[VI] किश्त की धनराशि में अतिरिक्त ब्याज सम्मिलित करना :
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कभी-कभी प्रश्न में किश्तों की धनराशि में ब्याज सम्मिलित नहीं होता है अर्थात रोकड़ मूल्य को किश्तों में विभाजित कर दिया। जाता है और ब्याज की दर दे दी जाती है। ऐसी स्थिति में किश्त की धनराशि में ब्याज जोड़कर कुल भुगतान की जाने वाली धनराशि की गणना की जाती है।
उदाहरण 9.1 जनवरी, 2005 को मैसर्स क्वालिटी ड्राइक्लीनर्स ने एक मशीनरी किराया-क्रय पद्धति पर क्रय की। मशीनरी का नकद मूल्य 12,000 रु0 है, सुपुर्दगी पर 4,000 रु0, 2,000 रु0 की चार वार्षिक किश्तों में भुगतान किया जाना है। इसके अतिरिक्त वार्षिक शेषों पर 10% ब्याज दिया जाता है। मैसर्स क्वालिटी ड्राइक्लीनर्स की पुस्तकों में, यह मानते हुए कि मशीनरी पर 20% वार्षिक हास घटते हुए शेष पद्धति पर लगाया जाना है, मशीनरी खाता, विक्रेता खाता, ब्याज खाता और हास खाता बनाइये और 31-12-2008 के आर्थिक चिट्ठे में मशीनरी को दिखाइए।
On 1st January, 2005 MIS Kwality Drycleaners purchased a Machinery on Hire-Purchase System. The Cash Price of the Machinery is Rs. 12,000. The Cash Deposit is Rs. 4,000 and four annual Instalments of Rs. 2.000 each are to be paid. In addition, Interest is to be paid @ 10% on yearly balance. In the Books of M/s Kwality Drycleaners prepare Machinery Account, Vendor’s Account, Interest Account and Depreciation Account, assuming 20% Depreciation on the basis of Diminishing Balance Method and show the value of Machinery to be shown in the Balance Sheet on 31-12-2008.
[VII] वार्षिक सारणी (Annuity Table) द्वारा रोकड़ मूल्य ज्ञात करना :
जब किराया-क्रय पद्धति की किश्तों की धनराशि (रोकड़ मूल्य + ब्याज) दी जाती है तथा वार्षिकी दर (Annuity Rate) दी रहती है लेकिन रोकड़ मूल्य नहीं दिया जाता है तो किश्त की धनराशि से वार्षिकी दर को गणा करके रोकड़ मूल्य ज्ञात कर लिया। जाता हैं। तत्पश्चात् गणना तालिका बनाकर प्रत्येक किश्त पर ब्याज पिछले उदाहरणों के आधार पर ज्ञात कर लिया जाता है। इस सम्बन्ध में यह बात स्मरणीय है कि सभी किश्तों की धनराशि समान होनी चाहिये।
उदाहरण 10. Yजनवरी, 2004 को अरविन्द ऑयल मिल ने किराया क्रय पद्धति के आधार पर पाँच वर्षों की अवधि में। भुगतान करने के लिये एच० एम० टी० कम्पनी से 7,000 रु० वार्षिक देय किश्तों के आधार पर एक मशीनरी क्रय की। एच० एम० टा० कम्पनी 5 प्रतिशत वार्षिक दर पर वार्षिकी शेषों पर ब्याज वसूल करती है। हास 10 प्रतिशत वार्षिक क्रमागत शेष हास पद्धति से काटा जाता है। अरविन्द ऑयल मिल की पुस्तकों में आवश्यक खाते बनाइए।
5 वर्ष के लिये 1 रु0 की वार्षिकी का वर्तमान मूल्य 5 प्रतिशत की दर से 4.329477 रुपये है।
On 1st January, 2004 Arivind Oil Mill purchased a Machinery from H.M.T. Co. on the Hire-Purchase System ver a period of 5 years payable by annual Instalments of Rs.7.000. H.M.T. Co. charges Interest a 5% p.a. on the yearly balance. Depreciation is charged @ 10% p.a. on the Diminishing Balance Method. Show the necessary Accounts in the Books of Arvind Oil Mill.
The Present Value of an Annuity of Re. I for 5 years @ 5% is Rs. 4.329477.!
[VIII] जब किश्तों की धनराशि में ब्याज सम्मिलित होता है, ब्याज की दर दी होती है, लेकिन रोकड़ मूल्य नहीं दिया रहता है ।
जब सभी किश्तों की धनराशि समान होती है तो वार्षिक दर से रोकड धनराशि की गणना की जा सकती है. लेकिन यदि किश्तों की धनराशि असमान है तो रोकडं मूल्य की गणना करने के लिए इसे विपरीत क्रिया विधि (Work Back Method ) से निकाला जाता है ।
(1) सर्वप्रथम अन्तिम किश्त में सम्मिलित ब्याज की धनराशि की गणना निम्न प्रकार की जाती है :
Interest On Last Instalement = Rate of Interest *Amount of last Instalement
100+ Rate of Interest
(2) अन्तिम किश्त के व्याज को अन्तिम किश्त की धनराशि में से घटाकर अन्तिम किश्त की मूल धनराशि ज्ञात की जाती है। और इस मूल धनराशि को अन्तिम किश्त से पूर्व की किश्त में जोड़कर उसे, Rate of Interest से गुणा करत हैं तो उस किश्त में सम्मिलित ब्याज निकल आता है। 100 + Rate of Interest
(3) इस व्याज की धनराशि को अन्तिम किश्त से पूर्व की किश्त की धनराशि में से घटाकर अन्तिम किश्त से पर्व की कित धनराशि ज्ञात की जाती है। अब इन दोनों किश्तों की मूल धनराशियों को इनसे पहले वाली किश्त की धनराशि में जोडकर उपरोक्त विधि से ब्याज और मूल धनराशि ज्ञात करनी चाहिए।
(4) इसी प्रकार प्रथम किश्त तक यही विधि अपनाकर सभी किश्तों की मूल धनराशियों में क्रय की तिथि पर नकद भुगतान की जाने वाली धनराशि को जोड़कर, रोकड मूल्य की गणना करते हैं।