BCom 1st Year Insurance Claims Study Material Notes in Hindi

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BCom 1st Year Insurance Claims Study Material Notes in Hindi

Table of Contents

BCom 1st Year Insurance Claims Study Material Notes in Hindi;(Claim For Loss Stock Calculation of Gross Profit Stock Not Valued at Cost average Clause Adjustment of Abnormal Items  Rates of Purchase and Sales Find Our Missing Figure ( Most Important Notes For BCom 1st Year Students )

BCom Insolvency And Bankruptcy Code-2016 Notes In Hindi

बीमा दावे

(Insurance Claims)

परिचय

Introduction

बीमा अनुबन्ध के अन्तर्गत एक पक्षकार जिसे बीमाकर्ता (Insurer) कहा जाता है, अनुबन्ध के दूसरे पक्षकार जिसे बीमा पात्र (Insured) कहते हैं, के द्वारा भविष्य में उठाई जाने वाली हानियों की क्षतिपूर्ति का दायित्व अपने ऊपर लेता है। उस दस्तावेज को जिसमें बीमा अनुबन्ध की शर्तों का उल्लेख होता है, बीमा पॉलिसी कहा जाता है। बीमा अनुबन्ध के अन्तर्गत बीमा सुरक्षा प्राप्त करने के लिए बीमापात्र के द्वारा बीमाकर्ता (बीमा कम्पनी) को कुछ प्रतिफल दिया जाता है। बीमे के लिए जो प्रतिफल दिया जाता है, उसे प्रीमियम (Premium) कहते हैं।

मूल रूप से बीमा अग्रलिखित दो प्रकार का होता है : (i) जीवन बीमा (Life Insurance) तथा (ii) सामान्य बीमा (General Insurance) जिसमें अग्नि बीमा, सामुद्रिक बीमा व विविध बीमा सम्मिलित हैं। प्रत्येक व्यवसाय में कुछ-न-कुछ जोखिमें बनी रहती हैं। ये जोखिमें कुछ सम्भावित या असम्भावित घटनाओं के घटित होने पर उत्पन्न होती हैं। इनमें से एक भयंकर घटना आग लगने की होती है। यदि किसी व्यापार भवन में आग लग जाती है तो स्थायी सम्पत्तियाँ जैसे फर्नीचर, मशीनरी, भवन आदि या स्टॉक (माल) पूर्णतया या आंशिक रूप से जलकर नष्ट हो जाता है। दूसरे, इसमें समस्त व्यवसाय अस्त-व्यस्त हो जाता है और कुछ समय के लिए व्यवसाय बन्द भी रह सकता है जिसके कारण उसकी लाभ कमाने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसी स्थिति को ‘लाभों की हानि’ या ‘परिणामी हानि’ या ‘अनुवर्ती हानि’ (Loss of Profits or Consequential Loss) कहते हैं। व्यवसायी इन जोखिमों से बचने के लिए अग्नि बीमा करवाता है और इस दशा में घटना के घट जाने पर क्षतिपूर्ति की राशि या दावे का प्रश्न उत्पन्न होता है। अत: अग्नि बीमा सम्बन्धी (जीवन बीमा, सामुद्रिक बीमा या विविध बीमा के अतिरिक्त) हानियों के निम्न तीन प्रकार के बीमा दावे निर्धारित करने होते हैं :

(i) रहतिये की हानि के दावे (Claim for Loss of Stock)

(ii) लाभों की हानि या परिणामी हानि के दावे (Claim for Loss of Profits or Consequential Loss)

(iii) स्थायी सम्पत्तियों की हानि के दावे (Claim for Loss of Fixed Assests) –

रहतिये की हानि के दावे (Claim for Loss of Stock)

अग्नि बीमा एक क्षतिपूर्ति का अनुबन्ध होता है। अत: अग्नि से हानि होने पर वास्तविक हानि की पूर्ति की जाती है चाहे बीमा पॉलिसी अधिक राशि की ही क्यों न हो। रहतिये की वास्तविक हानि की गणना करने हेतु आग से बचे रहतिये का मूल्य (Value of Salvaged Stock) तथा आग लगने के दिन के रहतिये (Stock) मूल्य की जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि रहतिये (Stock) के मूल्य में से बचे रहतिये का मूल्य घटाकर वास्तविक रहतिये की हानि ज्ञात की जाती है।

अत: इस अग्नि से नष्ट हुए स्टॉक (माल) का दावा प्रस्तुत करने में निम्नलिखित बातों का ज्ञान सहायक होता है :

