पुर्नभुगतान योजना के सम्बन्ध में सुरक्षित लेनदारों के अधिकार ( धारा 110)
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सुरक्षित लेनदार, लेनदारों की सभा में भागीदारी कर सकते हैं। वह एक शपथ पत्र द्वारा संकल्प पेशेवर को यह कह सकते हैं कि उनके ऋण के असुरक्षित भाग के लिए वह अपने मतदान के अधिकार को प्रयोग कर सकते हैं।
पुर्नभुगतान योजना पर लेनदारों की सभा का प्रतिवेदन ( धारा 112)
पुर्नभुगतान योजना पर लेनदारों की सभा के बाद संकल्प पेशेवर एक प्रतिवेदन न्यायायिक प्राधिकारी को सौपेंगा जिसमें
(i) पुर्नभुगतान योजना स्वीकृत अथवा अस्वीकृत हुई
(ii) यदि कुछ संसोधन के साथ स्वीकृता तो उन संसाधनों की सूची
(iii) सभा में उपस्थित लेनदारों अथवा प्रतिपुरुष की सूची
पुर्नभुगतान योजना पर न्यायायिक प्राधिकारी का आदेश (धारा 114)
पुर्नभुगतान योजना पर लेनदारों की सभा के बाद संकल्प पेशेवर द्वारा दिये गये प्रतिवेदन के आधार पर न्यायायिक प्राधिकारी
(i) पुर्नभुगतान योजना की स्वीकृति दे सकता है।
(ii) यदि उसे ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्नभुगतान योजना में कुछ संशोधन आवश्यक है तो वह संकल्प पेशेवर को निर्देशित कर सकता है कि वह उन संशोधनों के परिप्रेक्ष्य में लेनदारों की द्वारा सभा बुलायी जाये।
निर्वहन आदेश (धारा 119)
(i) पुर्नभुगतान योजना के आधार संकल्प पेशेवर न्यायायिक प्राधिकारी को निर्वहन आदेश पारित करने के लिए आवेदन करेगा। न्यायायिक प्राधिकारी इस आधार पर निर्वहन आदेश पारित कर सकता है।
(ii) निर्वहन आदेश वोर्ड को प्रतिवष्टियों को रिकॉर्ड करने हेतु (धारा 196) के अन्तर्गत अग्रसारित करेगा।
BCom Insolvency And Bankruptcy Code-2016 Notes In Hindi
व्यक्तियों और साझेदारी फर्म के लिये दिवाला आदेश
(Bankruptcy Order for Individuals and Partnership Firms)
1. दिवाले के लिये आवेदन (Application for Bankruptcy) धारा 121 के अनुसार देनदार के दिवालिये के लिये आवेदन एक लेनदार द्वारा व्यक्तिगत रूप से अथवा अन्य लेनदारों के साथ संयुक्त रूप से अथवा स्वयं एक देनदार द्वारा न्यायिक । प्राधिकारी को किया जा सकता है। यदि देनदार एक फर्म है तो आवेदन फर्म के किसी भी साझेदार द्वारा दाखिल किया जा सकता है।
2 .देनदार द्वारा आवेदन (Application by Debtor)
(i) धारा 122 के अनुसार देनदार द्वारा दिवालिये के लिये आवेदन के साथ अग्रनलिखित प्रलेख दाखिल करने होंगे
(अ) दिवालिया संकल्प प्रक्रिया के अभिलेख;
(ब) दिवालिये के लिये आवेदन की तिथि पर निर्धारित प्रारूप और तरीके से देनदार का स्थित
(Statement of Affairs)
(स) न्यायिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की प्रति जिसमें देनदार को दिवालिये के लिये आवेदन करन क लिया। स्वीकृति दी गई है।
(iii) देनदार दिवालिये के लिये आवेदन में दिवाला पेशेवर को ही दिवाला प्रन्यासी (Bankruptcy Trustee) कलम प्रस्तावित कर सकता है।