BCom 1st Year Insurance Claims Study Material Notes in Hindi

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टिप्पणियाँ :

Table of Contents

(1) कुल क्रय 1,99,0000 ₹ में से 3,450 ₹ असामान्य माल की लागत घटाने के बाद शेष 1,95,550 ₹ सामान्य माल की लागत होगी।

(2) Closing Stock को लागत पर दिखाने के लिए 1,150 ₹ की वह राशि जोड़ दी जायेगी जो

अपलिखित की जा चुकी है। अत: Closing Stock की कुल लागत होगी 39,800 + 1,150 = 40,950 ₹। इसमें से असामान्य माल की लागत 3,450 ₹ घटाने के पश्चात् शेष 37,500 ₹ (40,950 ₹ – 3,450 र) माल की लागत होगी।

(3) गत वर्ष के अन्तिम स्टॉक अगले वर्ष प्रारम्भिक स्टॉक होता है।

(4) कुल बिक्री                                                                     1,15,600

घटा : असामान्य माल की बिक्री (1,725 ₹ – 125 २)     1,600

शेष सामान्य माल की बिक्री                                              1,14,000

(5) असामान्य माल के स्टॉक 3,450 ₹ में से 1,725 ₹ की लागत का माल बिक गया और शेष 1,7257

का माल आग लगने के दिन स्टॉक में सम्मिलित था।

(6) यह शेष राशि (Balancing figure) है।

Illustration 12.

30 सितम्बर, 2017 को संदीप का स्टॉक आग दुर्घटना में नष्ट हो गया। निम्न विवरण से नष्ट हुए स्टॉक का मूल्य निकालिए

(On 30th September, 2017 the stock of Sandeep was destroyed by fire. From the following | particulars find out the value of stock destroyed):

रु

स्टॉक लागत पर 1-4-2016 को (Stock of cost on 1-4-2016)                                 37,500

स्टॉक लागत पर 31-3-2017 को (Stock of cost on 31-3-2017)                           52,000

31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष की वापसी घटाकर विक्रय

(Purchases less returns for the year ended 31st March, 2017)                2,53,750

31 मार्च, 2017 को समाप्त वर्ष की वापसी घटाकर विक्रय

(Sales less returns for the year ended 31st March, 2017)                         3,15,000

30 सितम्बर, 2017 तक के वापसी घटाकर क्रय

(Purchases less returns upto 30th Sept. 2017)                                            1,45,000

30 सितम्बर, 2017 तक के वापसी घटाकर विक्रय

(Sales less returns up to 30th Sept. 2017)                                                    1,84,050

31 मार्च, 2017 को स्टॉक का मूल्यांकन करते समय ह्रास के कारण ऐसे स्टॉक का 50% अपलिखित किया गया जिसकी मूल लागत 6,000 ₹ थी। मई 2017 में इस स्टॉक का 3/4 भाग अपनी मूल लागत के 90% पर बेच दिया गया और अब आशा की जाती है कि बेकार वाला स्टॉक भी इसी कीमत पर बिकेगा। उपर्युक्त के अधीन सकल लाभ सदैव एक-सा रहता है। 7,350 ₹ का स्टॉक आग से बचा लिया गया।

In valuing the stock on 31st March, 2017 due to obsolenscence 50% of the value of stock which originally cost₹6,000 had been written off. In may, 2017 three fourths of this stock had been sold at 90% of the original cost and it is now expected that remaining part of this stock would also realise the same price. Except to the above, gross profit rate had remained uniform throughout. Stock to the value of₹7,350 was salvaged.

टिप्पणियाँ : (1) कुल क्रय 2,63,750 में से 6,000 ₹ असामान्य माल की लागत घटाने के पश्चात् 2,47,750 ₹ सामान्य माल की लागत होगी।

(2) Closing Stock को लागत दिखाने के लिए 3,000 ₹ की वह राशि जो अपलिखित की जा चुकी है।

अत: Closing Stock की कुल लागत 55,000 ₹ (52,000 ₹ + 3,000 १) होगी। इसमें से असामान्य माल की लागत 6,000 ₹ घटाने के पश्चात् शेष 49,000 ₹ सामान्य माल की लागत होगी।

(3) यह शेष राशि (Balancing figure) है।

(4) कुल बिक्री                                                                                          1,84,050

घटा : असामान्य माल की बिक्री (6,000×3/4×90/100)                 4,050

सामान्य माल की बिक्री                                                                         1,80,000

(5) शेष 1/4, असामान्य माल अथवा 1,500 ₹ (6,000 ₹x 1/4) का मूल्यांकन 90% पर किया गया है

जो 1,350 ₹ (1,500×90/100) बनते हैं।

Illustration 13.