(1) बचाये हुये माल का मूल्य ज्ञात करना (To find out value of the salvaged stock) : अग्नि से जो माल । बचा लिया जाता है अथवा ऐसा माल जो खराब हो गया है परन्तु पूर्णतया नष्ट नहीं हआ है और उसमें सुधार करके काम में । लाया जा सकता है, उसे बचाया हुआ माल कहते हैं, यदि बीमा कम्पनी से सम्पूर्ण माल के सम्बन्ध में क्षतिपूर्ति प्राप्त हो जाती है । तो बचे हुए माल पर बीमा कम्पनी का अधिकार हो जाता है। प्रायः बचाये हुए माल को बीमा कम्पनी स्वीकार नहीं करती है परन्तु ऐसी स्थिति में बचाये हुए माल का मूल्य निर्धारित कर दिया जाता है और इसे प्रस्तुत दावे की राशि में से घटा दिया जाता है।

(2) रहतिये के मूल्य का निर्धारण (Determination of value of stock) : अधिकांश व्यावसायिक संस्थाएँ माल से सम्बन्धित विस्तृत लेखे नहीं रखती हैं। इन संस्थाओं द्वारा माल से सम्बन्धित केवल वित्तीय लेखे रखे जाते हैं। प्राय: स्टॉक का मूल्यांकन लेखांकन वर्ष के अन्त में किया जाता है तथा आग लगने की तिथि से मूल्यांकन तिथि मेल नहीं खाती। अत: आग लगने की तिथि पर स्टॉक का मूल्य क्या था? इसका ठीक-ठीक अनुमान लगाना कठिन होता है। परन्तु स्मरणार्थ व्यापारिक खाता (Memorandum Trading Account) बनाकर आग लगने की तिथि तक का रहतिये का अनुमानित मूल्य ज्ञात किया जा । सकता है जिसका प्रारूप निम्नलिखित है :

अतः रहतिये में जिस दिन आग लगती है उस दिन के रहतिये मूल्यांकन के लिए निम्नलिखित सूचनायें प्राप्त होनी चाहिए :

(1) प्रारम्भिक रहतिया (Opening stock) : जिस चाल लेखा वर्ष में आग लगी है, उस चाल लेखा वर्ष के प्रारम्भ के रहतिए का मूल्य ज्ञात होना चाहिए। यदि जानकारी गत वर्ष के चिट्ठ से प्राप्त की जा सकती है क्योंकि जो गत वर्ष का अन्तिम रहतिया होता है वह इस वर्ष का प्रारम्भिक रहतिया होता है। ___(2) क्रय एवं क्रय वापसी (Purchases and returns) : चालू लेखा वर्ष के प्रारम्भ से लेकर आग लगने की तिथि तक की अवधि के दौरान क्रय किए गए माल व क्रय वापसी का मूल्य पता होना चाहिए। यदि आग लगने के कारण लेखा पुस्तकें नष्ट हो गई हैं तो पूर्तिकर्ताओं (Suppliers) से बीजकों की प्रतिलिपियाँ मंगवाकर यह सूचना प्राप्त की जा सकती है। कभी-कभी लेनदारों (Creditors) के खातों का विश्लेषण करके भी क्रय की राशि ज्ञात की जा सकती है।

(3) प्रत्यक्ष व्यय (Direct expenses) : चालू लेखा वर्ष के प्रारम्भ से लेकर आग लगने की तिथि तक के प्रत्यक्ष व्ययो । (जैसे आवक गाड़ी, भाड़ा, मजदूरी आदि) को भी स्टॉक का मूल्यांकन करते समय स्मरणार्थ व्यापारिक खाते की डेबिट पक्ष में । लिखा जाता है।

(4) विक्रय एवं वापसी (Sales and returns) : चालू लेखा वर्ष के प्रारम्भ से लेकर आग लगने की तिथि तक का अवधि के दौरान की गई बिक्री व बिक्री वापसी की राशि ज्ञात होनी चाहिए। यदि आग लगने से लेखा पुस्तकें नष्ट हो गई है ता ग्राहकों को दी गई बीजकों की प्रतिलिपियाँ प्राप्त करके विक्रय की राशि ज्ञात की जा सकती है या देनदारों के खातों का विश्लेषण करके भी विक्रय की राशि ज्ञात की जा सकती है।

