BCom 1st Year Regulatory Framework Consumer protection Councils Study Material Notes in Hindi

//

BCom 1st Year Regulatory Framework Consumer protection Councils Study Material Notes in Hindi

BCom 1st Year Regulatory Framework Consumer protection Councils Study Material Notes in Hindi: Central Consumer Protection Council Meeting Council The State Consumer Protection Councils District Consumer Protection Council Examinations Questions Long Answer Questions Short Answer Questions Objectives Types Questions  :

Consumer protection Councils
Consumer protection Councils

BCom 1st Year Consumer Protection Act 1986 An Introduction Study Material Notes in Hindi

उपभोक्ता संरक्षण परिषदें

(Consumer Protection Councils)

उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा एवं संवर्द्धन हेतु इस अधिनियम के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गई। है कि केन्द्र एवं राज्य स्तर पर उपभोक्ता संरक्षण परिषदों की स्थापना की जाए। ये परिषदें। सलाहकार समितियाँ (advisory-bodies) हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अध्याय-II की धारा 4 से 8 उपभोक्ता संरक्षण परिषदों से सम्बन्धित है।

परिषदों की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान के अन्तर्गत देश में निम्न त्रि-स्तरीय उपभोक्ता संरक्षण परिषदों की स्थापना की प्रभावी व्यवस्था की गई है

1 केन्द्रीय स्तर (Central Level) पर केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद (Central Consumer Protection Council)

2. राज्य स्तर (State Level) पर राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद् (State Consumer Protection Council)

III. जिला स्तर (District Level) पर जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद (District Consumer Protection Council)

Regulatory Framework Consumer protection

I.केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद

(Central Consumer Protection Council)

1 स्थापना (Establishment)-धारा 4 के अधीन केन्द्रीय सरकार को यह अधिकार प्रदान किया गया है कि वह अधिसूचना (Notification) जारी करके किसी भी समय केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद की स्थापना कर सकती है। इस प्रकार से जारी की गई अधिसूचना में उक्त परिषद की स्थापना से सम्बन्धित तिथि (Date) का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा।

2. गठन (Organisation)-केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद के गठन में केन्द्रीय सरकार द्वारा निम्न सदस्यों को सम्मिलित किया जाएगा

(a) केन्द्रीय सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग का प्रभारी या मंत्री (Minister) इस परिषद का अध्यक्ष या सभापति होगा।

(b) इस परिषद के अन्य सदस्य, जो अलग-अलग हितों से सम्बन्धित हैं, चाहे वे सरकारी हों अथवा गैर-सरकारी, केन्द्रीय सरकार द्वारा सदस्य के रूप में नियुक्त किए जा सकते हैं। जहाँ तक सदस्यों की संख्या का सवाल है, वह संख्या वही होगी, जिसको भारत सरकार या केन्द्रीय सरकार द्वारा ही निर्धारित भी किया जाए।

3. सदस्यों की संख्या (Number of Members)-उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अनुसार, केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद् में 150 सदस्य होंगे।

4. कार्यकाल (Working Period or Term)-केन्द्रीय संरक्षण परिषद का कार्यकाल या अवधि वर्ष की होगी।

रिक्त स्थान की पूर्ति-यदि इस परिषद का कोई पद रिक्त हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उस पद पर पुन: उसी वर्ग का प्रतिनिधि सदस्य नियुक्त किया जाएगा। ऐसे सदस्य का कार्यकाल परिषद के कार्यकाल की समाप्ति के साथ ही समाप्त हो जाएगा।

5. केन्द्रीय परिषद की सभाएँ (Meeting of Central Council) (धारा 5)

(i) केन्द्रीय परिषद की वर्ष में कम से कम एक सभा होगी। यदि आवश्यक हो तो परिषद् आवश्यकता के अनुसार, जितनी आवश्यक हो, सभाओं का आयोजन कर सकती है।

(ii) केन्द्रीय परिषद की सभा का आयोजन उस स्थान पर एवं उस समय पर किया जाएगा, जो परिषद के अध्यक्ष की दृष्टि में उचित एवं उपयुक्त हो। परिषद की कार्यवाही भी उसी के द्वारा की जाएगी, जिसे केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्धारित किया जाए।

6. सभा की सूचना (Notice of Meeting)-प्रत्येक सभा में भाग लेने के लिए परिषद के सदस्यों को कम से कम 10 दिन पहले सूचित करना या सूचना देना आवश्यक है। सभा की सूचना के साथ सभा का स्थान, समय व कार्यावली भी संलग्न होगी।