विजय शूज कम्पनी को 10 मई, 2017 को आग लगने के कारण स्टॉक की हानि हुई। निम्नलिखित आँकड़ों से दावे की राशि के लिए विवरण तैयार कीजिए।

(Vijay Shoes Co. suffered a loss of stock due to fire on 10 May, 2017. From the following figure, prepare a statement showing the claim to be lodged):

रहतिया 1 जनवरी, 2016 को (Stock on 1st January, 2016)                                                                             26,000

2016 के दौरान क्रय (Purchases during the year 2016                                                                                 1,50,000

2016 के दौरान विक्रय (Sales during the year 2016)                                                                                        2,02,000

31 दिसम्बर, 2016 को अन्तिम रहतिया (Closing Stock on 31st December, 2016)                              22,400

1-1-2017 से 10-5-2017 तक क्रय (Purchase Form 1st January 2017 to May 10 ,2017                60,000

1-1-2017 से 10-5-2017 तक क्रय (Sales Form 1st January 2017 to May 10, 2017                          51,400

स्टाँक की एक मद जिसे 2015 वर्ष में 10,000 रु की लागत पर क्रय किया था , 31 दिसम्बर 2015 को 6,000 रु पर मूल्यांकित किया गया । इस स्टाँक का आधा भाग 2016 मं 2,600 में बेच दिया गया , शेष का मूल्याकंन 31 दिस्मबर 2016 को 2,400 किया गया । वास्तविक मूल्य का ¼ भाग मार्च 2017 में 1,400 में बेच दिया । शेष स्टाँक वास्तविक लागत के 60% मूल्य का आंकडां किया । दोषित माल को छोडंकर सकल लाभ की दर कायम रखी गई । बचा हुआ माल 12,000 रु का था । पाँलिसी 30,000 रु की ली गई थी ष जसमें औसत वाक्य का प्रावधान था ।

An item of stock purchased in 2015 at cost 10,000 was valued at 6,000 on 31st December, 2015. Half of this stock was sold in 2016 for 2,600; the remaining was valued at 2,400 on 31st December, 2016. One fourth of the original stock was sold in March, 2017 for 1,400. The remaining stock was considered to be worth 60% of the original cost. Except these damaged goods, rate of gross profit was maintained. Salvage was 12,000. The amount of the policy was 30,000. There was ar average clause in the policy.

टिप्पणियाँ :

1. कुल प्रारम्भिक रहतिया (1.1.2016)                                                                             26,000

(घंटा) असामान्य माल का स्टॉक (1.1.2016)                                                                    6,000

शेष सामान्य माल का स्टॉक (1.1.2016)                                                                            20,000

2. असमान्य माल के स्टॉक की वास्तविक लागत                                                               10,000

(घंटा) इस स्टॉक का आधा भाग 2016 में बेच दिया अर्थात् (10,000 x 1/2)               5,000

शेष स्टॉक की लगात                                                                                                               5,000

(घंटा) 2017 में वास्तविक लागत का 1/4 भाग बेच दिया अर्थात् (10,000 x 1/4)  2,500

शेष स्टॉक की वास्तविक लागत (10.5.2017)                                                                 2,500

शेष स्टॉक का मूल्यांकन उसकी वास्तविक लागत के 60% मूल्य पर मूल्यांकित किया गया। अतः

2,500 x 60/100 = 1,500 ₹

3. ये शेष राशियाँ (Balancing figure) हैं।

लाभों की हानि, परिणामी हानि तथा अनुवर्ती हानि का दावा

(Claim for Loss of Profit or for Consequential Loss)

एक सामान्य अग्नि बीमा पॉलिसी केवल मूर्त स्थायी सम्पत्तियों के रहतिये की हानि की सुरक्षा प्रदान करती है परन्तु आग लगने से न केवल सम्पत्तियाँ व रहतिया ही नष्ट होता है वरन् कुछ समय तक व्यवसाय भी बन्द हो जाता है। अतः समस्त व्यवसाय अस्त-व्यस्त हो जाता है, बाजार व्यवसायी के हाथ से निकल जाता है और उसकी लाभ कमाने की क्षमता कम हो जाती है। यह क्षमता उस समय तक कम रहती है जब तक कि व्यवसाय का पुर्नस्थापन नहीं हो जाता। इसलिए आग लगने की तिथि से व्यवसाय की पुर्नस्थापना की तिथि तक की अवधि में बिक्री एवं उत्पादन सामान्य रूप से नहीं हो पाता जिसके फलस्वरूप अर्जित होने वाले लाभों में कमी आ जाती है, जिसे लाभ की हानि (Loss of Profit) या परिणामी हानि या अनुवर्ती हानि, (Consequential Loss) कहते हैं। इस हानि से बचने के लिए सामान्य पॉलिसी के अतिरिक्त बीमा कम्पनियाँ एक विशेष प्रकार की पॉलिसी देती हैं जिसे ‘लाभों की हानि की पॉलिसी’ (Loss of Profit Policy) या परिणामी या अनुवर्ती हानि की पॉलिसी (Consequential Loss Policy) कहते हैं।