(5) बिक्री पर सकल लाभ की दर (Rate of gross profit on sales) : स्टॉक के मूल्यांकन के लिए सबस महत्वपूर्ण सूचना ‘बिक्री पर सकल लाभ की दर’ होती है क्योंकि इसी प्रकार के आधार पर लेखांकन वर्ष के प्रारम्भ से लक। आग लगने की तिथि तक की बिक्री पर अनमानित सकल लाभ की गणना करके स्मरणार्थ व्यापारिक खाते में उस राशि का। डेबिट किया जाता है या अनुमानित सकल हानि को इस खाते में क्रेडिट किया जाता है।

सकल लाभ की गणना (Calculation of Gross Profit)

सकल लाभ की दर की निम्नलिखित तीन परिस्थतियाँ हो सकती हैं :

(i) प्रश्न में सकल लाभ की दर स्पष्ट रूप से दी हई हो (If gross profit rate is given in the question) : प्रायः गत्वर्ष का सकल लाभ अनुपात या दर ही चाल वर्ष के लिए अपनाया जाता है। यदि प्रश्न में यह दर बिक्री पर या लागत पर स्पष्ट रूप से दी हुई हो तो सकल लाभ की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है :

Rate (a) % on Sales = Sales x hate: (b) % on Cost = Sales x;

Illustration 1.

1 सितम्बर, 2016 को हरीराम के गोदाम में आग लग गयी। सकल लाभ की दर विक्रय पर 25% है। बचाये गये माल का मल्य 1.800 ₹ ऑका गया। निम्नलिखित ऑकड़ों से दावे की रकम ज्ञात कीजिए। (A fire occurred on 15th September, 2016 in the godown of Hariram. The rate of gross profit is 25% on sales. Salvaged stock! valued at 1,800. Ascertain the amount of calim from the following figures.

रहतिया 1 जनवरी, 2016 का (Stock on 1st January, 2016)                                                                                                           12,600

क्रय 1 जनवरी, 2016 से आग लगने की तिथि तक (Purchases from 1st January, 2016 to date of fire)                              25,200

मजदूरी एवं निर्माणी व्यय (Wages and Manufacturing Expenses) |                                                                                            30,000

विक्रय 1 जनवरी, 2016 से आग लगने की तिथि तक (Sales from 1st January, 2016 to date of fire)                                    80,000

लागत पर स्वामी द्वारा माल का प्रयोग (Goods used by the proprietor at cost)                                                                          1,200

(ii) प्रश्न में सकल लाभ की दर स्पष्ट रूप से न दी हुई हो (In the absence of gross profit rate) : यदि गत । वर्ष की सकल लाभ की दर ज्ञात नहीं है तो ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम गत वर्ष की सूचनाओं के आधार पर व्यापारिक खाता (Trading Account) बनाकर सकल लाभ (Gross Profit) ज्ञात किया जाता है और फिर इस के आधार पर सकल लाभ दर निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात की जाती है :

Illustration 2. __रस्तौगी एण्ड कम्पनी के व्यावसायिक संस्थान में 1 सितम्बर, 2017 को आग लग गयी। 55.000₹ का स्कन्ध तथा। लेख पस्तकें बचा ली गयीं थीं। निम्नलिखित सूचनाएँ प्राप्त की गयी थी

(Fire occurred in the premise of Rastogi & Co. on 1st September, 2017. The stock of the value of ₹ 55,000 and the Books of Accounts were saved. The following informations was obtained):

क्रय वर्षान्त 31 मार्च, 2017 (Purchase for the year ended 31st March, 2017)                         3,40,000

विक्रय वर्षान्त 31 मार्च, 2017 (Sales of the year ended 31st March, 2017)                                5,50,000

क्रय 1 अप्रैल से 1 सितम्बर, 2017 (Purchases from 1st April to 1st Sept. 2017)                        1,20,000

विक्रय 1 अप्रैल 2017 से 1 सितम्बर 2017 (Sales from 1st April 2017 to 1st Sept., 2017)      1,80,000

रहतिया वर्षान्त 31 मार्च, 2016 (Stock on 31st March, 2016)                                                           1,50,000

रहतिया वर्षान्त 31 मार्च, (Stock on 31st March, 2017)                                                                       1,70,000

31 मार्च, 2017 को रहतिये का मूल्यांकन 10,000 ₹ से अधिक था। रहतिये की हानि के सन्दर्भ में बीमा कम्पनी के । समक्ष प्रस्तुत किये जाने वाले दावे की रकम की गणना कीजिए। सकल लाभ का प्रतिशत वर्षान्त 31 मार्च, 2017 पर आधारित है।

The stock on 31st March, 2017 was overvalued by₹ 10.000. Calculate the amount of the claim to be presented to the insurance company in respect of the loss of stock. Rate of gross profit is based on the year ended 31st March, 2017.

