BCom 1st Year Human Resource Accounting Study Material Notes In Hindi

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BCom 1st Financial Accounting Human Resource Accounting Study Material Notes In Hindi: Meaning of HRA  Main Features Of HRA Valuation of Human Resources Personal Inventory and  Obsolescence.

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MCom I Semester Statistical analysis Decision Theory Study Material Notes

मानवीय संसाधन लेखांकन

(HUMAN RESOURCE ACCOUNTING)

किसी संगठन में उसके कर्मचारी एक वेशकीमती धन हैं और उसकी रीढ़ है जो उसके विकास एवं उत्पादक गतिविधि को संचालित करती है वही वो मानव संसाधन हैं जिसके सद्उपयोग से व्यवसाय उतरोत्तर विकास की ओर अग्रसर होता है परन्तु मानवीय संसाधनों के अधिग्रहण व उनसे प्राप्त परिणामों को लेखांकन में कोई स्थान नहीं मिल पाया था, हालांकि उनके प्रयोग सम्बन्धी व्ययों जैसे, वेतन, मजदूरी, आदि को लाभ-हानि खाते में दर्शाया जाता रहा है। मानवीय संसाधन को चिट्टे में सम्पत्ति के रूप में न दिखलाने का मूल कारण यही रहा है कि इसे ‘पूंजी’ या ‘सम्पत्ति’ के रूप में लेखापालकों द्वारा मान्यता नहीं मिल पायी थी। वित्तीय विवरणों की सीमाओं के सम्बन्ध में किसी अज्ञात बन्धु ने लिखा है

“One asset is omitted-and its worth I want to know,

That asset is the value of man who run the show.”

इस प्रकार वित्तीय विवरणों में व्यवसाय का संचालन करने वाले व्यक्तियों के मूल्य को पर्याप्त नहीं दर्शाया जाता है, यद्यपि व्यवसाय की सफलता पर्याप्त सीमा तक इन्हीं व्यक्तियों की कुशलता, योग्यता व शक्ति पर निर्भर करती है। ई. एच. करप्लान (E.H. Carplan) ने भी लिखा है, “व्यक्ति एक संगठन के लिए महत्त्वपूर्ण सम्पत्ति है, फिर भी इस सम्पत्ति का मूल्य वित्तीय विवरणों में नहीं दिखायी देता है।”

(People are the most important asset of an organisation and yet, the value of this asset does not appear in the financial statements). परम्परागत लेखांकन पद्धति की इस कमी को दूर करने के लिए लेखापालकों द्वारा किये गये प्रयास का फल ही मानवीय संसाधन लेखांकन है।

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मानवीय संसाधन लेखांकन का अर्थ

. (Meaning of H. R.A.)

मानवीय संसाधन लेखांकन को एक ऐसी लेखांकन पद्धति के रूप में माना जा सकता है, जिसके प्रयोग से मानवीय संसाधनों को सम्पत्ति के रूप में मान्यता प्रदान की जाती हो और अन्य भौतिक साधनों की भाँति जिनके मूल्य को माप कर लेखा पुस्तकों में दर्ज। कया जाता हो। इसके माध्यम से मानवीय संसाधनों के सम्बन्ध में बहुमूल्य सूचनाओं का सृजन व प्रस्तुतीकरण किया जा सकता है। कुछ विद्धानों द्वारा अभिव्यक्त धारणाएँ निम्नलिखित हैं

आर० एल वड रफ के अनुसार, “मानवीय संसाधन लेखांकन एक संगठन के मानवीय संसाधनों में किये गये विनियोग को पहचानने पर रिपोर्ट करने का प्रयास है…मूलत: यह एक सूचना प्रणाली है जो प्रबन्ध को व्यवसाय के मानवीय संसाधनों में कालावधि में हो रहे परिवर्तनों को सूचित करती है।’

अमेरिकन लेखांकन परिषद समिति के अनुसार, “मानवीय संसाधनों के सम्बन्ध में समंकों हित रखने वाले पक्षों को इस सूचना के संवहन की प्रक्रिया ही मानवीय संसाधन लेखांकन है।

फ्लेमहोल्ज का विचार है कि व्यक्तियों को संगठनात्मक संसाधन के रूप में लेखांकित करना चाहि “मानवीय संसाधन लेखांकन संगठन के लिए व्यक्तियों की लागत व मूल्य का मापन है।”2

सीपन नौफ के अनसार, “मानवीय संसाधन लेखांकन मानवीय संगठनात्मक आदान जैसे, भर्ती प्रशिक्षण असणासमर्पण, आदि का परिमाणांकन व मापन है।”

 

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मानवीय संसाधन लेखांकन की मुख्य विशेषताएँ

(Main Features of H. R. A.)

