BCom 3rd Year Corporate Accounting Income Valuation Method Study Material Notes in Hindi

BCom 3rd Year Corporate Accounting Income  Valuation Method Study Material Notes in Hindi:  Income Valuation method Basis of Rate Dividend  Normal Rate Return  Net Capital Employed Basis of Rate of Earnings  Earned Profit Suitability of Earning Basis Capitalisation  Profits  Fair Value Method Equity Liabilities  :

 Income Valuation Method
Income Valuation Method

BCom 2nd Year Cost Accounting Study Material Notes in Hindi.

प्रतिफल या आय मूल्यांकन विधि

(Yield or Income Valuation Method)

सामान्यतया विनियोक्ता आय कमाने के उद्देश्य से ही अपने धन का विनियोजन करते हैं। अतः अंशों से सम्भावित आय के आधार पर ही वे विनियोजन करते हैं। यदि निकट भविष्य में कम्पनी के समापन का कोई इरादा न हो तथा कम्पनी के भावी लाभों का यथोचित शुद्धता से अनुमान लगाया जा सकता है तो अंश मूल्यांकन के लिये आय मूल्यांकन विधि का प्रयोग करना चाहिये। इस विधि के अन्तर्गत अंशों पर प्रत्याय को ही अंश मूल्यांकन का आधार बनाया जाता है तथा इस प्रत्याय के माप के लिये निम्नलिखित आधार अपनाये जाते हैं :

(अ) लाभांश दर का आधार।

(ब) अर्जन दर का आधार।

(स) लाभों के पूँजीकरण का आधार।

(अ) लाभांश दर का आधार (Basis of Rate of Dividend)

नियंत्रण की दृष्टि से अप्रभावी छोटी-छोटी मात्रा के विनियोगों में अंश मूल्यांकन के लिये प्रायः प्रत्याशित लाभांश दर (Expected Rate of Dividend) का आधार उचित माना जाता है और इसके लिये निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है :

Note : Profit available for dividend should be calculated by deducting from the future maintainable profits (i) taxation. (ii) transfer to reserve. (iii) transfer to debenture redemption reserve and (iv) Preference dividend.

The market value of preference shares can also be calculated in the same manner but the normal rate of return in case of preference shares will be lower than in the case of equity shares because these shares have a priority over equity shares both as regards dividend and as regards return of capital. However, if assets backing of preference capital is not sufficient, investors will expect a higher yield than ordinarily.

लाभांश दर (Rate of Dividend) : अंशों पर लाभांश दर के लिये सामान्यतया नवीनतम लाभांश दर को लिया जाता है। किन्तु यदि गत वर्षों की लाभांश दर ज्ञात हो और उनमें उच्चावचन हो तो इन दरों का सामान्य औसत लिया जाना चाहिये। हाँ, यदि गत वर्षों की लाभांश दरों में लगातार वृद्धि या कमी हो रही है तो औसत निकालने के लिये इन्हें भारांकित किया जा सकता है। कुछ विद्वान इस स्थिति में गत वर्ष की लाभांश दर का प्रयोग उचित मानते हैं।

उदाहरण के लिये यदि किसी कम्पनी की गत चार वर्षों की लाभांश दरें क्रमशः 14% 13%.17% और 16% हैं तो प्रति अंश मुल्य ज्ञात करने के लिये इनकी औसत दर अर्थात् (14+13 + 17 + 16)+4 = 15% का प्रयोग किया जायेगा। किन्तु यदि प्रश्न में दी गई गत चार वर्षों की लाभांश दरें क्रमशः 12%, 14%, 16% और 19% हैं तो इस स्थिति में इन दरों का सामान्य औसत न लेकर भारित औसत लेना उचित होगा। इसके लिये काल्पनिक भार दिये जाते हैं। भार इस प्रकार से दिये जाने चाहिये कि । पराने वर्ष की तुलना में चालू वर्ष को अधिक महत्व मिले। उपर्युक्त उदाहरण में दी गई दरों का भारांकित औसत निम्न प्रकार से ज्ञात किया जायेगा:

Weighted average a rate of Dividend = 164/10 = 16.4 %

सामान्य प्रत्याय दर (Normal Rate of Return): जिस कम्पनी के अंशों का मूल्यांकन करना है, उसी प्रकार का व्यवसाय करने वाली एक सामान्य कम्पनी की लाभांश/आय दर सामान्य प्रत्याय दर कहलाती है। सामान्य प्रत्याय दर के निर्धारण में अन्तर्निहित जोखिम महत्वपूर्ण तथ्य होता है। अतः इस दर को ज्ञात करने के लिये निम्न तथ्यों पर ध्यान देना वांछनीय होगा ।