टिप्पणियाँ :

(i) सकल लाभ की दर (Rate of Gross Profit) बिक्री पर ज्ञात की जाती है।

(2) गत वर्ष का अन्तिम रहतिया (Closing stock) अगले वर्ष का प्रारम्भिक रहतिया (Opening stock) होता है।

(iii) सकल लाभ की प्रतिशत का औसत ज्ञात करना (Calculation of average gross profit rate) : यदि सकल लाभ की दर गत कई वर्षों की ज्ञात है तो ऐसी स्थिति में औसत लाभ की दर अपनानी चाहिए। सर्वप्रथम गत तीन से पाँच वर्षों की बिक्री पर सकल लाभ की प्रतिशत ज्ञात की जाती है और उन दरों के आधार पर औसत प्रतिशत ज्ञात की जाती है। यह औसत दर सामान्य परिस्थितियों में सर्वोत्तम होती है।

यदि गत वर्षों में सकल लाभ की दर निरन्तर कम हो रही है तो ऐसी स्थिति में औसत दर ज्ञात करना उपयुक्त नहीं होता बल्कि बीमा कम्पनियाँ अन्तिम वर्ष की सकल लाभ की दर को मानकर नष्ट हुए स्टॉक की राशि के दावे को स्वीकार करती हैं।

उदाहरण के लिये यदि वर्ष 2014, 2015, 2016 और 2017 में सकल लाभ की बिक्री पर प्रतिशत क्रमश: 30%, 25%, 20%, 15% थी तो 2017 वर्ष में यह दर 10% मानी जा सकती है। यदि यह दर निरन्तर बढ़ रही है तो ऐसी स्थिति में सकल लाभ की दर की गणना औसत प्रतिशत के आधार पर उपयुक्त मानी जाती है।

इसकी गणना विभिन्न परिस्थतियों में विभिन्न प्रकार से की जाती है :

(i) यदि गत वर्षों की लाभ की दर लगभग समान-सी रही हो तो औसत सकल लाभ दर ज्ञात की जाती है।

(ii) यदि गत वर्षों के लाभ की दर बढ़ती-घटती हुई प्रवृत्ति से रही हो तो इन दर लाभों की भारित औसत लाभ दर (Weighed Average Profit Rate) ज्ञात की जाती है।

स्टॉक का लागत पर मूल्यांकित न करना (Stock not Valued at Cost)

किसी-किसी व्यवसाय की ऐसी परम्परा होती है कि वे स्टॉक का मूल्यांकन, वास्तविक लागत से कम या अधिक राशि पर करती है। परन्तु दावे की राशि की गणना करने के लिए स्टॉक का मूल्यांकन वास्तविक राशि पर किया जाना चाहिए अर्थात् यदि मूल्यांकन कम राशि पर किया गया है तो स्टॉक का मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए और अधिक राशि पर किया गया है तो स्टॉक मूल्य घटाया जाना चाहिए। अतः व्यापारिक खाता बनाते समय प्रारम्भिक स्टॉक व अन्तिम स्टॉक को ठीक लागत मूल्य पर दिखाया जाना चाहिए ताकि सकल लाभ की बिक्री पर ठीक प्रतिशत ज्ञात की जा सके। यह गणना निम्नलिखित सूत्रों द्वारा की जा सकती है :

100 स्टॉक का मूल्यांकन कम लागत पर = स्टॉक का मूल्य x 100-दर

100 स्टॉक का मूल्यांकन अधिक लागत पर = स्टॉक का मूल्य x – 100+ दर

यह ध्यान रखना चाहिए कि गत वर्ष का अन्तिम स्टॉक अगले वर्ष का प्रारम्भिक स्टॉक होता है।

Illustration 3.

21 मई 2017 को एक फर्म के भवन में आग लग गई और स्टॉक पूर्ण रूप से नष्ट हो गया किन्त फर्म की पुस्तकें बचा ली गई। निम्नलिखित तथ्यों से आपसे यह राय लेना चाहते हैं कि अग्नि बीमे के लिए कितनी राशि का दावा करें। स्टॉक का मूल्यांकन लागत से 5% कम पर किया जाता है :

On 31st May, 2017 the premises and stock of a firm were totally destroyed by fire. The books of accounts were, however, saved. In order to make a claim on their fire policy, they asked your advice and you are able to obtain the following information. The stock on hand has always been valued at 5% below cost:

Solution :

स्टॉक का मूल्यांकन लागत मूल्य से 5% कम पर किया हुआ है। गत वर्षों से सही लाभ की गणना करने के लिये। प्रारम्भिक तथा अन्तिम स्टॉक का ठीक मूल्यांकन किया जाना आवश्यक है। अत: ठीक लागत मूल्य की गणना करने के लिये 100/95 से गुण किया जायेगा :