आग लगने से होने वाली परिणामी हानियाँ (Consequential Losses due to Fire)

‘लाभों की हानि पॉलिसी’ में निम्नलिखित तीन प्रकार की हानियों को सम्मिलित किया जाता है :

(1) लाभ को हानि (Loss of Profit) : कछ समय व्यवसाय बन्द हो जाने के कारण जो लाभ हो सकता था अथवा उसके न होने की हानि।

(2) स्थायी व्ययों की हानि : लाभ की हानि के अतिरिक्त एक हानि व्यय के रूप में होती है। कुछ व्यय स्थायी प्रकृति के होते हैं जैसे भवन का किराया, कर्मचारियों का वेतन, पूँजी या ऋण पर ब्याज आदि। ये ऐसे व्यय होते हैं जिसका सम्बन्ध समय से होता है और व्यवसायी को अनिवार्य रूप से भुगतान करने पड़ते हैं, भले ही व्यावसाय कुछ समय के लिए बन्द रहा हो। व्यवसायी को यह स्पष्ट करना पड़ता है वह कौन से स्थायी व्ययों (Standing Charges) या (Period) का बीमा करना चाहते हैं। इन्हें अवधि लागत (Period Cost) भी कहते हैं।

(3) अतिरिक्त संचालन व्यय (Additional Operating Expenses) : व्यवसाय को सामान्य स्थिति में लाने के लिए अतिरिक्त संचालन व्यय भी भुगतान करने पड़ सकते हैं। जैसे व्यावसायिक भवन में सफेदी व रंग-रोगन, अस्थायी तौर पर . दूसरा भवन किराये पर लेकर व्यवसाय आरम्भ रखना आदि।

लाभों की हानि के दावे की गणना (Computation of Claim under Loss of Profit Policy)

लाभों की हानि के दावे की गणना करते समय निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है :

(1) क्षतिपूर्ति अवधि का निर्धारण (Determination of Indemnity Period) : क्षतिपूर्ति की अवधि से आशय उस अवधि से है जिस अवधि में लाभों की हानि होने पर बीमा कम्पनी क्षतिपूर्ति देने के लिए दायी है। इसे ब या गड़बड़ी की अवधि (Interruption of Dislocation Period) भी कहते हैं। बीमा पॉलिसी में क्षतिपूर्ति अवधि का उल्लेख होता है। अतः दावे की राशि की गणना करने के लिए सर्वप्रथम मान्य क्षतिपूर्ति अवधि का निर्धारण करना आवश्यक है। यह अवधि आग लगने के कारण बाधा की अवधि या समझौते में दी गई क्षतिपूर्ति अवधि जो दोनों में कम हो, होती है। उदाहरण के लिए यदि अनुबन्ध में क्षतिपूर्ति की अवधि 3 माह दी हुई है और व्यवसाय का कार्य 2 माह बन्द रहता है तो मान्य क्षतिपूर्ति अवधि 2 माह होगी परन्त यदि व्यवसाय का कार्य 6 माह तक बन्द रहता है तो क्षतिपूर्ति की अवधि 3 माह ही होगी। क्षतिपूर्ति अवधि बीमा अवधि में प्रारम्भ होनी चाहिए भले ही वह बीमा अवधि के बाद समाप्त हो।

(2) कम बिक्री की गणना (Calculation of Short Sales) : आग लगने के कारण व्यवसाय में जो गड़बड़ी की स्थिति पैदा हो जाती है, उससे सामान्य स्तर पर बिक्री नहीं की जा सकती जिससे बिक्री में कमी आ जाती है। अत: बिक्री की कमी को ज्ञात किया जाना आवश्यक है। इसको ज्ञात करने के लिए निम्नलिखित सूत्र का प्रयोग यिका जाता है