1 सामान्य प्रत्याय दर के लिये चयन की गई कम्पनी स्थिर एवं नियमित लाभांश देने वाली होनी चाहिये क्योंकि लाभांश दर में एकरूपता होने पर विनियोक्ता तुलनात्मक रूप से कम आय से भी संतुष्ट हो जाता है। यदि मूल्यांकन किये जाने वाली कम्पनी की। लाभांश दर में उच्चावचन रहे हैं तो ऐसी कम्पनी के लिये सामान्य प्रत्याय दर अपेक्षाकृत ऊँची होती है।

2. कम्पनी की चुकता पूँजी का इसकी शुद्ध मूर्त सम्पत्तियों से समर्थन (backing) भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है। यदि कम्पनी की चुकता पूँजी शुद्ध मूर्त सम्पत्तियाँ की आधी है तो सुरक्षा की दृष्टि से इसे अच्छी कम्पनी माना जाता है।

3. यदि कम्पनी के अन्तर्नियमों द्वारा अंशों के अन्तरण (transfer) पर प्रतिबन्ध लगा रखा है तो ऐसी कम्पनी के अंशों के। मूल्यांकन के लिये कुछ ऊँची सामान्य दर का प्रयोग किया जाना चाहिये। इसके लिये सामान्य प्रत्याय दर में 0.5% की वृद्धि उचित मानी जाती है।

4. पूर्णदत्त अंशों की तुलना अंशतः दत्त अंशों पर विनियोक्ता अधिक आय की आशा रखते हैं। अतः अंशतः दत्त अंशों के मूल्यांकन के लिये सामान्य प्रत्याय दर कछ ऊँची रखी जाती है। इसके लिये सामान्य प्रत्याय दर में 0.25% की वृद्धि उचित मानी। जाती है।

5. यदि कम्पनी अपने लाभों का एक महत्वपूर्ण भाग संचय में अन्तरित करती है तो वह कम लाभांश दर रखते हुए भी अधिक विनियोक्ताओं को आकर्षित कर सकती है।

अतः आय मूल्यांकन विधि से अंशों का मूल्यांकन करते समय यह उचित होगा कि दी गई सामान्य दर में उपर्युक्त तथ्यों (यदि कोई हो) के प्रभावों को समायोजित करके शुद्ध सामान्य दर की गणना की जाय।

उदाहरण 13. निम्नलिखित सूचना से एक समता और एक पूर्वाधिकार अंश का मूल्य ज्ञात करो :

(i) एक कम्पनी की प्रार्थित अंश पूँजी में 10,000, प्रत्येक 100 वाले 14% पूर्वाधिकार अंश और प्रति 10 ₹ वाले 2,00,000 समता अंश सम्मिलित हैं। सभी अंश पूर्णदत्त हैं।

(ii) हास के आयोजन के बाद किन्तु कर से पूर्व कम्पनी के औसत वार्षिक लाभ 25,00,000₹ हैं। किसी प्रकार का लाभांश घोषित करने से पूर्व 1,25,000₹ सामान्य संचिति को हस्तान्तरित करना आवश्यक समझा गया। कर-दर 50% है।

(iii) कम्पनी द्वारा चलाये जा रहे इस प्रकार के व्यवसाय में विनियोक्ता द्वारा समता अंशों पर प्रत्याशित सामान्य प्रत्याय 20% है। पूर्वाधिकार अंशों पर सामान्य प्रत्याय 12/% है।

From the following information, calculate the value of an equity and a preference share :

(i) The subscribed share capital of a company consists of 10,000 14% preference shares of₹ 100 each and 2,00,000 equity shares of₹10 each. All the shares are fully paid.

(ii) The average annual profits of the company after providing depreciation but before taxation are 25,00,000. It is considered necessary to transfer ₹ 1,25,000 to General Reserve before declaring any dividend. Rate of taxation is 50%.

(iii) The normal return expected by investors on equity shares from this type of business carried on by the company is 20%. The normal return on preference shares is 121%.

उदाहरण 14. अंशों द्वारा सीमित एक कम्पनी का 31 मार्च 2015 को समाप्त वर्ष का लाभ 60.00,000 ₹ था। उधारों पर ब्याज, करारोपण और अन्य आयोजनों के लिये राशियाँ अलग करने के पश्चात अंशधारियों को उपलब्ध शुद्ध आधिक्य 15,00,000 अनुमानित है। कम्पनी के पूँजी आधार में 5100 ₹ वाले 50 ₹ प्रति अंश प्रदत्त 1.00,000 समता अंश और (ii) 100र वाले पूर्णदत्त 25,000, 12% संचयी शोध्य पूर्वाधिकारी अंश सम्मिलित हैं। स्कन्ध बाजार से प्रकट होता है कि इसी प्रकार के व्यवसाय में लगी और समता अंशों पर 15% लाभांश घोषित करने वाली कम्पनियों के अंश 10% प्रीमियम पर उद्धृत होते हैं। अपना कार्यकरण प्रतिफल पद्धति (yield method) के आधार पर करते हुए आप कम्पनी के अंशों के बाजार मूल्य की क्या आशा करते हैं ?

