी अधिनियम 2013 की अनुसूची II के प्रावधानों के अनुरूप हास का आयोजन करने के पश्चात आये गत वर्ष या वर्षों के कम्पनी के अवितरित लाभों से लाभांश की घोषणा की जा सकती है, अथवा

(iii) सम्मिलित लाभों से लाभांश की घोषणा : उपर्युक्त (i) और (ii) के सम्मिलित लाभों से भी लाभांश की घोषणा की जा सकती है; अथवा

नोट : केन्द्र सरकार, सार्वजनिक हित में, उपर्युक्त नियमों का पालन किये बिना भी किसी कम्पनी को लाभांश की घोषणा की अनुमति दे सकती है।

(iv) सरकारी सहायता राशि से लाभांश : लाभांश केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार से प्राप्त उस सहायता राशि (subsidy) से भी दिया जा सकता है जो उसे सरकार द्वारा दी गई गारंटी के अन्तर्गत मिली हो। यह इस नियम का अपवाद भी हो जाता है कि लाभांश सदैव लाभों से ही दिया जा सकता है।

नोट : (i) कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123 (6) के अनुसार यदि कोई कम्पनी अधिनियम की धारा 73 और 74 (जमाओं का स्वीकार करना और इनका पूनर्भगतान) के प्रावधानों का पालन करने में असफल रहती है तो जब तक यह असफलता जारी रहती है, तब तक वह अपने समता अंशों पर लाभांश नहीं घोषित कर सकती है।

(ii) कम्पनीज (लाभांश की घोषणा) नियम 2014 के नियम 8.2 के अनुसार जब तक कम्पनी के चालू वर्ष के लाभों से गत वर्ष या वर्षों की हानियाँ अथवा आयोजित न किया जा सका ह्रास (unabsorbed depreciation), इनमें से जो भी कम है, को

समायोजित (set off) नहीं किया जाता है, तब तक उस वर्ष लाभांश नहीं घोषित किया जा सकता है।

लाभों का संचयों में हस्तान्तरण

(Transfer of Profits to Reserves)

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123 (1) के अनुसार किसी भी वित्तीय वर्ष में कोई लाभांश की घोषणा से पूर्व एक कम्पनी उस वित्तीय वर्ष के लाभों का ऐसा प्रतिशत, जो वह उचित समझे, कम्पनी के संचयों में हस्तान्तरित कर सकती है। इसका आशय यह हुआ कि यह अधिनियम कम्पनी द्वारा संचयों में लाभ की राशि के हस्तान्तरण को स्वैच्छिक बनाती है।

संकलित लाभों (या संचयों) से लाभांश की घोषणा

(Declaration of Dividend Out of Accumulated Profits or Reserves)

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123 (1) (a) के दूसरे उप-वाक्य के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में लाभों की अपर्याप्तता या अनुपस्थिति की स्थिति में यदि कोई कम्पनी अपने गत वर्षों के संकलित लाभों, जिन्हें मुक्त संचयों में हस्तान्तरित किया जा चुका है, से। लाभांश की घोषणा का प्रस्ताव करती है तो ऐसा निम्नलिखित शर्तों के अधीन ही किया जा सकता है:

(1) लाभांश की दर उस वर्ष से तरन्त पिछले तीन वर्षों की लाभांश दरों की औसत दर से अधिक नहीं होगी। यह नियम ऐसी कम्पनी पर नहीं लागू होगा जिसने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में से किसी में भी कोई लाभांश नहीं घोषित किया है।

(2) ऐसे संकलित लाभों से निकाले जाने वाली कल राशि इसके नवीनतम अंकेक्षित वित्तीय विवरण में दिखाई गई इसकी प्रदत्त बजी।

तथा मुक्त संचयों के योग की राशि के 10% से अधिक नहीं होगी तथा इस प्रकार निकाली गई राशि को सर्वप्रथम उस वित्तीय ___ वर्ष में हुई हानियों को अपलिखित करने के लिये प्रयोग किया जायेगा तथा केवल अवशेष राशि को ही समता लाभांश की घोषणा के लिये प्रयोग किया जा सकेगा। ।

(3.)  इस प्रकार निकाली गई राशि के बाद संचयों का शेष नवीनतम अंकेक्षित वित्तीय विवरणों में दिखलाई गई कम्पनी की प्रदत्त अंश। पूँजी के 15% से कम नहीं होना चाहिये।

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मुक्त संचयों का आशय (Meaning of Free Reserves)

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 2 (43) के अनुसार मुक्त संचयों का आशय ऐसे संचयों से है जो कि लाभांश वितरण के लिये उपलब्ध हैं। निम्नलिखित मदें लाभांश वितरण के लिये उपलब्ध हैं :

1 आधिक्य खाते में शेष

2. सामान्य संचय

3. लाभों से सृजित अन्य संचय, उदाहरण के लिये विकास छूट संचय, विनियोग भत्ता संचय, ऋणपत्र शोधन संचय आदि।

4. ऋणपत्रों के शोधन के पश्चात् सिंकिंग फण्ड खाते में शेष।

5. वसूल किये जा चुके पूँजीगत लाभ और संचय।

किन्तु निम्नलिखित मुक्त संचय नहीं हैं :

(i) वसूले न गये लाभ की राशियाँ, सम्पत्तियों के पुनर्मूल्यांकन पर कल्पित लाभ (notional gains), चाहे वे संचय के रूप में दिखाये गये हैं या अन्य किसी रूप में।

(ii) एक सम्पत्ति या एक दायित्व की वहन राशि (carrying amount) में कोई परिवर्तन जिसे सम्पत्ति या दायित्व के उचित मूल्य पर मापन पर लाभ-हानि खाते के आधिक्य को सम्मिलित करते हुए समता में मान्यता दी गई है।

उदाहरण 1. चालू वर्ष में लाभ की अपर्याप्तता के कारण रोहित कं० लि० सामान्य संचिति से लाभांश घोषित करने का प्रस्ताव करती है। कम्पनीज़ (लाभांश की घोषणा) नियम, 2014 को लागू करते हुए आपको निम्नलिखित सूचनाओं से वह राशि निश्चित करनी है। जो कि निकाली जा सकती है तथा कम्पनी अधिकतम कितनी राशि समता लाभांश के रूप में दे सकती है।

Due to inadequacy of profit during the current year, the Rohit Company Ltd. proposed to declare dividend out of general reserves. From the following particulars, you are to ascertain the amount that can be drawn applying the Companies (Declaration of Dividend) Rules, 2014 and the maximum amount that the company pay as equity dividend.