 Standard sales

                                                   Less : Sales during Indemnity Period

Short Sales

प्रमाप बिक्री (Standard Sales) से आशय उस अनुमानित बिक्री से है, जो यदि आग न लगती हो क्षतिपूर्ति की अवधि । में हो सकती थी। इसके लिए गत वर्ष की उस अवधि की बिक्री को लिया जाता है जो क्षतिपर्ति अवधि से मेल खाती है। उदाहरणार्थ, यदि 1 जनवरी 2017 को आग लगती है और क्षतिपूर्ति की अवधि 1 जनवरी, 2017 से 30 जून, 2017 तक छः । महीने की रहती है तो गत वर्ष 2016 की 1 जनवरी, 2016 से 30 जन, 2016 तक के छः महीने की बिक्री को ‘प्रमाप बिक्री माना जाता हैं। यदि चालू वर्ष में आग लगने से पूर्व की अवधि की बिक्री गत वर्ष की उसी अवधि की बिक्री की तुलना में कम या अधिक हो तो प्रमाण बिक्री में वृद्धि या कमी की प्रवृत्ति (Trend) का समायोजन भी किया जाता है।

उदाहरणार्थ : 1 मार्च, 2017 को आग लग गई और सामान्य स्तर की बिक्री 1 जून, 2017 से होने लगी। 1 मार्च, 2017 से 31 मई, 2017 तक ही बिक्री 30,000 ₹ है जबकि गत वर्ष में इसी अवधि की बिक्री 1.00.000 र थी। गत वर्ष । की तुलना में इस वर्ष बिक्री में 10% वृद्धि सम्भावित है तो बिक्री में कमी (Short Sales) की राशि निम्नलिखित प्रकार निर्धारित की जायेगी :

Sales form 1st July  , 2016 to 31st may ,2016                                                                                             1,00,000

Add: Increase 10%                                                                                                                                     10,000

Standard Sales                                                                                                                                                           1,10,000

Less : Sales during indemnity Period form 1st March , 2017 to 31st May 2017            30,000

Short Sales                                                                                                                                                                80,000

(3) सकल लाभ का दर की गणना (Calculation of Rate of Gross Profit) : लाभ की हानि का ज्ञात करन का लिये व्यवसाय के सकल लाभ की दर की गणना की जाती हैं इसकी गणना आग लगने वाले लेखा वर्ष के ठीक पूर्व के लेखा वर्ष (Last Accounting Year) के आधार पर की जाती है। यहाँ सकल लाभ दर का अर्थ वह नहीं है जो व्यापारिक खाते द्वारा ज्ञात की जाती है। ऐसी स्थति में सकल लाभ से आशय बीमित स्थायी व्यय + शुद्ध लाभ (या शुद्ध हानि) से लिया जाता है। यहाँ शुद्ध लाभ का आशय यापार के संचालन लाभ (Operating Profit) से है जिसमें गैर व्यापारिक आय जैसे विनियोगों पर आय, किराये की आय, ब्याज की आय आदि शामिल न हो तथा गैर-व्यापारिक हानियाँ घटाई हुई न हो।। अत: सकल लाभ की दर की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जाती है :

सकल लाभ की दर (गत लेखा वर्ष के आधार पर) [Gross Profit Rate (for preceding accounting year)]

(4) कम बिक्री पर लाभ की गणना (Computation of Loss of Profit on Short Sales): उक्त पद्धति से कम बिक्री तथा सकल लाभ दर ज्ञात करने के बाद सूत्र द्वारा लाभ की हानि (या परिणामी हानि) की गणना की जाती है :

Loss of Profit = Short Sales x Gross Profit Rate..

(5) औसत वाक्य (Average Clause) : बीमाधारी को परिणामी हानि के दावे की सम्पूर्ण राशि प्राप्त करने के लिए । बीमित राशि (Sum Assured) कम से कम वार्षिक लाभों की राशि के बराबर होनी चाहिए अन्यथा औसत वाक्य लागू होगा। यदि बीमित राशि वार्षिक लाभों की राशि से कम है तो औसत वक्य के अनुसार दावा आनुपातिक रूप से कम कर दिया जाता। है। ऐसी स्थिति में निम्नलिखित सूत्र द्वारा शुद्ध दावे की राशि की गणना की जायेगी :

टिप्पणी: वार्षिक बिक्रि (Annual Standard Sales ) से आशय आज जलने की तिथि से ठी पूर्व के 12 माह की बिक्री के अनुमानित घट बाडं को समायोजन करने के बाद समायाजित बिक्रि से हैं ।

Illustration 14.

निम्नलिखित सूचनाओं से लाभ की हानि पॉलिसी के अन्तर्गत दावे की राशि ज्ञात कीजिए

(From the following information, find the claim under a loss of profit policy):

2013 में बिक्री 2,00,000 ₹; 2014 में बिक्री 2,20,000; ₹ 2015 में बिक्री 2,42,000 ₹; 2016 2,66,200 ₹; 2016 में शुद्ध लाभ 50,000 ₹; सभी बीमित स्थायी व्यय 3,240 ₹; (Sales in 2013 is ₹ 2,00,000; Sales in 2014 is ₹2,20,000; Sales in 2015 is ₹2,42,000; Sales in 2016 is₹2,66,200. Net profit in 2016 is₹50,000. All insured standing charges₹3,240).