The profits of a company limited by shares, for the year ended 31st March 2015 were <60,00,000. After setting apart amounts for interest on borrowings, taxation and other provisions, the net surplus. available to shareholders is estimated at ₹ 15,00,000. The company’s capital base consisted of : (i) 1,00,000 equity shares of 100 each, 50 per share paid up; and (ii) 25,000 12% cumulative redeemable preference shares of₹ 100 each, fully paid up. Enquiries in the stock market reveal that shares of companies engaged in similar business and declaring a dividend of 15% on equity shares are quoted at a premium of 10%. What do you expect the market value of the company’s shares to be, basing your working on the yield method ?

उदाहरण 15. एक निजी कम्पनी के निदेशक एक मृत अंशधारी के अंशों के मूल्यांकन हेतु आपसे राय लेते हैं। निदेशकों द्वारा आपको सूचना दी गई है कि गत तीन वर्षों के लाभांश की दरें 15%, 25% और 20% थीं। आप यह निष्कर्ष निकालते हैं कि यदि गत तीन वर्षों का औसत लाभांश 10% है, तो अंशों का मूल्य (जो प्रत्येक 100 ₹ का है) सम मूल्य पर माना जाना चाहिए। प्रत्येक 0.25% अतिरिक्त लाभांश के लिए अंशों का सम मूल्य 1.50 ₹ से बढ़ जायेगा। इस सूचना की सहायता से मृत अंशधारी के अंश का मूल्य ज्ञात कीजिये।

The Directors of a Private Company consult you for valuation of shares of a deceased principal shareholder. You are given the information by the Directors that the rate of dividends for the last three years were 15%, 25% and 20%. You conclude that on the basis of an average dividend of 10%, the value of shares (which are of 100 each) should be treated at par. For every additional 1 % rate of dividend, the par value of shares will increase by 1.50. Find out the value of share of deceased shareholder with the help of this information.

(ब) अर्जन दर का आधार (Basis of Rate of Earnings)

सामान्यतया कम्पनी अपने लाभों का केवल एक भाग ही लाभांश के रूप में वितरित करती है तथा शेष को संचयों में अन्तरित कर देती है। चूंकि इस प्रकार एकत्रित लाभ देर-सबेर अंशधारियों में ही वितरित होंगे (चाहे नकद लाभांश के रूप में और चाहे बोनस अंशों के रूप में), अतः अंश का बाजार मूल्य लाभांश दर से अधिक अर्जन दर से प्रभावित होता है। कम्पनी पर नियंत्रण स्थापित करने के लिये क्रय किये जाने वाले अधिक मात्रा के अंशों का मूल्यांकन अर्जन दर के आधार पर ही किया जाता है। इसे अर्जन क्षमता का आधार (Basis of Earning Capacity) भी कहते हैं।

अर्जन दर का आशय कम्पनी में विनियोजित पूँजी पर उसके अर्जित लाभों की प्रतिशत दर से होता है।

अर्जित लाभ (Earned Profit) : (1) अंश मूल्यांकन के लिये कम्पनी के अर्जित लाभ की गणना के लिये कर घटाये जायेंगे किन्तु ऋणपत्रों व दीर्घकालीन ऋणों पर ब्याज, पूर्वाधिकारी लाभांश एवं संचयों में अन्तरणों को नहीं घटाया जायेगा।

(2) अर्जित लाभ में गैर-व्यापारिक आय को सम्मिलित नहीं करते।।

(3) अंश मूल्यांकन के लिये यदि सम्भव हो तो कम्पनी के प्रत्याशित भावी लाभ का अनुमान लगाना चाहिये। इसके लिये कर, लाभांश, ब्याज और संचितियों में अन्तरण से पूर्व विगत 3, 4 अथवा 5 वर्षों के लाभ ज्ञात करने चाहिए। यदि गत वर्षों में कोई वर्ष किसी कारण से (जैसे हड़ताल) असामान्य है तो औसत लाभ में भावी परिस्थितियों में परिवर्तन (जैसे प्रबन्धकीय पारिश्रमिक में परिवर्तन, विस्तार योजनायें आदि) के आधार पर आवश्यक समायोजन करने चाहिये और अन्त में इस समायोजित औसत लाभ में से वर्तमान दर से आय-कर की अनुमानित राशि घटा देनी चाहिये।