(i) 8,750 10% Preference shares of ₹ 100 each fully paid                        8,75,000

(ii) 4,00,000 Equity Shares of 10 each fully paid                                          40,00,000

(iii) General Reserves                                                                                              10,25,000

(iv) Capital Reserves on Revaluation of Assets                                            1,75,000

(v) Securities Premium                                                                                           2,00,000

(vi) Profit and Loss Account-Credit balance                                                50,000

(vii) Net Profit for the year                                                                                 2,00,000

(VIII) Dividends declared during immediately preceding five years 12.5%, 15%, 17%, 18% and 15%.

पूँजीगत लाभों से लाभांश का भुगतान

(Payment of Dividend Out of Capital Profits)

सामान्यतया पूँजीगत लाभों को लाभांश भुगतान के लिये नहीं प्रयोग किया जाता है। किन्तु निम्न शर्तों के पूरा किये जाने पर ऐसे लाभों से भी लाभांश घोषित किया जा सकता है :

(1) ये लाभ रोकड़ में वसूल किये गये होने चाहिये।

(2) ये लाभ सभी सम्पत्तियों और दायित्वों के पुनर्मल्यांकन के पश्चात भी विद्यमान होने चाहिये।

(3) कम्पनी के अन्तर्नियम ऐसे वितरण को निषिद्ध नहीं करते हों।

किन्तु ध्यान रहे कि (1) प्रतिभूति प्रीमियम खाता, (2) पूँजी शोधन संचिति खाता तथा (3) अंशों के पुनर्निर्गमन पर लाभ से किसी भी स्थिति में लाभांश नहीं घोषित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त (1) स्थायी सम्पत्तियों की बिक्री से लाभ, (2) ऋणपत्रों के शोधन पर लाभ और (3) समामेलन से पूर्व के लाभ जैसे पूँजीगत लाभों से भी लाभांश नहीं घोषित किया जाना चाहिये। यहाँ यह ध्यान रहे कि यदि कोई पूँजीगत लाभ पूँजीगत संचिति में हस्तान्तरित कर दिया जाता है तो वह कभी भी लाभांश वितरण के लिये नहीं उपलब्ध हो सकेगा।

लाभांश (Dividend)

विभाज्य लाभ का वह भाग जो अंशधारियों में बाँटा जाता है, उसे लाभांश कहते हैं। लाभांश सम्बन्धी नियम कम्पनी के अन्तर्नियमों में दिये होते हैं जिनके अनुसार लाभांश का वितरण किया जाता है। लाभांश की दर तय करने तथा उसका प्रस्ताव अंशधारियों की वार्षिक व्यापक सभा (Annual General Meeting) में रखने का अधिकार संचालकों का होता है। वार्षिक व्यापक सभा से पारित होने के बाद ही यह माना जाता है कि लाभांश घोषित हो गया है। सभा को संचालकों द्वारा प्रस्तावित दर में कमी करने का तो अधिकार होता है परन्तु वृद्धि करने का नहीं। किन्तु यदि एक बार व्यापक सभा में लाभांश घोषित कर दिया गया है तो वह कम्पनी का एक ऋण बन जाता है और अंशधारी इसकी वसूली के लिये कम्पनी के विरुद्ध अदालत में मुकदमा कर सकते हैं।

वैधानिक प्रावधान (Statutory Provisions) : कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123 के अन्तर्गत लाभांश की घोषणा और भुगतान के सम्बन्ध में नियम निम्नलिखित हैं –

(1) लाभांश केवल विभाज्य लाभों में से ही बाँटा जा सकता है अथवा उस धनराशि में से बाँटा जा सकता है जो केन्द्रीय अथवा राज्य सरकार ने अपने द्वारा गारण्टी किए गए लाभांश के भुगतान के लिए चुकता की है। लाभांश किसी भी दशा में पूँजी में से नहीं दिया जा सकता।

(2) तालिका F के उप-वाक्य 82 के अनुसार किसी वित्तीय वर्ष के लिये लाभांश घोषित करने से पूर्व संचालक मण्डल कम्पनी के लाभों से वह राशि जो यह उचित समझे, किसी संचय या संचयों में हस्तान्तरित कर सकता है जिसका प्रयोग बोर्ड की घोषणा पर आकस्मिकताओं का सामना करने अथवा लाभांशों के समानीकरण के लिये आयोजनों सहित किसी भी उद्देश्य के लिये किया जा सकेगा। बोर्ड को लाभों का कोई भी भाग संचय के रूप में अलग रखे बिना आगे ले जाने (carry forward) का अधिकार] है, जिसे वह विभाजित न करना आवश्यक समझता है।

(3) अन्तर्नियमों में किसी विशिष्ट निर्देश के अभाव में लाभांश की गणना अंशों के चुकता मूल्य (Paid-up Value) पर घोषित दर से की जाती है। कम्पनी के अन्तर्नियमों में विशिष्ट व्यवस्था द्वारा अंशों के अंकित मूल्य (Nominal Value) या याचित मूल्य (called up value) पर भी लाभांश घोषित किया जा सकता है।

(4) कोई भी. कम्पनी अग्रिम याचना राशि (Calls-in-Advance) पर लाभांश नहीं दे सकती। यदि अवशिष्ट याचनायें (Calls-in Arrear) हैं तो लाभांश की गणना अंशधारियों द्वारा भुगतान की गई वास्तविक राशि पर की जायेगी। किन्तु एक कम्पनी अपने ___ अन्तर्नियमों में समुचित व्यवस्था करके अवशिष्ट याचना वाले अंशों पर लाभांश भुगतान निषेध कर सकती है।

(5) यदि कोई अंश चालू वित्तीय वर्ष में निर्गत किये गये हैं तो लाभांश की गणना उनके निर्गमन की तिथि को ध्यान में रखते हुए आनुपातिक आधार पर की जाती है। किन्तु एक कम्पनी द्वारा एक निश्चित तिथि से लाभांश देने की शर्त पर अंशों के निर्गमन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है

(6) बोर्ड किसी सदस्य को देय किसी लाभांश से उसके द्वारा अंशों के सम्बन्ध में याचनाओं या किसी और के सम्बन्ध में वर्तमान में कम्पनी को देय सभी राशि काट सकता है।

