वित्तीय लेखांकन अपवर्जित ऋण (Excluded Debt) [धारा 79(15)]

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अपवर्जित ऋण का आशय है

(अ) एक न्यायालय या ट्रिबुनल द्वारा लगाये गये अर्थदण्ड (fine) के भुगतान का दायित्व:

(ब) लापरवाही, शरारत अथवा एक वैधानिक, प्रसंविदात्मक अथवा अन्य कानूनी बाध्यता के भंग के लिये क्षति के भुगतान का दायित्व;

(स) प्रभावी किसी कानून के अन्तर्गत किसी व्यक्ति को भरणपोषण (maintenance) भुगतान का दायित्व;

(द) एक विद्यार्थी ऋण के सम्बन्ध में दायित्व; .

(य) निर्धारित किया गया अन्य कोई ऋण।

अर्हता प्राप्त ऋण (Qualifying Debt) |धारा 79(19)]

अर्हता प्राप्त ऋण का आशय देनदार पर देय राशि से है जिसमें किसी प्रसंविदे के अन्तर्गत देय ऋण अथवा उस पर ब्याज सम्मिलित हैं, किन्तु इसमें निम्नलिखित सम्मिलित नहीं हैं

(अ) कोई भी अपवर्जित ऋण,

(ब) रक्षित सीमा तक का ऋण, और

(स) नवीन आरम्भ की गई प्रक्रिया (fresh start process) के लिये आवेदन की तिथि से पूर्व तीन माह के अन्तर्गत लिया गया कोई ऋण।

संकल्प पेशेवर (Resolution Professional) [धारा 79(21)] ___

संकल्प पेशेवर का आशय नवीन आरम्भ प्रक्रिया (fresh start process) अथवा दिवाला प्रस्ताव प्रक्रिया (insolvency resolution process) के संचालन के लिये नियुक्त एक दिवाला पेशेवर से है।

अमुक्त दिवालिया (Undischarged Bankrupt) [धारा 79(22)]

अमुक्त दिवालिया से आशय ऐसे दिवालिये से है जिसे धारा 138 के अन्तर्गत मुक्ति का आदेश नहीं प्राप्त हुआ है।

BCom Insolvency And Bankruptcy Code-2016 Notes In Hindi

दिवाला प्रक्रिया-नवीन आरम्भ प्रक्रिया

(Insolvency Process – Fresh Start Process) __

1 .नवीन आरम्भ आदेश के लिये आवेदन (Application for Fresh Start Order) धारा 80 के अनुसार एक देनदार जो अपने ऋण के भुगतान में सक्षम नहीं हे, न्यायिक प्राधिकारी को अपने अर्हता प्राप्त ऋणों (Qualifying debts) से मक्ति के लिये एक नवीन आरम्भ आदेश प्राप्ति के लिये आवेदन करने का हकदार होगा। धारा 81 के अनुसार देनदार के आवेदन दाखिल करने के पश्चात् आवेदन की तिथि से इसके सभी ऋणों के सम्बन्ध अन्तरिम निषेध (interim moratorium) प्रारम्भ हो जायेगा।

2.संकल्प पेशेवर की नियुक्ति (Appointment of Resolution Professional)—धारा 82 के अनुसार यदि देनदार. ने संकल्प पेशेवर के माध्यम से आवेदन किया है तो आवेदन प्राप्ति के सात दिन के अन्तर्गत न्यायिक प्राधिकारी भारतीय दिवाला बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India) को उसकी नियुक्ति की पुष्टि के लिये निर्देशित करेगा किन्त यदि देनदार ने स्वयं ही आवेदन दाखिल किया है तो न्यायिक प्राधिकारी के निर्देशन पर 10 दिन के अन्तर्गत बोर्ड एक संकल्प पेशेवर को नामांकित करेगा।

