BCom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

//

Illustration 1.

मार्च माह में प्रक्रिया ‘अ’ में 3,000 इकाइयाँ प्रविष्ट की गईं। माह के अन्त तक इनमें से 2,400 इकाइयाँ पूर्ण रूप से निर्मित हो गई जिन्हें प्रक्रिया ‘ब’ में हस्तान्तरित कर दिया गया और 600 इकाइयाँ प्रक्रिया में निर्माण अवस्था में थीं जिन १९40% प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका था। समतुल्य उत्पादन का परिकलन कीजिये।।

In process ‘A’ 3.000 units were introduced during the month of March. 2,400 units were completed 1d transferred to process ‘B’ and 600 units were in process at the end of March which were 40% complete in all respects. Calculate the equivalent production.

Solution :

Units Completed and transferred to Process b (100%) complete)                            = 2,400 Units

Closing WiP Equal  to Completed Work (600*40%)                                                  =    240 Units

Equivalent Production                                                                                            =     2,640 Units

जैसा कि हम जानते ही हैं कि लागत के मल तत्त्वों में सामग्री. श्रम एवं व्यय को ही शामिल करते हैं। यदि इन तीनों पाक सम्बन्ध में पूर्णता का स्तर एक ही है तो समतल्य उत्पादन ज्ञात करने के लिये उपयुक्त वणित सत्र का ही प्रयोग 1 हो परन्तु व्यवहार में ऐसा होना सम्भव नहीं है। वास्तविकता यह है कि प्रायः किसी भी प्रक्रिया में शेष अपूर्ण निर्मित इकाइयों के सम्बन्ध में लागत के प्रत्येक तत्त्व-सामग्री. श्रम व व्यय के लिये पूर्णता का स्तर (Degree of Completion) भिन्न-भिन्न होता है। ऐसी स्थिति में लागत के प्रत्येक तत्त्व के लिये अलग-अलग समतुल्य उत्पादन (Equivalent Production) की गणना करनी होगी।

दूसरे शब्दों में, यदि अपूर्ण इकाइयाँ सामग्री, श्रम तथा उपरिव्ययों की दृष्टि से पूर्णता की विभिन्न अवस्थाओं में हों तो लागत के प्रत्येक तत्त्व के लिये पूर्ण निर्मित इकाइयों का समतल्य उत्पादन अलग-अलग ज्ञात करना होगा। उदाहरण के लिये यदि किसी प्रक्रिया में 300 अपर्ण इकाइयाँ हैं जो सामग्री की दष्टि से 80%, श्रम की दृष्टि से 60%, तथा व्यय की दृष्टि से । 50% पूर्ण थीं। ऐसी स्थिति में सामग्री की दृष्टि से समतुल्य उत्पादन 300 x 80% = 240 इकाइयाँ, श्रम की दृष्टि से 300 x 60% = 180 इकाइयाँ तथा व्यय की दृष्टि से 300×50% = 150 इकाइयाँ होगा।

स्पष्टीकरण हेतु निम्नलिखित उदाहरण देखिये

Illustration 2.

निम्नलिखित सूचनाओं से समतुल्य उत्पादन ज्ञात कीजिये

Find out the equivalent production from the following informations :

जन में प्रक्रिया में प्रविष्ट इकाइयाँ (Units introduced in process during June)                                                    8,000 Units

पूर्ण इकाइयाँ जो अगली प्रक्रिया को हस्तान्तरित की गईं (Completed units transferred to next process)                7,000 Units

निर्माणाधीन कार्य का अन्तिम शेष (Closing Work-in-progress)                                                                         1,000 Units

पूर्णता का स्तर (Level of Completion) :

सामग्री (Materials)                                                     80%

श्रम (Labour)                                                            60%

उपरिव्यय (Overheads)                                              50%

Solution :

समतुल्य उत्पादन के लेखांकन की कार्यविधि

Table of Contents

(Procedure for Accounting of Equivalent Production)

समतुल्य उत्पादन के लेखांकन हेतु निम्नलिखित कार्यविधि अपनायी जाती है

समतुल्य उत्पादन विवरण तैयार करना (Preparation of Statement of Equivalent Production)-सर्वप्रथम उत्पादन विवरण तैयार कर यह ज्ञात करेंगे कि पूर्ण उत्पादन तथा चाल-कार्य कितनी पूर्ण निर्मित इकाइयों के बराबर शेप में ‘समतल्य उत्पादन विवरण’ से यह ज्ञात किया जाता है कि चाल-अवधि में जो कल कार्य किया गया है वह कितनी पर्ण निर्मित इकाइयों के बराबर है। वस्तुतः इसे निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जाता है

चालू-कार्य का प्रारम्भिक शेष दिया हुआ होने पर उसके समतुल्य उत्पादन की गणना (Calculation of Fauivalent Production of Opening Work-in-Progress)-जब किसी प्रक्रिया में चाल-कार्य का प्रारम्भिक शेष भी होता है तो लागत अनभाजन हेतु ऐसी इकाइयों का भी ‘समतुल्य उत्पादन’ ज्ञात करना पड़ता है। चाल-कार्य का प्रारम्भिक शेष होने की स्थिति में ‘समतुल्य उत्पादन’ ज्ञात करने हेतु निम्नलिखित तीन विधियों में से किसी भी एक विधि को अपनाया जा सकता है

