Bcom 2nd year cost Accounting under Absorption of Overheads study material notes in hindi

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Bcom 2nd year cost Accounting under Absorption of Overheads study material notes in Hindi

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under Absorption of Overheads
under Absorption of Overheads

Bcom 2nd Year Cost Accounting Inter Service Department Overheads Study Material Notes In Hindi

उपरिव्ययों का अधि तथा न्यून अवशोषण

(Over and Under-Absorption of Overheads)

लागत लेखों के अन्तर्गत विभिन्न उपकार्यों अथवा उत्पादित इकाइयों पर उपरिव्ययों को पूर्व निर्धारित दरों से ही चार्ज किया जाता है, अत: उनका वास्तविक उपरिव्यय राशि से भिन्न होना स्वाभाविक ही है। यदि अनुपानित आधार पर चार्ज के गई राशि वास्तविक राशि से कम होती है तो इसे उपरिव्ययों का न्यूनावशोषण (Under Absorption of Overheads) कहते हैं जबकि यदि चार्ज किये गये कुल उपरिव्ययों की राशि उस अवधि में किये गये उपरिव्ययों की वास्तविक राशि से अधिक है तो उसे उपरिव्ययों का अधिअवशोषण’ (Over Absorption) कहते हैं।

उपरिव्ययों के अधि अथवा न्यून अवशोषण के कारण-उपरिव्ययों के न्यून अथवा अधि अवशोषण के निम्नांकित कारण हो सकते हैं

(i) उत्पादन की मात्रा या मूल्य का अनुमान गलत हो गया हो;

(ii) कार्य के वास्तविक घण्टे अनुमानित घण्टों से अधिक या कम हों;

(iii) सामग्री तथा मजदूरी की दरों में परिवर्तन के कारण उपरिव्यय की वसूली का आधार सही न रहा हो; (iv) मौसमी उच्चावचन हो;

(v) उपरिव्ययों के अवशोषण की उपयुक्त रीति का चयन न किया गया हो।

उपरिव्ययों के कम या अधिक अवशोषण का लेखांकन उपचार

(Accounting Treatment of Over or Under Absorption of Overheads)

उपरिव्ययों के कम या अधिक अवशोषण की दशा में निम्नलिखित में से किसी एक पद्धति के द्वारा लेखांकन/निपटारा किया जा सकता है

1 लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरण (Transfer to Costing Profit and Loss Account)—इस विधि का प्रयोग प्राय: दो परिस्थितियों में किया जाता है। जब कम या अधिक अवशोषित उपरिव्ययों की राशि बहुत कम होती है तब इस विधि के अनुसार कम या अधिक-अवशोषण की राशि ‘उपरिव्यय समायोजन खाते’ (Overhead Adjustment Account) में डाल दी जाती है और वर्ष के अन्त में इस खाते के शेष को लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित कर दिया जाता है। दूसरा, सामान्य कारणों से हुई कम-अवशोषण या अधिक अवशोषण की राशि को भी लागत लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित किया जाता है।

2.अगले वर्ष के खाते में ले जाना (Carry-over to Next Year’s Accounts) इस विधि के अनुसार कम या। अधिक-अवशोषण को राशि को उपरिव्यय उचन्त खाते (Overhead suspense Account) में हस्तान्तरित करके अगल वष म ले जाया जाता है। इस विधि की आलोचना इस आधार पर की जाती है कि एक वर्ष की लागत को अगले वर्ष में ले जाना। उचित नहीं है। परन्तु जब व्यापार चक्र एक से अधिक वर्ष का हो तथा उपरिव्यय दीर्घकालीन आधार पर निर्धारित किए जाते हों तो इस विधि का प्रयोग लाभप्रदता से किया जाता है। ।

3.पूरक दर का प्रयोग करना (Use of Supplementary Rate) यह विधि उस स्थिति में अपनायी जाती है जब कम या अधिक अवशोषित उपरिव्ययों की राशि महत्वपूर्ण होती है। इस विधि के अनुसार उपरिव्यय की पूरक दर से अवशोषित उपरिव्यय की राशि में समायोजन किया जाता है। इस प्रकार पूरक दर के माध्यम से अवशोषित उपरिव्यय को वास्तविक दर पर लाया जाता है। पूरक दर की गणना करने के लिए कम/अधिक अवशोषण की राशि को वास्तविक आधार से भाग कर देते हैं। संक्षेप में, पूरक दर की गणना निम्नलिखित सूत्र की सहायता से की जा सकती है