आग लगने की तिथि (Date of fire)                                                                                            1-1-2017

गड़बड़ी की अवधि (Period of dislocation)                                                                             Three months

1-1-2016 से 31-3-2016 तक की बिक्री (Sales from 1-1-2016 to 31-3-2016)                ₹50,000

1-1-2017 से तक की बिक्री (Sales from 1-1-2017 to 31-3-2017)                                      ₹ 10,000

क्षतिपूर्ति अवधि 6 माह, पॉलिसी का मूल्य (Indemnity period six months, policy value)  ₹40,000 गड़बड़ी की अवधि में स्थायी व्ययों में कोई कमी नहीं हुई और न ही कोई अतिरिक्त लागत आयी (There was no reduction in standing charges during the dislocation period nor there is any additional costs.)

(2) क्योंकि प्रश्न में न तो अतिरिक्त संचालन व्यय दिए हुए हैं और न ही स्थायी व्ययों में बचत हुई। अत: ___9,000 ₹ दावे (Claim) बनेगा।

लाभ की हानि में समायोजन

(Adjustment in Loss of Profit)

(1) अतिरिक्त संचालन व्यय (Additional Cost of Working) : कभी-कभी अग्नि बीमा सम्बन्धी अनुबन्ध में यह शर्त जोड़ दी जाती है कि यदि क्षतिपूर्ति अवधि में बिक्री बढ़ाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पर जो अतिरिक्त संचालन व्यय होगा उसकी पूर्ति भी बीमा कम्पनी द्वारा की जाएगी। जैसे भवन की पुताई, पैटिंग आदि। अत: ये अतिरिक्त संचालन व्यय लाभ की हानि (Loss of Profit) में जोड़कर दावे की दाशि की गणना की जाती है। परन्तु अतिरिक्त संचालन व्यय की जो राशि जोड़ी जाएगी वह निम्नलिखित तीन में से सब से कम के बराबर होनी चाहिए :

(i) अतिरिक्त संचालन व्ययों की वास्तविक राशि

या

(ii) निम्नलिखित सूत्र द्वारा ज्ञात राशि :

अतिरिक्त संचालन लागत के कारण टाली गई कम बिक्री सकल लाभ दर

या

(iii) यदि सम्पूर्ण स्थायी व्ययों की बीमा न कराया गया हो तो निम्नलिखित सूत्र से ज्ञात की गई राशि :

अतिरिक्त संचालन व्यय *बीमित स्थायी व्यय +शुद्ध लाभ कुल स्थायी व्यय

+ शुद्ध लाभ

यह ध्यान रखना चाहिये कि यदि सम्पूर्ण स्थायी व्ययों का बीमा कराया हुआ है तो उक्त सूत्र लागू नहीं होता है तथा शुद्ध लाभ आग लगने से तुरन्त पूर्व समाप्त हुए लेखांकन वर्ष के लिए जाते हैं।

स्थायी व्ययों में बचत (Saving in Standing Charges) : यदि क्षतिपूर्ति अवधि में स्थायी व्ययों में कोई बचत हुई हो उसे लाभ की हानि (Loss of Profit) में से घटाकर दावे की राशि की गणना की जाती है।

Illustration 15. ___ 31 दिसम्बर, 2016 को आत्माराम लिमिटेड का व्यापारिक भवन क्षतिग्रस्त हो गया तथा 31 मार्च, 2017 तक कम्पनी का व्यवसाय अस्त-व्यस्त रहा। कम्पनी ने 2,34,000 ₹ के लिए लाभ की हानि का बीमा कराया और क्षतिपूर्ति की अवधि 6 माह है ।

31 अक्टूबर, 2016 को समाप्त वित्तीय वर्ड्स में कम्पनी की बिक्री 7,00,000 ₹ तथा शुद्ध लाभ 80,000 ₹ था। कम्पनी के स्थायी व्यय 2,00,000 ₹ वार्षिक थे जो पूर्णत: बीमित थे। 31 दिसम्बर, 2016 तक के 12 माह की बिक्री 7,80,000 ₹ थी तथा अव्यवस्थित अवधि की बिक्री 80,000 ₹ की थी जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि की बिक्री 1,70,000 ₹ थी। कार्य की अतिरिक्त लागत 22,400 ₹ हुई जबकि स्थायी व्ययों में 5,000 की बचत हुई।

बीमा कम्पनी को प्रस्तुत करने के लिए दावा तैयार कीजिये। ।

On 31st December, 2016 a fire damaged the business premises of Atma Ram Limited and the business of the company was disorganised until 31st March, 2017. The company is insured under a loss of profit policy for ₹ 2,34,000 with six months period of indemnity.

