BCom 3rd Year Corporate Accounting Managerial Remuneration Study Material Notes in Hindi

Table of Contents

BCom 3rd Year Corporate Accounting Managerial Remuneration Study Material Notes in Hindi:  Remuneration of Directors  Overall Managerial remuneration Commission Payable  Long Question Answer Short Answer Question Numerical Very Short Question Select the Correct Answer Exercises :

Managerial Remuneration Study Material
Managerial Remuneration Study Material

BCom 3rd Year Redemption Debentures Long Answer Questions Study Material Notes in Hindi

प्रबन्धकीय पारिश्रमिक

(Managerial Remuneration)

एक कम्पनी की प्रबन्धकीय टीम के सदस्यों (अर्थात् प्रबन्ध-संचालक, पूर्णकालिक या अंशकालिक संचालक व प्रबन्धक) को दिये जाने वाला पारिश्रमिक प्रबन्धकीय पारिश्रमिक कहलाता है। एक सार्वजनिक कम्पनी और एक ऐसी निजी कम्पनी जो कि किसी सार्वजनिक कम्पनी की एक सहायक कम्पनी है, की प्रबन्धकीय टीम को पारिश्रमिक के भुगतान पर कठोर वैधानिक प्रतिबन्ध हैं जो कि इस प्रकार हैं :

संचालकों का पारिश्रमिक (Remuneration to Directors)

एक कम्पनी के संचालकों को देय पारिश्रमिक का निर्धारण कम्पनी के अन्तर्नियमों द्वारा होता है अथवा कम्पनी सदस्यों की व्यापक सभा में आवश्यक प्रस्ताव द्वारा। किन्तु यह राशि कम्पनी अधिनियम द्वारा निर्धारित राशियों से अधिक नहीं हो सकती। कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 197 के अन्तर्गत एक सार्वजनिक कम्पनी अथवा किसी सार्वजनिक कम्पनी की एक सहायक कम्पनी के किसी प्रबन्ध-संचालक अथवा पूर्णकालिक संचालक एवं अंशकालिक संचालकों को देय पारिश्रमिक के लिए कानूनी व्यवस्थायें दी गयी हैं जो कि निम्नलिखित हैं :

(अ) पूर्णकालिक संचालक अथवा प्रबन्ध-संचालक का पारिश्रमिक (Remuneration to Whole Time Director or Managing Director): एक पूर्णकालिक संचालक अथवा एक प्रबन्ध-संचालक को पारिश्रमिक का भुगतान माहवार वेतन के रूप में दिया जा सकता है अथवा कम्पनी के शुद्ध लाभ के एक निर्दिष्ट प्रतिशत से कमीशन के रूप में अथवा आंशिक वेतन और आंशिक कमीशन के रूप में। किन्तु धारा 197(1)(i) के अनुसार केन्द्रीय सरकार की अनुमति के बिना यह पारिश्रमिक निम्न से अधिक नहीं हो सकता है :

(i) यदि कम्पनी में केवल एक प्रबन्ध या पूर्णकालिक संचालक है तो अकेले ऐसे संचालक के लिए शुद्ध लाभ का 5%, और .

(ii) यदि कम्पनी में एक से अधिक प्रबन्ध-संचालक और/अथवा पूर्णकालिक संचालक हैं तो सभी को मिलाकर शुद्ध लाभ का 10%

यहाँ यह ध्यान रहे कि कम्पनी से कमीशन पाने वाला कोई भी प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचालक उसकी किसी सहायक कम्पनी से कोई कमीशन या अन्य पारिश्रमिक नहीं प्राप्त कर सकता है

Managerial Remuneration Study Material

(ब) अंशकालिक या आंशिक समय के लिए संचालक का पारिश्रमिक (Remuneration to Part-time Directors) : ये वे संचालक हैं जो न तो प्रबन्ध संचालक हैं और न पूर्णकालिक संचालक। अंशकालिक संचालक (1) केन्द्रीय सरकार की स्वीकृति लेकर मासिक, त्रैमासिक या वार्षिक भुगतान के रूप में पारिश्रमिक प्राप्त कर सकते हैं अथवा (2) यदि कम्पनी विशेष प्रस्ताव द्वारा भुगतान को अधिकृत करे तो मासिक भुगतान न पाने वाले अंशकालिक संचालक कमीशन के रूप में पारिश्रमिक प्राप्त कर सकते हैं। किन्त धारा 197(1)(i) के अनुसार इनका कुल पारिश्रमिक निम्न से अधिक नहीं हो सकता :

(i) यदि कम्पनी में कोई प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचालक अथवा प्रबन्धक है तो कम्पनी के शुद्ध लाभ का 1 प्रतिशत।

(ii) यदि कम्पनी में कोई प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचालक अथवा प्रबन्धक नहीं है तो कम्पनी के शद्ध लाभ का 3 प्रतिशत।

कम्पनी अपनी सामान्य सभा में विशेष प्रस्ताव पास करके और केन्द्रीय सरकार की स्वीकृति लेकर पारिश्रमिक की उपर्यक्त दरों में वृद्धि कर सकती है तथा यह वृद्धि 5 वर्ष के लिए वैध रहेगी।

(स) संचालक की फीस (Director’s Fee) : धारा 197(5) के अनुसार उपर्युक्त पारिश्रमिक के अतिरिक्त एक संचालक (पर्णकालिक व प्रबन्ध-संचालक के अतिरिक्त) को संचालक मण्डल या उसकी किसी समिति की सभा में आने के लिये फीस भी दी जा सकती है तथा दी गई फीस उसके पारिश्रमिक का भाग नहीं मानी जायेगी। फीस की राशि संचालक मण्डल द्वारा निर्धारित की जायेगी. किन्त यह इसके लिये निर्धारित राशि से अधिक नहीं होनी चाहिये। विभिन्न वर्गों की कम्पनियों के लिये विभिन्न फीस निर्धारित सकती हैं और स्वतंत्र संचालकों के लिये वह फीस होगी जो इनके लिये निर्धारित की जाती है।

(द) यादि कोई संचालक उपयुक्त निर्धारित अधिकतम राशियों से अधिक पारिश्रमिक लेता है तो उसे अधिक ला गइ राशि कम्पना। का लोटांनी होगी। जब तक केन्द्रीय सरकार से अधिक राशि के भगतान की स्वीकति न ले ली गई हो तब तक संचालका क पास यह। राशि कम्पनी की ओर से प्रन्यास में रखी मानी जायेगी तथा कम्पनी को संचालकों से की जाने वाली ऐसी वसूला क पारत्याग का। अधिकार नहीं है।

(इ) सचालकों को देय पारिश्रमिक के अन्तर्गत उनके द्वारा कम्पनी की किसी भी रूप में की गई सेवाओं का पुरस्कार सम्मिलित होगा सिवाय जबकि -(क) दी गई सेवाएँ पेशेवर प्रकति की हैं और (ख) यदि कम्पनी एक सूचीबद्ध (listed) कम्पनी है अथवा निर्धारित ऐसे वर्ग या वर्गों की कम्पनियाँ हैं तो नामांकन और पारिश्रमिक समिति (Nomination and Remuneration Committee) की राय में संचालक में उस पेशे के लिए आवश्यक योग्यताएँ हैं।

यहाँ यह बतलाना महत्वपूर्ण होगा कि कम्पनी के संचालकों को देय पारिश्रमिक कम्पनी अधिनियम की धारा 197 व 198 के प्रावधानों के अधीन कम्पनी के अन्तर्नियमों द्वारा अथवा कम्पनी के एक प्रस्ताव द्वारा निर्धारित होता है।

Managerial Remuneration Study Material

प्रबन्धक का पारिश्रमिक (Remuneration to Manager)

कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 197(1)6) के अन्तर्गत प्रबन्धक के पारिश्रमिक के लिए व्यवस्थाएँ दी गयी हैं। इस धारा के अनुसार एक प्रबन्धक अपना पारिश्रमिक मासिक भुगतान के रूप में प्राप्त कर सकता है अथवा कम्पनी के शुद्ध लाभ के एक निर्दिष्ट प्रतिशत के रूप में अथवा अंशतः एक तरह और अंशतः दूसरी तरह। किन्तु केन्द्रीय सरकार की अनुमति के बिना उसका कुल पारिश्रमिक कम्पनी के शुद्ध लाभ के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता।

यहाँ यह बतलाना महत्वपूर्ण है कि एक कम्पनी में एक ही समय पर एक या अधिक प्रबन्ध संचालक हो सकते हैं किन्तु एक ही समय पर एक से अधिक प्रबन्धक नहीं हो सकते। इसके अतिरिक्त, एक कम्पनी में एक ही समय पर प्रबन्ध-संचालक और प्रबन्धक दोनों नहीं हो सकते।

कुल प्रबन्धकीय पारिश्रमिक (Overall Managerial Remuneration)

(अ) अधिकतम सीमा (Maximum Limit) : कम्पनी अधिनियम, 2013 की धारा 197 (1) के अनुसार एक सार्वजनिक कम्पनी अपने संचालकों (प्रबन्ध या पूर्णकालिक संचालक अथवा प्रबन्धक सहित) को धारा 198 के अनुसार बतलाये तरीके से आगणित (computed) सकल लाभ से संचालकों का पारिश्रमिक घटाये बिना अपने शुद्ध लाभ के 11 प्रतिशत से अधिक राशि पारिश्रमिक के रूप में नहीं दे सकती। किन्तु इसमें धारा 197 (5) के अन्तर्गत संचालकों को दी गई फीस की राशि सम्मिलित नहीं है।

एक कम्पनी केन्द्रय सरकार के अनुमोदन के साथ, व्यापक सभा में प्रस्ताव पारित करके अनुसूची V के प्रावधानों को धयान में रखते हुए 11% से अधिक पारिश्रमिक के भुगतान अधिकृत कर सकते हैं।

(ब) न्यूनतम सीमा (Minimum Limit): धारा 197 (3) के अनसार यदि किसी वित्तीय वर्ष में कम्पनी में लाभ नहीं हए अथवा इसके लाभ अपर्याप्त हैं तो वह अपने प्रबन्धकीय टीम के सदस्यों को (अर्थात् अल्पकालिक संचालक, प्रबन्ध संचालक या पूर्ण कालिक संचालक या प्रबन्धक को मिलाकर) अनुसूची V के (A) और (B) उप-वाक्यों के अन्तर्गत निर्धरित सीमाओं के अन्तर्गत केन्द्रीय सरकार की अनुमति लिये बिना (धारा 197(5) के अन्तर्गत देय फीस के अलावा) न्यूनतम पारिश्रमिक के रूप में भुगतान कर सकती है।

अनुसूची V के भाग II के सैक्शन II के उप-वाक्य (A) में निर्धारित सीमा सम्बन्धित कम्पनी की प्रभावी पूँजी पर आधारित है जो निम्न प्रकार है :

कम्पनी की प्रभावी पूँजी                                                                     देय अधिकतम वार्षिक पारिश्रमिक

1 ऋणात्मक अथवा 5 करोड़ रुपये से कम                                                  30 लाख रुपये

2. 5 करोड़ रुपये या अधिक किन्तु 100 करोड़ रुपये से कम                     42 लाख रुपये

3. 100 करोड़ या अधिक किन्तु 250 करोड़ रुपये से कम                         60 लाख रुपये

4. 250 करोड़ रुपये और इससे अधिक                                60 लाख रुपये + 250 करोड़ रुपये से अधिक प्रभावी पूँजी का 0.01%

नोट : एक वर्ष से कम अवधि के लिये उपयुक्त सीमा कम्पनी द्वारा आनुपातिक की जायेंगी। यदि अंशधारियों द्वारा पारित प्रस्ताव विशेष प्रस्ताव है तो उपर्युक्त सीमायें दोगुनी हो जायेंगी।

उपर्य़ुक्त सीमाओं से अधिक न्यूनतम प्रबन्धकीय पारि अभिक के भुगतान के लिये केन्द्रीय सरकार की अनमति आवश्यक है। अनुसूची v के भाग II के सैक्शन । के उप-पायय (2) के अनुसार एक प्रबन्धकीच व्यक्ति की दशा में जो कम्पनी की 5 लाख रुपये या उससे आधिक का नामी मूल्य (Nominal Value) की प्रतिभूतियों का प्रतिभूतिधारक नहीं है अथवा कम्पनी का एक कर्मचारी या एक संचालक अथवा अपनी प्रबन्धकीय व्यक्ति के रूप में नियुक्ति से पूर्व के दो वर्षों के दौरान किसी भी समय किसी। संचालक या प्रवर्तक से सम्बन्धित नहीं था – चालू सम्बन्धित लाभ का 2.5%| |

यदि अंशधारियों द्वारा पारित प्रस्ताव एक विशेष प्रस्ताव है तो यह सीमा दोगुनी होगी। नोट : अनुसूची ‘V के भाग II के सैक्शन II में दी गई परिस्थितियों के अन्तर्गत एक विदेशी कम्पनी, एक नई समामेलित कम्पनी अथवा पुनर्वास की योजना के लिये आदेश दिये जाने पर एक बीमार कम्पनी द्वारा अपने प्रबन्धकीय व्यक्ति को उपर्युक्त सैक्शन II में उल्लिखित सीमाओं से अधिक पारिश्रमिक केन्द्रीय सरकार के अनुमोदन के बिना दिया जा सकता है।

एक का प्रबन्धकीय व्यक्ति को दो कम्पनियों से देय पारिश्रमिक (Remuneration Payable to a managerial person in two companies): अनुसूची V के भाग || के सैक्शन V के प्रावधानों के अनसार एक प्रबन्धकीय व्यक्ति को एक या दोनों कम्पनियों से पारिश्रमिक दिया जा सकता है बशर्ते कि दोनों कम्पनियों से लिया गया उसका कुल पारिश्रमिक उन कम्पनियों में से किसी एक (जिसका वह एक प्रबन्धकीय व्यक्ति है) से अनुमन्य उच्च अधिकतम सीमा से अधिक नहीं है।

प्रभावी पूँजी (Effective Capital) : न्यूनतम पारिश्रमिक की गणना के लिये कम्पनी की प्रभावी पूँजी का आशय प्रदत्त अंश पूँजी, प्रतिभूति प्रीमियम खाता, पुनर्मूल्यांकन संचय के अतिरिक्त अन्य सभी संचय व आधिक्य, दीर्घकालीन ऋण तथा एक वर्ष से अधिक की जमाओं के योग में से विनियोग, संकलित हानियाँ (accumulated losses) और अपलिखित न किये जा सके प्रारम्भिक व्ययों को घटाकर प्राप्त राशि से होता है।

Managerial Remuneration Study Material

प्रबन्धकीय पारिश्रमिक में न जोड़े जाने वाले अनुलाभ

(Perquisites not included in Managerial Remuneration)

प्रबन्धकीय टीम के सदस्यों को उपर्युक्त पारिश्रमिक के अतिरिक्त निम्नलिखित अनुलाभ भी दिये जा सकते हैं तथा ये पारिश्रमिक की उच्चतम सीमा की गणना में नहीं सम्मिलित किये जायेंगे : ।

(1) प्रावीडेन्ट फण्ड, सुपरएनुएशन फण्ड अथवा एन्युटी फण्ड में अंशदान बशर्ते कि ये आयकर अधिनियम 1961 की धारा 43 के अन्तर्गत करयोग्य नहीं हैं।

