BCom 3rd Year Electronic Data InterChange Study Material notes in Hindi

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BCom 3rd Year Electronic Data InterChange Study Material notes in Hindi: Introduction  Electronic Data Interchange   Sending Documents by Electronic Data Interchange System  Basic of Electronic Data Interchange profit of Financial Electronic Electronic Data Interchange.( Most Important Notes )

Electronic Data Inter Change
Electronic Data Inter Change

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इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(ईडीआई)

[ELECTRONIC DATA INTERCHANGE (EDI)]

प्रस्तावना (Introduction)

व्यापार सम्बन्धी कार्यों के लिए पारम्परिक माध्यम के रूप में व्यावसायिक इकाइयाँ कागजों का प्रयोग करती रही हैं। ये व्यावसायिक इकाइयाँ कागजों में सूचना के आदान-प्रदान के लिए प्रायः डाक का इस्तेमाल करती रही हैं। समय के साथ परिवर्तन होने से कम्प्यूटर का हस्तक्षेप काफी हद तक बढ़ने तो लगा मगर अभी भी काफी समय लग रहा था। ई-मेल के प्रयोग से सूचनाओं का आदान-प्रदान क्षण भर में हो तो गया पर मानवीय हस्तक्षेप के कारण अभी भी त्रुटियों की आशंका बनी रहती थी।

अमेरिकन नेशनल स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट (ANSI) ने कुछ इस प्रकार बताया है

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज (Electronic Data Interchange)-एक मानक सिनटेक्स में ऐसा सम्प्रेषण है जो अलग-अलग संस्थानों के कम्प्यूटरों के बीच असंदिग्ध व्यावसायिक जानकारी और रणनीति की जानकारी इधर से उधर पहुँचाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज (Electronic Data Interchange)-के प्रयोगकर्ताओं को अपना आंतरिक डेटाबेस बदलने की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन्हें इस जानकारी को अपने कम्प्यूटर सिस्टम के फॉरमेट में अनुदित करना होगा और यह ट्रांसलेशन सॉफ्टवेयर केवल एक ही बार बनाया जा सकेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय आँकड़ा विनियम संघ के अनुसार व्यापारिक इलेक्ट्रॉनिक आँकड़ा विनियम संसाधन योग्य

आँकड़ों का एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में अंतरण होता है जिसके लिए स्वीकृत मानक का इस्तेमाल करके आँकड़े तैयार किये जाते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज का इस्तेमाल करके व्यापारिक साझेदार कम्प्यूटर से कम्प्यूटर पर सम्बन्ध स्थापित करते हैं। जिससे सूचना का आदान प्रदान परस्पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से हो सके। इससे व्यावसाय में कागजी कार्यवाही से छुटकारा मिल जाता है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज के इस्तेमाल से आदेश बीजक, पुष्टि की सूचना, प्रेषण रसीदें और अन्य दस्तावेज एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में अंतरण होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज के प्रयोग से व्यापारिक क्रिया तेजी से सम्पन्न होती है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज एक ऐसी प्रणाली है जिसमें बिना मानवीय हस्तक्षेप के संरक्षित आंकड़ों का हस्तान्तरण किया जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज का प्रयोग कम्प्यूटर सिस्टम या नेटवर्क के बीच डेटा को स्थानान्तरित करने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग सामान्यता गोदामों के लिए आदेश भेजने, लादान टैकिंग व चालान बनाने में होता है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज एक ऐसी प्रणाली है जिस सूचनाओं का आदान-प्रदान कागज के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में किया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज ने डाकमेल, फैक्स व ई-मेल की जगह ले ली है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज को बिना दस्तावेज का व्यापार कहतें हैं ।

पारम्परिक विधि द्वारा दस्तावेजों को भेजना

(SENDING DOCUMENTS BY TRADITIONAL METHOD)

पारम्परिक रूप से कागजों पर जो जानकारी भेजी जाती है उसमें मैनुअल डेटा एंट्री हर कदम पर करनी पड़ती है।

इसके अतिरिक्त परचेज ऑर्डर, प्राप्ति के नोटिस और बिल बनाने का काम भी मैनुअली होता है। इससे ट्रांजेक्शन की प्रोसेसिंग में समय भी अधिक लगता है और हर समय अन्तिम प्रयोगकर्ता को इस  प्रक्रिया से जुड़ा रहना पड़ता है। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज की इस इलेक्ट्रॉनिक  विधि में इन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि इसकी जरूरत ही नहीं होती।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज सिस्टम द्वारा दस्तावेजों को भेजना

(SENDING DOCUMENTS BY ELECTRONIC DATA INTERCHANGE SYSTEM)

कागज पर भेजी जाने वाली जानकारियों के साथ जो दिक्कतें हैं; उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज सिस्टम दूर कर सकता है।