The company account for the financial year ended 31st October, 2016 showed a turnover of₹ 7,00,000 with net profit of ₹ 80,000. The standing charges covered under insurance and debited in the account amounted to ₹ 2,00,000. The turnover for the twelve months ended 31 December, 2 आग लगी और उसका व्यापार आंशिक रूप से 30 जून, 2017 तक अस्त-व्यस्त हो गया। भण्डार 1,25,000 ₹ की लाभ की हानि पॉलिसी के अन्तर्गत, छ: माह की क्षतिपूर्ति अवधि के साथ बीमित था। निम्नलिखित सूचनाओं से लाभ की हानि पॉलिसी के अन्तर्गत दावे की रकम की गणना कीजिए :

016 was ₹ 7,80,000, during the period of dislocation it was₹80,000 whereas during the corresponding period in the preceding year it was₹1,70,000. A sum of₹ 22,400 was spent to reduce the effect of the loss which resulted in the saving in standing charges amounting ₹ 5,000.

Prepare the claim to be submitted to the insurance company

Illustration 16.

एक फुटकर भण्डार में दिनांक 1 फरवरी, 2017 कोA fire occurred on 1st February, 2017, in premises of a retail store and business was partially disorganised up to 30th June, 2017. The store was insured under a loss of profits policy for ₹ 1,25,000 with a six months period of indemnity. From thus following information compute the amount of claim under the loss of profit policy.

1 फरवरी से 30 जून, 2017 की बिक्री (Turnover from 1st Feb. to 30th June, 2017)        80,000

1 फरवरी से 30 जून 2016 की बिक्री (Turnover from 1st Feb. to 30th June, 2016)        2,30,000

वार्षिक बिक्री – आग लगने की तिथि को समाप्त होने वाले 12 माह

(Annual Turnover-12 Months ending on date of fire)                               5,17,500

गत वित्तीय वर्ष का शुद्ध लाभ (Net profits for last financial year)                       70,000

गत वित्तीय वर्ष के बीमित स्थायी व्यय (Insured standing charges for last financial year)  56,000

गत वित्तीय वर्ष के कुल स्थायी व्यय (Total standing charges fro last financial year)       64,000

गत वित्तीय वर्ष की बिक्री (Turnover of the last financial year)                        4,20,000

भण्डार ने 6.700 ₹ अतिरिक्त व्यय के रूप में व्यय किये जिससे बिक्री की हानि को बचाया गया। आग के परिणामस्वरूप 2,450 ₹ की बीमित स्थायी व्ययों में, इस अवधि में बचत हुई।

The store incurred additional expenses amounting to 6,700 which reduced the loss of turnover. There was also a saving during the period of 2,450 in the insured standing charges as a result of fire.

Solution.

(1) Indemnity period: 1st February, 2017 to 30th June, 2017

(2) Calculation of short sales :

Illustration 17.

निम्नांकित समंकों से अनुवर्ती क्षती के दावे की गणना कीजिए :

वित्तीय वर्ष 31 दिसम्बर कोसमाप्त होता है; बिक्री 2,00,000 ₹; क्षतिपूर्ति अवधि छ: माह; रुकावट की अवधि 1 जुलाई से 21 अक्टबरः शद्ध लाभ 18,000₹; स्थायी व्यय 42,000 ₹ जिसमें से 10,000 ₹ का बीमा नहीं करया गया है। बीमा की। गयी राशि 50.000 ₹: प्रमाप बिक्री 65,000 ₹; रुकावट क समय म बिक्रा 25,000 ₹; जिसमें 6.000₹ की बिक्री एक। किया की जगह लेकर की गई 600 ₹ प्रति माह किराए पर था; वाषिक बिक्री 2,40,000 ₹; स्थायी व्ययों में बचत प्रति वर्ष 4,725 ₹; आग की तारीख 30 जून की रात।

बीमा कराने वाले और बीमा करने वाले में यह तय हआ कि व्यवसाय की रुख बिक्री में 10% वृद्धि करेगा।

From the following data, calculate a consequential loss of claim :

Financial year ends on 31st December, Turnover 2.00.000; indemnity period for six months; period of interruption-1st July to 31st October: Net Profit 18.000: Standing charges 42,000 out of which * 10,000 have not been insured. Sum assured 50,000: Standard Turnoverbo,000. Turnover in the period of interruption- 25,000 out of which 6,000 was from a rented place at 600 per month; Annual turnover 2,40.000; Saving in standing charges 4,725 per annum; Date of fire-Night of 30th June.