(7) लाभांश का भुगतान रोकड़ में ही किया जा सकता है। परन्तु बोनस अंशों के निर्गमन पर यह प्रतिबन्ध लागू नहीं होता है। नकद में भुगतान किये जाने वाला लाभांश का भुगतान, लाभांश भुगतान के हकदार अंशधारी को उस पर अर्जित ब्याज सहित चैक या वारट अथवा किसी इलैक्ट्रोनिक तरीके से किया जा सकता है।

(8) लाभांश केवल उन्हीं अंशधारियों को देय होता है जिनका नाम सदस्यों के रजिस्टर में दिया है या उनके आदेश पर उनके बैंकर

को दिया जा सकता है। किन्तु कम्पनी द्वारा जारी किये गये वाहक को देय अंश अधिपत्र (Share Warrants) की स्थिति में लाभांश उनके धारकों को या उनके बैंकर को दिया जायेगा। अंशधारियों को देय लाभांश की राशि निकटतम रुपयों में दी जा  सकती है।

(9) एक कम्पनी जो धारा 73 और 74 (जमाओं की स्वीकति और पनर्भगतान) के प्रावधानों का पालन करने में असफल रहती है., जब तक यह असफलता चालू रहती है, तब तक अपने समता अंशों पर कोई लाभांश नहीं घोषित कर सकेगी।

(10) धारा 124(1) के अनुसार लाभांश का भुगतान इसके घोषित होने के 30 दिन के अन्तर्गत हो जाना चाहिये। यदि कोई लाभांशधित या अयाचित रहता है तो इस अवधि के बाद 7 दिन के अन्तर्गत अशोधित लाभांश की राशि एक अनुसूचित बैंक में “Unpaid Dividend Account …… Co. Ltd.” के नाम से जमा करा देनी होगी अन्यथा कम्पनी बकाया राशि पर 12% प्रतिवर्ष की दर से ब्याज सहित भुगतान के लिये उत्तरदायी होगी। इस प्रकार हस्तान्तरण के पश्चात् सम्बन्धित लाभांश इस विशिष्ट बैंक खाते से ही भुगतान किया जा सकेगा। कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 123(5) के अनुसार यदि अशोधित लाभांश खाते (Unpaid Dividend Account) में हस्तान्तरित किसी धन का भुगतान हस्तान्तरण की तिथि से 7 वर्ष तक नहीं हो पाता है तो इस विशिष्ट बैंक खाते का शेष केन्द्रीय सरकार द्वारा धारा 125(1) के अन्तर्गत स्थापित ‘विनियोक्ता शिक्षा और संरक्षण कोष’ (Investor Education and Protection Fund) में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा। व्यक्ति जिसकी राशि हस्तान्तरित की गई है, वह उस फण्ड से इस धारा के अन्तर्गत बनाये गये नियमों के अनुरूप अपने धन की वापसी का हकदार होगा।

(11)पूर्वाधिकार अंशों के धारक समता अंशधारियों को कोई लाभांश देने से पूर्व एक निश्चित दर से लाभांश पाने के हकदार हैं। संचयी पूर्वाधिकार अंशों की दशा में ऐसे अंशों के धारक समता अंशधारियों को कोई लाभांश भुगतान किये जाने से पूर्व समस्त अवशिष्ट लाभांश प्राप्त करने के हकदार होते हैं। (

12)तालिका F का उप-वाक्य 81 संचालक मण्डल को समय-समय पर वर्ष के मध्य में अन्तरिम लाभांश (Interim Dividend) भुगतान करने का अधिकार प्रदान करता है

(13)लाभांश घोषित होने के बाद उसकी सूचना अंशधारियों को देनी होगी।

अर्थदण्ड (Penalty) : यदि एक कम्पनी इस धारा की किसी भी आवश्यकता का पालन करने में असफल रहती है तो कम्पनी को न्यूनतम 5 लाख से 25 लाख रुपये तक जुर्माने से दण्डित किया जायेगा तथा कम्पनी का अफसर जिसने चूक की है, पर 1 लाख से । 5 लाख तक का जुर्माना लगेगा।

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पूँजी में से ब्याज (Interest out of Capital)

कम्पनी अधिनियम 2013 पूँजी से ब्याज के भुगतान के मामले में मौन है। अतः इस मामले में कम्पनी अधिनियम 1956 के लागू हात रहग। अतः एक कम्पनी निम्नलिखित दो अपवादात्मक मामलों में पँजी में से ब्याज का भुगतान कर सकता है:”पारा 92

(1) धारा 93 (1) के अन्तर्गत जब कम्पनी द्वारा स्वीकार की गयी अग्रिम याचनाओं पर ब्याज दिया जाता है ।

(2) धारा 208 के अन्तर्गत जब अंशों का निर्गमन किसी ऐसी निर्माणी (works) या भवन के निर्माण के व्ययों के चुकाने या ने पर संयंत्र क्रय के लिये किया गया है, जो कि एक लम्बी अवधि तक लाभप्रद नहीं बनाये जा सकते है तो निम्न शर्त अंशधारियों को पूँजी पर ब्याज भी दिया जा सकता है :

(i) कम्पनी किसी स्थायी सम्पत्ति का निर्माण कर रही है और अंशधारियों को एक लम्बे समय तक लाभांश दिये जाने की कोई सम्भावना नहीं है।

(ii) ब्याज का भुगतान कम्पनी के अन्तर्नियमों द्वारा या विशेष प्रस्ताव द्वारा अधिकृत है।

(iii) केन्द्रीय सरकार से इस आशय की पूर्व अनुमति प्राप्त कर ली गई है।

(iv) ब्याज उसी अवधि के लिये दिया जाएगा जो केन्द्रीय सरकार ने तय करने की है और यह अवधि निर्माण पूरी होने या संयंत्र प्रदान करने की छमाही के बाद की छमाही की समाप्ति से अधिक लम्बी नहीं हो सकती है।

(v) ब्याज की दर 4 प्रतिशत या केन्द्रीय सरकार द्वारा निश्चित की गयी किसी अन्य दर से अधिक नहीं हो सकती।

अन्तरिम लाभांश (Interim Dividend)