शुद्ध विनियोजित पूँजी (Net Capital Employed) : शुद्ध विनियोजित पूँजी में दीर्घकालीन ऋण तथा पूर्वाधिकार अंश पूँजी को भी सम्मिलित करते हैं और इसकी गणना करते समय सम्पत्तियों एवं दायित्वों के पुस्तकीय मूल्य को ही ध्यान में रखते हैं। सम्पत्तियों में ख्याति और गैर-व्यापारिक सम्पत्तियों को सम्मिलित नहीं करते अर्थात् केवल मूर्त सम्पत्तियों (Tangible Assets) को ही सम्मिलित करते हैं। सूत्र रूप में :

Net Capital Empolyed =Book Value of Tangible Assest _ Current Liabilities

अर्जित लाभ दर की गणना करने के लिये शुद्ध विनियोजित पूँजी के स्थान पर औसत विनियोजित पूँजी (Average Capital Employed) का प्रयोग अपेक्षाकृत श्रेयस्कर समझा जाता है। औसत विनियोजित पूँजी ज्ञात करने के लिये वर्ष के अन्त में ज्ञात शुद्ध विनियोजित पूँजी में से चालू वर्ष के शुद्ध लाभ की आधी रकम घटा देनी चाहिये तथा वर्ष के प्रारम्भ में आधी रकम जोड़ देनी चाहिये।

उदाहरण 16. एक कम्पनी के शुद्ध लाभ की राशि कर के बाद किन्तु ऋणपत्रों पर ब्याज व अंशों पर लाभांश देने से पूर्व । 3,00,000 ₹ है। कम्पनी की शुद्ध विनियोजित पूँजी 20,00,000 ₹ है। कम्पनी के अंशों का चुकता मूल्य 90 ₹ प्रति अंश है। आय की सामान्य दर 10% है। अंश का मूल्य ज्ञात कीजिये।

The net profit of a company after tax but before interest on debentures and dividend on shares amounts to 3,00,000. The net capital employed of the company is 20,00,000. The paid-up value of the share is 90 per share. The normal rate of return is 10%. Calculate the value of share.

समता पूँजी की अर्जन क्षमता (Earning Capacity of Equity Capital) : औसत विनियोजित पूँजी की गणना में सायों के कारण व्यवहार में अर्जन दर की गणना समता अंशधारियों के लिये उपलब्ध लाभ और केवल समता अंश जी क पर ही की जाती है। समता अंशधारियों के लिये उपलब्ध लाभ की गणना में ऋणों पर ब्याज, पूर्वाधिकारी लाभांश व संचितियों के उचित हस्तान्तरों को भी घटाया जायेगा ।

उदाहरण 18. एक कम्पनी की अंश पूँजी 10 रुपये वाले 8 रुपये दत्त 20.000 समता अंशों में तथा 5₹ वाले पूर्णदत्त 2.00.000. 6% पूर्वाधिकार अंशों में विभाजित है। कम्पनी अपने लाभों में से प्रति वर्ष 10% सामान्य संचय में तथा अपने ऋणपत्रों के विमोचन के लिये 9,000 ₹ सिंकिंग फण्ड में हस्तांतरित करती है। कम्पनी का अनुमानित लाभ (पिछले वर्ष की उपलब्धि के आधार पर) आयकर काटने के पूर्व 2,60,000 रुपया है। आयकर की दर 50% है। सामान्य लाभ दर 15% लेते हुए कम्पनी के प्रत्येक समता अंश का मूल्य ज्ञात कीजिये।

A company has 20,000 Equity shares of₹ 10 each, ₹8 paid and 2,00,000 6% Preference shares of₹5 each fully paid. The company transfers 10% of its profit to general reserve and ₹ 9,000 to Sinking Fund for the redemption of its debentures. Expected profit (based on past year’s performance) before tax is ₹ 2,60,000 and rate of income-tax is 50%. Find out the value of each equity share, taking normal rate of return at 15%.

उदाहरण 19. निम्नलिखित सूचनाओं के आधार पर सामान्य अंश का मूल्यांकन कीजिये :

100 ₹ के 4,000,4% पूर्वाधिकारी अंश                                          4,00,000₹

100₹के 5,000 सामान्य अंश, 80 ₹प्रति अंश चुकता                4,00,000₹

प्रतिवर्ष अनुमानित लाभ (कर से पूर्व)                                           2,50,000₹

आय कर की दर -50%

सामान्य संचय हस्तान्तरण – लाभ का 20%

सामान्य प्रत्याय दर 10%

From the following information, calculate the value of Equity share –

4,000 4% Preference shares ofर 100 each, fully paid                      ₹4,00,000