(i) काम की लागत (Labour Costs)-कागज पर जानकारी देने के लिए डेटा प्रविष्टि के लिए, डॉक्यूमेंट को स्टोर करने और पुनः ढूंढ़ने, डॉक्यूमेंट का मिलान करने, उसे लिफाफे में भरकर चिपकाने का काम हाथ से करना पड़ता है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज में यह सब नहीं करना पड़ता।

(ii) गलतियाँ (Errors)-चूँकि जानकारी कागज पर देने के लिए उसे कई बार टाइप करना पड़ता है। इसलिए गलतियों की संभावना बनी रहती है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज में ऐसा नहीं होता।

(iii) इनवेंटरी (Inventory)-यह एक तथ्य है कि कागज पर कार्य करने में देरी होना सामान्य है। ऐसे में इनवेंटरी (स्टॉक) का आकार जरूरत से ज्यादा हो जाता है।

(iv) अनिश्चितता (Uncertainty)-यह तीन क्षेत्रों में हो सकती है-पहला, परिवहन तथा टाइपिंग में देरी का अर्थ है समय अनिश्चित है। दूसरा, भेजने वाले को यह पता नहीं चलता कि जिसे सूचना भेजी गई है, उसे वह मिली भी या नहीं एवं तीसरा है भुगतान-यह अनुमान लगाना कठिन है बैंक से भुगतान कब होगा। ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज का क्रियान्वयन आश्चर्यजनक परिणाम देता है। समय की देरी अतीत की बात हो जाती है। डाक व प्रोसेसिंग में देरी का प्रश्न ही नहीं उठता। इससे कम्पनी को नकदी के प्रवाह का अनुमान लगाने में सुविधा होती है। खरीददार को तुरन्त ही यह पता चल जाता है कि ऑर्डर समय पर पूरा होगा या वह कहीं और तलाश करेंगे, इससे सेफ्टी स्टॉक को रखना जरूरी नहीं रहता। एक ही बार में सारी कार्य प्रक्रिया पूर्ण होने का अर्थ है श्रम की लागत में कमी और भुगतान भी शुरुआत के अगले ही दिन सेटलमेंट सिस्टम के माध्यम से हो जाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज के आधार (Basic of Electronic Data Interchange)

कम्पनियाँ व्यापार सम्बन्धी कार्यों के लिए पारम्परिक माध्यम के रूप में कागज का प्रयोग करती रही हैं। कम्पनी रिकार्ड को कागज पर फाइल किया जाता है और सचना के आदान-प्रदान के लिए कम्पनियाँ एक-दूसरे को डाक से पेपर फॉर्म भेजती है। व्यापार में कम्प्यूटर के आने से कम्पनियों के लिए डेटा को इलेक्ट्रॉनिक विधि सोसेस कर पाना सम्भव हुआ है हालाकि कम्पनियों के बीच इस डेटा का आदान-प्रदान अभी भी काफी हद तक डाक व्यवस्था (पोस्टल सिस्टम) पर निर्भर करता है। अक्सर कोई कम्पनी डेटा को एक व्यापार एप्लीकेशन में करती है. डेटा दर्शाने वाला एक प्रिंट करती है और इस फॉर्म को अपने व्यावसायिक भागीदार को डाक से के मिलने पर ट्रेडिंग पार्टनर एक अन्य व्यापार एप्लीकेशन में डेटा को पनः दर्ज करता है। इस लगना स्वाभाविक है। पास्टल सिस्टम का इस्तेमाल होने से आदान-प्रदान में कई-कई दिन लग से सम्बद्ध दोनों कम्पनियों के लिए अत्यधिक कागजी कार्यवाही करनी होती है और सूचना के प्रक्रिया कर सकते हैं, एक्सचेंज से सम्बद्ध दोनों कम्पनियों के लिए