एक कम्पनी द्वारा चालू वर्ष के लिये उस अवधि के खाते बन्द करने से पूर्व वर्ष के दौरान भुगतान किया गया लाभांश अन्तरिम लाभांश कहलाता है। यह लाभांश अन्तर्नियमों द्वारा अधिकृत होने पर ही दिया जा सकता है। तालिका F का उप-वाक्य 81 संचालक मण्डल को धारा 123 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अन्तरिम लाभांश भुगतान करने का अधिकार प्रदान करता है, यदि उसे कम्पनी के लाभों को देखते हुए ऐसा करना उचित लगे। अतः जब कम्पनी ने चालू वर्ष के बीते काल में पर्याप्त लाभ अर्जित कर लिये हैं और संचालकों को चालू वर्ष के शेष भाग में अच्छे लाभ होने की आशा है तो वे अंशधारियों को अन्तरिम लाभांश दे सकते हैं। इस प्रकार का लाभांश लाभ-हानि विवरण-पत्र के आधिक्य से और चालू वर्ष के लाभों से दिया जा सकता है। यदि कम्पनी को अन्तरिम लाभांश की घोषणा की तिथि से ठीक पूर्व तिमाही की समाप्ति तक चालू वित्तीय वर्ष के दौरान हानि हुई है तो ऐसा लाभांश ठीक पिछले तीन वर्षों के दौरान कम्पनी द्वारा घोषित औसत लाभांश से ऊँची दर से नहीं घोषित किया जा सकता। ऐसे लाभांश को घोषित करने के पाँच दिन के अन्तर्गत लाभांश की राशि एक पृथक बैंक खाते में जमा करनी होगी। लाभांश घोषणा की तिथि के 30 दिन के अन्तर्गत इसे बाँट दिया जाना चाहिये और भुगतान न की जा सकी राशि लाभांश घोषणा की तिथि से 30 दिन बीत जाने पर 7 दिन के अन्तर्गत अशोधित लाभांश बैंक खाते (Unpaid Dividend Bank Account) में हस्तान्तरित कर देनी चाहिये।

चूँकि जब तक खाते बन्द नहीं कर दिये जाते हैं तब तक कम्पनी के लाभ सही-सही नहीं ज्ञात किये जा सकते हैं, अतः अन्तरिम लाभांश घोषित करते समय संचालकों को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिये। अन्तरिम लाभांश घोषित करने के लिये कम्पनी को परे वर्ष के हास की राशि. संकलित गत हानियों, अवशिष्ट हास तथा बोर्ड द्वारा संचय में हस्तान्तरण के लिये तय की गई राशि का पर्याप्त आयोजन करना आवश्यक है। अतः संचालकों को ऐसा करने में काफी सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि यदि वर्ष के अन्त में कम्पनी को पर्याप्त लाभ नहीं हआ या हानि हो रही है तो अन्तरिम लाभांश की रकम, संचालकों को अपने पास से परी करनी पड़ती है। हाँ. अन्तरिम लाभांश के वास्तविक भुगतान से पूर्व संचालकों को घोषित अन्तरिम लाभांश को रद्द करने का अधिकार है. चाहे अन्तरिम लाभांश के लिये रोकड़ पृथक बैंक खाते में जमा भी क्यों न कर दी गयी हो।

अन्तिम लाभांश (Final Dividend) _

लेखा-वर्ष की समाप्ति के बाद कम्पनी के विभाज्य लाभों में से जो लाभांश संचालकों द्वारा प्रस्तावित किया जाता है और जिसे अंशधारी वार्षिक व्यापक सभा में स्वीकृत करते हैं उसे ही अन्तिम लाभांश कहते हैं। जब अन्तिम लाभांश घोषित किया जाता है तो अन्तरिम लाभांश. यदि कोई है, को इससे तब तक समायोजित नहीं किया जाता है जब तक कि प्रस्ताव में इसे विशिष्ट रूप से स्पष्ट न कर दिया गया हो।

अन्तरिम लाभांश और अन्तिम लाभांश दोनों को चिट्ठे में ‘संचितियाँ और आधिक्य’ शीर्षक के अन्तर्गत खातों पर टिप्पणियों में ___ आधिक्य के नियोजन (Appropriation) के रूप में दिखलाया जाता है।

निगमित लेखा-विधि लाभांश की घोषणा करने के पश्चात यह तय करने के लिए कि प्रत्येक अंशधारी को कितना लाभांश देना है, सदस्यों के रजिस्टर की सहायता से एक लाभांश सूची तैयार की जाती है। यह सूची प्रत्येक प्रकार के अंशों के लिए पृथक-पृथक बनाई जाती है। इसका एक नमूना निम्नलिखित है :

Page no  the register  Of Members  Name of the Shareholder  Address No of Shares Amount paid up on shares  S No of Dividend Warrant  Amount of the Dividend Income Net Dividend

इस सूची की सहायता से लाभांश अधिपत्र (Dividend Warrants) तैयार किए जाते हैं और अंशधारियों को भेज दिये जाते हैं। अंशधारी इन लाभांश अधिपत्रों की सहायता से कम्पनी के बैंक से भुगतान ले लेते हैं।

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अन्तरिम लाभांश और अन्तिम लाभांश में अन्तर

(Difference between Interim Dividend and Final Dividend)

(1) अन्तरिम लाभांश लाभों की आशा में वर्ष के दौरान उस वर्ष के अन्तिम खाते तैयार करने से पूर्व घोषित किया जाता है जबकि अन्तिम लाभांश अन्तिम खाते तैयार करने के पश्चात् घोषित किया जाता है।

(2) अन्तरिम लाभांश अनुमानों और रायों पर आधारित होता है जबकि अन्तिम लाभांश चिठे और लाभ-हानि खाते में दिये तथ्यों पर आधारित होता है।

(3) अंशधारियों की अनुमति के बिना ही संचालक मण्डल को अन्तरिम लाभांश घोषित करने का अधिकार होता है जबकि अन्तिम लाभांश को संचालक मण्डल केवल प्रस्तावित ही करता है और यह तब घोषित माना जाता है जबकि कम्पनी की वार्षिक व्यापक सभा में अंशधारी इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर देते हैं।

(4) संचालकों द्वारा घोषित अन्तरिम लाभांश इसके वास्तविक भुगतान किये जाने से पूर्व निरस्त किया जा सकता है जबकि कम्पनी कीवार्षिक व्यापक सभा में अन्तिम लाभांश की घोषणा के पश्चात् यह कम्पनी का एक ऋण हो जाता है और अंशधारी इसकी वसूली के लिये कम्पनी के विरुद्ध वाद कर सकते हैं।