(अ) औसत लागत विधि (Average Cost Method)

(ब) प्रथम आना और प्रथम जाना पद्धति (First-in-first out or FIFO Method)

(स) अन्तिम आना और प्रथम जाना पद्धति (Last-in-first out or LIFO Method)

इन तीनों विधियों की विस्तृत विवेचना इसी अध्याय में आगे की गई है।

यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि चालू-कार्य के प्रारम्भिक शेष के सम्बन्ध में केवल उसी कार्य को ‘समतुल्य उत्पादन’ में सम्मिलित करते हैं जो चालू-अवधि में पूरा किया गया है। प्रारम्भिक शेष के सम्बन्ध में प्रदत्त पूर्णता का प्रतिशत वस्तुतः पिछले वर्ष की पूर्णता को प्रदर्शित करता है। उदाहरणार्थ, चालू-कार्य के प्रारम्भिक शेष के सम्बन्ध में पूर्णता की स्थिति 80% दी हई है तो इसका अर्थ है कि प्रारम्भिक शेष की इकाइयों पर 80% कार्य गत वर्ष में पूरा हो चुका था एवं चालू अवधि में केवल 100-80 = 20% कार्य ही पूरा किया गया है। संक्षेप में, प्रारम्भिक शेष को ‘समतुल्य उत्पादन’ में परिवर्तित करने हेतु निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग किया जाता है

प्रारम्भिक चालू-कार्य की इकाइयाँ x पूर्ण निर्मित इकाइयों के लिये किये जाने वाले कार्य का प्रतिशत या अपूर्णता की अवस्था का प्रतिशत

(2) चालू अवधि में प्रविष्ट तथा पूर्ण की गईं इकाइयाँ-चालू कार्य के प्रारम्भिक शेष के उक्त परिकलित ‘समतुल्य उत्पादन’ में चालू-अवधि के अन्तर्गत प्रविष्ट तथा पूर्ण निर्मित इकाइयों की संख्या को जोड़ देते हैं। सूत्र इस प्रकार है

प्रक्रिया में प्रविष्ट इकाइयाँ –   चालू-कार्य का अन्तिम शेष

(Units put into the Process –    Units of Closing Work-in-progress)

(3) चालू अवधि में प्रारम्भ किया गया अपूर्ण रह गया कार्य-अन्त में चालू-कार्य के अन्तिम शेष की इकाइयों को प्रदत्त पूर्णता के प्रतिशत से गुणा करके ‘समतुल्य उत्पादन’ में परिवर्तित करके उपरोक्त दोनों के योग में जोड़ देते हैं।

(B) समतुल्य उत्पादन की प्रति इकाई लागत की गणना (Ascertainment of per unit cost of Equivalent Production)-‘समतुल्य उत्पादन विवरण तैयार कर लेने के पश्चात सामग्री, श्रम एवं उपरिव्ययों की प्रति इकाई लागत ज्ञात करेंगे। इस हेतु एक ‘लागत विवरण’ तैयार करते हैं जिसमें सामग्री, श्रम एवं उपरिव्ययों पर हुये कुल व्यय में सामग्री, श्रम और उपरिव्ययों के समतुल्य उत्पादन का भाग कर देते हैं।

(C) चालू-कार्य एवं निर्मित माल की लागत ज्ञात करना (Ascertaining the Cost of Work-in-Progress and Completed Work)-समतुल्य उत्पादन की प्रति इकाई लागत परिकलित कर लेने के उपरान्त पूर्ण निर्मित इकाइयों तथा चालू-कार्य के अन्तिम शेष का मूल्यांकन करने हेतु एक ‘लागत अनुभाजन विवरण’ (Statement of Cost Apportionment) बनाया जाता है। इसके अन्तर्गत पूर्ण निर्मित इकाइयों अथवा चाल-कार्य के समतुल्य उत्पादन की इकाइयों में सामग्री, श्रम एवं उपरिव्ययों की प्रति इकाई लागत से गुणा कर देते हैं।

(D) प्रक्रिया खाता बनाना (Preparation of Process Account)-अन्त में, प्रक्रिया खाता सामान्य विधि से ही तैयार कर लेते हैं। केवल इतना ध्यान रखना है कि चाल-कार्य के अन्तिम शेष की इकाइयों की लागत को प्रक्रिया खाते की क्रेडिट में लिखते हैं।

Bcom 2nd Year Cost Accounting Equivalent Production Study Material Notes In Hindi

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

Bcom 2nd Year Cost Accounting Expected Important Question Examination Notes in Hindi ( Part 3)

Next Story

Bcom 2nd Year Cost Accounting Service and Operating Cost Study Material Notes In Hindi

Latest from B.Com