Bcom 2nd Year Cost Accounting Service and Operating Cost Study Material Notes In Hindi

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परिचालन लागत निर्धारण-विधि का क्षेत्र

(Scope of Operating Costing)

जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया जा चुका है कि इस विधि का प्रयोग उन संस्थाओं द्वारा किया जाता है जो वस्तुओं का उत्पादन करने के स्थान पर सेवायें प्रदान करती हैं। ऐसी संस्थाओं को मुख्यत: अग्रलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है

(1) यातायात सेवायें रेलवे, बस, ट्रक, ट्रामवे, हवाई सेवा, आदि।

(2) आपूर्ति सेवायें-गैस, बिजली, पानी, आदि।

(3) कल्याणकारी सेवायें-अस्पताल, पुस्तकालय, कैण्टीन, होटल, आदि।

(4) मनोरंजन सेवायें-सिनेमा, सर्कस, नाटक, आदि।।

Bcom 2nd Year Cost Accounting Service and Operating Cost Study Material Notes In Hindi

सेवा-लागत इकाई (Service Cost Unit)-लागत निर्धारण की इस विधि में प्रदत्त सेवा की प्रति इकाई लागत ज्ञात करने के लिये सेवा-लागत इकाई का निर्धारण अत्यन्त आवश्यक है। सामान्यतः प्रत्येक संस्था सेवा-लागत की इकाई का निर्धारण अपने-अपने व्यवसाय की प्रकृति के आधार पर करती है। उदाहरणार्थ, एक यात्री परिवहन कम्पनी यह जानना चाहती है कि एक यात्री को एक किलोमीटर की दूरी तक ले जाने की लागत क्या होगी अथवा एक विद्यत कम्पनी के लिए एक किलोवाट विद्यत एक घण्टे तक प्रदान करने की लागत क्या होगी ? यहाँ पर सेवा-लागत इकाई क्रमश: प्रति यात्री किलोमीटर एवं प्रति किलोवाट घण्टा है। संक्षेप में, सेवा-लागत इकाई निम्नलिखित दो प्रकार की होती हैं

(1) सरल (साधारण) लागत इकाई (Simple Cost Unit)-सरल लागत इकाई का निर्धारण केवल एक तत्त्व पर आधारित रहता है। जैसे-यातायात सेवाओं में एक वाहन को चलाने की प्रति किलोमीटर या प्रति मील लागत ज्ञात करना। ।

(2) मिश्रित (संयुक्त) लागत इकाई (Composite Cost Unit)-मिश्रित इकाई से आशय लागत की दो इकाइयों को मिलाकर बनाई गई इकाई से होता है अर्थात् मिश्रित इकाई के निर्धारण में दो तत्वों को सम्मिलित किया जाता है। जैसे–माल परिवहन में, (i) किलोमीटर या मील दूरी एवं (ii) माल का वजन टन या क्विण्टल में, के आधार पर प्रति टन या प्रति क्विण्टल किलोमीटर लागत इकाई मिश्रित इकाई का उदाहरण है। इसी प्रकार यात्री परिवहन सेवा में, (i) तय की गई दूरी (किलोमीटर या मील में) एवं (ii) यात्रियों की संख्या के आधार पर प्रति यात्री किलोमीटर लागत ज्ञात की जाती है। इसी प्रकार यदि कोई विद्युत कम्पनी यह जानना चाहे कि एक किलोवाट विद्युत एक घण्टे तक प्रदान करने पर क्या लागत आती है तो मिश्रित लागत इकाई प्रति किलोवाट घण्टा होगी।

कुछ प्रमुख सेवाओं के सम्बन्ध में लागत की मिश्रित इकाइयाँ निम्नलिखित प्रकार हैं

        सेवा                                                                                                             लागत की इकाई

(1) माल परिवहन (रेलवे, ट्रक, समुद्री अथवा हवाई जहाज)।                  प्रति टन अथवा प्रति क्विण्टल-किलोमीटर

(2) यात्री परिवहन (सरकारी गाड़ी, बस, जहाज, आदि)।                             प्रति यात्री-किलोमीटर

(3) विद्युत वितरण संस्थायें                                                                             प्रति किलोवाट-घण्टा

(4) जल प्रदाय सेवा                                                                                               प्रति 1,000 लीटर

(5) अस्पताल                                                                                             प्रति रोगी-दिवस, प्रति बिस्तर-दिवस