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कम उपरिव्यय अवशोषण की दशा में पूरक दर से उपरिव्यय की राशि जोड़ी जाती है, इसके विपरीत अधिक उपरिव्यय अवशोषण की दशा में पूरक दर से उपरिव्यय की राशि घटाई जाती है।

पूरक दर से उपरिव्ययों में जो समायोजन किया जाता है उससे वे उपकार्य प्रभावित नहीं होने चाहिये जो कि पूर्ण हो चुके हैं। अत: इस दर को चालू-कार्य, निर्मित माल व बिक्री की लागत पर ही लागू किया जाना उचित माना जाता है। इस दृष्टिकोण के अनुसार पूरे हो चुके उपकार्यों पर उपरिव्ययों में जो अन्तर होता है उसे लागत लाभ-हानि खाते में ले जाया जाता है क्योंकि पूरे हो चुके उपकार्यों पर पूरक दर लागू नहीं की जाती है।

पूरक दरों के प्रयोग को निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से भली प्रकार समझा जा सकता है Illustration 9.

एक कम्पनी पूर्व-निर्धारित दरों के आधार पर उपरिव्यय अवशोषित करती है। 31 मार्च, 2019 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए कारखाना उपरिव्यय 3,66,250 ₹ अवशोषित किये गये। व्यय किये गये उपरिव्यय की वास्तविक राशि का योग 4,26,890 र है। तलपट से निम्नलिखित विवरण भी प्राप्त किये गये हैं

A company absorbs overheads on pre-determined rates. For the year ending 31st March, 2019, factory overheads absorbed were ₹ 3,66,250. Actual amount of overhead incurred totalled ₹4,26,890. The following figures are also derived from the trial balance :

निर्मित स्टॉक (Finished stock)                                                                        2,30,732rs

बेचे गये माल की लागत (Cost of goods sold)                                                8,40,588rs

चालू कार्य (Work-in-progress)                                                             1,41,480rs

आप पूरक दर पद्धति का प्रयोग करते हुए न्यून/अधिक अवशोषित उपरिव्यय का निपटारा कैसे करेंगे?

How would you dispose of under/over-absorbed overhead by use of the supplementary rate method?

Solution

As there is under-absorption of overhead, it is a plus rate i.e., the cost of finished goods, work-in-progress and cost of goods sold will be increased by 5% as shown below :

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Illustration 10.

एक कम्पनी का वर्ष 2018-19 का बजट निम्नलिखित प्रकार से है

सामान्य कार्यशील सप्ताह 42 घण्टे, मशीनों की संख्या 15, प्रत्येक मशीन के अनुरक्षण हेतु सामान सप्ताह, अनुमानित श्रम दर 3₹ प्रति मशीन घण्टा, अनुमानित अन्य उपरिव्यय 5,55,000 र वाषिक, १५कायशाल सप्ताह का संख्या 501 वर्ष 2018-19 में एक सप्ताह की अवधि के लिए वास्तविक सूचनाय निम्न प्रकार स था-अप्रत्यक्ष मजदूरी चुकाई 7,500 ₹. अन्य उपरिव्यय 49.000 ₹ एवं परिचालन घण्टे मशीन क 2400.

गणना करें-(i) वर्ष 2018-19 के लिये उपरिव्यय की मशीन घण्टा दर ) चार सप्ताह की अवधि के लिए उपरिव्यय तथा मजदूरी की न्यूनावशोषण अथवा अत्यावशोषण की राशि।

The budget of a company for the year 2018-19 is as follows:

Normal working week 42 hours, Number of machines 15. normal hours of maintenance for each machine per week 5 hours, estimated indirect wages rate * 3 per machine hour. Estimated other overhead 5,55,000 p.a., Number of weeks worked in the year 2018-19 is 50.

Actual information for a four-week period in the year 2018-19 were as follows: Indirect wages paid₹7,500, other overhead₹49.000 and machine hours operated 2,400 hours. Calculate : (i) the overhead rate per machine hour for the year 2018-19 (ii) the amount of under or over absorption of overhead and wages in respect of a 4-week period.