5,000 Equity shares of₹ 100 each, ₹ 80 per share paid up            ₹4,00,000

Expected Profit per year (before tax)                                                   ₹2,50,000

Income Tax Rate-50% of Profits

Transfer to General Reserve – 20% of

Profits Normal Rate of Earnings-10%

(स) लाभों के पूँजीकरण का आधार (Basis of Capitalisation of Profits) यह अंश मूल्यांकन के अर्जन दर आधार का ही एक वैकल्पिक रूप है। इस विधि के अन्तर्गत कम्पनी द्वारा भविष्य में अर्जित किये जाने वाले लाभ में प्रत्येक प्रकार के अंशधारियों का भाग ज्ञात किया जाता है। भविष्य में अर्जित किये जाने वाले लाभ का अनुमान गत वर्षों के लाभ के औसत के आधार पर किया जाता है। इस लाभ में गैर-व्यापारिक आय को सम्मिलित नहीं किया जाता है तथा ऋणपत्रों व ऋणों पर ब्याज, कर तथा संचितियों में अन्तरित राशि को घटा दिया जाता है। आगे के वर्षों में यदि कम्पनी की आय या व्यय की मदों में किसी उल्लेखनीय परिवर्तन की सम्भावना है तो इसके लिये भी औसत लाभों में आवश्यक समायोजन करना होगा। यदि कम्पनी ने पूर्वाधिकारी अंश भी निर्गमित किये हैं तो उनको देय लाभांश भी घटाया जायेगा तथा अवशेष राशि समता अंशधारियों को उपलब्ध लाभ कहलायेगा। इसके पश्चात् सामान्य प्रत्याय दर के आधार पर इन लाभों के पूँजीकृत मूल्य में समता अंशों की संख्या का भाग देकर प्रति समता अंश मूल्य ज्ञात किया जाता है। इस प्रक्रिया को सूत्र रूप में निम्न प्रकार से प्रस्तुत किया जा सकता है:

नोट : यदि पूर्वाधिकारी अंशों का भी मूल्य ज्ञात करना हो तो सर्वप्रथम इनको मिलने वाली कुल लाभांश राशि ज्ञात करनी चाहिये। तत्पश्चात् अंशों पर सामान्य प्रत्याय दर से इस लाभांश राशि का पूँजीकृत मूल्य ज्ञात करना चाहिये तथा फिर इस पूँजीकृत मूल्य में पूर्वाधिकारी अंशों की संख्या से भाग देकर प्रति पूर्वाधिकार अंश मूल्य ज्ञात किया जाता है।

अर्जन आधार की उपयुक्तता (Suitability of Earnings Basis)

अंश मूल्यांकन का अर्जन आधार तब उपयुक्त रहता है जबकि (i) कम्पनी चालू स्थिति में है और निकट भविष्य में इसके समापन की कोई योजनायें नहीं हैं। (ii) कम्पनी की भावी लाभदायकता के सम्बन्ध में सूचना तुरन्त उपलब्ध है। (iii) प्रत्याय की सामान्य दर का सरलता से अनुमान लगाया जा सकता है। (iv) कम्पनी लाभ में चल रही है और भूतकाल में इसमें लगातार हानि नहीं नहीं हुई है।

उदाहरण 20. निम्नांकित सूचना से प्रति अंश मूल्य ज्ञात कीजिये :

एक कम्पनी की अंश पूँजी में 10 ₹ वाले 20,000 समता अंश जिन पर 8 १ प्रति अंश चुकता है और 8% 100 ₹ वाले 2,000 पूर्ण चुकता पूर्वाधिकार अंश सम्मिलित हैं। कर से पूर्व वर्ष के लाभ 50,000 ₹ हैं। कर की दर 50% है। पूर्वाधिकार अंशों पर आय की सामान्य दर 5% है और समता अंशों के लिये आय की सामान्य दर 8% है। साधारणतया लाभों का 20% सामान्य संचय में अन्तरित किया जाता है।

Find out the value per share from the following information:

The share capital of a company consists of 20.000 Equity shares of 10 each, * 8 paid up and 2,000, 8% Preference shares of 100 each fully paid. The profit for the year is 50,000 before charging tax. The rate of tax is 50%. Normal rate of return in the case of Preference shares is 5% and in the case of Equity shares, normal rate of return is 8%. General practice is to transfer to General Reserve @ 20% of the profits.उदाहरण 21.  एक कम्पनी की चुकता अंश पूँजी में 100 वाले 1,000 , 5 पूर्वाधिकार अंश व 10 वाले 20,000 समता अंश सम्मिलित हैं। पूर्वाधिकार अंशधारी 5% के स्थायी लाभांश के अतिरिक्त उस लाभ में से 4% और लेने के भागीदार हैं जो समता अंशों पर 10% लाभांश देने के बाद शेष बचता है। इसके बाद यदि कोई लाभ का आधिक्य हो तो वह समता अंशधारियों को उपलब्ध होगा।