टिप्पणियाँ :

(1) गत वर्ष का अन्तिम स्टॉक अगले वर्ष का प्रारम्भिक स्टॉक होता है।

(2) क्योंकि गत वर्षों के सकल लाभ लगभग समान हैं इसलिए औसत प्रतिशत लाभ दर की गणना की गई है।

भारित औरत (Weighted Average)

यदि गत वर्षों की बिक्री तथा सकल लाभों में अधिक अन्तर हो तो सामान्य औसत सकल लाभ दर के स्थान पर भारित औसत सकल लाभ दर निकालना अधिक उपयुक्त रहता है। भारित औसत सकल लाभ दर ज्ञात करने के लिए सभी वर्षों के कुल सकल लाभ का कुल बिक्री पर प्रतिशत ज्ञात किया जाता है।

Illustration 4.

श्री रमेश चन्द्र के व्यावसायिक भवन में 15 अगस्त, 2017 को आग लग गई जिसने व्यावसायिक भवन तथा स्टॉक को नष्ट कर दिया। लेखा पुस्तकें तथा 9,000 ₹ का स्टॉक बचा लिया गया। विगत् चार वर्षों की बिक्री तथा सकल लाभ निम्न प्रकार थे:

A fire occurred in the business premises of Shri Ramesh Chander on 15th August, 2017 which destroyed the business premises and the stock. Account books and stock valued at ₹ 9,000 were saved. The sales and gross profits for the last four years were :

Year ended                                  Sales                   Gross Profit

31-3-2014                                  2,40,000                    72,000

31-3-2015                                3,10,000                    60,800

31-3-2016                                 2,80,000                    70,000

31-3-2017                                3,60,000                    59,000

31 मार्च, 2017 को हस्तस्थ स्टॉक की लागत 42,000 ₹ थी। 1 अप्रैल, 2017 से 15 अगस्त, 2017 तक क्रय, विक्रय, मजदूरी, भाड़ा एवं चुंगी क्रमश: 1,80,000 ₹, 2,00,000 ₹, 15,000 ₹ तथा 18,000 ₹ थे।

आप, आग से नष्ट हये स्टॉक के बीमा दावे की राशि की गणना कीजिये तथा आवश्यक टिप्पणी दीजिये।

On 31st March, 2017 the cost of stock in hand was₹42,000. The purchases, sales, wages, freight & octroi between 1st April, 2017 to 15th August, 2017 were ₹ 1,80,000; ₹ 2,00,000; ₹ 15,000 and ₹ 18,000 respectively.

Find out the amount of insurance claim for loss of stock by fire and give necessary comment.

Solution.

सकल लाभ की दर पहले वर्ष में 30%, दूसरे वर्ष में 19.61%, तीसरे वर्ष में 25% तथा चौथे वर्ष में 16.39% रही है, साथ ही बिक्री में भी काफी घटा-बढ़ा रही है। इस दशा में सकल लाभ की भारित औसत दर की गणना अधिक उपयुक्त रहेगी। अतः

Total Sales for four years =₹2,40,000+ ₹3,10,000+ ₹2,80,000 + ₹3,60,000

=₹ 11,90,000

Total Gross Profit for four years =₹ 72,000+ ₹60,800 + ₹ 70,000 + ₹ 59,000

=₹ 2,61,800

(A) Calculation of Weighted Average Rate of Gross Profit :

Weighted Average Rate of G.P. = Total Gross Profit*100

=2,61,800*100=22%

11,90,000

औसत वाक्य (Average Clause)

अग्नि बीमा एक क्षतिपूर्ति का बीमा है। यदि बीमा अधिक राशि का कराया गया है और क्षति कम राशि की होती है, तो बीमा कम्पनी द्वारा केवल वास्तविक हानि की ही पूर्ति की जाती है। यदि बीमा जितनी राशि का कराना चाहिए था, उससे कम राशि का कराया गया है तो उसे न्यून बीमा (Under Insurance) की स्थिति कहते हैं। न्यून बीमा को हतोत्साहित (Discourage) करने के लिए बीमा कम्पनी प्रायः अग्नि बीमा अनुबन्ध में औसत वाक्य सम्मिलित कर लेती है। इस शर्त को सम्मिलित करने का यह प्रभाव पड़ता है कि माल का बीमा जिस अनुपात में कम कराया जाता है, क्षतिपूर्ति की राशि उसी अनुपात में कम प्राप्त होती है। उदाहरण के लिये, यदि 1,00,000 ₹ के माल के सम्बन्ध में 80,000 ₹ का अग्नि बीमा कराया गया है और आग लगने से समस्त माल नष्ट हो जाता है तो क्षतिपूर्ति की राशि 1,00,000X80,000 = 80,000 ₹ प्राप्त होगी