Illustration 11.

एक निर्माणी इकाई में कारखाना उपरिव्ययों के अवशोषण की दर 25 ₹ प्रति श्रमिक दिवस है। एक कारखाने के कुल उपरिव्यय एवं श्रमिक दिवस क्रमश: 41,50,000 ₹ एवं 1,50,000 हैं। कुल 40,000 इकाइयाँ उत्पादित की गई जिसमें से 30,000 इकाइयाँ बेच दी गई।

जाँच करने पर ज्ञात हुआ कि अवशोषित न हुए उपरिव्ययों का 60% भाग दूषित योजना के कारण था तथा शेष उपरिव्ययों की लागतों में वृद्धि होने के कारण हुआ था। न वसूल हए उपरिव्ययों का लागत लेखों में व्यवहार किस प्रकार किया जायेगा?

In a manufacturing unit, factory overhead were recovered at a predetermined rate of 25 per man-day. The total factory overhead expenses incurred and the man-day actually worked were 7 41,50,000 and 1,50,000 respectively. Out of the 40,000 units produced during a period, 30.000 units were sold.

On analysing the reasons, it was found that 60% of the unabsorbed overhead were due to defectiva planning and the rest were attributable to increase in overhead costs.

How would unabsorbed overhead be treated in cost accounts ?

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Illustration 12.

‘एक्स’ लिमिटेड 50 ₹ प्रति श्रमिक दिवस की पूर्व निर्धारित दर से उपरिव्यय का अवशोषण करती है। व्यय किये गये कुल कारखाना उपरिव्यय एवं वास्तविक कार्य किये गये श्रमिक दिवस क्रमश: 79 लाख ₹ एवं 1.5 लाख दिन थे। अवधि के अन्तर्गत 30,000 इकाइयाँ बेची गई थी । अवधि के अन्त में 5000 निर्मित इकाइयाँ स्टाँक में थी परन्तु निर्मित माल का कोई प्रारम्भिक रहतिया नहीं था। इसी प्रकार अवधि के शुरू में अपूर्ण इकाइयों का कोई रहतिया नहीं था परन्तु अवधि के अन्त में 10,000 अपूर्ण इकाइयाँ थी जिन्हें 50% पूर्ण माना जा सकता है ।

कारणों का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि 60% असंविलयित उपरिव्यय दोषपूर्ण नियोजन के कारण थे एवं शेष असंविलयित उपरिव्यय, उपरिव्यय लागत बढ़ने के कारण थे। असंविलयित उपरिव्ययों का लागत लेखों में किस प्रकार लेखा करेंगे?

X Ltd. recovers overheads at a pre-determined rate of 50 per man-day. The total factory overheads incurred and the man days worked were 79 lakhs and 1.5 lakhs days respectively. During the period 30,000 units were sold. At the end of the period 5.000 completed units were held in stock but there was no opening stock of finished goods. Similarly, there was no stock of uncompleted units at the beginning of the period but at the end of the period there were 10,000 uncompleted units which may be treated as 50% complete.

On analyzing the reasons, it was found that 60% of the unabsorbed overheads were due to defective planning and the balance were attributable to increase in overhead cost.

How would unabsorbed overheads be treated in cost account

उपरिव्यय की कुछ विशेष मदों का लेखांकन उपचार

(Accounting Treatment of Certain Specific Items of Overhead)

1 पूजी पर ब्याज (Interest on Capital)-पूँजी पर ब्याज लागत लेखों में सम्मिलित किया जाना चाहिए अथवा नहीं इस पर मतभेद है। कुछ विद्वान् पूँजी पर ब्याज को लागत का एक अंग मानते हैं जबकि अन्य इसे लागत में सम्मिलित न करने का पक्ष लेते हैं। पूँजी पर ब्याज को लागत में सम्मिलित करने के पक्ष व विपक्ष में प्रभावी तर्क प्रस्तुत किये जाते हैं। इस मतभेद का मुख्य कारण यह है कि कुछ व्यवसायों में पूँजी उधार लेकर लगाई जाती है और कुछ व्यवसायों में स्वयं की पूँजी लगी होती है। चूंकि उधार ली गई पूँजी पर ब्याज दिया जाता है, चाहे व्यवसाय में लाभ हो या हानि, इसलिए यह तर्क दिया। जाता है कि इसको लागत में सम्मिलित किया जाना चाहिए। लेकिन स्वयं की पूँजी पर ब्याज नहीं देना होता तथा इस पर ब्याज को यदि लागत में सम्मिलित न किया जाए तो सही लागत का निर्धारण नहीं किया जा सकता। कुछ लागत लेखाकारों का यह मत है कि चाहे पूँजी उधार ली गई हो या स्वयं की, ब्याज को लागत में सम्मिलित नहीं किया जाना चाहिए।