(2) प्रत्येक पूर्ण वर्ष की सेवा के लिये अधिकतम आधे माह के वेतन की दर से देय ग्रेच्युटी।

(3) सेवा निवृत्ति पर अवकाश वेतन के नकदीकरण की राशि।

उपर्युक्त के अतिरिक्त देश त्यागने वाला (expatriate) प्रबन्धकीय व्यक्ति (अनिवासी भारतीय को सम्मिलित करते हुए) निम्नलिखित अनुलाभों का पात्र होगा :

(1) ‘भारत में अथवा भारत के बाहर अध्ययनरत अधिकतम दो बच्चों के लिये शिक्षा भत्ता। भत्ते की राशि अधिकतम 12,000  ₹ प्रति माह प्रति बच्चा अथवा किये गये वास्तविक व्यय, इनमें जो भी कम हो, तक सीमित रहेगी।

(2) भारत के बाहर अध्ययनरत बच्चों अथवा भारत के बाहर रह रहे परिवार के सदस्यों के लिये भारत के बाहर उनके अध्ययन अथवा ठहरने के स्थान से वर्ष में एक बार घर आने-जाने का इकनोमी क्लास से अथवा दो वर्ष में एक बार प्रथम क्लास का किराया।

(3) अपने और अपने परिवार के लिये अवकाश यात्रा रियायत (Leave Travel Concession) कम्पनी के नियमानुसार।

Managerial Remuneration Study Material

प्रबन्धकीय पारिश्रमिक में सम्मिलित किये जाने वाले अनुलाभ

(Perquisites which are to be included in Managerial Remuneration)

‘पारिश्रमिक’ के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यय सम्मिलित हैं :

(1) कम्पनी द्वारा किराया मुक्त आवास या उससे सम्बन्धित सुविधाओं पर किये गये व्यय।

(2) कम्पनी द्वारा निःशुल्क अथवा रियायती दर पर अन्य कोई लाभ या सुविधा देने के लिये किया गया व्यय।

(3) कम्पनी द्वारा अपने संचालक या प्रबन्धक की ओर से किया गया कोई व्यय जिसे यदि कम्पनी न करती तो यह व्यय उसे ही करना पड़ता।

(4) संचालक अथवा प्रबन्धक या उसकी पत्नी व बच्चों का बीमा कराने अथवा पेंशन, वार्षिकी या ग्रेच्युटी की व्यवस्था करने के लिये कम्पनी द्वारा किया गया व्यय।

प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के लिए शुद्ध लाभ का निर्धारण

(Ascertaining Net Profit for Managerial Remuneration)

प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के लिये कम्पनी का शुद्ध लाभ कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 198 के अनुसार निर्धारित किया जाता है। धारा 198 के अनुसार शुद्ध लाभ निकालने के लिये :

(1) सकल लाभ में कुछ राशियों को क्रेडिट किया जायेगा : जैसे किसी सरकार से या किसी सरकार द्वारा इसके लिये अधिकत  या बनाई गई किसी सार्वजनिक सत्ता से प्राप्त आर्थिक सहायता या अनुपर्तियाँ (Bounties and Subsidies), जब तक कि केन्द्रीय सरकार इसके विपरीत निर्देश न दे।

(2) निम्न राशियों को क्रेडिट नहीं किया जायेगा :

(अ) कम्पनी द्वारा निर्गमित या बेचे गये अंशों या ऋणपत्रों पर प्रीमियम के रूप में लाभ3;

(ब) कम्पनी द्वारा अपहरित अंशों के विक्रय पर लाभ;

(स) उपक्रम के बेचने अथवा कम्पनी की इकाइयों में किसी के बेचने या उसके किसी भाग के बेचने पर लाभ सहित सभी पूँजीगत स्वभाव के लाभ;

(द) कम्पनी की किसी अचल सम्पत्ति या पूँजीगत स्वभाव की स्थायी सम्पत्तियों के विक्रय से लाभ जब तक कि इनका क्रय-विक्रय कम्पनी का व्यवसाय ही न हो। किन्तु यदि बेची गयी स्थायी सम्पत्ति का विक्रय मूल्य उसके आगणित अपलिखित मूल्य से अधिक है तो इस आधिक्य का वह भाग क्रेडिट किया जायेगा जो कि स्थायी सम्पत्ति की मूल लागत और उसके अपलिखित मूल्य के अन्तर से अधिक नहीं है। उदाहरण के लिये, यदि 50,000 ₹ में क्रय की गई स्थायी सम्पत्ति, जिसका अपलिखित मूल्य 40,000 ₹ है, 55,000 ₹ में बेची जाती है तो इस लेन-देन में 55,000 – 40,000 = 15,000 ₹ कुल लाभ हुआ। इसमें से सम्पत्ति की मूल लागत और अपलिखित मूल्य का अन्तर अर्थात् 50,000 – 40,000D 10,000 ₹ सकल लाभ में सम्मिलित किया जायेगा और शेष 5,000 ₹ का पूँजीगत लाभ शुद्ध लाभ की गणना में छोड़ दिया जायेगा।

(इ) किसी सम्पत्ति या दायित्व की वहन राशि (carrying amount) में कोई परिवर्तन जिसे सम्पत्ति या दायित्व के उचित मूल्य पर मापन पर लाभ-हानि खाते में आधिक्य को सम्मिलित करते हए समता संचितियों में मान्यता दी गई है।

Managerial Remuneration Study Material

(3) निम्नलिखित राशियों को घटाया जायेगा :

(i) सम्पूर्ण साधारण कार्यकरण के व्यय (working charges);

(ii) संचालकों का पारिश्रमिक;

(iii) कम्पनी के किसी स्टाफ के किसी सदस्य या कम्पनी के किसी इन्जीनियर या तकनीशियन को दिया जाने वाला बोनस या कमीशन;

(iv) केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित अतिरिक्त तथा असाधारण लाभों पर कर;

(v) व्यापार के लाभों पर कर जिसे केन्द्रीय सरकार ने विशेष कारणों अथवा विशेष परिस्थितियों में लगाया हो;

(vi) कम्पनी द्वारा निर्गमित ऋणपत्रों पर ब्याज

(vii) कम्पनी द्वारा लिए हुए सुरक्षित ऋण तथा अग्रिमों और बन्धकों पर ब्याज;

(viii) असुरक्षित ऋणों और अग्रिमों पर ब्याजः

(ix) चल या अचल सम्पत्ति के मरम्मत के व्यय बशर्ते कि मरम्मत पूँजीगत प्रकति का नहीं है: ।

(x) कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 181 के अन्तर्गत पुण्यार्थ कोषों के लिये दिये गये चंदों के लिये धन;

(xi) धारा 123 में निर्दिष्ट सीमा तक हास। इस थारा के अन्तर्गत हास के लिये निम्नलिखित कटौतियाँ स्वीकत हैं :

(अ) कम्पनी अधिनियम की अनुसूची XIV में निर्दिष्ट दरों से आगणित अतिरिक्त और अनेक पारी भत्ताओं सहित। सामान्य हास! किन्तु इसमें विशेष या प्रारम्भिक हास, विकास छूट कोष या विनियोग भत्ता कोष में हस्तान्तरण सम्मिलित नहीं है।

(ब) बेची गयी, प्रयोग से हटायी गई अथवा नष्ट हुई सम्पत्ति के अपलिस्थित मूल्य का सम्पत्ति के विक्रय मूल्य या अवशेष मूल्य पर आधिक्य। यह अन्तिम दास (Terminal Depreciation) कहलाता है। इसकी गणना इस प्रकार का जाती है :

Terminal Depreciation = Written Down Value -(Sale Proceeds + Scrap Value)