टांसक्रिप्शन के दौरान गलतियों की संभावना भी बनी रहती है। इस वास्तविकता को मानकर चलना चाहिए कि ईडीआई की क्रांतिकारी कम्प्यूटिंग और दूरसंचार की शक्तियाँ बढ़ी हैं। ईडीआई टेक्नोलॉजी कागजी दस्तावेजों के बदले एक स्वाभाविक डेटा कैरियर्स के रूप में विकसित हुई है और न ही ईडीआई कोई नई अवधारणा या नई शरुआत है। ऊंची कीमत और सीमित समय तक ही उपयोगी उत्पादों और सेवाओं के मामले में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के औद्योगिक क्षेत्रों में इसका प्रयोग बीस साल से भी अधिक समय से होता आ रहा है। हालांकि हाल के । वर्षों में ईडीआई का प्रोफाइल बढ़ता जा रहा है और आजकल तो यह फैशन ही बन गया है। दरअसल इसके । अलावा कई अन्य तथ्य भी इन परिस्थितियों के लिए सहायक हुए हैं। कम्प्यूटर हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर व टेलीकम्यूनिकेशन की कीमतों में भारी गिरावट एवं दुनिया के बाजारों में मुक्त व्यापार की सुविधाओं सहित कई अन्य कारकों का अर्थ यह है कि ईडीआई अपने नूतन अविकसित भ्रणावस्था से नए निष्क्रमणात्मक विश्वस्तरीय विकास के स्तर, एक श्रेष्ठ बाजार वाले जीवनचक्र की ओर बढ़ रहा है। एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि निरन्तर बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और सशक्त गतिशील बाजार में व्यापार को सम्भव बनाने वाली विधा के रूप में ईडीआई की भूमिका बढ़ी है। ईडीआई को हाथों से की जाने वाली श्रमसाध्य और कागजी कार्यवाही के बोझ से लदी प्रक्रिया को स्वचालित बनाने वाली एक विधा के रूप में देखने की प्रवृत्ति निरन्तर बढ़ रही है। ईडीआई एक ऐसा साधन है जो व्यापारिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी, किन्तु बिल्कुल अलग तरीकों से निष्पादित करना सम्भव बनाता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक (Electronic Data Interchange Standard)

इलेक्टॉनिक डेटा इन्टरचेंज में दस्तावेजों को पढ़ने का कार्य मनुष्य के बजाह कम्प्यूटर से किया जाना चाहिए। एक ऐसे मानक प्रारूप का इस्तेमाल किया जाना चाहिए जिससे कम्प्यूटर दस्तावेजों को पढ़ने व समझने में सक्षम हो। मानक प्रारूप यह वर्णन करता है कि सूचनाओं का प्रत्येक हिस्सा क्या है तथा किस रूप में है; जैसे (पूर्णाक, दशमलव)। जिस प्रकार अंग्रेजी बोलने वाले को शायद जापानी समझ में न आये, उसी प्रकार बिना मानक प्रारूप के प्राप्तकर्ता कम्प्यूटर कुछ भी समझ नही पायेगा।

जब दो व्यापारी इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज दस्तावेजों को आदान-प्रदान के लिए निश्चय करते हैं तो उन्हें विशिष्ट मानक और उसके संस्करण पर सहमत होना पड़ेगा।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक अमेरिकन राष्ट्रीय मानक संस्थान (ANSI) द्वारा विकसित की गयी

तमान में उत्तरी अमेरिका में प्रयोग किया जा रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में विकसित अन्तर्राष्ट्रीय मानक है जो पूरे संसार में अधिक प्रचलित है। ODETTE (Organization For Data Exchange By Tele Transmission In Europe) एक ऐसा संगठन जो मोटर वाहन उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है। यह बेहतर माल, उत्पाद सूचना सम्बन्धी व व्यापार सूचना सम्बन्धी उपकरणों को विकसित करता है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज की प्रक्रिया (Procedure of Electronic Data Interchange)

ईडीआई टेक्नोलॉजी कागजी दस्तावेजों के बदले एक स्वाभाविक डाटा कैरियर्स के रूप में विकसित हुई है इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज की प्रक्रिया निम्न चरणों में परी होती है। भेजे

जाने वाले दस्तावेजों को तैयार करना (Prepare Sending Documents)

पहले चरण में डाटा को इकट्ठा व व्यवस्थित करना है। उदाहरण के लिए बजाय कय आदेश की प्रिट निकालने के, उपयोगकर्ता अपने कम्प्यूटर से आवश्यक सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज दस्तावेज के रूप में तैयार कर देता है। इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को तैयार करने में डाटा के स्रोत व तरीके उपलब्ध हैं।

  1. मनुष्यों द्वारा प्रविष्ट करना।
  2. डेटा को कम्प्यूटर पर आधारित स्प्रेडशीट व डाटाबेस से निर्यात करना।
  3. स्वचालित आउटपुट फाइल को तैयार करना जो कि इलेक्टॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक के अनुसार। अनुवाद कर सके।

उपयोग इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज प्रारूप में दस्तावेजों का अनुवाद करना

(Translate Documents in Electronic Data Interchange Form)

दूसरे चरण में इलेक्टॉनिक डाटा को इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक के प्रारूप में अनुवाद सॉफ्टवेयर माध्यम से रखा जाता है। ऐसे अनुवाद सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है जिसे आसानी से प्रयोग किया जा सके।

वैकल्पिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज अनुवाद सेवा, इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज सेवा प्रदाता से ले सकते हैं। डाटा को कम्प्यूटर से इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज सेवा प्रदाता को भेजना होता है जो इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक के अनुसार अनुवाद करते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज दस्तावेज को कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से भेजना

(Sending Electronic Data Interchange Documents with Computer Network)