पूँजी पर ब्याज को लागत में सम्मिलित करने के पक्ष में तर्क

(1) श्रम का पारितोषिक मजदूरी होती है और उसे उत्पादन व्ययों में सम्मिलित किया जाता है। इसी प्रकार से पूँजी का पारितोषिक ब्याज होता है और उसे भी उत्पादन व्ययों में सम्मिलित करना चाहिए।

(2) जब हम उधार ली गई पूँजी का ब्याज लागत लेखों में सम्मिलित करते हैं तो स्वयं की पूँजी का ब्याज भी सम्मिलित करना चाहिए।

(3) विभिन्न विभागों या वस्तुओं की लाभदायकता के तुलनात्मक अध्ययन हेतु पूँजी पर ब्याज को ध्यान में रखना आवश्यक है।

(4) उत्पादन में लगायी गयी पूँजी पर ब्याज दिये जाने का औचित्य इसलिए भी है कि यदि पूँजी का प्रयोग उत्पादन के लिये न किया जाकर कहीं अन्यत्र विनियोजन के लिये किया जाता तो वह पूँजी पर ब्याज अर्जित करती।

(5) यदि दो उत्पादन कार्य अलग-अलग अवधि में पूरे किए जाते हैं और उनकी अन्य लागत समान हो तो सही लागत ब्याज लगाकर ही ज्ञात की जा सकती है।

(6) टेण्डर भरते समय सही अनुमानित लागत ज्ञात करने के लिए ब्याज को सम्मिलित करना आवश्यक है अन्यथा हो सकता है कि लाभ के स्थान पर हानि उठानी पड़े।

(7) जब मशीन किराये पर लेकर उत्पादन कार्य किया जाता है तब इस प्रकार किराये को लागत का अंग माना जाता है। अत: जब अपनी पूँजी से मशीन क्रय की जाती है तो इस पर ब्याज लागत का एक अंग होना चाहिए।

(8) कुछ वस्तुएँ जैसे शराब, चावल आदि ऐसी हैं कि जितनी पुरानी होती हैं उतनी उनकी कीमत अधिक होती है। ऐसी वस्तुओं को लम्बे समय तक स्टॉक में रखने की लागत तभी ज्ञात की जा सकती है जब उस अवधि के दौरान उस स्टॉक में लगी पूँजी पर ब्याज भी लागत में शामिल किया जाए।

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पूँजी पर ब्याज को लागत में सम्मिलित करने के विपक्ष में तर्क

(1) पूँजी का ब्याज पूरी तरह से एक वित्तीय व्यय है, लागत सम्बन्धी नहीं। इसलिए पूँजी पर ब्याज लागत का अंग नहीं है, अत: इसे लागत में सम्मिलित नहीं करना चाहिए। कि चाहे पूँजी उधार ली गई

(2) लागत की गणना करते समय केवल वास्तविक व्ययों को ही सम्मिलित किया जाना चाहिए, काल्पनिक व्यया का नहीं। स्वयं की लगाया हुइ पूजा पर चूाक ब्याज का कोई भुगतान नहीं किया जाता. अतः ब्याज को सम्मिलित करने का अय होगा लागत को अवास्तविक बनाना।

(3) व्याज दर सदेव समान न रहकर समय-समय पर परिवर्तित होती रहती है. अतः ब्याज दर का निर्धारण भी एक समस्या है।

(4) निर्मित माल के स्कन्ध अथवा क्रियमाण कार्य के स्कन्ध पर ब्याज लगाकर उसे चिट्टे में मूल्यांकित करना लखा सिद्धान्तों के प्रतिकूल है।

