BCom Insolvency And Bankruptcy Code-2016 Notes In Hindi

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भुगतान की प्राथमिकता (धारा 178)

निम्नलिखित प्राथमिकता के क्रम में भुगतान किया जायेगा

(1) दीवालियापन संकल्प लागत और परिसमापन लागत।

(2) सुरक्षित लेनदारों का ऋण (जिन्होंने अपनी सुरक्षा ब्याज को छोड़ दिया हो) एवं कार्यकर्ताओं की बकाया राशि

(परिसमापन के 24 महीनों पूर्व तक की)।

(3) कर्मचारियों की मजदूरी और बकाया वेतन (उपर्युक्त को छोड़कर) परिसमापन से पूर्व बारह माह से सम्बन्धित।।

(4) असुरक्षित लेनदारों का वित्तीय ऋण एवं कार्यकर्ताओं की बकाया राशि।

(5) सुरक्षा ब्याज के भुगतान के बाद सुरक्षित लेनदारों के ऋण की राशि।

(6) शेष ऋण की राशि।

(7) पूर्वाधिकारी अंशधारी।

(8) समता अंशधारी अथवा साझेदार।

नियामक तन्त्र

(Regulatory Mechanism)

दिवालिया और ऋण अक्षमता संहिता 2016 नियामक तन्त्र के निम्नलिखित पाँच महत्त्वपूर्ण स्तम्भों को प्रदान करता है जिनके माध्यम से दिवालियापन की पूरी प्रक्रिया को अंतिम रूप तक पहुँचाता है।

(i) दिवालिया एवं ऋण अक्षमता बोर्ड ऑफ इण्डिया

(ii) दिवालिया पेशेवर एजेसीज

(iii) दिवालिया पेशेवर

(iv) सूचना उपयोगिताएँ

(v) न्यायायिक प्राधिकारी

प्रश्नावली

1. दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड (IBC)-2016 से क्या आशय है? विवेचना कीजिए।

2. दिवाला एवं शोधन अक्षमता फोड-2016 की कौन कौन-सी मुख्य बाते हैं?

3 दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड-2016 के अनुसार भुगतान के पूर्वाधिकार की सूची दीजिए।

4. दिवाला एवं शोधन अक्षमता कोड-2016 के अनुसार व्यक्तियों एवं साझेदारी फर्म के लिए दिवालिया प्रक्रिया कैसे प्रारम्भ होगी?

5. टिप्पणी लिखिये

(a) ऋण वसूली न्यायधिकरण (DRT)

(b) राष्ट्रीय कम्पनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT)

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chetansati

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