तीसरे चरण में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज दस्तावेज को कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से भेजा जाता है। जब व्यावसायिक दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक पर तैयार हो जाता है तो वैसे ही व्यापारिक भागीदार को प्रेषित कर दिया जाता है। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज दस्तावेज को प्रेषित करने के बहुत से तरीके हैं जिसमें सार्वजनिक नेटवर्क (Public network) व वैन (VAN-VALUE ADDED NETWORK) का प्रयोग किया जाता है

 वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(Financial Electronic Data Interchange)

वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज धन प्रेषण सम्बन्धी सचनाओं का इलेक्ट्रॉनिक लेन देन है। आमतौर पर भगतान स्वचालित क्लीयरिंग हाउस (ACH) के माध्यम से होता है। कम्प्यूटर से कम्प्यूटर भुगतान व भुगतान सम्बन्धी जानकारी को कम्पनियों के बीच एक उचित मानक के अनुसार आदान-प्रदान करना वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज है। वित्तीय लेन-देन प्रभावित होने के कारण वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज बैंक में शामिल हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक डटा इन्टरचेंज को मई 1994 में लागू किया गया था। इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज IPT RAATRONIC DATA INTERCHANGE) व्यापार भागीदार के रूप में जाना जाता है।

ईडीआई इलेक्ट्रानिक रूप से बैंक खाते से किसी संगठन के नामित बैंक खाते में धन हस्तान्तरण करता है। ईडीआई इलेक्ट्रानि मातान स्वचालित समाशोधन गृह व बैंकिंग नेटवर्क के माध्यम से करायी जाती है। विभिन्न राज्य रेषण जानकारी सभी व्यापार भागीदारों के लिए लेखा वेबसाइट पर पोस्ट किया जाता है।

वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के लाभ (Profit of Financial Electronic Data Interchange)

जमा दर न होना।

  • धन की तत्काल उपलब्धता।
  • बेहतर नकदी प्रबंधन।
  • खातों का प्राप्य को अद्यतन स्वचालित करने के लिए अवसर।
  • ईडीआई जमा ई-मेल की सूचना पर उपलब्ध।
  • चेक का चोरी व खोने का डर न होना।
  • पूरी तरह से भुगतान मिलना।
  • कागज चेक से निपटने की तुलना में

वित्तीय ईडीआई एक विक्रेता के लिए कैसे काम करता है (How do Financial EDI Work for Vendor ?)

  1. राज्य एजेंसियों व्यापारिक भागीदार (विक्रेता) से माल व सेवाओं को खरीदती है।
  2. व्यापारिक भागीदार एक या एक से अधिक राज्य एजेंसियों के लिए माल व सेवाओं को प्रदान करता है और प्रत्येक राज्य एजेंसी के लिए एक बिल या चालान प्रस्तुत करता है।
  3. राज्य की एजेंसियों को लेखा विभाग द्वारा नियन्त्रित किया जाता है जो सामान्य लेजर प्रणाली में भुगतान प्रेषण जानकारी के साथ भुगतान अनुरोध inputting द्वारा ट्रेडिंग साथी को भुगतान प्रमाणित करते हैं।
  4. लेखा विभाग राज्य एजेंसी भुगतान अनुरोध संसाधित करता है और राज्य के बैंक को भुगतान और भुगतान सम्बन्धी जानकारी पहुँचाता है। प्रेषण जानकारी भी वेबसाइट पर पोस्ट की जाती है।
  5. राज्य के बैंक स्वचालित समाशोधन गृह (ACH) के माध्यम से व्यापारिक भागीदार के बैंक को भुगतान और भुगतान सम्बन्धी जानकारी देता है।
  6. व्यापारिक भागीदार के बैंक, व्यापारिक भागीदार के खाते में देय तिथि पर भुगतान क्रेडिट कर देते हैं। राज्य एजेंसी द्वारा आपूर्ति की है कि व्यापार चलाने के खोके द्वारा ट्रेडिंग साथी के खाते में भुगतान क्रेडिट व्यापारिक भागीदार के बैंक जमा करने की सूचना व्यापारिक भागीदार को सूचित करता है।
  7. व्यापारिक भागीदार, बैंक या वेबसाइट से भुगतान और प्रेषण जानकारी को अपने खातों प्राप्य पोस्ट करता है। प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के लिए DOA के द्वारा एक विशिष्ट ट्रेस संख्या व्यापारिक भागीदार को सौंपी जाती है। व्यापारिक भागीदार द्वारा जो ट्रेस संख्या प्रयोग की जाती है वो T से शुरू होती है।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के अनुप्रयोग (Application of Electronic Data Interchange)बहुत बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज का प्रयोग व्यवसाय, सरकारी एजेंसी और कई संस्थायें प्रयोग करती हैं। सभी आकार-प्रकार की कम्पनियाँ इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज का उपयोग कर सकती हैं। 1970 के दशक में अमेरिका में परिवहन उद्योग ने सर्वप्रथम इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज को अपनाया। उस समय इस उद्योग में सारा काम कागजों पर होता था। कई प्रतियों में बिल, पे बिल, बीजक, कस्टम फॉर्म और न जाने क्या कछ इसके साथ जबर्दस्त प्रतियोगिता और डिलीवरी समय में कमी का दबाव ऐसे कारण थे जिन्होंने सचना तकनीक में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज की नींव रखी। इसे तब और बल मिला, जब अमेरिकी किराना उद्योग ने 1970 के दशक के अन्तिम वर्षों में इसे स्वीकारा और मोटर वाहन उद्योग ने 1980 के दशक के पारANो कारा आर माटर वाहन उद्याग न 1980 के दशक के प्रारम्भ में इसे अपनाया। कनाडा में 1984 में इन दोनों उद्योगों में इलेक्टॉनिक डेटा इंटरचेंज ने अपने पाँव पसारे। वास्तव में विदेश संचार निगम लि. नहाल में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के रूप में अपनी नई मूल्य संवद्धित सेवा पेश की है। इस सेवा का आयात/निर्यात और टांजेक्शन में अच्छे ढंग से करने के लिए किया जाएगा। इंटरनेट आधारित इल इंटरचेंज पर वार्तालाप हो सकता है और यह अपेक्षाकृत कम खर्चीला है।