(5) सामान्यत: पूजा स्थायी एवं परिवर्तनशील दो प्रकार की होती है। स्थायी पँजी पर ब्याज की गणना तो आसाना सका। जा सकती है परन्तु परिवर्तनशील पूंजी जो नित्य बदलती रहती है. पर ब्याज की गणना करना बहुत कठिन है और यह भा उचित नहीं कहा जा सकता कि ब्याज केवल स्थायी पूँजी पर ही लगाया जाए।

(6) ब्याज का प्रभाव लाभ-हानि पर पड़ता है लागत पर नहीं। उत्पादन उधार ली गई पूँजी से किया जाए या स्वय का पूँजी से, उत्पादन लागत समान होगी। यह अवश्य है कि पूँजी पर ब्याज दिये जाने के फलस्वरूप लाभ कम होगा।

निष्कर्ष-उपरोक्त तर्कों के अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण ब्याज का शामिल नहा किया जाना चाहिए, परन्त यदि पॅजी पर ब्याज लागत लेखों में सम्मिलित किया जाता है तो यह कवल उधारला गई पूजा पर हा नहीं बल्कि स्वयं की पूंजी पर भी लगाया जाना चाहिए। प्रबन्धकीय निर्णय लेने तथा विशेष परिस्थितिया म पूँजी पर ब्याज लागत में अवश्य जोड़ा जाना चाहिए।

2. कारखाना भवन का किराया (Rent of Factory Building) कारखाना भवन दा प्रकार के किराय का भवन, तथा (ii) स्वयं का भवन। जब कारखाना भवन किराये पर लिया गया हो तो किराया निश्चित रूप स कारखाना उपरिव्ययों में सम्मिलित किया जाता है। परन्त यदि कारखाना भवन किराये का न होकर स्वयं की सम्पत्ति हा ता काल्पत किराया (Notional rent) कारखाना उपरिव्ययों में सम्मिलित किया जाना चाहिए। स्वयं के भवन पर कल्पित किराया लागत में सम्मिलित करना इसलिए आवश्यक है कि किराया न जोडने पर वस्त की लागत उस सामान्य लागत से कम आयगा जिसमें किराया जोड़ा गया है। अत: विभिन्न संस्थाओं की लागतों का तलनात्मक अध्ययन तभी हो सकता है जब स्वय का सम्पत्ति पर भी अनुमानित किराया लागत में जोड़ा जाए।

यहाँ यह प्रश्न उत्पन्न होता है कि भवन पर किराया चार्ज करने की स्थिति में भवन पर ह्रास लगाया जाए अथवा नहीं। किराया चार्ज करने पर हास लगाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता है। परन्त यदि हास का मूल्य किराये से अधिक है तो किराया चार्ज न कर हास लगाना चाहिए।

3. ह्रास (Depreciation) ह्रास से आशय सम्पत्ति के मूल्य में कमी से है। मूल्य ह्रास सम्पत्ति के प्रयोग से या अप्रचलन से हो सकता है। अन्य व्ययों की भाँति मूल्य-ह्रास भी एक व्यय है। अन्य व्यय और मूल्य-हास में एक अन्तर यह है कि अन्य खर्चों का भुगतान कर दिया जाता है, जबकि मूल्य-हास का कोई भुगतान नहीं किया जाता है। वस्तु की सही लागत ज्ञात करने के लिये मूल्य-हास को सम्मिलित करना अत्यन्त आवश्यक है।

मूल्य-हास व्यवसाय में प्रयुक्त सम्पत्तियों पर लगाया जाता है। ये सम्पत्तियाँ भवन, प्लाण्ट व मशीन, फर्नीचर, मोटरगाड़ी आदि हो सकती हैं। वित्तीय लेखों में सभी सम्पत्तियों पर मूल्य-हास समय के अनुसार लगाया जाता है। समय के अनुसार मूल्य-ह्रास लगाते समय सम्पत्ति के अप्रचलन, उसके जीवन काल तथा अवशिष्ट मूल्य का भी ध्यान रखा जाता है।