3.संकल्प पेशेवर द्वारा आवेदन की जाँच (Examination of Application by Resolution Professional)-अपनी नियुक्ति के दस दिन के अन्तर्गत संकल्प पेशेवर आवेदन की जाँच करेगा और न्यायिक प्राधिकारी को आवेदन की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति की एक रिपोर्ट (अ) अर्हता प्राप्त ऋणों और (ब) धारा 92(3) के अन्तर्गत मुक्ति के लिये पात्र दायित्वों का उललेख करते हुए देगा।

संकल्प पेशेवर द्वारा आवेदन की जाँच (धारा 83)’

(a) धारा 80 के अन्तर्गत दिवालिया द्वारा किये गये आवेदन की संकल्प पेशेवर द्वारा अपनी नियुक्ति के दस दिन के अन्दर जांच की जायेगी और वह आवेदन को स्वीकत करने अथवा अस्वीकत करने के सम्बन्ध में प्रतिवेदन न्यायिक प्राधिकारी को सौपेंगा।

(b) धारा 83 का उपधारा (1) के अन्तर्गत आवेदन में वर्णित राशी के सम्बन्ध में संकल्प पेशेवर अपनी राय देगा।

(i) अर्हऋण की राशि और |

(ii) धारा 92 की उपधारा 3 के अन्तर्गत निर्वहन के योग्य दायित्व की राशि ।

5 न्यायिक प्राधिकारी द्वारा आवेदन की स्वीकृति अथवा अस्वीकृति (Admission or Rejection of Application by Adjudicating Authority) धारा 84 के अनुसार संकल्प पेशेवर द्वारा रिपोर्ट दाखिल करने के 14 दिन के अन्तर्गत न्यायिक प्राधिकारी उस आवेदन को स्वीकार करने अथवा अस्वीकार करने का आदेश पारित करेगा। यदि आवेदन स्वीकार किया जाता है तो आदेश में संकल्प पेशेवर द्वारा स्वीकार किये गये अर्हता प्राप्त ऋणों की राशि तथा धारा 92 के अन्तर्गत नवीन आरम्भ आदेश के उद्देश्य से मुक्ति के लिये पात्र अन्य राशियों को बताया जायेगा।

6  लेनदार द्वारा आपत्तियाँ और उनकी संकल्प पेशेवर द्वारा जाँच (Objections by Creditor and their Examination by Resolution Professional) न्यायिक प्राधिकारी के आदेश में उल्लिखित कोई भी लेनदार आदेश की प्राप्ति की तिथि के 10 दिन के अन्तर्गत (अ) किसी ऋण के अर्हता प्राप्त ऋण के रूप में सम्मिलित किये जाने अथवा (ब) आदेश में निर्दिष्ट अर्हता प्राप्त ऋण के ब्यौरे की असत्यता पर आपत्ति कर सकता है।

7.संकल्प पेशेवर के निर्णय के विरुद्ध न्यायिक अधिकारी के आवेदन (Application to Adjudicating Authority against decision of Resolution Professional)—धारा 87 के अनुसार देनदार या लेनदार जो धारा 86 के अन्तर्गत संकल्प पेशेवर द्वारा की गई कार्यवाही से व्यथित है, तो वह ऐसे निर्णय के 10 दिन के अन्तर्गत उसकी कार्यवाही को न्यायिक प्राधिकारी को आवेदन देकर चुनौती दे सकता है। न्यायिक प्राधिकारी उस आवेदन के 14 दिनों के अन्तर्गत, जैसा उचित लगे, आवेदन पर अपना निर्णय दे सकता है। यदि वह आवेदन को स्वीकार करने का निर्णय लेता है तो वह अपना आदेश बोर्ड का अग्रसारित करेगा और उस पर बोर्ड अपेक्षित कार्यवाही कर सकता है।

8. मक्ति आदेश (Discharge Order) धारा 92 के अनुसार संकल्प पेशेवर निषेध अवधि की समाप्ति पर देनदार की उल्लिखित अर्हता प्राप्त ऋणों से मुक्ति के लिये मुक्ति आदेश पारित करेगा

chetansati

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