इसीलिए लघु व मध्यम स्तर के व्यवसायों में इसके प्रयोग का रास्ता खुला। इन B2B ट्रांजेक्शनों में इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज और ई-मेल के माध्यम से वस्तुएँ तथा सेवाएँ खरीदने, जानकारी और सलाहकारी सेवाएं खरीदने जैसे काम किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त इंटरनेट आधारित इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज में व्यापारिक तकनीकों का लक्ष्य दो भगीदारों के बीच सप्लायरों और ग्राहकों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान करना है। यह उन सीमाओं को ध्वस्त दर देता है जो अब तक उनके व्यवसाय करने और संवाद करने में बाधा बनी हुई थीं। लेकिन ऐसा करने से व्यावसायिक ट्रांजेक्शनों की कार्य प्रक्रिया में होने वाला जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए इसमें सुरक्षा व विश्वसनीयता का अभाव है, जो पूर्णत: विश्वसनीय सम्बन्धों की अवधारणा के विपरीत है। ई-कॉमर्स की सुरक्षा न केवल पेचीदा है बल्कि अपरिहार्य भी है, यदि लाभ का स्तर बढ़ाना है तो।

इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के लाभ

(Advantages of Electronic Data Interchange) ।

(1) ऑर्डरों को जारी और प्राप्त करने में तेजी (Issue and Receive Orders Faster)-चूँकि अधिकांश खरीदारी से रोजमर्रा की बात होती है, इसलिए इन्हें स्वचालित रूप से सम्पन्न किया जाता है। इससे कर्मचारियों को उन कामों में लगाया जा सकता है, जहाँ उनकी जरूरत अधिक है।

(ii) बिक्री का काम आसान (Make Sales More Easily)-अनुमानित मूल्य, अन्य अनुमान, ऑर्डर प्रविष्टि और बिल बनाने का काम सरलतापूर्वक ढंग से होता है। इलेक्ट्रॉनिक प्राप्त हुए ऑर्डर यह सुनिश्चित करते हैं कि जानकारी तुरन्त उपलब्ध है। इससे तुरन्त प्रतिक्रिया दी जा सकती है जो व्यावसायिक होड़ में बने रहने के लिए जरूरी है।

(iii) भुगतान में देरी नहीं (Get paid Sooner)- इलेक्ट्रॉनिक बिलों के मिलान का काम अपने आप हो जाता है और इन्हें तुरन्त संबद्ध भागीदार के एकाउण्ट विभाग में दि इन्स्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट्स ऑफ इण्डिया भुगतान के लिए भेज दिया जाता है। इसके बदले में आपका परचेज विभाग इस स्थिति में होता है कि शीघ्र भुगतान के लिए कह सकें।

(iv) इनवेंटरी में कम पूँजी (Minimize Capital Tied up in Inventory)-निर्माण इकाइयाँ जो जस्ट इन टाइम की रणनीति अपनाती हैं, उनके लिए सही सन्तुलन बनाए रखना जरूरी है, लेकिन इससे लाभ सभी को होता है, क्योंकि बड़ी इनवेंटरी नहीं बनाई जाती।

(v) पत्रों और मेमो में कमी (Reduce Letters and Memos)-पत्रों और मेमो आदि के लिए किसी एक नियम का पालन नहीं किया जाता। इन्हें ई-मेल के माध्यम से भेजा जाता है।

(vi) पूछताछ में कमी (Decrease in Enquiries)-ग्राहक और सप्लायर सीधे ऑनलाइन किसी उपलब्धता के बारे में जानकारी ले सकते हैं। साथ ही ऐसी अन्य जानकारी भी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं जो गोपनीय नहीं हैं, परन्त जिसे बताने में कर्मचारियों का समय खर्च होता।