लागत लेखों में कुछ सम्पत्तियों पर मूल्य-हास लगाने के लिए प्रयोग विधि प्रयुक्त होती है परन्तु भवन तथा अन्य सम्पत्तियों, जैसे फर्नीचर आदि पर समय के अनुसार ही मूल्य-हास निर्धारित किया जाता है, क्योकि इन सम्पत्तियों पर प्रयोग विधि द्वारा मूल्य-हास का निर्धारण अत्यन्त कठिन है। समय के अनुसार मूल्य-हास निर्धारित करने के पश्चात् यह ज्ञात करना चाहिए कि सम्पत्तियों का प्रयोग किस उद्देश्य के लिए हो रहा है। यदि सम्पत्तियों का प्रयोग कारखाने में किया जा रहा है तो उन पर मूल्य-हास कारखाना उपरिव्यय, कार्यालय में प्रयोग की स्थिति में प्रशासनिक उपरिव्यय तथा बिक्री विभाग में प्रयोग की स्थिति में बिक्री एवं वितरण सम्बन्धी उपरिव्यय माना जायेगा। स्पष्ट सूचना के अभाव में हास को कारखाना उपरिव्यय में ही शामिल किया जाता है।

लागत लेखापालों के अनुसार प्लाण्ट एवं मशीन पर मूल्य-हास प्रयोग विधि के अनुसार अधिक उचित है। मशीन की अनमानित कल कार्यशील घण्टों में आयु ज्ञात कर ली जाती है तथा उसके लागत मूल्य में अनुमानित कल आय (घण्टों में) का भाग देने से प्रति घण्टा मूल्य-हास ज्ञात कर लिया जाता है और सम्बन्धित वर्ष में जितने घण्टे मशीन ने कार्य किया है. उतना ही मूल्य-हास लगा दिया जाता है। इस विधि का सबसे बड़ा लाभ यह है कि वस्तु की लागत में मूल्य-ह्रास का केवल उतना ही भाग सम्मिलित किया जाता है, जितनी वह मशीन कार्य के लिए प्रयुक्त की गई है। ।

4.आवक गाडी भाड़ा (Carriage Inward) आवक गाड़ी भाड़ा क्रय की गई किसी विशिष्ट सामग्री पर दिया जाता है तो इसे प्रत्यक्ष व्यय मानकर खरीदी गई सामग्री के क्रय मूल्य में जोड़ देना चाहिए। यदि गाड़ी भाड़ा कई प्रकार की वस्तुओं के क्रय पर किया गया है और इस भाड़े से सभी वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि करना सुविधाजनक नहीं है तो इसे कारखाना उपरिव्यय का अंग माना जा सकता है।

5.जावक गाड़ी भाड़ा (Carriage Outward) बेचे गये माल पर जो गाड़ी भाडा दिया जाता है तो उसे जावक गाडी भाड़ा कहते हैं। इस सम्बन्ध में विचारणीय प्रश्न यह उत्पन्न होता है कि क्या गाड़ी भाड़ा ग्राहक से वसूल किया जायेगा। यदि इसे ग्राहक से वसूल किया गया है तो लागत लेखों में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि गाड़ी भाड़ा ग्राहक से वसूल नहीं किया जाता है तो इसको बिक्री एवं वितरण उपरिव्यय मानना चाहिए।

5. आन्तरिक यातायात व्यय (Internal Transport Expenses)-आन्तरिक यातायात में उप-कार्यों तक सामग्री पहुँचाने के व्यय सम्मिलित होते हैं। इस प्रकार के व्ययों को कारखाना उपरिव्यय का अंग मानना चाहिए। इन खर्चों को Haulage के नाम से भी जाना जाता है।

6. अनुसन्धान व प्रयोगात्मक व्यय (Research and Experimental Expenses) यदि यह व्यय किसा विशष उपकार्य, उत्पाद या मद के लिए किया जाता है तो इन्हें प्रत्यक्ष व्यय मानकर उसी उपकार्य, उत्पाद या मद की लागत में जोड़ देना चाहिए। इसके विपरीत, जब अनुसंधान व प्रयोगात्मक व्यय परे व्यवसाय के लिए सामहिक रूप से किये जाते हैं (जैसे उत्पादन की नवीन प्रणालियाँ खोजते हुए) तो इनको कारखाना उपरिव्ययों का अंग समझा जाता है। जब कोई अनुसंधान कार्य। सफल नहीं होता तो उन पर किये गये व्यय को असामान्य हानि मानकर लाभ-हानि खाते में हस्तांतरित कर दिया जाता है।