7. कार्यविधि के नियम (Rules of Procedure)-सामान्यत: केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण पारषद की सभा की कार्यविधि केन्द्रीय सरकार द्वारा निर्धारित नियमों एवं उपनियमों द्वारा निर्धारित नियमों के अन्तर्गत की जाती है, जो परिषद की नियमावली के अन्तर्गत दिए गए हैं। ।

इसमें सुझाव परामर्शक प्रकृति के होते हैं एवं सदस्यों को यात्रा भत्ता तथा दैनिक भत्ता परिषद द्वारा। निर्धारित दरों के आधार पर ही किया जाता है। इस परिषद में अत्यधिक उपभोक्ता के हितार्थ उपायों एव। विद्यमान नियमों की उपादेयता पर ही विचार कर सझाव के रूप में सरकार को प्रेषित किए जाते हैं।

8. केन्द्रीय परिषद के उद्देश्य (Objects of Central Council) केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद का मुख्य उद्देश्य उपभोक्ता के हितों की रक्षा करना एवं संवर्द्धन करना, भविष्य में आने वाली। कठिनाइयों में क्या उपाय किए जाए, एवं बदलते परिवेश में उपभोक्ता के हितों की रक्षा कैसे की जाए, ये महत्त्वपूर्ण उद्देश्य होते हैं लेकिन अन्य उद्देश्य इस प्रकार हैं

(i) उपभोक्ता के जीवन एवं सम्पत्ति के लिए हानिकारक वस्त. उत्पाद या माल के विपणन के विरुद्ध संरक्षण प्राप्त करने का अधिकार।

(ii) वस्तु, उत्पाद या माल की किस्म, मात्रा, गुण, क्षमता, शुद्धता, मानक, स्तर तथा मूल्य की सचना प्राप्त करने का अधिकार, जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार व्यवहारों से सुरक्षा प्रदान की जा सके।

(iii) वस्तु या उत्पादों को प्रतिस्पर्धात्मक मूल्यों पर उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे उपभोक्ता को आत्म-सन्तुष्टि प्राप्त हो सके।

(iv) उपभोक्ताओं को सुनने व विश्वास दिलाने का अधिकार व उपभोक्ता हितों की रक्षार्थ उचित मंच प्रदान करना।

(v) अनुचित व्यापार-व्यवहार अथवा उपभोक्ताओं का आँख बन्द करके शोषण के विरुद्ध निवारण पाने का अधिकार तथा

(vi) उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार।

II. राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषदें

(The State Consumer Protection Councils)

1 स्थापनाराज्य सरकार अधिसूचना में निर्दिष्ट विधि से राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद् की स्थापना करेगी।

2. गठनराज्य परिषद का गठन निम्नलिखित प्रकार से किया जाएगा(i) राज्य सरकार के उपभोक्ता मामलों का प्रभारी मन्त्री इस परिषद का अध्यक्ष होगा।

(ii) विनिर्दिष्ट हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले निर्धारित संख्या में सरकारी या गैर-सरकारी सदस्य जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किए जाएँ।

(ii) संशोधित अधिनियम 2002 के अनुसार अन्य अधिकारियों, सरकारी अथवा गैरसरकारी अधिकिारियों की संख्या 10 से अधिक नहीं होगी जिनकी नियुक्ति केन्द्रीय सरकार द्वारा हो।

3. सभाएँराज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद की सभा आवश्यकता के समय चाहे जब बुलाई जा सकती किन्तु एक वर्ष में कम से कम 2 सभाएँ होना आवश्यक है।

4. सभाओं का स्थान (Place of Meetings)-राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद की सभा का स्थान वही होगा. जो इसके अध्यक्ष द्वारा उपयुक्त समझे जाने वाले स्थान व समय पर आयोजित की जाएगी।

5. कार्यवाही (Procedure)-राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों व प्रक्रियाओं के अन्तर्गत दस परिषद की कार्यवाही का संचालन किया जाएगा।

6. उद्देश्य (Objects)-उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम का धारा 8 B के अनुसार राज्य उपभोक्ता सरक्षण परिषद के उद्देश्य वही है जो इस अधिनियम की धारा 6 में केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिसर लिए निर्धारित किए गए हैं।

जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद

(District Consumer Protection Council)

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में सन् 2002 में संशोधन किए गए हैं, जिसके द्वारा अधिनियम में। धारा 8A के अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक परिषद का गठन किया जाएगा, जिसका। नाम जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद् होगा।