ह्रास न कर के लिये आयोजन करने के पश्चात् कम्पनी के औसत वार्षिक लाभ 50,000 रु है और 3,000 प्रतिवर्ष सामान्य संचय में अन्तरित करना आवश्यक है। प्रत्याशित उचित आय पूर्वाधिकार अंशों पर 8% और समता अंशों पर 10% है।

आपको कम्पनी के प्रति पूर्वाधिकार अंश और प्रति समता अंश का मूल्य निकालना है।

The paid-up share capital of a company consists of 1,000 5% Preference shares of 100 each and 20,000 Equity shares of 10 each. In addition to a fixed dividend of 5%, the Preference shareholders are also entitled to participate in the profits upto 4% after payment of a dividend of 10% on Equity shares, any surplus profits being available to Equity shareholders.

The annual average profits of the company are 50,000 after providing for depreciation and taxation and it is considered necessary to transfer 3,000 per annum to Reserve Fund. The Normal Return expected on Preference shares is 8% and that on Equity shares is 10%.

You are required to work out the value of each Preference and Equity shares in the company.

Average annual Profits                                                                                                  50,000

Less Transfer to Reserve Fund                                                                                   3,000

Attributable Profits to Preference and Equity Shareholders                     47,000

भूमि व भवन कई वर्ष पूर्व प्राप्त किये गये थे और उन्हें अब 45,00,000 ₹ मूल्य का समझा जाय। कम्पनी ने निम्नलिखित लाभ अर्जित किये:

Land & Buildings were acquired many years ago and should be considered as worth ₹45,00,000. The company earned the following profits:

Year                      Profits (before tax)               Income-tax Paid

2010                         15,00,000                                   4,00,000

2011                         20,00,000                                   8,00,000

2012                         5,00,000                                    2,00,000

2013                         25,00,000                                 11,50,000

2014                         27,50,000                                  15,00,000

कम्पनी ने अपने प्रबन्धकीय अधिकारियों को प्रति वर्ष 3,00,000 ₹ पारिश्रमिक दिया किन्तु भविष्य में वह 5,00,000 ₹ देगी, वृद्धि की सरकार से स्वीकृति ले ली गई है। 2012 में एक लम्बी हड़ताल हुई जिससे लाभ कम हुए। विनियोजित पूँजी में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं हुआ है। कम्पनी 15% संचितियों में अन्तरण उचित मानती है। 12.5% के औसत लाभांश वाले समता अंश सम मूल्य पर बिकते हैं। आय (yield) आधार पर A Ltd. में एक समता अंश के मूल्य की गणना करो। आय-कर की दर 50% मान लीजिये।

The company paid a remuneration of₹3,00,000 p.a. to the managerial personnel, but in future it will be paying ₹ 5,00,000, the increase having been sanctioned by the Government. During 2012 there was a prolonged strike resulting in low profits. There has been no substantial change in the capital employed. The equity shares with an average dividend of 12.5% sell at par. The company considers a transfer of 15% to reserves reasonable. Calculate the value of an equity share in A Ltd. on yield basis. Assume income tax rate at 50%.

Solution :

As 2012 has been an abnormal year, average maintainable profits in future shall be calculated as follows ignoring the profits of 2012:

Year Profits (rs) Weight (assumed) Product (rs)
2010 15,00,000 1 15,00,000
2011 20,00,000 2 40,00,000
2013 25,00,000 3 75,00,000
2014 27,50,000 4 1,10,00,000
10 2,40,00,000

 

Weighted Average Profit                                                                                  2,40,00,000

Adjustment for increase in managerial remuneration                         2,00,000

Profit before tax                                                                                                  22,00,000

Less Income-tax at 50%                                                                                   11,00,000

Profit after tax                                                                                                     11,00,000

Transfer to Reserves (15%)                                                                            1,65,000

9,35,000

Less Preference Dividend                                                                                2,80,000

Profit available for equity shareholders                                                 6,55,000

Capitalised Value of Profit at 12.5% = 6,55,000x100_100 =₹52,40,000

Therefore, Value of each equity share = 52,40,000 + 40,000 =₹ 131

उचित मूल्य विधि (Fair Value Method)

अंश मुल्यांकन एक जटिल और कठिन समस्या है। सम्पत्ति आधार और प्रतिफल आधार दोनों की अपनी-अपनी परिसीमायें हैं। इन दोनों के आधार पर अंश मूल्यांकन में काफी अन्तर आ सकता है। अतः बहुत से लेखापाल इन दोनों विधियों के बीच समझौता स्वरूप उचित मूल्य विधि का सुझाव देते हैं। वस्तुतः यह विधि इन दोनों विधियों से ज्ञात किये गये मूल्यों का औसत मुल्य बतलाती है।