7. अधिकार शुल्क (Royalty) उत्पादन से सम्बन्धित अधिकार शल्क को प्रत्यक्ष-व्यय मान कर मूल लागत में जोड़ दिया जाता है। जैसे-खानों से खनिज पदार्थ निकालने पर दिया गया अधिकार शल्क अथवा किसी मशीन या पटन्ट का प्रयाग करने पर उत्पादन के आधार पर दिया गया अधिकार शल्क, इत्यादि। यदि यही अधिकार शुल्क किराए का तरह निश्चित साश में समय के अनुसार दिया जाए तो इस राशि को कारखाना उपरिव्ययों में जोड दिया जाता है। विक्रय से सम्बान्धत आधकार शुल्क विक्रय उपरिव्ययों में जोड़ दिया जाता है, जैसे लेखकों को पस्तक की बिक्री पर दिया गया अधिकार शुल्का

8. अप्रचलन स हानि (Loss by Obsolescence) यदि परानी मशीन नयी मशीन के आविष्कार के कारण प्रयोग से हट जाता ह ता उस अप्रचलन से हई हानि को लागत का अंग नहीं मानना चाहिए। इस हानि को लागत लेखों में लिखने से वस्तु की लागत में अनावश्यक रूप से वृद्धि हो जाती है। इस प्रकार की हानि को केवल वित्तीय लेखों में ही लिखना चाहिए।

9. व्यापारिक छूट व नकद छुट (Trade Discount and Cash Discount) विक्रय पर दी गई व्यापारिक छट को विक्रय मूल्य में से कम कर दिया जाता है और यदि सामग्री के क्रय करने में व्यापारिक कटौती मिली है तो उसे सामग्री के क्रय मूल्य में से घटा दिया जाता है। इस प्रकार व्यापारिक छूट की राशि को उपरिव्यय में शामिल नहीं किया जाता है। जहाँ तक नकद छूट का प्रश्न है, यह शुद्ध वित्तीय प्रकृति का व्यय है एवं इसे केवल वित्तीय लेखों में लिखा जाता है, लागत लेखों में नहीं।

10. दूषित कार्य की लागत (Cost of Defective Work) सामान्य दषित कार्य की लागत को कारखाना उपरिव्यय माना जाता है। इस प्रकार के दषित कार्य को सधारने में जो व्यय होता है, वह भी कारखाना उपरिव्ययों में ही जोड़ दिया जाता है। यदि दूषित कार्य का कारण कुछ असामान्य प्रकृति का हो तो उसे लागत लाभ-हानि खाते में डाल दिया जाता है।

11. नक्शा/ड्राइंग कार्यालय व्यय (Drawing Office Expenses) नक्शा कार्यालय का कार्य उत्पादन योजना एवं उत्पादित की जाने वाली वस्तु का डिजाइन तैयार करना व पूर्व में तैयार किये गये डिजाइनों में सुधार करना है। अत: इस विभाग के सम्पूर्ण व्यय कारखाना उपरिव्यय माने जाते हैं।

12. पैकिंग व्यय (Packing Charges)-(i) मूल लागत का भाग मानना-जब पैकिंग व्यय वस्तु की सुरक्षा एवं उसके गुणों को बनाए रखने के लिए किया जाना आवश्यक हो तो इन व्ययों को प्रत्यक्ष सामग्री का अंग मानकर मूल लागत में जोड़ दिया जाता है। उदाहरणार्थ, दवाइयों के लिए शीशीयाँ, चाय के लिए डिब्बे, सिगरेटों के लिए डिब्बियाँ, आदि।

(ii) वितरण उपरिव्यय का भाग मानना-जब पैकिंग व्यय माल को बेचते समय इस उद्देश्य से किया जाए कि माल रास्ते में खराब न हो तथा क्रेता को ठीक प्रकार से प्राप्त हो जाये तो यह वितरण व्यय माना जाता है तथा वितरण उपरिव्ययों में सम्मिलित किया जाता है।