1,00,000 और यदि 60,000 ₹ का माल नष्ट हो जाता है तो क्षतिपर्ति की राशि 60,000×80,000

अन्य शब्दों में यदि व्यापारी माल का कम राशि का बीमा कराता है तो उसका आशय यह है कि वह स्वयं उस हानि को सहन करने के लिए तैयार है अतः इसे ‘स्वयं बीमा वाक्य’ (Self Insurance Clause) भी कहते हैं। औसत वाक्य में यह मान्यता रहती है कि न्यून बीमा की दशा में हानि का कुछ भाग बीमित व्यावसायी द्वारा भी सहन किया जाना चाहिए। इसलिए इसे सह-बीमा वाक्य (Co-Insurance Clause) भी कहते हैं।

Illustration 5.

15 नवम्बर, 2017 को मैसर्स प्रशान्त एण्ड कम्पनी के व्यापारिक भवन में आग लग गयी। निम्न विवरण से स्कन्ध की हानि की गणना कीजिये तथा बीमा दावे को तैयार कीजिये :

A fire occurred in the business premises of M/s Parshant & Co. on 15th November, 2017. From the following particular ascertain the loss of stock and prepare a claim for insurance.

टिप्पणी : स्टॉक का मूल्यांकन लागत मूल्य से कम पर किया हुआ है। अतः प्रारम्भिक स्टॉक (Opening stock) तथा अन्तिम स्टाँक (Closing Stock)  के ठीक लागत मूल्य की गणना हेतू 100/90 से गुणा किया जायेगा ।

असाधरण मदों का समायोजन (Adjustment of Abnormal Items)

यदि प्रश्न में असाधारण प्रकार की मदें दी हुई हैं तो स्मरणार्थ व्यापारिक खाता बनाते समय उसमें इन मदों का समायोजन किया जाना आवश्यक है ताकि सकल लाभ या स्टॉक का मूल्य ठीक-ठीक ज्ञात किया जा सके। इस प्रकार की मदों के निम्नलिखित उदाहरण हैं :

(1) स्टॉक का लागत मूल्य से अधिक या कम दर पर मूल्यांकन करना।

(2) व्यापारिक खाते की मदों में ऐसी मदें सम्मिलित हो जो व्यापारिक खाते में नहीं दिखाई जाती है जैसे मजदूरी में मशीन के लगाने की मजदूरी सम्मिलित होना आदि।

(3) खातों में अन्य कोई अशुद्धि आदि।

Illustration 6.

बन्दासाहिब एण्ड कम्पनी बिलीमोरा के गोदाम में 1 अप्रैल, 2017 को आग लग गयी तथा रहतिये का एक बहुत-सा भाग नष्ट हो गया। 5,600 ₹ मूल्य का रहतिया बच गया।

Fire occured in the godown Badashab & Co., Bilimora on 1st April, 2017 parto of the stock was destroyed. The stock salvaged was₹5,600. A fire insurance policy for₹34,200 was taken to cover loss of stock by fire. You ar required to ascertain the insurance claim which the company should calim from the insurance company for the loss of stock by the fire form the following particlulars:

विवरण (Particulars)                                                                                                                                 रु

क्रय 2016 में (Purchases for the year 2016)                                                                           1,87,600

बिक्री 2016 में (Sales of the year 2016)                                                                                    2,32,000

क्रय 1-1-2017 से 1-4-2017 (Purchases from 1-1-2017 to 1-4-2017)                         36,400

बिक्री 1-1-2017 से 1-4-2017 (Sales from 1-1-2017 to 1-4-2017)                                 48, 000

रहतिया 1-1-2016 को (Stock on 1-1-2016)                                                                             28,800

रहतिया 31-12-2016 को (Stock on 31-12-2016)                                                                    48,400

2016 वर्ष में मजदूरी दी (Wages paid during the year 2016)                                              20,000

मजदरी दी 1-1-2017 से 1-4-2017 तक (Wages paid during 1-1-2017 to 1-4-2016) 3,600

21 दिसम्बर, 2016 को भी आग लगी थी और 10.000 ₹ का स्टॉक नष्ट हो गया था।

कम्पनी में स्टॉक मूल्यांकन लागत के 10% से कम पर किए जाने की प्रथा थी। परन्तु कम्पनी ने अचानक इस प्रथा में परिवर्तन किया और 31 दिसम्बर, 2016 को स्टॉक का मूल्यांकन लागत से 10% बढ़ा कर किया।

Fire also broken on 21st December, 2016 and destroyed stock of the extimated cost of 10,000.