(vii) कैटलॉग में बड़े पैमाने पर बदलाव और आंशिक लिस्टिंग (Make Bulk Updates of Catalogues and Parts Listings)-डेटा फाइल के अपडेट दिए जा सकते हैं, जैसे-ग्राहकों के लिए कैटलॉग और फ्रेंचाइजी के लिए आंशिक लिस्टिंग। किसी भी ऐसे संस्थान को जहाँ बड़ी मात्रा में कागजी लेन-देन होता है, जो अपनी इनवेंटरी की लागत कम करना चाहता है, डॉक्यूमेंट्स का संचालन प्रभावी ढंग से करना चाहता है,खरीद चक्र को नियमित करना चाहता है और ऐसा व्यापार (खरीदना-बेचना) करना चाहता है, जो इस जैसी अन्य कम्पनियाँ कर रही हैं तो वह इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज का प्रयोग कर अधिकतम लाभ उठा सकता है। विकसित देशों में सड़क परिवहन, जल परिवहन तथा वाय परिवहन के क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज का व्यापक उपयोग होता है। इसे क्रियान्वित करना बहुत खर्चीला भी नहीं है। एक छोटी फर्म को इसके लिए एक | कम्प्यटर, एक मॉडम, टेलीफोन लाइन और आवश्यक सॉफ्टवेयर मात्र चाहिए होते हैं। बहुत से लोगों का मानना है कि ई-कॉमर्स तकनीक में इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज अग्रणी एप्लीकेशन है। ऐसा सम्भवतः इसलिए कि यह मापी लम्बे समय से उपयोग में लाया जा रहा है या फिर इसलिए कि इलेक्टॉनिक डाटा इंटरचेंज काफी कुछ जैसा होने का आभास देता है, लेकिन यहाँ यह न भूलें कि ई-कॉमर्स की विशाल दुनिया का एक घटक लेकॉनिक डाटा इटरचज इ-कामस वह नहीं है जो इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज है। विक्रेता और क्रेता के बालेरॉनिक रूप से करने का जरिया है। ई-कामर्स, जबकि इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज में एक बीच व्यापार को इलेक्ट्रॉनिक रूप स करने का जरिया है। ई-कामर्स नों में पूर्व निर्धारित मानक स्तरों का पालन करते हए व्यावसायिक डॉक्यूमेंट्स का सापेषण/हस्तान्तरण होता है। ई-कॉमर्स की अवधारणा वैश्विक व्यापार की है और हर उस व्यक्ति को यह रास आता है, जो ऑनलाइन व्यापार में रुचि रखता है। दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज चुने हुए व्यावसायिक भागीदारों के बीच सम्पर्क का आदर्श जरिया है।

हलेक्टॉनिक डेटा इंटरचेंज का भविष्य (Future of Electronic Data Interchange)

अंत में सैम्पल डॉक्यूमेंट से सिस्टम की जाँच की जाती है। संस्थानों द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला मानक कई वर्ष पुराना संकलन है, जिसका उपयोग बिल, खरीद आदेश, इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांसफर माल भेजने के आदेश और गैर-वित्तीय रिकॉर्ड्स के सम्प्रेषण के लिए किया जाता है और इंटरनेट के आने के बाद यह सभी काम इलेक्टॉनिक डेटा इंटरचेंज पर होने कम हो गए हैं, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के मानक इनकी तुलना में पराने हो गए हैं। नए सॉफ्टवेयर ने न केवल डेटा बल्कि कार्य प्रक्रियाओं और ट्रांजेक्शनों को भी वेब पर करना सम्भव बना दिया है। उदाहरणार्थ, एक ऐसी सप्लाई चेन है जिसमें फुटकर व्यापारी अपने वितरक के गोदाम से यह जानकारी लेना चाहता है कि अमुक उत्पाद उपलब्ध हैं या नहीं और वह अपना यह प्रश्न वेब द्वारा भेजता है। इसकी प्रतिक्रिया में वितरक उन उत्पादों के निर्माता से पूछ सकता है कि वे कब उपलब्ध हो पाएंगे। वेब पर यह सारी कार्यवाही आपसी संवाद रूप में बहुत तेजी से सम्पन्न होती है। पारम्परिक इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज को वेब आधारित इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज के लिए रास्ता छोड़ना ही होगा, तभी ई-कॉमर्स एक ऐसा एकीकृत मंच बनकर उभरेगा जहाँ सभी प्रकार की व्यावसायिक रणनीतियाँ तैयार होंगी। संस्थानों को इनवेंटरी कम रखने, माल भेजने के समय में कमी और ग्राहक संतुष्टिकरण में वृद्धि जैसे लाभ भी देखने को मिलेंगे। ईडीआई व्यापार से व्यापार समग्र ई वाणिज्य, में 2000 के दशक में तेजी से बढ़ रहा है। बिक्री कॉर्पोरेट ईएफटी की रिपोर्ट के अनुसार, अकेले 2000 में, व्यापार से व्यापार 2004 से $52 Trillon पहुँच गया। करने के लिए वृद्धि की भविष्यवाणी के पूर्वानुमान के साथ, $ 1300 Trillon पहुँच गया था। अनुमान लगाया गया है कि इस क्षेत्र में विकास की उम्मीद अपार है तथा वर्ष 2015 में $ 3600 Trillon तक पहँच जायेगा. ईडीआई के प्रयोग को भी उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता (नाफ्टा) जैसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों के साथ बढ़ने की उम्मीद है।