लाभांशों के लिये पृथक बैंक खाता (Separate Bank Account for Dividends)

धारा 223 की अपेक्षाओं के कारण लाभांश भुगतान के लिये एक पृथक बैंक खाता खोल देना ही अच्छा रहता है। अतः जैसे ही एक कम्पनी द्वारा कोई लाभांश, चाहे अन्तरिम हो या अन्तिम, घोषित किया जाता है, घोषणा की तिथि के 5 दिन के अन्तर्गत लाभांश की शुद्ध देय राशि (अर्थात् आय-कर काटने के बाद) के बराबर राशि कम्पनी के सामान्य बैंक खाते से एक पृथक बैंक खाते में, जिसे ‘लाभांश बैंक खाता’ (Dividend Bank Account) कहा जाता है, हस्तान्तरित कर दिया जाता है। सभी लाभांश अधिपत्र इस खाते से भुगतान और डेबिट किये जाते हैं। इस खाते का अवशेष अयाचित या अशोधित लाभांश राशि के बराबर होगा। लाभांश की घोषणा के 30 दिन बीत जाने पर इसके 7 दिनों के अन्तर्गत इस खाते का शेष अशोधित लाभांश बैंक खाते (Unpaid Dividend Bank Account) में हस्तान्तरित करके बन्द कर दिया जाता है।

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 124 (1) के अनुसार कम्पनी के अशोधित लाभांश बैंक खाते में हस्तान्तरित की गई कोई राशि यदि इस हस्तान्तरण की तिथि से 7 वर्ष तक अशोधित या अयाचित रहती है तो इसे केन्द्रीय सरकार द्वारा धारा 125(1) के। अन्तर्गत स्थापित ‘विनियोक्ता शिक्षा और संरक्षण कोष’ (Investor Education and Protection Fund) को हस्तान्तरित कर दिया। जायेगा और केन्द्रीय सरकार द्वारा इस कोष का प्रयोग विनियोक्ता सजगता अभिवृद्धि और विनियोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये किया जायेगा।

निगमित लाभांश कर (Corporate Dividend Tax)

वित्त अधिनियम 1997 ने | जून 1997 से लाभांश की बाँटी गई राशि पर 10% से कराधान की एक नई योजना आरम्भ की है। निगमित लाभांश कर की दर प्रत्येक वर्ष वित्त विधेयक द्वारा निर्धारित की जाती है। इस योजना की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

1. इस कर को निगमित लाभांश कर (Corporate Dividend Tax) कहा जायेगा।

2. यह कर केवल एक घरेलू कम्पनी पर ही देय होता है।

3. यह कर कुल आय पर देय आय कर के अतिरिक्त भुगतान किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2012-13 के लिये वर्तमान दर 15% है। इस पर 10% से अधिभार (Surcharge) और 3% का शिक्षा उपकर (Education Cess) लगता है, अर्थात प्रभावी दर 16.995% है।

4. यह कर लाभांश (चाहे अन्तरिम हो या कोई अन्य घोषित. बाँटने या भुगतान करने वाली कम्पनियों से ही चार्ज किया जाता है।

5. लाभांश चालू लाभों में से दिया जा सकता है अथवा संकलित लाभों से।

6. यह कर तब भी देय होगा जबकि कम्पनी की कल आय पर कोई कर देय नहीं है।

7. यह कर लाभांश की (अ) घोषणा. (ब) बँटवारे या (स) भुगतान की तिथि, इनमें जो भी पहले हो, के 14 दिन के अन्तर्गत केन्द्रीय सरकार के खाते में जमा किया जायेगा। कम्पनी द्वारा इस प्रकार भुगतान किया गया कर लाभांश पर कर का अन्तिम भुगतान माना जायेगा और उसके लिये कम्पनी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा क्रेडिट का कोई दावा नहीं किया जा सकेगा

लेखांकन प्रकटीकरण (Accounting Disclosure)

कम्पनी अधिनियम 2013 की अनसची III में नियोजन की मदों के सम्बन्ध में कोई उल्लेख नहीं किया गया है। सभी नियोजन चिट्ठे में ‘संचितियों और आधिक्य’ शीर्षक के अन्तर्गत ‘आधिक्य’ उप-शीर्ष में ‘खातों पर टिप्पणियों में दिखलाये जायेंगे। अतः लाभ के निपटारे के प्रकटीकरण के लिये पृथक से ‘लाभ-हानि नियोजन खाता’ बनाने की आवश्यकता नहीं है। अतः हमारा सुझाव है कि रोजनामचा प्रविष्टियों के लिये सभी नियोजनों के लिये लाभ-हानि नियोजन खाते के स्थान पर ‘आधिक्य खाता’ (Surplus Account) का प्रयोग करना चाहिये तथा नियोजनों के ब्यौरे चिटठे में संचितियों और आधिक्य के अन्तर्गत निम्न प्रकार दिये जाने चाहिये।

चिट्टे की तिथि पर केन्द्रीय सरकार के खाते में जमा न की जा सकी निगमित लाभांश कर की राशि को चिठे में ‘अल्पकालीन आयोजन’ (Short-term Provisions) शीर्षक के अन्तर्गत एक पृथक मद के रूप में दर्शाना चाहिये।

अन्तिम लाभांश का लेखा व्यवहार (Accounting Treatment of Final Dividend) :  अन्तिम लाभांश के लिये लेखा निम्न प्रकार किया जाता है :

(1) संचालकों द्वारा लाभांश के लिए प्रस्ताव करने पर :

Surplus Account                                                                 Dr. (with the total)

To Proposed Dividend Account                               (with the amount of proposed dividend)

To Provision for Corporate Dividend Tax A/c       (with the amount of C.D.T.)

यदि लाभों का पर्याप्त शेष नहीं है तो इसके लिये लाभांश समानीकरण कोष खाते (Dividend Fonalisation End Account) तथा सामान्य संचय खाते (General Reserve Account) की राशि का प्रयोग किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक राशि पहले इन खातों से आधिक्य खाते में हस्तान्तरित करनी होती है जिसके लिये निम्न लेखा किया जाता है।

Dividend Equalisation Fund Account                         Dr.

