शाखा की स्थायी सम्पत्ति पर हास (Depreciation on Branch Fixed Assets) : शाखा की स्थायी सम्पत्तियों, जैसे प्लाण्ट व मशीनरी, फर्नीचर तथा फिक्सचर आदि के खाते प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में खोले जाते हैं। ऐसी स्थिति में हास का लेखा निम्न प्रकार होता है :
शाखा की पुस्तकों में :
Depreciation Account Dr.
To Head Office Account Or H.O. Current Account
(Being Depreciation on Fixed Asset is charged)
प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में :
Branch Account Or Branch Current Account Dr
To Particular Branch Asset Account
(Being Depreciation on Branch Fixed Asset is charged)
शाखाओं में आपसी लेन-देन (Inter-branch Transactions): जब एक ही प्रधान कार्यालय की अनेक शाखायें होती हैं तो उनमें माल या धन का लेन-देन होना स्वाभाविक ही है। इन व्यवहारों को अन्तर-शाखा लेन-देन (Inter-Branch Transactions) कहते हैं और इनका लेखा करने की निम्न दो विधियाँ हैं:
प्रथम विधि के अनुसार शाखायें अपनी-अपनी पुस्तकों में अन्य शाखाओं के चालू खाते (Current Accounts of Other Branches) खोलती है। वर्ष के अन्त में इन खातों के शेष, जो डेबिट या क्रेडिट हो सकते हैं, शाखा के तलपट आते हैं और प्रधान कार्यालय इन्हें शाखा की सम्पत्ति अथवा दायित्व के रूप में चिटे में दिखाता है।
द्वितीय विधि के अन्तर्गत शाखाओं को एक दूसरे का चालू खाता खोलने की अनुमति नहीं होती वरन् व्यवहारों का लेखा प्रधान कार्यालय के माध्यम से किया जाता है। उदाहरण के लिये, लखनऊ शाखा से कानपुर शाखा को माल भेजा गया, तो इसका लेखा निम्न प्रकार किया जायेगा
लखनऊ शाखा की पुस्तकों में :
Head Office Account Or Head Office Current Account – Dr.
To Goods Account
(Being Goods Sent to Kanpur Branch on H.O. Instructions)
कानपुर शाखा की पुस्तकों में :
Goods Account Dr.
To Head Office Account Or Head Office Current Account
(Being the Receipt of Goods from Lucknow Branch on H.O. Instructions)
प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में :
Kanpur Branch Account Or Kanpur Branch Current Account Dr.
To Lucknow Branch Account Or Lucknow Branch Current Account
(Being Goods transferred from Lucknow Branch to Kanpur Branch)
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शाखा खाते तथा प्रधान कार्यालय खाते में समायोजन (Adjustment between Branch Account Or Branch Current Account and Head Office Account Or Head Office Current Account): सामान्यतया प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में शाखा खाते का शेष तथा शाखा की पुस्ताकें में प्रधान कार्यालय खाते का शेष एक ही होना चाहिये। केवल यह अन्तर होना चाहिये कि दोनों खातों के शेष एक दूसरे के विपरीत हों। परन्तु ऐसा बहुत कम होता है। इसके निम्न कारण हैं :
मार्गस्थ रोकड (Remittance-in-Transit): प्रायः शाखा मुख्य कार्यालय को कछ रुपया भेजती है जो अन्तिम खाते बनाये जाने की तिथि तक मुख्य कार्यालय को प्राप्त नहीं होता। शाखा तो मुख्य कार्यालय खाते को उसी समय डेबिट कर देती है जब वह रुपया भेजती है परन्तु मुख्य कार्यालय शाखा खाते को क्रेडिट उस समय करेगा, जब उसे भुगतान प्राप्त होगा, अतः खातों में अन्तर आ जायेगा। इसका समायोजन शाखा अपनी पुस्तकों में निम्न प्रकार करेगी :
Cash-in-Transit Account Dr.
To Head Office Account Or Head Office Current Account
(Being the Adjustment for Cash-in-Transit)
मार्गस्थ रोकड़ खाता चिट्टे में सम्पत्ति की ओर दिखाया जायेगा और आगामी वर्ष के प्रारम्भ में शाखा खाते के डेबिट पक्ष में। लिखा जायेगा। यदि रुपया प्रधान कार्यालय ने शाखा को भजा है तो यह समायोजन प्रधान कार्यालय करेगा। __
मार्गस्थ माल (Goods-in-Transit) : यदि प्रधान कार्यालय ने शाखा को माल भेजा है जो शाखा को अन्तिम खाते बनाये जाने की तिथि तक नहीं प्राप्त हुआ है, तो इसके कारण भी प्रधान कार्यालय खाते और शाखा खाते के शेषों में अन्तर हो जायेगा। इसके लिए निम्न समायोजन लेखा प्रधान कार्यालय की पुस्तकों में होगा :
Goods-in-Transit Account Dr.
To Branch Account Or Branch Current Account
(Being the Adjustment of Goods in-Transit)
मार्गस्थ माल खाता (Goods-in-Transit Account) संयुक्त चिट्ठे में सम्पत्ति पक्ष में दिखाया जायेगा और वर्ष के आरम्भ में। शाखा खाते के नाम में हस्तान्तरित कर दिया जायेगा। यदि माल शाखा ने प्रधान कार्यालय को भेजा है जो मार्गस्थ है, तो यह लेखा शाखा की पुस्तकों में होगा।
मुख्य कार्यालय की ओर से शाखा द्वारा भुगतान कर देने पर
(Payment Made by the Branch on Behalf of Head Office)
शाखा की पुस्तकों में :
Head Office Account Or Head Office Current Account Dr.
To Bank Account Or Cash Account
(Being Payment made on the behalf of H.O.)
मुख्य कार्यालय की पुस्तकों में:
Particular Account Dr
To Branch Account Or Branch Current Account
(Being the Payment of ……made by the Branch)
मुख्य कार्यालय का रुपया शाखा द्वारा वसूल कर लेने पर
(Head Office Money Collected by the Branch)
शाखा की पुस्तकों में :
Cash Account Or Bank Account Dr
To Head Office Account Or Head Office Current Account
(Being the Payment Received on behalf of H.O.)
मुख्य कार्यालय की पुस्तकों में :
Branch Account Or Branch Current Account
To Particular Account
(Being the Payment of……collected by the Branch)
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