अंशों के आन्तरिक मूल्य (Intrinsic Value) और बाजार मूल्य (Market Value) के औसत को अंशों का उचित मूल्य कहते हैं। अतः अंशों के आन्तरिक मूल्य और बाजार मूल्य के योग को यदि दो से भाग दे दिया जाय तो परिणाम अंश का उचित मूल्य होगा। सूत्र रूप में :

Fair Value of Share Intrinsic Value Per Share + Market Value Per Share

अंश का आन्तरिक मूल्य ज्ञात करना : सम्पत्ति मूल्यांकन विधि से ज्ञात मूल्य ही अंश का आन्तरिक मूल्य होता है। इसका विवेचन पहले किया जा चुका है।

अंश का बाजार मूल्य ज्ञात करना : इसके लिये निम्न प्रक्रिया अपनानी होगी :

(1) मावी लाभ ज्ञात करना (Finding out future maintainable profits) : कम्पनी द्वारा भविष्य में अर्जित किये जाने वाले । लाभ की गणना सामान्यतया गत-वर्षों के लाभों के औसत (साधारण या भारित, जैसी भी स्थिति हो) के आधार पर की जाती है। गैर-व्यापारिक विनियोगों से प्राप्त आय को इन लाभों में नहीं सम्मिलित करना चाहिये। इन लाभों से ऋण पर ब्याज, कर और संचितियों में अन्तरण की राशि को घटा देना चाहिये। यदि पूर्वाधिकार अंश पूँजी भी है तो उस पर लाभांश की राशि को भी घटा देना। चाहिये। अवशेष राशि समता अंशधारियों को उपलब्ध लाभ होगा।

(ii) प्रभावी पूँजी ज्ञात करना (Findout out the effective capital) : गैर-व्यापारिक विनियोग और बनावटी सम्पत्तियों के अतिरिक्त अन्य सम्पत्तियों के पुस्तकीय मूल्य के योग से हास व अशोध्य ऋणों के लिये आयोजन, बाह्य दायित्वों और पूर्वाधिकार अंश पूँजी को घटाकर आयी राशि ही प्रभावी पूँजी कहलाती है।

(iii) प्रभावी पूँजी पर लार्भाजन क्षमता की दर ज्ञात करना (Finding out the profit earning capacity on effective capital) :

उदाहरण 25.31 दिसम्बर 2014 को प्रोग्रेसिव लि० का निम्नांकित आर्थिक चिटठा था ।

The Balance Sheet of Progressive Ltd. as at 31st December 2014 was as under:

आपको निम्नांकित सूचना दी हुई है :

(i) कम्पनी का भविष्य 2015 के लिये समान रूप से अच्छा है।

(ii) स्वास्यत भवन का मूल्य 70,000 रु है

(iii) इसी प्रकार का व्यवसाय करने ने वाली लोक कम्पनियों की उर्पाजित आय उन्कें अंशों  के बाजार 15 % होती  करों व ख्याति को ध्यान में रखे बिना आप प्रत्येक अंश का उचित मूल्य ज्ञात कीजिये।

You are given the following information:

(i) The company prospects for 2015 are equally good.

(ii) Freehold Premises are now worth 70,000.

(iii) Public companies doing similar business show a profit earning capacity of 15% on the market value of their shares.

You are required to ascertain the fair value of each share without taking goodwill and taxation into consideration.

Notes :

(i) शुद्ध सम्पत्तियों का आन्तरिक मल्य ज्ञात करने के लिये स्वायत्त भवन पर हास को ध्यान में नहीं रखा गया है। क्योंकि भवन के मूल्य में वृद्धि हो गई है।

(ii) प्रभावी पूँजी की गणना करने में गैर-व्यापारिक सम्पत्ति (विनियोग) को ध्यान में नहीं रखा गया है।

(iii) अंश का बाजार मूल्य ज्ञात करने के उद्धेश्य से लाभ का निर्धारण करते समय विनियोग पर ब्याज को घटा देना चाहिये ।

किन्त प्रशन् में 2014 का व्यापारिक लाभ दिया गया है , अत इस सम्बन्ध में कोई संशोधन नहीं किया गया है ।

नोट : यह मान लिया गया है कि सभी लाभ का वितरण लाभांश के रूप में कर दिया गया था।

बोनस अंशों का मूल्यांकन

(Valuation of Bonus Shares)

