BCom 1st Year Hire Purchase System Study Material Notes In Hindi

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किराया-विक्रेता की पुस्तकों में लेखे :

Table of Contents

(Accounting Records in the Books of Hire-Seller or Hire-Vendor)

किराया-विक्रेता की पुस्तकों में लेखा करने के लिये एक ही विधि है, जिसका विवरण निम्नलिखित है :

(1) किराया-क्रय समझौते पर माल के रोकड़ मूल्य (Cash Price) की धनराशि से किराया-क्रेता खाते (Hire-Purchaser’s Account) को डेबिट और किराया-विक्रय खाते (Hire Sales Account) को क्रेडिट करते हैं:

Hire Purchaser’s Account                                                         Dr.

To Hire-Sales Account

(For Goods Sold on Hire-Purchase System)

नोट : कुछ लेखापालक Hire-Sales Account के स्थान पर केवल Sales Account लिखते हैं, लेकिन यदि विक्रेता Cash-Sales | एवं Hire-Sales दोनों करता है, तो उन दोनों प्रकार की बिक्री में अन्तर करने के लिए Hire-Sales ही लिखना उपयुक्त होगा।

(2) किराया-क्रय समझौते पर हस्ताक्षर होने के समय यदि किराया-विक्रेता ने कोई धनराशि प्राप्त की है. तो रोकड /बैंक खाते । को डेबिट और किराया-क्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है : ।

Cash/Bank Account                                                                    Dr.

To Hire-Purchaser’s Account

(For Cash Received on the date of Hire-Sales)

नोट : यदि किराया-क्रय समझौते की तिथि पर कोई धनराशि किराया-विक्रेता द्वारा नहीं प्राप्त की गयी है, तो यह प्रविष्टि नहीं। की जायेगी।

(3) प्रत्येक किश्त की देय तिथि पर प्राप्त होने वाली ब्याज की धनराशि से किराया-क्रेता खाते को डेबिट और ब्याज खाते को | क्रेडिट किया जाता है :

Hire Purchaser’s Account                                                       Dr.

To Interest Account

(For Amount of Interest Due on Unpaid Balance)

(4) प्रत्येक किश्त की धनराशि प्राप्त होने पर रोकड़/बैंक खाते को डेबिट और किराया-क्रेता खाते को क्रेडिट किया जाता है :

Cash/Bank Account                                                                Dr.

To Hire-Purchaser’s Account

(For Amount of ……. Instalment Received)

(5) किराया-बिक्री के खाते को वर्ष के अन्त में बन्द करने के लिए, किराया-बिक्री खाते को डेबिट और व्यापारिक खाते को क्रेडिट किया जाता है :

Hire Sales Account                                                                 Dr

To Trading Account

(For Transfer of Amount of Hire-Sales A/c to Trading A/c)

(6) प्रत्येक वर्ष के अन्त में ब्याज खाते को लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित करने के लिये ब्याज खाते को डेबिट और लाभ-हानि खाते को क्रेडिट किया जाता है :

Interest Account                                                                     Dr.

To Profit & Loss Account

(For Transfer of Amount of Interest A/c 10 P. & L. A/C) नोट : जब तक सभी किश्तों की राशि प्राप्त नहीं हो जाती तब तक लेखे नं. 3, 4, 6 प्रत्येक वर्ष किये जायेंगे।

ब्याज की गणना

(Calculation of Interest)

किराया-क्रय समझौते के अन्तर्गत किराया-क्रेता किराया-विक्रेता को किश्तों में भुगतान करता है। किराया-विक्रेता किश्तों में माल के मूल्य के साथ-साथ ब्याज की धनराशि भी वसूल करता है। यदि किराया-क्रय अनुबन्ध करते समय किराया-क्रेता कुछ धनराशि का भुगतान करता है, तो अगली किश्त की देय तिथि पर क्रय करने की तिथि पर बची हुई शेष धनराशि पर दी हुई दर से ब्याज की धनराशि निकाली जाती है और यदि किश्त की धनराशि में ब्याज सम्मिलित हैं तो किश्त की धनराशि में से इस प्रकार से निकाली गई ब्याज की धनराशि घटाकर किस्त की मूल राशि (Principal Value) ज्ञात कर ली जाती है और इस प्रकार प्रत्येक किश्त की देय तिथि पर उसके पिछली किश्त को देय तिथि पर बचे हुये शेष पर ब्याज की गणना करते हैं। अन्तिम किश्त देय होने पर इस विधि के अनुसार ब्याज की गणना नहीं करनी चाहिये अपितु किश्त की धनराशि में से सम्पत्ति के रोकड़ मूल्य की उस धनराशि को घटा देना चाहिये जो अन्तिम किश्त की देय तिथि तक भुगतान होने से बच गई है। इस प्रकार घटाने के बाद प्राप्त शेष धनराशि को ही ब्याज की धनराशि मान ली जाती है।

BCom 1st Year Hire Purchase System Study Material Notes In Hindi

उदाहरणों द्वारा स्पष्टीकरण

(Explanation by Illustrations)

 [1] जब किश्त की धनराशि में ब्याज की धनराशि सम्मिलित होती है और ब्याज की दर दी है :