(xii) इस अधिनियम के लागू होने के बाद किसी भी वर्ष में उत्पन्न हई व्यापारिक हानियाँ बशर्ते कि इन्हें पर्व किसी वर्ष म नला

घटाया गया है।

(xiii) किसी कानूनी दायित्व के आधार पर दी जानी वाली क्षतिपूर्ति या हर्जाना।

(xiv) उपर्युक्त  (xiii) के अन्तर्गत सम्भावित दायित्व की जोखिम के विरुद्ध किये गये वीमे का प्रीमियम। (xv) डूबत ऋण दशर्ते कि लेखा-वर्ष में इन्हें अपलिखितमा समायोजित कर दिया गया है।

(4) निम्नलिखित राशियों को नहीं घटाया जायेगा।

(i) कम्पनी की आय पर देय आपकर, आयकर अथवा कोई अन्य कर किन्तु इसमें उपधारा (4) के उप-वाक्य (iv) आर

(v) में सम्मिलित कर नहीं;

(ii) स्वैच्छिक क्षतिपूर्ति, हर्जाना या भुगतान

(iii) उपक्रम के वेचने पर हानि सहित पूँजीगत स्वभाव की हानियाँ; और

(iv) किसी सम्पत्ति या दायित्व की वहन राशि में कोई परिवर्तन जिसे सम्पत्ति या दायित्व के उचित मूल्य पर मापन पर लाभ-हानि खाते में आधिक्य को सम्मिलित करते हए समता संचितियों में मान्यता दी गई है। ।

यहाँ यह बतलाना आवश्यक है कि उपर्युक्त व्यवस्थाएँ एक निजी कम्पनी पर लागू नहीं होती जब तक कि वह एक सार्वजनिक । कम्पनी की सहायक न हो।

Managerial Remuneration Study Material

उदाहरण 1. X Ltd. का लाभ-हानि खाता निम्नलिखित है। आपको अंशकालिक संचालकों को अनुमत (Permissible) अधिकतम पारिश्रमिक की गणना करनी है। कम्पनी प्रबन्धक या प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचाल नियुक्त नहीं करती है। धारा 197(1) के अन्तर्गत कुल अधिकतम प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की भी गणना कीजिये।

Following is the Profit and Loss Account of X Ltd. You are required to calculate the maximum remuneration permissible to part-time directors. The company does not employ manager or managing director or whole-time director. Also calculate overall maximum managerial remuneration under Section 197(1).

(i) Remuneration to Part-time Directors = 3/100 x 60,20,000 =* 1.80.600

(ii) Maximum Overall Remuneration = 11% of 60,20,000 = 6,62,200 UGTEPUT

उदाहरण 2. निम्नलिखित विवरणों से कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 197 को अन्तर्गत ब्लू प्रिन्ट कं लि ( एक निर्माणी कम्पनी ) के संचालकों और प्रबन्धक को उपलब्ध अधिकतम पारिश्रमिक निर्धारित करो :

ऐसा कोई पारिश्रमिक चार्ज करने से पूर्व किन्तु निम्नलिखित मामलों के लेखे करने के बाद 31-3-2015 को समाप्त वर्ष लाभ हानि खाता ने 6.60.000 का क्रेडिट शेष दिखलाया :

Determine the maximum remuneration available to the Directors and Manager of Blue Print Co. Ltd. (a manufacturing company) under Sections 197 of the Companies Act, 2013 from the following particulars

Before charging any such remuneration the Profit and Loss Account showed a credit balance of 6,60,000 for the year ended 31-3-2015 after taking into account the following matters –

(i) Capital expenditure ( 274)                                                                                                1,50,000

(ii) Subsidy received from Government (सरकार से प्राप्त अनुपूर्ति )                             1,20,000

(iii) Special depreciation (विशेष ह्रास )                                                                                  20,000

(iv) Multiple shift allowance (बहु पारी भत्ता)                                                                     30,000

(v) Bonus to foreign technicians (विदेशी तकनीशियनों को अधिलाभांश)                      90,000

(vi) Provision for taxation (करारोपण के लिए आरोपण )                                                 8,00,000

(vii) Compensation paid to injured workman (घायल कर्मचारी को क्षति भुगतान )  20,000

(viii) Ex-gratia payment to an employee ( एक कर्मचारी को स्वैच्धिक भुगतान)         10,000

(ix) Loss on sale of fixed asset (स्थायी सम्पत्ति के विक्रय पर हानि)                                 20,000

(x) Profit on sale of investment (विनियोग के विक्रय पर लाभ) ।                                      60,000

 

Managerial Remuneration Study Material

Maximum Remuneration payable to the Directors (Part-time): 1% of 15,80,000 =

15,800

Maximum Remuneration payable to the Manager : 5% of 15,80,000            = 79,000

उदाहरण 3. सतपाल लि० एक पूर्णकालिक संचालक नियक्त करती है जिसे 4.000₹ प्रति माह वेतन और इसके अतिरिक्त इस वेतन या कमीशन से पूर्व कम्पनी के शुद्ध लाभों पर 2% कमीशन प्राप्त करने का अधिकार है । 31 मार्च 2015 को समाप्त कम्पनी के वित्तीय वर्ष का लाभ-हानि विवरण-पत्र इस प्रकार है:

Satpal Ltd. employs a wholetime Director who is entitled to a salary of 4,000 per month and, in addition, to a commission of 2 per cent of the net profits of the company before such salary or commission. The Statement of profit and loss for the company’s financial year ending 31st March 2015 is as follows –

Managerial Remuneration Study Material

 प्रबन्धकीय कमीशन की गणना की भिन्न व्यवस्था

जहाँ एक से अधिक श्रेणी का प्रबन्धकीय स्टॉफ है तो उनमें से प्रत्येक को देय कमीशन की गणना सामान्यतया उदाहरण संख्या 2 की तरह उनके पारिश्रमिक घटाने से पूर्व के लाभ पर की जाती है। तथापि, इससे भिन्न व्यवस्था भी स्वीकृत है जिसमें प्रबन्धकीय स्टॉफ को देय कमीशन की गणना (i) प्रबन्धकीय स्टॉफ के दूसरे सदस्यों के कमीशन को घटाकर बचे लाभ पर की जा सकती है; अथवा (ii) प्रबन्धकीय स्टॉफ के दूसरे सदस्यों और उसके स्वयं के कमीशन को घटाकर बचे लाभ पर की जा सकती है।

प्रबन्धकीय स्टॉफ के अन्य सदस्यों के कमीशन घटाने के बाद कमीशन देय होना।

(Commission payable after charging the commission of other members of managerial personnel)

उदाहरण संख्या 2 में, यदि मान लीजिये कि कम्पनी के संचालक प्रबन्धक का पारिश्रमिक घटाने के उपरान्त बचे लाभों पर अधिकतम दर से पारिश्रमिक पाने के अधिकारी हैं और प्रबन्धक संचालकों के पारिश्रमिक घटाने के उपरान्त बचे लाभों पर अधिकतम दर से पारिश्रमिक पाने का अधिकारी है। इस स्थिति में दोनों का पारिश्रमिक युगपद् समीकरणों (Simultaneous equations) की सहायता से निम्न प्रकार से ज्ञात किया जायेगा : माना कि संचालकों को देय पारिश्रमिक x ₹ है तथा प्रबन्धक को देय पारिश्रमिक ) ₹ है तो –

दूसरे सदस्यों और स्वयं अपने कमीशन को घटाकर बचे लाभ पर कमीशन देय होना

(Commission payable on profits after charging the commission of other members and his own)

ऐसे समझौते की स्थिति में प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की गणना अधिक जटिल हो जाती है। निम्न उदाहरण 4 में इस स्थिति को समझाया गया है।