किसी कम्पनी द्वारा जब बोनस अंशों का निर्गमन किया जाता है तो बोनस अंशों सहित विद्यमान अंशों का बाजार मूल्य गिर जाता है। अतः बोनस अंशों का मूल्य ज्ञात करने के लिये कम्पनी की शुद्ध सम्पत्तियों के मूल्य को समता अंशों की कुल संख्या (बोनस अंशों सहित) से भाग दे देना चाहिये।

उदाहरण 27. विशाल लि० की निर्गमित अंश पूँजी 6,00,000 ₹ है जो 100 ₹ वाले 6,000 समता अंशों में विभक्त है। 31 मार्च 2015 को इसका संचय 2,50,000 ₹ है जिसमें से कम्पनी 4 समता अंशों के लिए एक बोनस अंश जारी करती है। अंशों का मूल्य ज्ञात कीजिए : (क) बोनस अंश जारी करने से पूर्व, और (ख) बोनस अंश जारी करने के बाद।

The issued share capital of Vishal Ltd. is 6,00,000 divided into 6,000 Equity shares of 100 each. On 31st March 2015, its Reserve is 2,50,000. Out of which the company issues one bonus share for every 4 Equity shares held. Find out the value of shares : (a) before the issue of bonus shares and (b) after the issue of bonus shares.

अधिकारों का मूल्यांकन (Valuation of Rights)

भारतीय कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 62(1) के अनुसार यदि कोई कम्पनी अपनी प्रार्थित पूँजी को बढ़ाने के लिये नये अंश निर्गमित करती है तो उसके विद्यमान समता अंशधारियों को अपने धारित अंशों के अनुपात में इन्हें क्रय करने का प्राथमिक अधिकार होगा। समता अंशधारियों का यह अधिकार ही अंश क्रयाधिकार (Right of Pre-emption) कहलाता है। चूंकि अंश क्रयाधिकार विक्रयशील होता है, अतः इसका मूल्यांकन करना आवश्यक होता है। इस अधिकार का मूल्यांकन दो बातों पर निर्भर करता है :

(1) अंशों के बाजार मूल्य का निर्गमित मूल्य पर आधिक्य। यह जितना अधिक होगा, अधिकार का मूल्य उतना ही अधिक होगा।

(2) पुराने अंशों और नये अंशों के बीच अनुपात एक राइट अंश के लिये जितने कम पुराने अंशों की आवश्यकता हो, राइट का मूल्य उतना ही अधिक होगा। राइट के मूल्यांकन के लिये निम्न सूत्र का प्रयोग किया जा सकता है :

उदाहरण 28. एक कम्पनी जिसकी चुकता अंश पूँजी 2,50,00,000 ₹ है, जो 100 ₹ वाले अंशों में विभक्त है। कम्पनी पूँजी में वृद्धि करना चाहती है। अतः उसने 50,000 नए अंश, विद्यमान अंशधारियों को 125 ₹ प्रति अंश की दर से अधिकार अंशों के रूप में निर्गमित किये और उन्हें यह अधिकार दिया कि जिनके पास पुराने 5 अंश हैं, वह एक अधिकार अंश क्रय कर सकता है। बाजार में अंश का मूल्य 137 ₹ अधिकार-सहित है। अधिकार का मूल्य ज्ञात कीजिए।

A company , Whose paid up share capital is 2,50,00,000 divided into shares of 100 each , wants to increase its capital , Hence the company offered 50,000 new shares in the form of right shares to the old shareholders at 125 per share at the rate of one new share for every five shares held . the market price of share is 137 cum right find out the value of Right

उदाहरण 29. स्वदेशी लि० की दत्त अंश पूँजी 3,00,000 ₹ है जो 100 ₹ वाले 3.000 समता अंशों में विभाजित है। गत वर्ष का लिए 12 ₹ प्रति अंश की दर से कर मुक्त लाभांश घोषित किया गया है। कम्पनी विद्यमान अंशधारियों को 2,000 अंशों का नया निर्गमन पुराने तीन अंशों के लिये दो नए अंश के आधार पर करती है, किन्तु नए अंश का मूल्य 130 ₹ रखा गया है। इस न 12.43 अंशों का मूल्यांकन की सूचना एवं लाभांश की घोषणा के बाद पुराने अंश का मूल्य लाभांश-सहित, अधिकार-सहित 1627 हो गया। बाजार मूल्य में सम्मिलित अधिकार के मूल्य की गणना कीजिए।

each. Tax free dividend has been declared @ 12 per share for the last year. The company makes a new issue of 2,000 shares to the existing shareholders of two new shares for three old shares held, but the price of the new shares is kept at * 130. After the announcement of this offer and declaration of dividend, the price of the old share becomes₹ 162 cum-dividend, cum-right. Find out the value of Right included in the market price.

 

Income Valuation Method Study

chetansati

Admin

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