उदाहरण 1. दिनांक 1-1-2006 को भारत कोयला कम्पनी ने एक मशीनरी मोहन कम्पनी से किराया-क्रय पद्धति पर क्रय की। मशीनरी का नकद मूल्य 11,170 रु० था और उसका भुगतान निम्न विधि से किया जाना था :

समझौते पर हस्ताक्षर होते समय 3.000 रु0 तथा शेष रकम 3,000 रु0 की तीन किश्तों में प्रत्येक वर्ष के अन्त में देय थी। माहन कम्पनी द्वारा 5% वार्षिक ब्याज लिया जाना था। भारत कोयला कम्पनी ने मशीनरी के घटते हए शेष पर प्रति वर्ष 10% हास। काटना निश्चित किया।

किराया-क्रेता की पुस्तकों में दोनों पद्धतियों से एवं किराया-विक्रेता की पुस्तकों में आवश्यक जर्नल प्रविष्टियाँ कीजिये तथा । आवश्यक खाते भी बनाइये।

On 1-1-2006 Bharat Coal Co. bought a Machinery from Mohan Co. on Hire-Purchase System. The Cash Price of the Machinery was Rs. 11,170 and the Payment was to be made by the following method:

Rs. 3,000 was to be paid on signing the agreement and the balance in three Instalments of Rs. 3,000 each payable at the end of each year. Insterest is charged by Mohan Co. @ 5% p.a. Bharat Coal Co. has decided to write off 10% annually on the diminishing balance of the value of Machinery as Depreciation.

Record the necessary Journal Entries in the Books of Hire Purchaser by both methods and in the Books of Hire Vendor and also prepare necessary Accounts.

Note: Depreciation Account तथा Interest Account प्रथम विधि के अनुसार ही बननें ।

(Depreciation Account  and Interest  Account will be  Prepared as per First Method)

नोट : विद्यार्थियों की सुविधा एवं ज्ञानार्थ यह बताना चाहते हैं कि किराया क्रय पद्धति में जिस सम्पत्ति को क्रय किया जाता है उसे तब तक क्रय नहीं माना जा सकता है जब तक कि सभी किश्तों की अदायगी नहीं हो जाती। इसके बावजूद भी हम हास एवं ब्याज का लेखा करते हैं। लाभ-हानि की गणना भी करते हैं। अतः इन सब बातों को ध्यान में रखते हुये हमने आगे सभी उदाहरणों के हल किराया-क्रेता की पुस्तकों में द्वितीय पद्धति से किये हैं, जिसे व्यवहार में काफी हद तक सही माना जाता है।

उदाहरण 2. 1 जनवरी, 2007 को X ने एक स्कूटर, स्कूटर्स लि0 से किराया क्रय पद्धति पर खरीदा। भुगतान 2,000 रु0 की चार अर्द्धवार्षिक किश्तों में किया जाना था। स्कूटर का रोकड़ मूल्य 7,093 रु० था। स्कूटर्स लि0 10% वार्षिक ब्याज लगाती है। X स्कूटर्स की मूल लागत पर 20% वार्षिक दर से हास काटता है। X और स्कूटर्स लि. की पुस्तकों में आवश्यक खाते बनाइए। गणना निकटतम रुपए तक कीजिए।

On 1st January, 2007 X purchased a Scooter from Scooters Ltd. on Hire-Purchase System. Payment is to be made by four half yearly Instalments of Rs. 2,000 each. The cash price of the Scooter is Rs. 7.093. Scooters Ltd. charges Interest @ 10% per annum. X provides Depreciation @ 20% per annum on Original Cost of the Scooter. Open necessary Accounts in the Books of X and in the Books of Scooters Ltd. Calculations to be made to the nearest Rupee.

उदाहरण 3. 1 अप्रैल, 2005 को नेशनल ट्रांसपोर्ट कम्पनी लि0 ने किराया-क्रय पद्धति पर भारत मोटर्स लि० से तीन ट्रक खरीदे । भुगतान 3,00,000 रु की तीन समान किश्तों में 31 मार्च 2006 ,2007 तथा 2008 को होना है । सुपुर्दगी पर ट्रकों का नकद मूल्य 8,17,000 रु था । विक्रेता वार्षिक  शेष पर 5% वार्षिक दर से व्याज लगाता है । क्रेता 25% वार्षिक दर से घटते हुए मूल्य पर ह्रास प्रति वर्ष 31 मार्च को लगाता है ।

क्रेता की पुस्तकों में उपर्युक्त व्यवहारों को लिखने के लिए लेजर खाते बनाइये तथा दिखाइये कि वे चिट्ठां में 31 मार्च 2007 को किस तरह लिखे जायेंगे।

On 1st April, 2005 the National Transport Company Ltd. bought three Trucks on the Hire Purchase System from Bharat Motors Ltd. Payment was to be made by three equal Instalments of Rs. 3,00,000 each on 31st March, 2006, 2007 and 2008. The Cash Price of the Trucks on the delivery was Rs. 8,17,000. The Vendor charges interest at 5% p.a. on the yearly balance. The Purchaser write off 25% on the diminishing value as Depreciation for each year on 31st March.

Write up the Ledger Accounts to record the above transactions in the Books of the Purchaser and show how they would appear in the Balance Sheet on 31st March, 2007.

Note: This Question has been solved by the Second Method.

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

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