कॉर्पोरेट ईएफटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के दशक में ईडीआई और अन्य इंटरनेट के बीच लाइनों चैनलों सहित इलेक्ट्रॉनिक डाटा इंटरचेंज hybrid ELECTRONIC DATA INTERCHANGE इंटरनेट इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग नेटवर्क, इंटरनेट ई बाजारों, एक्स्ट्रानेट, इंटरनेट सुविधा देने वाली कम्पनी से कम्पनी लिंक और निजी ई बाजारों emarkets की सम्भावना बहुत है।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार लेन-देन के लिए वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज (Electronic Data Interchange For International Trade Transaction)

ईडीआई का सदैव ही अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से अधिक घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। वास्तव में ईडीआई का उद्भव ही 1948 के बर्लिन एयरलिफ्ट से हआ है जहाँ विभिन्न पैकेजिंग, भाषाओं एवं रूपों के साथ आने वाले खाद्यान्न माल के हवाई भाड़े को समन्वित करने का कार्य एक मानक प्रपत्र तैयार करके किया गया जिसे सामान उतारने के पहले सभी वायुयान कार्मिकों के द्वारा भरा जाना होता है।

विगत कुछ वर्षों में अधिक खुले एवं गतिशील व्यापारिक सम्बन्धों की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। हाल के वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको के बीच प्रशुल्क एवं व्यापार सम्बन्धी सामान्य समझौता (GATT) मुक्त व्यापार समझौता (NAFTA) हुआ है तथा यूरोपियन संघ का निर्माण हुआ है। इन गतिविधियों के कारण लम्बे समय से चले आ रहे व्यापारिक प्रतिबन्धों को उठा लिया गया है। बहुत से देशों ने विशेषकर विकासशील देशों ने अपनी व्यापारिक नीतियों को उदार बनाने तथा उन्हें समंजित करने के महत्वपूर्ण प्रयास किये हैं। इस संदर्भ में व्यापारिक दक्षता आज की आवश्यकता है जिससे लेन-देन अधिक तीव्र, सरल, व्यापक एवं कम खर्चीला हो गया है। यह एक सर्वमान्य धारणा है कि विश्वभर में पाथमिक लेन-देन के माध्यमा के रूप में केवल ईडीआई का प्रयोग करके व्यापारिक दक्षता की पूर्ति की जा सकती है।

ईडीआई सचना के निर्बाध प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है। जो लोग अन्तर्राष्टीय व्यापार से घानष्ठ से नहीं जड़े हैं वे भी इसके केवल भौतिक पहलुओं पर ही ध्यान देते हैं-सामानों कन्टेनरों, वाहना, जहा वायुयानों की आवाजाही। सूचना प्रवाह का उद्देश्य केवल आँकडे उपलब्ध कराना ही नहीं बल्कि समय पर सुविधाजनक बनाना भी है। सर्वोत्तम जानकारी जो सामान आने के कई दिनों बाद मिले, आप होती। ईडीआई ने आज कागज का स्थान ले लिया है जो अब तक व्यापार से सम्बन्धित सूचना का मुख्य सहारा रहा है। नि:सन्देह कागज आधारित सूचना इसमें अन्तर्निहित श्रम, त्रुटियों एवं विलम्ब की स्थितियों के का अकुशल एवं महँगी होती है। कागज के एक दस्तावेज की सूचना का दूसरे दस्तावेज की सूचना से हस्तान्तरण जाँच में ही बहधा काफी समय एवं संसाधन खर्च हो जाते हैं। एक विशिष्ट अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक लेन-देन में भिन्न-भिन्न पार्टियाँ, 60 मूल दस्तावेज तथा 360 दस्तावेजों की प्रतियाँ संबद्ध हो सकती हैं जिनमें से सभी की। जाँच, संप्रेषण, विभिन्न सूचना प्रणालियों में पुनः प्रविष्टि, संसाधन एवं फाइल किया जाना होता है। UNCTAD की यह मान्यता है कि इस दशक के अन्त तक व्यापारिक लेन-देनों की कुल लागत प्रति वर्ष 400 अरब डॉलर हो जाएगी जिससे प्रक्रियाओं को सरल एवं कारगर बनाकर तथा कागज रहित व्यापारों का विस्तार करके 251 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