1 स्थापना (Establishment)-राज्य सरकार एक अधिसूचना जारी करके प्रत्येक जिले के लिए। एक परिषद् की स्थापना करेगी, जिसे जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के नाम से जाना जाएगा।

2. गठन (Organization)-परिषद का गठन निम्नलिखित प्रकार से किया जाएगा

(1) अध्यक्ष (Chairman)-जिले का जिला कलेक्टर, जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद का अध्यक्ष होगा।

सदस्यों की संख्या (Number of Members)-जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद के अन्य सदस्य जो सरकारी हो या गैर-सरकारी, उतनी ही संख्या में नियुक्त किए जाएंगे जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए गए हों।

3. सभाएँ (Meetings)-जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद् में एक वर्ष में कम से कम दो सभाओं का आयोजन करना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त यदि आवश्यक हो तो परिषद कभी भी अपनी सभाओं का आयोजन कर सकती है। ये सभाएँ समय, काल एवं आवश्यकतानुसार आयोजित की जाएंगी।

4. सभाओं का स्थान एवं समय (Time and Place of Meetings)-जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद की सभा का स्थान परिषद् के अध्यक्ष द्वारा निर्धारित किया जाएगा, जो स्थान उनकी दृष्टि में उचित एवं उपयुक्त होगा, वही स्थान सभा का होगा, साथ ही सभा का समय भी अध्यक्ष द्वारा ही निर्धारित किया जाएगा।

5. सभा की कार्यवाही (Procedure of Meeting)-जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद् की सभा की कार्यवाही राज्य सरकार द्वारा निर्धारित नियमों-उपनियमों एवं प्रक्रिया के अन्तर्गत सम्पन्न की जाएंगी।

6. जिला संरक्षण परिषद के उद्देश्य (Object of District Protection Council) धारा 8 B-प्रत्येक जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद का उद्देश्य जिले के अन्तर्गत या भीतर धारा 6 के वाक्यांश (a) से (1) में वर्णित उपभोक्ताओं के अधिकारों का संवर्द्धन तथा उनकी रक्षा करना है। इसके अतिरिक्त उन उद्देश्यों को भी जोड़ा जा सकता है, जो जिले विशेष में उपभोक्ता के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हितों की रक्षा के लिए व्यापक रूप से उचित एवं प्रभावी हो। इनका निर्धारण परिषद् द्वारा स्वयं ही किया जाएगा।

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(Expected Important Questions for Examination)

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

(Long Answer Questions)

1 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्तर्गत गठित केन्द्रीय एवं राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषदों सम्बन्धी प्रावधानों का वर्णन कीजिए।

Describe the provisions relating to Central and Consumer Protection Councils constituted the Consumer Protection Council.

2. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के सन्दर्भ में केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद सम्बन्धी प्रावधानों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

Describe in brief the provisions of Consumer Protection Act, 1986 with regard to Central Consumer Protection Council.

3. निम्नलिखित को परिभाषित कीजिए-

(Explain the followings):

(i) केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद, एवं

Central Consumer Protection Council, or

(ii) राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद

State Consumer protection Council.

लघु उत्तरीय प्रश्न

(Short Answer Questions)

1 केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद पर टिप्पणी लिखिए।

Write a note on Central Consumer Protection Council.

2. राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद पर टिप्पणी लिखिए।

Write a note on State Consumer Protection Council.

3. केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद के गठन एवं उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।

Describe the constitution and objectives of Central Protection Council.

4. जिला उपभोक्ता संरक्षण परिषद क्या है?

What is District Consumer Protection Council?

सही उत्तर चुनिए

(Select the Correct Answer):

1 केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद में सदस्यों की संख्या होती है-

(The number of members in the Central Consumer Protection Council will be):

(अ) 125

(ब) 150 (1)

(स) 250

(द) 50

2. केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण परिषद का कार्यकाल होता है

(Working Period of Central Consumer Protection Council is) :

(अ) 3 वर्ष (3 years) (/)

(ब) 5 वर्ष (5 years)

(स) 2 वर्ष (2 years)

(द) 7 वर्ष (7 years)

Regulatory Framework Consumer protection

 

 

 

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

BCom 1st Year Consumer Protection Act 1986 An Introduction Study Material Notes in Hindi

Next Story

BCom 3rd Year Consumer Dispute Redressal Agencies Study Material Notes in Hindi

Latest from BCom 1st Year Business Regulatory Framework Notes