उदाहरण 4. अ लिमिटेड में एक प्रबन्धक और तीन पूर्णकालिक संचालक नियुक्त हैं। वह प्रबन्धक को 5% और प्रत्येक पूर्णकालिक संचालक को 2% कमीशन देते हैं। निम्नलिखित सूचना को ध्यान में रखते हुए प्रबन्धक को देय पारिश्रमिक की गणना कम्पनी अधिनियम के अनुसार उसके अपने कमीशन और पूर्णकालिक संचालकों के कमीशन को घटाने के उपरान्त बचे लाभ पर की जाती है

और पूर्णकालिक संचालकों को देय पारिश्रमिक की गणना उनके अपने कमीशन और प्रबन्धक के कमीशन को घटाने के उपरान्त बचे लाभ पर की जाती है :

A Ltd. employs a manager and three whole time directors. It pays 5% commission to the Manager and 2% to each whole time director. The commission payable to the Manager is calculated on the profit left after charging his commission and commissions of whole-time directors, and the commissions payable to the whole-time directors are calculated on profits left after charging their commissions and commission of manager as per Companies Act after taking into consideration the following information:

नोट : प्रशासन और विक्रय व्ययों में एक नये शोरूम के निर्माण की लागत 20,000 ₹ सम्मिलित है: कर्मचारियों के वेतन और बोनस में गत वर्ष की सेवाओं के लिए दिया गया 4,600 ₹ का स्टॉफ का बोनस सम्मिलित है – इस वर्ष का अनमानित 4.800 ₹ का बोनस खातों में नहीं लाया गया है। हास में 3,000 ₹ प्रारम्भिक हास का सम्मिलित है।

Note : Administration and selling expenses included the cost of construction of a new show-room 20,000; staff salaries and bonus included bonus paid to staff on account of last year services * 4,600 – bonus estimated for this year ₹4,800 has not been brought into account. Depreciation included initial depreciation ₹3,000.

Managerial Remuneration Study Material

लाभांश के लिए उपलब्ध लाभों पर कमीशन देय होना

(Commission payable on profits available for dividend)

एक कम्पनी अपने प्रबन्धकीय स्टॉफ के साथ ‘लाभांश के लिये उपलब्ध लाभों’ पर कमीशन पाने के लिये समझौता कर सकती है। ‘लाभांश के लिये उपलब्ध लाभों’ वाक्यांश का आशय कर और समस्त आवश्यक नियोजनों, जैसे ऋणपत्रों के भगतान के लिये बनाये गये सिंकिंग फण्ड में हस्तान्तरण आदि के उपरान्त बचे लाभों से होता है। इस प्रकार इस स्थिति में प्रबन्धकीय स्टॉफ के पारिश्रमिक की गणना तभी की जा सकती है जबकि कम्पनी के कर दायित्व का निर्धारण हो जाय तथा कर दायित्व का निर्धारण प्रबन्धकीय पारिश्रमिक घटाकर प्राप्त लाभों के आधार पर होगा। इस प्रकार प्रबन्धकीय स्टॉफ का पारिश्रमिक और कर की राशि अन्तसेम्बन्धित। होंगे। ऐसी स्थिति में स्टॉफ के पारिश्रमिक और कर राशि की गणना युगपद समीकरणों की सहायता से की जाती है। इसे निम्न उदाहरण 5 में समझाया गया है।

उदाहरण 5. ‘सेन्सिको लिमिटेड’ के 31 मार्च 2015 को समाप्त वर्ष के लाभ-हानि खाते से प्रबन्धकीय संचालक के पारिश्रमिक की गणना करो जो कि लाभांश के लिये उपलब्ध लाभों पर 4% कमीशन का अधिकारी है। आय-कर की दर साधारण लाभों पर 50% लाभों पर 20% मान लीजिए। देय आय-कर की राशि की भी गणना करो।

महत्वपूर्ण प्रश्न दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)

1 प्रबन्धकीय स्टॉफ के सदस्यों के पारिश्रमिक निर्धारण के कम्पनी अधिनियम 2013 के प्रावधाना का विवरण

Describe  the Previsions of Companies Act, 2013 relating to the ascertainment of remuneration of the members of managerial staff.

2. प्रबन्धकीय पारिश्रमिक से क्या आशय है ? अधिकतम एवम् न्यूनतम पारिश्रमिक से सम्बान्धित प्रावधाना का वर्णन कीजिए ।

What is the meaning of managerial remuneration ? Describe the provisions Relating to Maximum and Minimum remuneration.

3. प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के निर्धारण के लिये शद्ध लाभ की गणना कैसे की जाती है ?

How is net profit calculated for ascertaining managerial remuneration ?

4. प्रबन्धकीय पारिश्रमिक से क्या आशय है ? प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के लिये लाभ की गणना किस प्रकार की जाती है ? सविस्तार वर्णन कीजिये।

What is the meaning of managerial remuneration ? How is profit calculated for managerial remuneration ? Describe in detail.

लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

(i) एक कम्पनी के संचालकों के पारिश्रमिक निर्धारण के लिये कम्पनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों का वर्णन करो।

Describe the provisions of Companies Act, 2013 relating to ascertainment of remuneration of directors of a company.

(ii) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के निर्धारण के लिये शुद्ध लाभ की गणना कैसे की जाती है ?

How is net profit determined for ascertaining managerial remuneration.

Managerial Remuneration Study Material

आंकिक प्रश्न (Numerical)

(i) एक लिमिटेड कम्पनी के निम्नलिखित विवरणों से कम्पनी के प्रबन्ध संचालक और अन्य अंशकालिक संचालकों को देय अधिकतम पारिश्रमिक की गणना करो :

आयकर के लिये आयोजन और प्रवन्धकीय पारिश्रमिक से रम्मत के लिये आयोजन

और ह्वास के पश्चात् शुद्ध लाभ                                          86,84,100₹

पुस्तकों में हास के लिये आयोजन                                      32,00,000₹

वर्ष में मशीनरी की मरम्मत के लिये आयोजन                 2,50,000₹

वर्ष में मरम्मत पर हुआ वास्तविक व्यय ।                       1,50,000₹

From the following particulars of a limited company, calculate the maximum remuneration payable to managing director and other part time directors of the company :

Net Profit before provision for income-tax and managerial remuneration,

but after depreciation and provision for repairs                           ₹86.84.100

Depreciation provided in the books                                                  ₹32,00,000

Repairs of machinery provided for during the year                    ₹2,50,000

Actual expenditure incurred on repairs during the year           ₹ 1,50,000

(Answer:₹5,27,046)

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

(Very Short Answer Questions)

(A) State whether the following statements are ‘True’ or ‘False’:

बतलाइये कि क्या निम्नलिखित कथन सत्यहैं या असत्य‘ :

(i) एक कम्पनी प्रबन्ध संचालक और प्रबन्धक दोनों नहीं रख सकती।

A company can not have both managing director and manager.

(ii) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के भुगतान पर प्रतिबन्ध दोनों सार्वजनिक सीमित और निजी सीमित कम्पनियों पर लाग होते हैं।

Restrictions on payment of managerial remuneration are applicable to both public limited and private limited companies.

(iii) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की गणना कर के लिये आयोजन के पश्चात की जाती है।

Managerial remuneration is calculated after making a provision for taxation.

(iv) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की गणना के लिये संचालकों की फीस छोड़ दी जाती है।

Directors fees are excluded for calculating managerial remuneration.

(v) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक पर कोई प्रशासनिक उच्चतर सीमा नहीं है।

There is no administrative ceiling on managerial remuneration.