It was agreed between the insurer and the insured that the business trends would lead to an increase of 10% in turnover.

Illustration 18.

निम्नलिखित सूचना से परिणामी हानि के सम्बन्ध में दावे की गणना कीजिए : (i) वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है; (ii) आगामी 1 दिसम्बर को आग लगती है; (iii) व्यवधान अवधि 1 दिसम्बर से 31 मार्च तक; (iv) क्षतिपूर्ति अवधि 6 माह; (v) पूर्व वित्तीय वर्ष के लिए शुद्ध लाभ 20,000 ₹; (vi) बीमित स्थायी व्यय 30,000 ₹; (vii) अबीमित स्थायी व्यय 6,000 ₹; (viii) कार्यशील लागत में वृद्धि 4,200 ₹; (ix) बीमित स्थायी व्ययों में बचत 1,200 ₹; (x) कार्यशील लागत में वृद्धि के कारण बिक्री में 10,000 ₹ की कमी को रोका गया; (xi) विशिष्ट परिस्थतियाँ वाक्यांश सम्मिलित किये गये : (अ) प्रमाप व वार्षिक बिक्री में वृद्धि 20%, (ब) सकल लाभ की दर में वृद्धि 5%, (xii) समाप्त हुए चार महीनों की बिक्री :

31 जुलाई                  30 नवम्बर                   31 मार्च

प्रथम वर्ष (२)           40,000                    90,000                    70,000

द्वितीय वर्ष (२)     60,000                    1,10,000                   20,000

(xiii) कुल बीमा राशि 64,800 ₹ ।

From the following information, calculate a consequential loss claim : (i) Financial year ends on 31st March; (ii) Fire occurs on December 1 following; (iii) Period of disruption : December 1 to March 31; (iv) Period of Indemnity: 6 months; (v) Net profit for previous financial year: 20,000 (vi) Insured standing charges :₹30,000 (vii) Uninsured standing charges :₹6,000 (viii) Increases | in the cost of working : ₹4,200 (ix) Saving in insured standing charges : ₹ 1,200 (x) Reduced turnover avoided through increased cost of working : ₹ 10,000 (xi) “Special circumstances clause” | stipulated; (a) Increase in turnover (standard and annual): 20% (b) Increases in rate of gross profit :5%. (xii) Turnover for the four months ending :

31st July            30th November        31st March

1 year()                40,000                 90,000                         70,000

II year (२)          60,000               1,10,000                       20,000

(xiii) Sum insured :₹64,800.

स्थायी सम्पत्तियों की हानि के दावे

(Claim for Loss of Fixed Assets)

जब व्यवसाय में आग लग जाती है तो उसके कारण स्थायी सम्पत्तियाँ जैसे भवन, फर्नीचर, मशीन आदि भी नष्ट हो जाती। हैं। यदि व्यवसायी ने इन सम्पत्तियों का अग्नि बीमा कराया हो तो इनके नष्ट होने से उत्पन्न हानि की पूर्ति के लिए दावा प्रस्तत किया जाता है। इन सम्पत्तियों का बहियों में हिसाब-किताब उपलब्ध रहता है, अत; इनके आधार पर सरलता से हानि का अनमान लगाकर दावा प्रस्तुत किया जा सकता है। प्राय: बीमा कम्पनियों द्वारा हानि निर्धारणकर्ता नियुक्त किये जाते हैं जो आग की। परिस्थितियों और हानि की मात्रा की जाँच पड़ताल करके अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं जिसके आधार पर बीमा कम्पनी दावों का निबटारा करती है।

औसत वाक्य : स्टॉक की हानि तथा लाभ की हानि के बीमों की भाँति स्थायी सम्पत्तियों के बीमे में भी औसत वाक्य लागू होता है। इस वाक्य के अन्तर्गत दावे की गणना निम्नलिखित सूत्र द्वारा की जा सकती है :

* Actual Loss of Assets

llustration 19.

31 जनवरी, 2017 को एक व्यवसायी के भवन में आग लग गई जिसने भवन का बहुत-सा भाग नष्ट कर दिया किन्तु 5,940 ₹ का स्टॉक बचा लिया गया। कम्पनी की बीमा पॉलिसी निम्नलिखित को कवर करती है :

स्टॉक 9,00,000 ₹, भवन 12,00,000 ₹, लाभ की हानि (स्थायी व्यय सहित) 3,75,000 ₹, क्षतिपूर्ति की अवधि छ: माह। 31 दिसम्बर, 2016 का समाप्त होने वाले वर्ष की का लाभ-हानि खाता निम्न प्रकार है :

Fire broke out in the premises of a businessman on 31st January, 2017 which destroyed most of the building. However stock worth ₹ 5,940 was salvaged. The company’s insurance policy covers the following:

Stock ₹ 9,00,000, Building ₹ 12,00,000, Loss of Profit (including standing charges) ₹3,75,000; Period of indemnity six months. The summarised Profit & Loss Account for the year ended 31st December, 2016 is as follows:

31 जनवरी, 2017 के लिये सौदे निम्नलिखित थे :

बिक्री 1,50,000 ₹, लेनदारों को भुगतान 1,60,000 ₹, 1-1-2017 को व्यापारिक लेनदार 2,26,000 ₹, 31 जनवरी, 2017 को व्यापारिक लेनदार 2,30,980 ₹ । 30-4-2017 तक का व्यापार अस्त व्यस्त रहा। इस अवधि में बिक्री में गत वर्ष की इसी अवधि की बिक्री की तुलना में 2,70,000 ₹ की कमी हुई, आग की तारीख पर भवन 15,00,000 ₹ का था और इसका 3/4 भाग आग से नष्ट हो गया था। स्टॉक हानि, भवन हानि और लाभ की हानि के लिए क्लेम की राशि निकालिये।।

Transactions for the month of January 2017 were as under:

Turnover ₹ 1,50,000, Payment to creditors₹ 1,60,020, Trade creditors on 1-1-2017 ₹2,26,000, Trade creditors on 31-1-2017 2,30,980. The Co’s business was disrupted until 30-4-2017 during

which period the reduction in turnover amounted to 2.70,000 as compared to the turnover same period corresponding in the previous year. Building was worth 15,00,000 on the date of me and 3/4 of its value was lost by fire. Find out the claim for insurance for loss of stock, loss of building and loss of profit. Solution (i) Computation of Loss of Stock (A) Calculation of Rate of Gross Profit :

शाखा को भेजे गये माल का अग्नि बीमा दावा (Fire Insurance Claim of Goods Sent to Branch)

यदि शाखा को भेजे गये माल में आग लग जाने से हानि हो तो बीमा का दावा प्रधान कार्यालय के लिये वास्तविक लागत के आधार पर निर्धारित होता है। बहुधा प्रधान कार्यालय अपनी शाखा को लागत में कुछ लाभ जोड़कर बीजक मूल्य पर माल भेजती है। ऐसी दशा में बीजक मूल्य आधार पर स्मरणार्थ व्यापारिक खाता बनाया जाता है। इस प्रकार आग लगने की तिथि पर शाखा के पास रहतिया बीजक मूल्य पर ज्ञात हो जाता है परन्तु बीमा कम्पनी इसे स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि स्टॉक को वास्तविक लागत कम होती है। अत: ज्ञात स्टॉक में से प्रधान कार्यालय द्वारा जोड़ा गया लाभ, घटाने के पश्चात् शेष राशि दावे की राशि मानी जाती है।

Illustration 20.

दिल्ली के कपूर ब्रदर्स की हापुड़ शाखा के भवन में 1 अप्रैल, 2017 को आग लगी। 36,000 ₹ की लागत के रहतिये को छोड़कर शेष सारा रहतिया जलकर राख हो गया। पॉलिसी की राशि 80,000 ₹ थी। दावा ‘औसत वाक्य’ के अधीन था। जाँच पड़ताल से निम्म जानकारी मिली :

(अ) दिल्ली मुख्य कार्यालय हापुड़ शाखा को बीजक मूल्य पर माल भेजता है जो कि सूची मूल्य से 30% कम होता है।

ग्राहकों को माल सूची माल पर बेचा जाता है जो कि लागत + 100% होता है।

(ब) 1 अप्रैल 2017 तक मुख्य कार्यालय से 4,06,000 ₹ के बीजक मूल्य का माल प्राप्त हुआ है।

(स) 1 अप्रैल, 2017 तक शाखा द्वारा ग्राहकों को सूची मूल्य पर 4,00,000 ₹ का माल बेचा गया था। दावे की राशि की गणना कीजिये।

A fire occurred in the premises of Hapur Branch of Kapoor Bros. of Delhi on 1st April, 2017. Stock with the exception of₹ 36,000 (at cost) was burnt to ashes. The amount of policy was₹80,000. The claim was subject to average clause’. Investigation has disclosed :

(a) Delhi Head Office sends goods to Hapur Branch at invoice price which is 30% less than catalogue price. Goods are sold to customers at catalogue price which is cost +100%.

(b) Goods received from Head office at invoice price upto 1st April, 2017 amounted tor 4,06,000.

(c) Goods sold to customers by the branch at catalogue price upto 1st April, 2017 amounted  to ₹4,00,000. Ascertain the Amount of Claim.

 

chetansati

Admin

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