And /Or General Reserve Account                               Dr.

To Surplus Account

(2) लाभांश घोषित करने पर :

Proposed Dividend Account                                         Dr. with the amount payable to shareholders

To Dividend Payable Account

(3) लाभांश भुगतान के लिए राशि सुरक्षित करने पर :

Dividend Bank Account                                             Dr. with the amount payable to shareholders

To Bank Account

नोट : यह ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक प्रकार के अंश के लिये पृथक से एक लाभांश बैंक खाता खोला जाएगा।

(4) लाभांश के भुगतान करने पर :

Dividend Payable Account                                     Dr  with the actual amount paid to shareholders

To Dividend Bank Account

(5) निगमित लाभांश कर के भुगतान करने पर :

Corporate Dividend Tax Account                         Dr. with the amount of tax paid

To Bank Account

Disposal Profit Study Material

नोट : चिट्ठे की तिथि तक यदि निगमित लाभांश कर का भुगतान नहीं किया जाता है तो चिट्टे में उसे अल्पकालीन आयोजनों में अन्तर्गत दिखलाया जायेगा।

(6) यदि लाभांश की घोषणा के 30 दिन के अन्तर्गत अंशधारी अपने लाभांश का भुगतान नहीं लेते हैं तो कर जि किसी अनसचित बैंक में ‘अशोधित लाभांश खाता’ (Unpaid Dividend समाप्ति के 7 दिन के अन्तर्गत बकाया लाभांश की राशि किसी अनुसूचित बैंक में ‘अशोधित लाभांश खाता’ Account) में जमा करानी होगी। इसके लिए निम्न प्रविष्टियाँ पारित की जायेंगी :

(i) अशोधित लाभांश के एक दायित्व खाते में हस्तान्तरण पर :

Dividend Payable Account                                        Dr. with the amount of unpaid dividend

To Unpaid (or Unclaimed) Dividend Account

(ii) लाभांश बैंक खाते में पड़ी राशि को एक पृथक बैंक खाते में हस्तान्तरण पर :

Unpaid Dividend Bank Account                                 Dr. with the amount of unpaid dividend

To Dividend Bank Account

नोट : अशोधित लाभांश की राशि चिट्ठे में चालू दायित्व शीर्षक के अन्तर्गत ‘अन्य चालू दायित्वों’ के अन्तर्गत दिखलाया जायेगा।

(7) अशोधित लाभांश के बाद में भुगतान करने पर :

Unpaid Dividend Account                                            Dr. with the amount actually paid

To Unpaid Dividend Bank Account

(8) यदि अशोधित लाभांश खाते को हस्तान्तरित की राशि हस्तान्तरण की तिथि से 7 वर्ष तक अशोधित रहती है तो कम्पनी द्वारा इसे केन्द्रीय सरकार द्वारा स्थापित विनियोक्ता शिक्षा और संरक्षण कोष

(Investor Education and Protection Fund) में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा और इसके लिये निम्न प्रविष्टि पारित की जायेगी :

Unpaid Dividend Account                                              Dr. with the amount transferred

To Investor Education and Protection Fund Account

(9) अशोधित लाभांश की राशि के केन्द्रीय सरकार को वास्तविक भुगतान किये जाने पर : Investment Education and Protection Fund A/c Dr. with the amount paid

To Unpaid Dividend Bank Account

अन्तरिम लाभांश का लेखा व्यवहार (Accounting Treatment for Interim Dividend)

अन्तरिम लाभांश के लिए राशि सुरक्षित करने पर :

Interim Dividend Bank Account                  Dr. with the amount of interim dividend

To Bank Account

(2) लाभांश भुगतान करने पर :

Interim Dividend Account                       Dr. with the actual amount paid

To Interim Dividend Bank Account

(3) अन्तरिम लाभांश और निगमित लाभांश कर के आधिक्य खाते में हस्तान्तरण पर :

Surplus Account                                     Dr. (with the total)

To Interim Dividend Account            (with the amount of interim dividend)

To Corporate Dividend Tax A/C                     (with the amount of C.D.T.)

(4) निगमित लाभांश कर के भुगतान करने पर :

Corporate Dividend Tax Account                 Dr.

To Bank Account

वर्ष के अन्त तक अशोधित राशि अयाचित लाभांश खाते में हस्तांतरित की जायेगी। अयाचित अन्तरिम लाभांश ‘अन्य चालू दायित्व’ शीर्षक के अन्तर्गत दिखलाया जायेगा। किन्तु यदि अन्तरिम लाभांश का भगतान प्रारम्भ नहीं किया गया है तो अन्तरिम लाभांश की राशि को ‘अल्पकालीन प्रावधानों’ के अन्तर्गत दिखलाया जायेगा। इसके लिए लेखे आन्तम लाभाश क अनुसार ही होंगे। तो दिखलाया जायेगा। इसके लिए लेखे अन्तिम लाभांश के लिये बतायी गयी विधि के अनुसार ही होंगे ।

अयांचित लाभाश खाता चिट्ठे में दायित्व की तरह दिखाया जाता है। 7 वर्ष बाद अयाचित लाभांश की राशि केन्द्रीय सरकार द्वारा स्थापित विनियोक्ता शिक्षा और संरक्षण खाते (Investor Education and Protection Account) इसके लिए लेखा प्रविष्टियाँ पहले बताई गई विधि के अनुसार ही पारित की जायेंगी।

उदाहरण 2.1 अप्रैल 2014 को एक्स लि० के चिट्ठे के दायित्व पक्ष की ओर निम्नलिखित मदें हैं :

The following items appear on the liabilities side of the balance sheet of X Ltd. on Ist April 2014:

(a) 13.5% Preference Share Capital                                  4,00,000

(b) Equity Share Capital – Fully paid-up                         45,00,000

(c) Equity Share Capital-60% paid-up                             3,00,000

(d) Securities Premium Account                                       7,00,000

(e) 15% Debentures                                                                10,00,000

31 मार्च 2015 के लेखा-वर्ष के लिये लाभ (ऋणपत्रों पर ब्याज और 60% से कर से पूर्व) ₹ 11,50,000 हैं। कम्पनी के संचालक मण्डल ने समता अंशों पर 18% से लाभांश की सिफारिश की है। संचालक मण्डल की सिफारिश को समामेलित करने के लिये जर्नल में प्रविष्टियाँ कीजिये। निगमित लाभांश कर 10% है।

Profit (before interest on debentures and tax at 60%) is ₹ 11,50,000 for the accounting year ended 31st March 2015. The company’s board of directors has recommended an equity dividend of 18%. Make Journal entries to incorporate board’s recommendation. Corporate Dividend Tax is 10%.