There where was a pratice in the concern to value stock at cost less 10%, but all of a sudden this practice was changed and stock on 31st December, 2016 was valued at cost plus 10%.

7.

श्री नेमचन्द अपनी लेखा पुस्तकें प्रत्येक वर्ष 30 सितम्बर को बन्द करते हैं किन्तु 31 दिसम्बर, 2017 को अग्नि से स्टॉक का अधिकांश भाग नष्ट हो गया। उनकी पुस्तकों से निम्न सूचनायें उपलब्ध हुई :

Shri Namchand prepares accounts on 30th September each year but on 31st December, 2017 fire destroyed the greater part of his stock. The following information was available from his books:

स्टॉक 30 सितम्बर, 2017 को (Stock on 30th September, 2017)                                           29,7000

क्रय 1-10-2017 से 31-12-2017 तक (Purchases from 1-10-2017 to 31-12-2017)        65,000

मजदूरी 1-10-2017 से 31-12-2017 तक (Wages from 1-10-2017 to 31-12-2017)        23,000

बिक्री 1-10-2017 से 31-12-2017 तक (Sales from 1-10-2017 to 31-12-2017)               1,10,000

औसत सकल लाभ लागत का 331% है। बचाये गये माल की लागत 3,000 र थी। बीमा पॉलिसी 22,000 ₹ की थी जिसमें औसत वाक्य सम्मिलित था। निम्नलिखित अतिरिक्त सूचनाएँ उपलब्ध हैं जिनके आधार पर आपको स्टॉक की हानि की गणना करनी है :

(i) प्रारम्भ में स्टॉक का मूल्यांकन लागत से 10% कम पर किया गया।

(ii) एक प्लान्ट अगस्त में लगाया गया जिसकी स्थापना के लिए फर्म के मजदूरों को काम में लिया गया।। इन मजदूरों ___को इस समय के लिए चुकाई गयी मजदूरी की राशि 500 ₹ भी उपर्युक्त मजदूरी की राशि में शामिल है।

(iii) क्रय में प्लान्ट की लागत 5,000 रुपये भी शामिल हैं।

Average gross profit is 33 – 1/3% of cost. Stock valued 3,000 was salvaged. Policy was for 22,000,

Claim was subject to average clause. The following additional information is available on the basis of which you are required to calculate the claim for the loss of stock :

(i) Stock in the beginning was calculated at 10% less than cost;

(ii) Plant was installed in August and firm’s own men spent time amounting to 500 which

included in wages;

(iii) Purchases include purchases of plant for 5,000.

Solution.

क्रय-विक्रय की दरों में परिवर्तन (Change in the Rates of Purchases and Sales)

यदि प्रश्न में यह दिया हुआ है कि आग लगने वाले वर्ष में गत वर्ष की अपेक्षा माल के क्रय मूल्य तथा विक्रय मूल्य में परिवर्तन हआ है तो ऐसी दशा में व्यापारिक खाता सामान्य रूप से तैयार किया जाएगा परन्तु स्मरणार्थ व्यापारिक खाता तैयार । करते समय दो खाने बनाये जाते हैं, एक वास्तविक राशि हेतु तथा दूसरा गत वर्ष की दरों के आधार पर राशि हेतु। । ___गत वर्ष का खाता केवल सूचनार्थ बनाया जाता है परन्तु गत वर्ष की दरों के आधार पर आग लगने की तिथि को जो रहतिये का मूल्य ज्ञात किया जाता है, इसमें क्रय मूल्य की परिवर्तन दर की राशि जमा करके जो राशि बनती है, वही आग लगने की तिथि को वास्तविक रहतिये की हानि होती है।

Illustration 8.