(6) होटल                                                                                                  प्रति कमरा-प्रतिदिन, प्रति यात्री-प्रतिदिन

(7) सिनेमा, थियेटर                                                                                      प्रति व्यक्ति प्रति शो

(8) कैण्टीन                                                                                              प्रति भोजन, प्रति कप चाय, आदि।

 परिचालन लागत की गणना

(Computation of Operating Cost)

परिचालन लागतें सामान्यतः ‘सावधि’ या ‘सामयिक’ लागतें (Periodic Costs) होती हैं क्योंकि ये लागतें एक अवधि विशेष (मासिक, त्रैमासिक, अर्द्ध-वार्षिक या वार्षिक) में प्रदान की गई सेवाओं से सम्बन्धित होती हैं। कुछ दशाओं में परिचालन लागत टर्मिनल लागत (Terminal Cost) भी हो सकती है। जैसे—यदि कोई ट्रान्सपोर्ट कम्पनी किसी कॉलेज के छात्रों के टूर को मैसूर से श्रीनगर लाने व ले जाने की सेवा प्रदान करती है तो इस विशिष्ट सेवा की लागत अलग से उप-कार्य विशेष मानकर ज्ञात की जायेगी।

एक प्रदत्त अवधि में किये गये कुल परिचालन व्ययों की गणना करके सम्बन्धित अवधि में प्रदान की गई सेवा की इकाइयों से भाग करके प्रति इकाई परिचालन लागत ज्ञात हो जाती है।

कुछ विशिष्ट सेवाओं को प्रदान करने की परिचालन लागत ज्ञात करना

(Computation of Operating cost of Specific Services)

विभिन्न सेवा संस्थाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं में काफी भिन्नता होती है। अतः प्रत्येक संस्था की प्रकृति के अनसार परिचालन लागत भी भिन्न-भिन्न प्रकार ज्ञात की जाती है। कुछ प्रमुख सेवा संस्थाआ में व सेवा संस्थाओं में परिचालन लागत निर्धारण-विधि का विस्तृत अध्ययन निम्नलिखित प्रकार है

(1) परिवहन सेवा लागत-निर्धारण

(Transport Service Costing)

परिवहन सेवा लागत-निर्धारण के अन्तर्गत टकों, बसों, टैक्सी या अन्य वाहना द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की पति। इकाई लागत का निर्धारण किया जाता है। परिवहन सेवा लागत-निर्धारण के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं

(1) माल अथवा यात्रियों को ले जाने की किराया दर निश्चित करना;

(2) किराये पर लिये गये वाहनों की लाभप्रदता ज्ञात करना;

(3) विभिन्न प्रकार के वाहनों की तुलनात्मक लागत का ज्ञान प्राप्त करना;

(4) अन्य प्रतियोगियों की लागत से तुलना करना;

(5) व्ययों पर नियन्त्रण स्थापित करना;

(6) निधारित कार्यक्षमता एवं वास्तविक प्रयोग सम्बन्धी समंकों से वाहन का उपयोगिता अनुपात ज्ञात करना।

परिवहन सेवा संस्थाओं में परिवहन लागत-निर्धारण हेतु निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाई जाती है

  • व्ययों का संग्रहण;
  • (ii) व्ययों का वर्गीकरण
  • (ii) उपयुक्त लागत इकाई का चयन
  • (iv) परिचालन लागत विवरण-पत्र तैयार करना।

(i) व्ययों का संग्रहण-परिवहन संस्थाओं में परिचालन लागतों के संग्रहण तथा नियन्त्रण के लिये प्रत्येक वाहन की एक पृथक् दैनिक लॉग बुक (Daily Log Book) रखी जाती है जिससे उस वाहन के परिचालन के सम्बन्ध में विश्लेषणात्मक रूप में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है। दैनिक लॉग बुक का नमूना निम्नलिखित है

दैनिकलॉग बुक की सहायता से निम्नलिखित सूचनायें प्राप्त हो जाती हैं

(1) दिन में कितनी ट्रिप (यात्रायें) की गईं?

(2) वाहन कितने किलोमीटर चला?

(3) कितना माल ढोया गया अथवा कितने यात्री ले जाये गये?

(4) डीजल, पैट्रोल, आदि कितना उपयोग हुआ एवं प्रति किलोमीटर का औसत क्या रहा?

(5) कितने समय वाहन बेकार (खाली) खड़ा रहा तथा उसके क्या कारण थे?”

chetansati

Admin

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