उदाहरण 3. 1 अप्रैल 2014 को रोक्सी लि० के लाभ-हानि खाते में ₹ 1,25,000 का क्रेडिट शेष है तथा 31 मार्च 2015 को समाप्त वर्ष का शद्ध लाभ ₹ 7,75,000 है। वर्ष में ₹ 7,00,000 की 10% पूर्वाधिकारी अंश पूँजी पर आधे वर्ष के लाभांश का भुगतान किया गया। निम्नलिखित नियोजनों का निश्चय किया गया : (i) करारोपण के लिये आयोजन ₹3,90,000; (ii) लाभांश समानीकरण संचिति खाता ₹ 25,000; (iii) पूर्वाधिकारी अंशों पर अन्तिम लाभांश का भुगतान; (iv) ₹ 10,00,000 की समता अंश पूँजी पर 15% लाभांश का भुगतान; (v) सामान्य संचिति में ₹30,000 का हस्तान्तरण; (vi) ऋणपत्र शोधन संचिति में ₹40.000 का हस्तान्तरणः (vii) निगमित लाभांश कर 10% है।

आधिक्य खाता तैयार करो और लाभांश भुगतान के लिये जर्नल की प्रविष्टियाँ दीजिये।

Roxy Ltd. has a credit balance on profit and loss account of 1,25,000 on April 1, 2014 and the net profit for the year ending 31st March 2015 is 7,75,000. During the year a half-year’s dividend was paid on 10% preference share capital of 7,00,000. It was decided that following appropriations be made : (i) provision for taxation * 3,90,000; (ii) dividend equalisation reserve account * 25,000; (iii) to pay the final dividend on preference shares; (iv) to pay the dividend of 15% on the 10,00,000 equity share capital; (v) transfer to general reserve 30,000; (vi) transfer to debenture redemption reserve * 40,000.

Prepare Surplus Account and give journal entries for payment of dividend. Corporate Dividend Tax is 10%.

उदाहरण 4. अवन्तिका लि० की ₹ 10 प्रति के 1,50,000 अंशों में विभाजित प्रदत्त समता अंश पूँजी ₹ 15,00,000 है और ₹ 100 प्रति के 5,000 अंशों में विभाजित 11% पूर्वाधिकारी अंश पूँजी ₹ 5,00,000 है। गत चिठे से लाया गया लाभ का शेष ₹ 58,000 था।

31 मार्च 2015 को समाप्त वर्ष के लाभ ₹ 6,00,000, कर के बाद हैं। संचालकों ने निम्नलिखित आयोजनों के पश्चात समता अंश पूँजी पर 25% लाभांश का प्रस्ताव किया :

(i) सामान्य संचय को वैधानिक न्यूनतम हस्तान्तरण; और

(ii) पूर्वाधिकारी अंशों पर लाभांश के लिये आयोजन।

आधिक्य खाता तैयार करो। निगमित लाभांश कर : 12.5% + अधिभार 10% और शिक्षा उप-कर 2% है।

Avantika Ltd. has a paid up equity share capital of ₹ 15,00,000 divided into 1,50,000 shares of ₹ 10 each, and 11% preference share capital of₹5,00,000 divided into 5,000 shares of₹ 100 each. The balance of profit brought forward from the previous balance sheet was₹58,000.

The profit for the year ended 31st March 2015 amounted to ₹ 6,00,000, after tax. The directors proposed a dividend of 25% on equity share capital after the following provisions :

(i) Statutory minimum transfer to general reserve; and

(ii) Provision for dividend on preference shares. Prepare Surplus Account. Corporate Dividend Tax : 12.5% + Surcharge at 10% and Education Cess at 2%.

Disposal Profit Study Material

उदाहरण 5. 31 मार्च 2015 को एक कम्पनी की प्रार्थित पूँजी निम्न प्रकार थी :

₹10 प्रति के 2,00,000, 5% सहभागी पूर्वाधिकारी अंश              ₹20,00,000

₹10 प्रति के 1,50,000 समता अंश                                               ₹ 15,00,000

निर्गम की शर्तों के अनुसार समता अंशों पर 10% वार्षिक लाभांश भुगतान करने के पश्चात् संचालकों द्वारा सामान्य संचय आदि को हस्तान्तरण के पश्चात उपलब्ध आधिक्य में पूर्वाधिकारी अंशधारी समता अंशधारियों के साथ बराबर-बराबर भाग लेंगे। शद्ध लाभ ₹368000 था और गत वर्ष से लाया गया लाभ ₹ 15,000 था। संचालकों ने ₹30,000 सामान्य संचय को हस्तान्तरण और अगले वर्ष के लिये ₹ 12,000 ले जाने का निश्चय किया। संचालकों ने पूर्वाधिकार लाभांश और समता अंशों पर 10% लाभांश भगतान करने और आधिक्य को निगम की शतों के अनुसार बाटने की संस्तुति की। निगमित लाभांश कर 10% है।

आधिक्य खाता तैयार कीजिये और दिखलाइये कि पूर्वाधिकार अंशधरियों को लाभांश की क्या अतिरिक्त दर उपलब्ध होगी ?

On 31st March 2015, the subscribed capital of a company was as follows:

2,00,000, 5% Participating Preference Shares of 10 each          20,00,000

1,50,000 Equity Shares of₹10 each                                                       15,00,000

The terms of issue provide that after paying 10% annual dividend on equity shares, the preference shareholders would participate equally with the equity shareholders in the surplus available after transfer to General Reserve etc. by the directors. The net profit was 3,68,000 and profit brought forward from last! year was 15,000. The directors decided to transfer 30,000 to General Reserve and carry forward! 12,000 to next year. The Directors recommended to pay preference dividend and 10% dividend on equity shares and further to distribute the surplus according to the terms of issue. The corporate dividend tax is 10%.

Prepare Surplus Account and show what additional rate of dividend would be available to preference shareholders ?