(Answer: True : (i), iv, v; False : ii, iii)

 

[B] Select the correct answer (सही उत्तर बतलाइये) :

1. लाभ अर्जित करने वाली एक कम्पनी अपने प्रबन्ध निदेशक को अधिकतम कितना पारिश्रमिक दे सकती है :

(अ) 87,500 ₹ प्रति माह

(ब) 1,35,000 ₹ प्रति माह

(स) शुद्ध लाभ का 5%

(द) 10%

A company making profits can pay to its Managing Director a maximum remuneration of: (a₹87,500 per month

(b) ₹1.35,000 per month

(c) 5% of net profit

(d) 1070

2. बतलाइये कि निम्नलिखित कथनों में से कौन सा असत्य है :

(अ) एक कम्पनी प्रबन्ध संचालक और प्रबन्धक दोनों नहीं रख सकती।

(ब) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के भुगतान पर प्रतिबन्ध दोनों सार्वजनिक सीमित और निजी सीमित कम्पनियों पर

(स) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की गणना के लिये संचालकों की फीस छोड दी जाती है।

(द) प्रबन्धकीय पारिश्रमिक पर कोई प्रशासनिक उच्चतर सीमा नहीं है।

Which of the following is incorrect :

(a) A company can not have both managing director and manager.

(b) Restrictions on payment of managerial remuneration are applicable to both public limited and private limited companies.

(c) Directors fees are excluded for calculating managerial remuneration.

(d) There is no administrative ceiling on managerial remuneration.

3. गंगा एक्सप्रेसवे लि० के निम्नलिखित विवरणों से प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के लिये लाभ की गणना करो

आय कर और प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के लिये आयोजन से पूर्व किन्तु हास और

मरम्मत के लिये आयोजन के पश्चात् शुद्ध लाभ                                            8,70,410 ₹

वर्ष काल के लिये मशीनरी की मरम्मत के लिये आयोजन                            25,000 ₹

पुस्तकों में प्रदान किया गया हास                                                                    3,10,000 ₹

अनुसूची XIV के अन्तर्गत स्वीकृत हास                                                         2,60,000₹

वर्ष काल में मशीनरी की मरम्मत पर हुआ वास्तविक व्यय                          15,000₹

(अ) 5,95,410 ₹                                          (ब) 9,30,410 ₹

(स) 12,05,410 ₹                                          (द) इनमें से कोई नहीं

From the following particulars of Ganga Expressway Ltd., calculate net profit for managerial remuneration :

Net profit before provision for income tax and managerial remuneration, but after

₹ 8,70,410

depreciation and provision for repairs Provision for repairs of machinery during the year                                                                                                                                          ₹ 25,000

Depreciation provided in the books                                                                           3,10,000

Depreciation allowable under Schedule XIV                                                        ₹2,60,000

Actual expenditure incurred on repairs during the year                                   15,000

(a) ₹5,95,410               (b) ₹930410    (    c) ₹12,05,410       (d) none of these

4. सूची अ को सूची ब से मिलाइये और सूचियों के नीचे कोड का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करो। सूची अ सूची ब

A. कुल प्रबन्धकीय पारिश्रमिक कम्पनी के शुद्ध लाभों का ………… से अधिक नहीं ₹2,000 होना चाहिये।

B यदि संचालकों की सहायता के लिये प्रबन्धक, प्रबन्ध संचालक और पूर्णकालिक 2. 11% संचालकों में से कोई भी नहीं है तो अल्पकालिक संचालकों को देय अधिकतम पारिश्रमिक ………… से अधिक नहीं हो सकता।

C. लाभ न होने या अपर्याप्त होने पर एक कम्पनी केन्द्रीय सरकार की अनुमति लिये बिना 3% अपनी प्रबन्धकीय टीम के प्रत्येक सदस्य को न्यूनतम पारिश्रमिक के सै में कम्पनी की …….. पर आधारित 75,000 ₹ प्रति माह से 2,00,000 ₹ प्रति माह की अधिकतम राशि भुगतान कर सकती है।

D. एक कम्पनी अपने संचालकों को अधिकतम फीस प्रति मीटिंग भुगतान कर सकती है।

4. effective capital

कोड                          A                 B                     C                   D

(a)                            2                  3                     1                    4

(b)                            3                  2                     1                    4

(c)                            1                  2                     3                    4

(d)                            1                  3                     2                    4

5. एक लिमिटेड कम्पनी के निम्नलिखित विवरणों से कम्पनी के प्रबन्ध संचालक और अन्य अंशकालिक संचालकों को देय अधिकतम पारिश्रमिक की गणना करो : आयकर के लिये आयोजन और प्रबन्धकीय पारिश्रमिक से पूर्व, किन्तु

मरम्मत के लिये आयोजन और ह्रास के पश्चात शुद्ध लाभ                             86,84,100 ₹

पुस्तकों में हास के लिये आयोजन                                                                   32,00,000 ₹

वर्ष में मशीनरी की मरम्मत के लिये आयोजन                                               2,50,000 ₹

वर्ष में मरम्मत पर हुआ वास्तविक व्यय                                                         1,50,000 ₹

(अ) 4,27,040 ₹ (ब) 5,27,046₹   (स) 6,02,050 ₹ (द) इनमें से कोई नहीं

From the following particulars of a limited company, calculate the maximum remuneration payable to managing director and other part time directors of the company : Net Profit before provision for income-tax and managerial

remuneration, but after depreciation and provision for repairs            ₹86,84,100

Depreciation provided in the books                                                               ₹32,00,000

Repairs of machinery provided for during the year                                   ₹2,50,000

Actual expenditure incurred on repairs during the year                        ₹1,50,000

(a) ₹4,27,040         (b) ₹5,27,046        (c) ₹6,02,050      (d) none of these

6. सूची अ को सूची ब से मिलाइये और सूचियों के नीचे दिये कोड का उपयोग करते हुए सही उत्तर का चयन करो। सूची अ सूची ब.

A प्रबन्ध-संचालक का अधिकतम प्रबन्धकीय पारिश्रमिक, यदि केवल एक ऐसा संचालक है        1. शुद्ध लाभ का 1%

B प्रबन्ध-संचालकों का अधिकतम प्रबन्धकीय पारिश्रमिक, यदि ऐसे संचालक एक से अधिक हैं   2. शुद्ध लाभ का 3%

C अल्पकालिक संचालकों का अधिकतम प्रबन्धकीय पारिश्रमिक, जब कम्पनी में प्रबन्ध-संचालक      3. शुद्ध लाभ का 5%

D अल्पकालिक संचालक या प्रबन्धक है  अल्पकालिक संचालक (संचालकों) का अधिकतम प्रबन्धकीय पारिश्रमिक, जब कम्पनी में कोई    प्रबन्ध-संचालक या पूर्णकालिक संचालक या प्रबन्धक नहीं है                                                                                                                                                 4. शुद्ध लाभ का 10%

E प्रबन्धकीय पारिश्रमिक की अधिकतम सीमा                                                    5. शुद्ध लाभ का 11%

Match List A with List B and select the correct answer using the code given below the lists:

List A                                                                                                                             List B

A Maximum managerial remuneration to managing Director, if there is only one such

                                                                                       1 1% of net profit director

B Maximum managerial remuneration to Managing Director, if there is more than one Such Director

                                                                                            2 3% of net profit

C Maximum managerial remuneration to part-time directors where the company has Managing Director or whole time director or a manager

                                                                                           3. 5% of net profit

D Maximum managerial remuneration to part-time director(s) where the company has no M.D. or whole time director or a manager

                                                                                            4 10% of net profit

E Maximum limit of total managerial remuneration                                     5. 11% of net profit

कोड (Code)                        A                          B                       C                        D                         E

(अ)                            1                    2                   3                   4                    5  

(ब)                             3                    4                   1                    2                    5  

(स)                             5                    4                   2                   1                     3  

(द)                              4                    3                   1                   2                     5 

 

Answers : 1. (c), 2. (b), 3. (b),4.(a), 5. (b), 6.(b)]

क्रियात्मक प्रश्न (Exercises)