मानवीय संसाधन लेखांकन की विभिन्न परिभाषाओं के निरूपण से यह निष्कर्ष निकलता है कि इस लेखांकन की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं

(1) इस लेखा-विधि में मानवीय संसाधनों की पहचान की जाती है। मानवीय संसाधनों में संगठन में कार्यरत सभी प्रकार के व्यक्तियों को शामिल किया जाता है।

(2) मानवीय संसाधनों में किये गये विनियोग का अभिलेखन किया जाता है।

(3) मानवीय संसाधनों की लागत व मूल्य का मापन किया जाता है।

(4) मानवीय संसाधनों में हो रहे परिवर्तनों का भी रिकॉर्ड रखा जाता है।

(5) मानवीय संसाधनों के सम्बन्ध में उक्त ढंग से सृजित सूचना को वित्तीय विवरण के माध्यम से हित रखने वाले पक्षों को संवाहित किया जाता है।

मानवीय संसाधन लेखांकन के उद्देश्य

(Objects of H. R. A.)

यह पद्धति एक ऐसी विचारधारा है जिसका उद्देश्य वित्तीय रूप में यह पता लगाना होता है कि

(1) संस्था में दक्ष, रुचि रखने वाले व नौकरी के प्रति पूर्णत: समर्पित व्यक्तियों की मात्रा व मूल्य कितना है?

(2) संस्था में कार्यरत व्यक्तियों से मिलने वाला लाभ तथा उसकी लागत (अर्थात् उन व्यक्तियों को भर्ती करने, आकर्षित करने व बनाये रखने में निहित लागत) से अधिक है या नहीं;

(3) संस्था में कार्य को अभिप्रेरित व कार्य के प्रति समर्पित करने वाली विशेषताओं का सही मात्रा में मापन हो रहा या नहीं।

इन्हीं तीन उद्देश्यों की पूर्ति हेतु मानवीय संसाधन लेखांकन का आविर्भाव हुआ है और फलत: ये ही मानवीय संसाधन लेखांकन के तीन महत्त्वपूर्ण पहलू भी हैं जिनका विवेचन बाद में किया गया है।

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मानवीय संसाधन लेखांकन के लाभ (प्रयोग) या महत्व

(Advantages of Uses or Importance of H. R. A.)

व्यावसायिक संस्थाओं व जनसेवाओं में संलग्न मानवीय संसाधनों के विकास व श्रेष्ठतम प्रयोग के लिए उचित लेखांकन का प्रयोग भौतिक साधनों के लिए प्रयुक्त लेखांकन से कहीं ज्यादा महत्त्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय उचित मात्रा में दक्ष व कुशल। कर्मचारियों व अधिकारियों की कमी प्रायः विश्व के सभी देशों में व्याप्त है। मानवीय सम्पदा के मनोवैज्ञानिक अंगों (यथा, अभिप्रेरण, मनोबल, कार्य-सन्तुष्टि, आदि) के मापन के लिए बहत-से प्रयास पहले भी किये गये हैं। मानवीय संसाधन लेखांकन इनमें नयी कड़ी के रूप में जोड़ा गया है। मानवीय संसाधन लेखांकन द्वारा सजित सूचना से अनेक लाभ प्राप्त किये जा सकते हैं। मुख्यत: इस लेखांकन का प्रयोग या लाभ निम्नवत् हैं

(1) मानवशक्ति के अल्पकालीन व दीर्घकालीन नियोजन, विकास व प्रयोग हेतु मानवीय संसाधन लेखांकन श्रेष्ठ, वैज्ञानिक व वास्तविक आधार प्रदान कर सकता है।

(2) मानवीय संसाधनों का लागत-लाभ विश्लेषण किया जा सकता है और इस विश्लेषण के प्रकाश में बोनस सुविधाओं, सेविवर्गीय क्षतिपूर्ति, पुरस्कार व दण्ड सम्बन्धी योजनाओं को लागू किया जा सकता है। इस प्रकार का विश्लेषण सेविवर्गीय मूल्यांकन, निष्पादन मूल्यांकन व प्रोन्नति की योजना में भी सहायक सिद्ध हो सकता है।

(3) विनियोग पर प्रत्याय (R. O. I.) की अवधारणा को मानवीय सम्पदा पर लागू करके मानवीय संसाधनों के  विकास में किये गये विनियोग पर नियन्त्रण औजार के रूप में मानवीय संसाधन लेखांकन का प्रयोग किया जा सकता है।

(4) मानवीय लेखांकन पद्धति को लागू करने से विनियोग सम्बन्धी निर्णय अधिक वास्तविक व व्यावहारिक हो सकेंगे।

(5) मानवीय संसाधन लेखांकन द्वारा सूचित सूचनाओं का महत्व बाह्य व्यक्तियों के लिए भी होगा। विशेषकर ऋण प्रदान करने वाली संस्थाओं जैसे, वित्तीय संस्थाएँ व बैंकर्स के लिए ये सूचनाएँ इस मापने में महत्त्वपूर्ण होंगी कि वे सरलतापूर्वक ऋण देने के सम्बन्ध में अपने निर्णय को तय कर सकेंगी।

(6) अंश निर्गमन के समय भावी अंशधारियों, ऋणपत्र व बॉण्ड्स निर्गमन के समय वित्तीय संस्थाओं व सम्वर्द्धन, विविधीकरण, एकीकरण, आदि सम्बन्धी प्रस्तावों पर विचार करते समय विभिन्न सरकारी विभागों के लिए भी ये सुनिश्चित सूचनाएँ महत्त्वपूर्ण हो सकती हैं।

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chetansati

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