ईडीआई से छोटे-छोटे व्यापारियों के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में प्रवेश का अवरोध कम होने की आशा है। कारगर प्रक्रियाओं के अभाव, सूचना एवं सूचना नेटवर्क तक पहुँच के अभाव या अपर्याप्त सहयोगी सेवाओं या व्यापारिक सुप्रचालन व्यवस्था के आकार, छोटे एवं मध्यम स्तर के व्यापारी अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के हाशिये तक ही सीमित हैं। हालांकि एक देश से दूसरे देश की आवश्यकताएँ भिन्न-भिन्न होती हैं, फिर भी अधिकतर फर्मे कुशल व्यावसायिक पद्धतियों और व्यापार के लिए सुविधाजनक उपायों से काफी लाभान्वित हो सकती हैं। चूँकि इन सभी सुधारों का प्रौद्योगिकी युक्त होना आवश्यक नहीं है, लेकिन ये सभी स्तरों पर पर्याप्त लाभ दे सकते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए ईडीआई के लाभों में निम्नलिखित शामिल हैं

  1. लेन-देनों पर खर्च में कमी।
  2. आयात एवं निर्यात किए गए सामानों का तीव्र आवागमन।
  3. उन्नत ग्राहक सेवा, तथा
  4. तीव्र गति से सीमा शुल्क निकासी तथा व्यापार की एक बड़ी समस्या भ्रष्टाचार के कम अवसर।

अभ्यासार्थ प्रश्न (Exercise Questions)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Type Questions)

1 इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज क्या है तथा ये कैसे कार्य करता है?

What is electronic data interchange & how does it work?

2. वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज क्या है तथा ये कैसे कार्य करता है?

What is financial electronic data interchange & how does it work?

3. इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।

Describe the process of electronic data interchanges.

4. इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज के लाभ क्या हैं?

What are the advantages of electronic data interchange?

5. अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन के लिए वित्तीय इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज की भूमिका क्या है?

What is the role of electronic data interchange for international trade transaction ?

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Type Questions)

1 इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज मानक।

Electronic Data Interchange Standard.

2.इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज के अनुप्रयोग।

Applications of Electronic Data Interchange.

3. वित्तीय ईडीआई का कार्य।

Work of Financial Edi.

4. ई. मेल. और ई. डी आई. में अन्तर।

Difference between Edi & E-mail.

बहुविकल्पीय प्रश्न

(Multiple Choice Questions)

1 ईडीआई है-DI K

(a) इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(b) इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(c) इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट इन्टरचेंज (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

2. ईडीआई का विकास हुआ है

(a) 1960

(b) 1958

(c) 1955

(d) 1970

3. ईडीआई की प्रक्रिया में शामिल होते हैं

(a) ईडीआई एप्लीकेशन

(b) ईडीआई ट्रान्सलेशन

(c) ईडीआई कम्प्यूनिकेशन

(d) उपर्युक्त सभी

4. वैन है- VAH (a) वैल्यू एण्ड नेटवर्क

(b) वैल्यू एप्लिकेशन नेटवर्क (c) वर्चुअल एण्ड नेटवर्क

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

5. एसीएच है-ACH (a) ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस

(b) ऑटोमेटेड चेक होल्ड (c) ऑटोमेटड कन्ट्रोल हाउस

(d) ऑटोमेटेड कैश हाउस

6. एफईडीआई है-peDT

(a) फ्यूचर इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(b) फाइनेन्सियल इलेक्ट्रॉनिक डेटा इन्टरचेंज

(c) फाइनेन्सियल इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं ई

7. डीआई में होता है

(a) कागज रहित व्यापार

(b) सूचनाओं का इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान

(c) इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑर्डर व बिल का भुगतान

(d) उपर्युक्त सभी

8. ईडीआई मानक नहीं है

(a) ईडीआईएफएसीटी CATTACT

(b) ओडीईटीटीई ODETTE

(c) एएनएसआई X 12/

‘(d) सीएचआईपीएस CHTPS

9. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फण्ड ट्रान्सफर करने के लिए बैंक नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है

(a) एसडब्लुआईएफटी SCOTT

(b) सीएचआईपीएस CHIPS

(c) उपर्युक्त दोनों

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

10. ईएफटी है-17

(a) इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रान्सफर

(b) इलेक्ट्रॉनिक फाइल ट्रान्सफर

(c) इलेक्ट्रॉनिक फण्ड ट्रांजेक्शन

(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

(उत्तर-1. (a), 2. (a), 3. (d), 4. (a), 5. (a), 6. (b), 7. (d), 8. (d), 9. (c), 10. (a)]

chetansati

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