1 एक कम्पनी की पुस्तकों से लिये गये सम्बद्ध अवशेष निम्नलिखित हैं। आपको कम्पनी अधिनियम के अनुसार निर्धारित लाभ पर 5% से प्रबन्ध-संचालक के पारिश्रमिक की गणना करनी है। उसको भुगतान की गई अधिक राशि, यदि कोई है, ज्ञात करो : शुद्ध लाभ 19,794 ₹ उपर्युक्त शुद्ध लाभ पर पहुँचने के लिये विचारित मदें :

Following are the relevant balances taken from the books of a company. You are required to calculate the remuneration of the managing director at 5% of the profit ascertained according to the Companies Act. Find out the excess amount, if any, paid to him. Net Profit₹19,794 Items considered for arriving at the above net profit :

(i) कर के लिये आयोजन Provision for taxation                                          30,130₹

(ii) प्रबन्ध-संचालक का पारिश्रमिक Managing director’s remuneration      3,872₹

(iii) प्रारम्भिक व्यय  Preliminary expenses                                              3,000

(iv) संचालकों की फीस Directors fee                                                               2,000₹

(v) संदिग्ध ऋणों के लिये आयोजन Provision for doubtful debts                600₹

(vi) हास 9,660 ₹; अनुमत हास Depreciation ₹ 9,660; Depreciation allowed  9,000₹

(vii) सहयोगी संस्थाओं को दान Donation to sister concerns                        3,000₹

(viii) एक कर्मचारी को स्वैच्छिक भुगतान Ex-gratia payment to an employee 1,000₹

(Answer : Profit ₹59,056,Commission Payablet 2,953)

2. मोहन लि० का निम्नलिखित लाभ-हानि विवरण-पत्र है :

Following is the Statement of P. & L. of Mohan Ltd. :

उपर्यक्त सूचना से संचालकों को देय अधिकतम कमीशन ज्ञात करो जबकि : (i) संचालकों की सहयता के लिये मैनेजर है. (ii) संचालकों की सहायता के लिये प्रबन्ध-संचालक है; (iii) संचालकों की सहायता के लिये पूर्णकालिक संचालक है. iv) संचालकों की सहायता के लिये मैनेजर, प्रबन्ध-संचालक एवं पूर्णकालिक संचालक में से कोई भी नहीं है।

Find out the permissible maximum commission payable to directors from the above information when () there is manager to assist the directors, (ti) there is managing director to assist the directors, (ii) there is whole time director

assist the directors. (iv) there is none out of manager, managing director and whole time director to assist the directors.

(Answer : (i), (i) and (ii)₹16,000; (iv)₹48,000)

3 ABC Ltd. का 31 मार्च 2015 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिये निम्नांकित लाभ-हानि विवरण-पत्र है

Following is the Statement of Profit and Loss of ABC Ltd. for the year ending 31st March 2

Salaries                            36,500                              Gross Profit                                          5,00,000

Income Tax                  38,500                    Subsidy received from Government      1,20,000

Depreciation (including₹   5,000  terminal   Profit on sale of Machinery          1,80,000

depreciation)              55,000                                       Cost                                                 2,20,000

Compensation for the breach of contract   8,000    Depreciated Value              70,000

Provision for Bad Debts              2,000               Sale Price                                         2,50,000

General Reserve                            6,000

General Expenses                         4,000

Proposed Dividend                    25,000

Directors Fees                            15,000

Loss on sale of Investments   10,000

Net Profit                                     6,00,000

                                           8,00,000                                                   8,00,000

उपर्युक्त सूचना से संचालकों को स्वीकृत अधिकतम कमीशन निकालिये जबकि :

(अ) संचालकों की सहायता के लिये प्रबन्धक है।

(ब) संचालकों की सहायता के लिये मैनेजर, प्रबन्ध-संचालक और पूर्णकालिक संचालक में से कोई भी नहीं है।

Find out the permissible maximum commission payable for directors from the above information when :

(a) There is manager to assist the directors.

(b) There is none out of manager, managing director and whole-time director to assist the directors.

(Answer: (a)₹6,515 (b)₹19,545)

4. पी वी एस माल का प्रबन्धक 2,500 ₹ प्रतिमाह वेतन तथा इस वेतन और कमीशन के पश्चात् कम्पनी के शुद्ध लाभों पर 1% कमीशन पाने का हकदार है। 31 मार्च 2015 को समाप्त वर्ष का कम्पनी का लाभ-हानि खाता निम्नलिखित है:

The Manager of PVS Mall is entitled to get a salary of ₹2,500 per month plus 1% commission on the net profits of the company after such salary and commission. The following is the profit and loss account of the Company for the year ended 31th March 2015 :

Profit and Loss Account  

To Salaries and Bonus                1,92,500              By Gross Profit b/d                      9,00,000

To General Expenses                    74,000               By Subsidy from Government   60,000

To Depreciation                          82,000                    By Profit on Sale of Assets       1,00,000

To Expenditure on Scientific Research                     Cost Price                               ₹2,50,000

(cost of an apparatus)            14,000                             W.D.V.                                    1.80.000

To Manager’s Salary                 30,000

To Commission to Manager   6,000

To Provision for Bad and Doubtful Debts      17.500

To Provision for Income Tax                               2,40,000

To Proposed Dividend                                          1,00,000

To Balance c/d                                                        3,04,000

                                                               10,60,000                             10,60,000

आय कर नियमों के अनुसार 81,000₹ का हास बनता है। प्रबन्धक को देय कमीशन की गणना करो। Depreciation as per income tax rules amounts to 81,000. Calculate the remuneration payable to the manager.

(Answer : Commission payable ₹6,460)

5. न्यूटन लि० के मण्डल में 3 पूर्णकालिक संचालक और अन्य अल्पकालिक संचालक हैं। कम्पनी के निम्नलिखित विवरणों से पूर्णकालिक संचालकों और अल्पकालिक संचालकों को देय अधिकतम पारिश्रमिक की गणना करो। यह मान लीजिये कि पूर्णकालिक संचालकों को देय पारिश्रमिक की गणना अल्पकालिक संचालकों को कमीशन देने के बाद बचे। शुद्ध लाभों पर करनी है और अल्पकालिक संचालकों को कमीशन की गणना पूर्णकालिक संचालकों को पारिश्रमिक का भुगतान करने के बाद बचे शुद्ध लाभों पर करनी है।

कम्पनी द्वारा अर्जित लाभ                                 2,50,000 ₹

उपर्युक्त लाभ निम्नलिखित का हिसाब करने के बाद निर्धारित किये गये हैं :

स्थायी सम्पत्तियों पर हास                                 47,800 ₹

आय-कर के लिये आयोज                                 1,22,500₹

12,500 र क एक शोरूम की लागत से सम्बन्धित पँजीगत व्यय को लाभ-हानि खाते से चार्ज किये सामान्य व्ययों में सम्मिालत किया गया है। आपको सूचित किया जाता है कि अनसची XIV के अनुसार हास की राशि 32,800 रु है ।

whole-ume directors on its Board, the others being part-time directors. From the following particulars of the company, calculate the maximum remuneration pavable to the whole-time directors and time directors assuming that the remuneration payable to the whole-time directors to be calculated on her remaining after payment of commission to part-time directors and the commission to part-time directors 15 10 calculated on net profits remaining after payment of remuneration to whole-time directors. Profit earned by the company               ₹2,50,000.

The abové profits have been ascertained after taking into account the following:

Depreciation on fixed assets                                        ₹ 47,800

Provision for income tax made                                   ₹1,22,500

Capital expenditure relating to cost of a showroom has been included in general expenses charged to Profit and Loss Account 12,500. You are informed that the depreciation admissible as per schedule XIV amounts to ₹32,800.