उदाहरण 6. 31 दिसम्बर 2014  की वार्षिक साधारण सभा में ₹ 10,000 एक युद्ध संचय कोष में (आपातकालीन समय के प्रबन्ध हेतु) और संचालकों को लाभ का 2.5% की दर से लाभांश घोषित किया गया। लाभ-हानि खाते के बचे हुए शेष को अगले वर्ष के लिये ले जाना है। निगमित लाभांश कर 10%

उपर्युक्त व्यवस्थाओं को दिखाते हुए आधिक्य खाता बनाइए।

The accounts of XY Ltd. shows an amount of 1,00,000 to the credit of Profit and Loss Account on 31st December 2014; out of which the Directors decided to place 20.000 to General Reserve and 5,000 to Debenture Redemption Fund. At the Annual General Meeting, it was decided to place 10,000 to War Reserve Fund (to provide for contingencies) and to pay a bonus of 2.5 per cent of the profits to the Directors as additional remuneration. The payment of the half-yearly dividends: on 2,50,000, 6 percent Cumulative Preference Shares on June 30th and December 31st, 2014 was confirmed and a dividend at the rate of 10 percent was declared on the Equity Share Capital of Account to be carried forward to next year. Corporate dividend tax rau ed on the Equity Share Capital of 3,00,000, the balance of Profit and Loss

Account to be Carried Forward to next Year . Corporate dividend tax is 10%

Make out the Surplus Account, showing the above arrangements

Disposal Profit Study Material

उदाहरण 7. 30 जून 2014 को एक लिमिटेड कम्पनी के चिट्टे में निम्नांकित मदें दर्शाई गई थीं :

(क) अधिकृत पूँजी : 25,000 अंश, ₹ 100 प्रति अंश।

(ख) निर्गमित पूँजी : 20,000 अंश, ₹ 90 प्रति अंश दत्त।

(ग) संचित कोष : ₹9,00,000।

(घ) लाभ-हानि खाता : ₹3,80,7501

18 अगस्त 2014 को कम्पनी की वार्षिक साधारण सभा में निम्नांकित प्रस्ताव पारित किए गए :

(1) ₹ 15 प्रति अंश का नगद लाभांश भुगतान देना। निगमित लाभांश कर 10% है।

(2) ₹45 प्रति अंश पूँजी अधिलाभांश की घोषणा करना जिसे अंशतः वर्तमान अंशों को पूर्णदत्त बनाकर तथा अंशतः 60 प्रतिशत प्रीमियम पर पूर्णदत्त अधिलाभांश अंश निर्गमित करके सन्तुष्ट किया जाए।

(3)₹50.000 कम्पनी के कर्मचारियों को भारतीय स्वतन्त्रता की रजत जयन्ती बोनस के रूप में दिया जाए।

25 अगस्त 2014 को इन प्रस्तावों को कार्यान्वित किया गया। इन व्यवहारों को लिखने के लिए जर्नल की प्रविष्टियाँ दीजिए तथा कम्पनी की पुस्तकों में 25 अगस्त 2014 को अंश पूँजी खाता दिखाइये।

The following items appeared in the Balance Sheet of a Limited Company as on 30th June 2014  (a) Authorised Capital: 25,000 Shares of 100 each.

(b) Issued Capital : 20,000 Shares,₹ 90 paid.

(c) Reserve Fund ₹ 9,00,000. . (d) Profit and Loss Account₹3,80,750.

At the Company’s annual general meeting held on 18th August 2014, the following resolutions were passed –

(1) To pay a cash dividend of 15 per share. Corporate Dividend Tax is 10%.

(2) To declare capital bonus of 45 per share to be satisfied partly by making the existing shares fully paid and partly by issuing fully paid bonus shares at a premium of 60%.

(3) To pay 50,000 to the Company’s Staff as Silver Jubilee of Indian Freedom bonus.

These resolutions were given effect to on 25th August 2014. Give Journal entries to record these transactions in the books of the Company and show how the Share Capital Account will stand on 25th August 2014 in the books of the Company.

उदाहरण 8. आपको निम्नलिखित सूचना प्रस्तुत की जाती है

(1) ₹100 वाली 10 प्रतिशत पूर्वाधिकार अंश पूँजी                          3,00,000

(2) ₹ 10 वाली ₹5 दत्त समता                                                      4,00,000

(3) लाभ-हानि खाता                                                                        6,00,000

(4) सामान्य संचिति खाता                                                              2,00,000

(5) प्रतिभूति प्रीमियम खाता                                                           2,50,000

निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किये गये :

(i) वर्ष का पूर्वाधिकार लाभांश भुगतान किया जाय।

(ii) समता अंशों पर अधिलाभांश अंशों के निर्गमन की घोषणा की जाय :

(अ) अंशों को पूर्णदत्त बनाने के लिये;

(ब) विद्यमान अंशधारियों को ₹ 10 वाला 1 : 2 के अनुपात में बोनस निर्गम को पूरा करने के लिये;

(स) पुरानी पूँजी पर पहले से ही भुगतान किये जा चुके 5% की दर से अन्तरिम लाभांश को ध्यान में रखते हुए बढ़ी पूँजी पर 15% प्रति वर्ष के बराबर अन्तिम रोकड़ लाभांश भुगतान करने के लिये।

पार्षद अन्तर्नियमों में केवल चुकता पूँजी पर लाभांश का प्रावधान है। अन्तरिम लाभांश की प्रविष्टियों की पूरी तरह उपेक्षा करते हुए जर्नल की प्रविष्टियाँ दीजिए। निगमित लाभांश कर 10% है।

The following information is presented to you:

(1) 10% Preference Share Capital of 100 each                             3,00.000

(2) Equity Share Capital of 10 each, 5 paid up                              4,00,000

(3) Profit and Loss Account                                                               6,00,000

(4) General Reserve Account                                                           2,00,000

(5) Securities Premium Account                                                      2,50,000

The following resolutions were passed :

(i) to pay the preference dividend for the year.

(ii) to declare a bonus issue of shares on equity shares :

(a) to make the shares fully paid;

(b) to cover a bonus issue in the ratio of 1:2 of 10 each to the existing shareholders ;

(C) to pay a final cash dividend equivalent to 15% p.a. on the increased capital after taking into

consideration an interim dividend @ 5% already paid on old capital. The articles of association provide for dividends on paid-up capital only. Give journal entries ignoring the entries for interim dividend completely. Corporate dividend tax is 10%.

chetansati

Admin

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