BCom Insolvency And Bankruptcy Code-2016 Notes In Hindi

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लेनदार द्वारा आवेदन (Application by Creditor)

(i) धारा 123 के अनुसार लेनदार द्वारा दिवाला के लिये आवेदन के साथ निम्नलिखित प्रलेख दाखिल करने होंगे

(अ) दिवाला संकल्प प्रक्रिया के अभिलेख;

(ब) न्यायिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेश की प्रति जिसमें लेनदार को दिवाले के लिये आवेदन करने की अनुमति प्रदान की गई हो;

(स) दिवाले के लिये आवेदन की तिथि पर देनदार पर लेनदार के ऋणों का ब्यौरा। कार

(ii) रक्षित ऋण (secured debt) की स्थिति में आवेदन के साथ निम्नलिखित प्रलेख दाखिल करने होंगे

(अ) प्रतिभूति को लागू करने का अधिकार रखने वाले लेनदार का कथन कि दिवाला आदेश की दशा में वह __दिवालिये के सभी लेनदारों के लाभ के लिये वह अपनी प्रतिभूति त्याग देगा; अथवा

(ब) लेनदार का कथन कि दिवाले के लिये उसका आवेदन ऋण के केवल अरक्षित भाग के लिये है और उसके ऋण के अरक्षित भाग की अनुमानित राशि कितनी होगी।

दिवाला पेशवर की दिवाला प्रन्यासी के रूप में नियुक्ति (Appointment of Insolvency Professional as Bankruptcy Trustee)

(अ) धारा 125 के अनुसार यदि देनदार या लेनदार ने अपने आवेदन में दिवाला पेशेवर को ही दिवाला प्रन्यासी प्रस्तावित किया है तो न्यायिक प्राधिकारी दिवाले के लिये आवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के अन्तर्गत बोर्ड को इस पेशेवर के विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही न चलने की पुष्टि करने के लिये निर्देश देगा।

(ब) लिखित निर्देश प्राप्त होने के 10 दिनों के अन्तर्गत बोर्ड या तो दिवाला प्रक्रिया के लिये प्रस्तावित दिवाला पेशेवर के दिवाला प्रन्यासी के रूप में नियुक्ति की पुष्टि करेगा अथवा उसे नामंजूर करते हुए किसी अन्य को दिवाला प्रन्यासी नामांकित करेगा।

(स) यदि देनदार अथवा लेनदार किसी ने भी दिवाला प्रन्यासी को प्रस्तावित नहीं किया है तो न्यायिक प्राधिकारी आवेदन प्राप्ति के 7 दिनों के अन्तर्गत बोर्ड को दिवाला प्रक्रिया के लिये दिवाला प्रन्यासी नामांकित करने के लिये निर्देशित करेगा। न्यायिक प्राधिकारी के निर्देश प्राप्त करने के 10 दिनों के अन्तर्गत बोर्ड दिवाला प्रन्यासी नामांकित करेगा।

(द) दिवाला प्रन्यासी की पष्टि अथवा नामांकन के पश्चात् 14 दिनों के अन्तर्गत न्यायिक प्राधिकारी अपने दिवाला आदेश के द्वारा उसे दिवाला प्रन्यासी नियुक्त कर देगा।

5 वितीय स्थिति का विवरण-पत्र (Statement of Financial Position) धारा 129 के अनसार यदि लेनदार के आवेदन पर दिवाला प्रारम्भ की तिथि से 7 दिनों के अन्तर्गत दिवालिया दिवाला प्रन्यासी को निर्धारित प्रारूप और तरीके से अपनी पेश करेगा। यदि दिवालिया एक फर्म है तो आदेश की तिथि पर इसके साझेदार फर्म की वित्तीय स्थिति को तथा फर्म का प्रत्येक साझेदार अपनी वित्तीय स्थिति का एक विवरण-पत्र प्रस्तुत करेगा। का एक संयक्त विवरण-पत्र पेश करेंगे तथा फर्म का प्रत्येक साझेदार अपनी निजी

6 .लेनदारों की सूची को तैयार करना (धारा 132)

अन्तर्गत दिवालिया द्वारा दिये गये आवेदन, धारा 125 के अन्तर्गत प्रस्तुत स्थिति विवरण एवं धारा 130 के वालिया प्रन्यासी को प्राप्त दावों के आधार पर दिवालिया प्रक्रिया प्रारम्भ होने की तिथि से चौदह दिन के उपधारा (2) के अन्तर्गत दिवालिया प्रन्यासी को प्राप्त दावों के अन्दर लेनदारों की सूची तैयार करेगा।

7. प्रशासन पूरा करना (धारा 137)

(a) दिवालिया प्रन्यासी प्रशासन एवं दिवालिया की सम्पत्ति के बँटवारे की प्रक्रिया को पूर्ण होने के पश्चात लेनदारों में समिति की एक सभा आयोजित करेगा।

(b) दिवालिया प्रन्यासी सम्पत्तियों के प्रशासन पर लेनदारों की समिति को प्रतिवेदन देगा।

(c) इस प्रतिवेदन की प्राप्ति के सात दिन के अन्दर लेनदारों की समिति इस प्रतिवेदन को स्वीकृति देगी और यह सुनिश्चित करेगी कि दिवालिया प्रन्यासी को धारा 148 के अन्तर्गत अवमुक्त कर दिया जाए।

(d) दिवालिया प्रन्यासी सम्पत्तियों के मुल्य में से सम्पतियों के प्रशासन की अवधि के खर्चों की प्रतिपूर्ति के लिए पर्याप्त राशी रोक के रखेगा।

8 .मुक्ति आदेश (Discharge Order)–धारा 138 के अनुसार दिवाला प्रारम्भ करने की तिथि से एक वर्ष की समाप्ति पर अथवा उल्लिलिखित अवधि से पूर्व लेनदारों की समिति के अनुमोदन के 7 दिनों के अन्तर्गत दिवाला प्रन्यासी न्यायिक प्राधिकारी को मुक्ति आदेश देने के लिये आवेदन करेगा। इस आवेदन प्राप्ति पर न्यायिक प्राधिकारी मुक्ति ओदश पारित करेगा तथा इसकी एक प्रति । रजिस्टर में प्रविष्टि के लिये बोर्ड को प्रदान की जायेगी। ___

इस मुक्ति ओदश के जारी किये जाने के पश्चात् दिवालिया अपने सभी दिवाला ऋणों से मुक्त हो जायेगा।

chetansati

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