(Answer : Whole-time directors’ remuneration ₹ 39.640. Part-time directors’ remuneration ₹3,604)

6. उषा लि० का लाभ 1,50,000 ₹ हास के घटाने के बाद (यद्यपि अनसची XIV के अनुसार स्वीकार्य राशि 1,80,000 ₹। आती है) और 25,000 ₹ की एक मशीन के विक्रय पर लाभ को जोड़ने के बाद (पुस्तक मूल्य 1,50,000 ₹, आयोजित हास 60,000२) 6,00,000 ₹ है। इस पर 60% आय-कर देना है। कम्पनी में एक प्रबन्ध-संचालक है जिसे कानून द्वारा अनुमत अधिकतम स्तर पर कमीशन स्वीकृत है। अंशकालिक संचालकों को भी कानून के अन्तर्गत अनुमन्य पारिश्रमिक स्वीकृत है। बतलाइये: (i) कर के लिये आयोजन, प्रबन्ध-संचालक और अल्पकालिक संचालकों के पारिश्रमिक, तथा (ii) लाभांश के लिये उपलब्ध लाभ।

Usha Ltd. shows a profit of₹6,00,000 after charging depreciation amounting to ₹1,50,000 (though the admissible amount as per schedule XIV comes to ₹ 1,80,000) and after taking credit for profit on sale of a machine ₹ 25,000 (book value ₹ 1,50,000, depreciation provided ₹ 60,000). It is subject to tax @ 60% and has a managing director who is allowed commission at the maximum level permitted by law. Part-time directors are also allowed remuneration under law. State (i) the provision for taxation, Managing Directors’ and Part-time Directors’ remuneration and (ii) the profit available for dividend. (Answer: (i) Managing Director’s remuneration ₹28,500, Part-time Directors’ remuneration ₹5,700,

Provision for taxation ₹3,21,480, Profit available for dividend ₹2,44,320).

7. महेश एण्ड कम्पनी का 31 मार्च 2015 का निम्नांकित लाभ-हानि विवरण-पत्र था :

Following was the Statement of Profit & Loss of Mahesh & Co. on 31st March 2015 :

To Salaries                          60,000                    By Gross Profit              3,00,000

To Manager’s Salary        8,000

To Director’s Fees            4,000

To Depreciation               40,000

To General Charges        42,000

To General Reserve        30,000

To Interest on Debentures   15,000

To Taxation                        70,000

To Net Profit                    31,000

                                   3,00,000                                         3,00,000

कर के लिये सभी व्यय मान्य हैं। कम्पनी के लाभों पर आय-कर 40% से लगाया जाता है। इस कम्पनी के मैनेजर का वार्षिक वेतन 8.000 ₹है और इसे अपना वेतन और कर काटने के बाद आये हुए विभाजन योग्य लाभों पर 3% कमीशन भी मिलता। है। हास में 10.000₹ विकास छट के शामिल है। मैनेजर का कमाशन और आयकर की राशि निकटतम रूपयों में निकालिये।

All the expenses are allowable for taxation. Calculate income-tax on Company’s profits @ 40%. The annual salary of the manager of the company is 8,000. He also gets 3% commission on divisible profits arrived at after his salary and taxation. Depreciation includes 10,000 for development rebate.

Find out Manager’s commission and income-tax to the nearest rupees.

(Answer : Commission ₹2,690, Income-tax₹51,324)

8 श्री लिमिटेड का प्रबन्धक 10.000₹ वार्षिक वतन तथा लाभाश के लिये उपलब्ध लाभ का 5% कमीशन प्राप्त करने का अधिकारी है। 31 मार्च 2015 के वर्ष के लिये उनका लाभ-हानि विवरण-पत्र निम्नलिखित है:

The Manager Shree Ltd. is entitled to annual salary 10,000 and also a commission of 5% on  the Profits available for dividend . Their Statement of Profit and Loss for  the Year ended 31st March 2015 is as follows :

To Salaries and Bonus                80,000                By Gross Profit                  4,40,000

To General Expenses                  55,000

To Directors’ Fees                          5,000

To Manager’s Salary                   10,000

To Depreciation (including Development

Rebate ₹ 10,000)                                50,000

To Interest on Debentures            20,000

To General Reserve                          60,000

To Taxation                                          90,000

To Balance c/d                                   70,000

                                               4,40,000                                         4,40,000

यह मानते हुए कि कम्पनी की आयकर की दर 50% है, प्रबन्धक के पारिश्रमिक की गणना करो। Assuming corporate tax rate at 50%, calculate Manager’s Remuneration.

(Answer: 16,667. As it is more than that allowed u/s 197, it is assumed that permission from Central Govt. has been obtained for the same)

9. अर्णव लि० एक प्रबन्धक को नियुक्त करती है जो कि 8,000 ₹ प्रति माह वेतन और इसके अतिरिक्त इस वेतन और कमीशन से पूर्व कम्पनी के शुद्ध लाभों का 2% कमीशन पाने का हकदार है। कम्पनी के 31 मार्च 2015 को समाप्त वित्तीय वर्ष का लाभ-हानि विवरण-पत्र निम्न प्रकार है :

Arnav Ltd. employs a manager who is entitled to a salary of 8,000 per month and, in addition, to a commission of 2% of the net profits of the company before such salary and commission. The Statement of Profit and Loss for the Company’s financial year ending 31st March 2015 is as follows:

To General Expenses                              2,52,000    By Gross Profit                    27,08,000

To Staff Salaries and Bonus               6,68,000

To Depreciation                                     2,00,000

To Provision for Bad Debts              20,000

To Manager’s Salary                            96,000

To Commission to Manager (on account) 20,000

To Income Tax                                        3,40,000

To Balance c/d                                      11,12,000

     27,08,000                                  27,08,000

शोध्य ऋणों के लिये आयोजन के विरुद्ध प्रभारित राशि निम्न प्रकार आयी है :

The amount charged against provision for bad debts has been arrived at as follows:

Closing balance required as on 31-3-2015                                               30,000

Add Bad debts during the year                                                                      10,000

                                                                                                 40,000

Less Provision available as on 1-4-2014                                                 20,000

                                                                                                 20,000

आप यह मान सकते हैं कि लाभ-हानि विवरण-पत्र में दिखलायी गई हास की राशि वह है जो कि प्रबन्धकीय पारिश्रमिक के उद्देश्य से प्रावधान करना आवश्यक है। कम्पनी अधिनियम के अनुसार प्रबन्धक को देय वेतन और कमीशन की कूल राशि लाभों के 5% से अधिक नहीं हो सकती है। यदि कम्पनी अधिनियम के अन्तर्गत उस नियत राशि से अधिक देय किसी राशि के लिये केन्द्रीय सरकार का अनुमोदन लेना चाहती है तो (अ) 59,160 ₹, (च) 11,560 ₹, (स) कुछ नहीं, (द) 48,660 ₹, (इ) इनमें से कोई नहीं, के आधिक्य भुगतान के लिये अनुमोदन लेना चाहिये।

You may assume that the depreciation shown in the Statement of Profit and Loss is the amount required to be provided for the purpose of managerial remuneration. According to the Companies Act, the total of salary and commission payable to the manager cannot exceed 5% of the profits. If the company wants to obtain the approval of the Central Government for any amount payable in excess of that stipulated amount under the Companies Act, approval must be obtained for the excess payment of (a 59,160. (b)₹ 11,560, (C) Nil (d)₹48,660, te) None of the above.

(Answer: Net Profit for Managerial Remunara 15.78,000; Maximum Remuneration payable under Companies ACL 5% on 15,78,000 = < 78,900; Excess for which proval is required 48.660)

chetansati

Admin

https://gurujionlinestudy.com

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

BCom 3rd Year Redemption Debentures Long Answer Questions Study Material Notes in hindi

Next Story

BCom 3rd Year Incorporation Profit loss Prior Study Material Notes in hindi

Latest from B.Com