एक्स कम्पनी लिमिटेड के भवन में 15 सितम्बर, 2017 को आग लग गई। निम्नलिखित विवरण से बीमा कम्पनी पर । स्कन्ध की हानि हेतु किये जाने वाले दावे की गणना कीजिए :

A fire occurred on 15th September 2017 in the premises of X Co. Ltd. From the following figure. calculate the amount of claim to be lodged with insurance company for loss of stock:

1-1-2016 को स्टाँक लागत पर (Stock at cost as on 1-1-2016)                                                                    20,000

1-1-2017 को स्टाँक लागत पर (Stock at cost as on 1-1-2017)                                                                   30,000

1-1-2016 में क्रय (Purchases-2016)                                                                                                                   40,000

1-1-2017 से 15-9-2017 तक क्रम (Purchases from 1st Jan. to 15th Sept. 2016)                            88,000

2016 की बिक्रि  (Sales-2016)                                                                                                                              60,000

2017 से  15-9-2017 तक विक्रय (Sales from 1st Jan. to 15th Sept. 2017)                                    1,05,000

वर्तमान वर्ष में पिछले वर्ष के स्तर से क्रय की लागत 10% बढ़ गई है। विक्रय मूल्य 5% से बढ़े हैं। आग के बाद बचे हुए माल की मूल्य 2,000 रु था ।

During current year, cost of purchases have risen by 10% above the last year’s level. Selling price have gone up by 5%. Salvage value of stocks after fire was 2,000.

(2) क्योंकि 5% बढ़ी हुई दर से विक्रय की राशि 1.05.000 ₹ है, इसलिए गत वर्ष की दर की दर पर

विक्रय की राशि होगी 1,05,000 x 100/105 = 1,00,000 ₹

(3) गत वर्ष की सकल लाभ की दर 50% से 1,00,000 ₹ की बिक्री पर लाभ 50,000 ₹ होगा।

(4) गत वर्ष के हिसाब से आग लगने की तिथि पर स्कन्ध का शेष आता है 60,000 ₹ । अत: वर्तमान

दरों पर इस स्कन्ध की राशि होगी :

Stock at the date of fire (at last year’s price)                          60,000

Add : 10% Increase in purchases                                                   6,000

Stock at the date of fire (at current price)                              66,000

(4) यह शेष राशि (Balancing Figure) है।

लुप्त मदे ज्ञात करना

(To find out Missing Figure)

यदि प्रश्न में क्रय तथा विक्रय की राशि नहीं दी हुई है तो उधार क्रय कुल लेनदार खाता (Total Creditors A/c) बनाकर तथा उधार विक्रय कुल देनदार खाता (Total Debtors A/c) बनाकर ज्ञात की जाती है। कुल क्रय और कुल विक्रय की राशि ज्ञात करने के लिए उधार क्रय में नकद क्रय तथा उधार विक्रय में नकद विक्रय की राशि जोड़ दी जाती है।

Illustration 9.

दर्शन कुमार की एक स्टेशनरी की दुकान है जो 21 मई, 2017 को आग से आंशिक रूप से नष्ट हो गई। स्कन्ध 26,000 ₹ से बीमित था। 31 दिसम्बर, 2016 को बनाये गये चिट्ठे में अन्य मदों के अतिरिक्त निम्न मदें भी थीं :

Darshan Kumar owns a retail stationery shop which was partly destroyed by fire on 21st May, 2017. The stock was insured for ₹ 26,000. The balance sheet drawn on 31st December, 2016 included inter alia the following items :

रहतिया (Stock)                                  30,000

लेनदार (Creditors)                           9,000

आग लगने की तिथि तक की अगली अवधि की खाता पुस्तकों से निम्नलिखित विवरण प्राप्त हुए (On examination of the books of account for the subsequent period upto the date of fire, the following particulars were obtained):

विक्रय (Sales)                                                                                                                           1,82,600

लेनदारों को माल के सम्बन्ध में भुगतान (Payment to creditors for goods)         1,47,000

कटौती प्राप्त की (Discount received)                                                                           3,000

माल वापसी (Purchase returns)                                                                                    2,000

21 मई, 2017 को लेनदार ( Creditors as on 21st May, 2017)                              5,600

आग के उपरान्त स्कन्ध की भौतिक जाँच-पड़ताल से पता चला कि 14,000 ₹ का माल सुरक्षित बच गया था। सकल लाभ की दर विक्रय पर 20% है, परन्तु 31 दिसम्बर, 2016 के रहतिये में 12,600 ₹ की कुल लागत का ऐसा माल सम्मिलित था जिसका व्यवसाय बन्ध किया जा चुका था तथा जिसे अगले तीन महीनों में लागत पर बेच दिया था। बीमा कम्पनी से माँगी जाने वाली दावे की रकम की गणना कीजिए।

A physical check of stock after fire showed that items undamaged were of 14,000. The normal rate of gross profit is 20% on sales but the stock on 31st December 2016 included items of discontinued lines to totalling 12,600 which were all sold during the next three months at cost. You are required to calculate the amount of claim to be made to the Insurance Company.

chetansati

Admin

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