(ii) विक्रय उपरिव्यय का भाग मानना-जब ग्राहकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से वस्तुओं की श्रंगारयक्त (fancy) पैकिंग की जाए तब यह वस्तुओं के विज्ञापन का काम करती है, अत: इस प्रकार के पैकिंग व्यय को विक्रय उपरिव्यय माना जाता है। _14. अप्राप्य ऋण (Bad Debts)-जब अप्राप्य ऋण उचित सीमा के अन्दर हो तो उसे उपरिव्ययों में सम्मिलित कर दिया जाता है। यह उचित सीमा प्रबन्धकों द्वारा निर्धारित की जाती है। निर्धारित सीमा के अतिरिक्त अथवा असामान्य प्रकति का अप्राप्य ऋण लागत में सम्मिलित नहीं किया जाता एवं सीधे लाभ-हानि खाते में हस्तान्तरित कर दिया जाता है।

15. लागत लेखा विभाग के व्यय (Expenses of Costing Department)-छोटी संस्थाओं में लागत विभाग के व्यय कार्यालय एवं प्रशासन उपरिव्ययों में शामिल कर लिये जाते हैं। परन्तु बड़ी व्यापारिक संस्थाओं में ये व्यय कारखाना प्रशासन एवं विक्रय उपरिव्ययों में किसी समुचित आधार पर वितरित कर दिये जाते हैं।

परीक्षा हेतु सम्भावित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

(EXPECTED IMPORTANT QUESTIONS FOR EXAMINATION)

दीर्घ उत्तरीय सैद्धान्तिक प्रश्न

(Long Answer Theoretical Questions)

1.उपरिव्यय का क्या अर्थ है ? उनके बँटवारे की विभिन्न पद्धतियाँ बताइए तथा उनमें से किन्हीं दो का उनके गुण तथा दोष बताते हुए पूर्ण वर्णन कीजिए।

What is meant by ‘Overhead Expenses’? Give various methods of absorbing overhead and discuss any two of these in detail giving their merits and demerits

2.’कारखाना उपरिव्यय के अवशोषण’ की विभिन्न पद्धतियों के नाम दीजिए तथा उनमें से किन्हीं चार को प्रत्येक के गुण व अवगुण बताते हुए समझाइए।

Name the different methods of ‘Absorption of Factory Overheads’, and explain any four of them

giving the merits and demerits of each.

3.कारखाना उपरिव्यय को संविलयन करने के विभिन्न तरीकों का वर्णन कीजिये। इनमें से कौन से तरीके को आप सबसे ज्यादा वैज्ञानिक समझते हैं और क्यों?

Explain different methods of Factory overhead absorption. Which method is most scientific in your opinion and why?

4.उपरिव्यय के वितरण की श्रम घण्टा दर तथा मशीन घण्टा दर पद्धतियों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कीजिए।

Give a comparative study of labour hour rate and machine hour rate methods of allocating overheads.

5 उत्पादन उपरिव्ययों के अति/न्यून अवशोषण से आप क्या समझते हैं ? यह किस प्रकार उत्पन्न होता है ? लागत लेखों में इनको किस प्रकार लिखा जाता है ?

What is meant by the term under/over absorption of production overheads ? How does it arise ? How it is treated in Cost Accounts ?

6.‘विक्रय उपरिव्यय’ तथा ‘वितरण उपरिव्यय’ की परिभाषा दीजिए। प्रत्येक के चार उदाहरण दीजिए। समझाइए कि विक्रय उपरिव्ययों को उत्पादों पर कैसे वितरित किया जाता है।

Define ‘Selling Overhead’ and ‘Distribution Overhead’. Give four examples of each. Explain how

Selling Overheads are allocated to products. .

लघु उत्तरीयसैद्धान्तिक प्रश्न

(Short Answer Theoretical Questions)  

1. उपरिव्ययों के अभिभाजन तथा उपरिव्ययों के अवशोषण में क्या अन्तर है ?

What is the difference between apportionment of overheads and absorption of overheads ?

2. कारखाना उपरिव्यय के ‘अवशोषण’ की विभिन्न पद्धतियों के नाम दीजिए।

Name the different methods of absorption of factory overheads.

3. कारखाना उपरिव्यय के अवशोषण की ‘मूल लागत’ विधि का वर्णन कीजिए।

Describe ‘Prime Cost’ method of absorption of factory overhead.

4. उपरिव्ययों के न्यून या अधि अवशोषण से क्या अभिप्राय है?

What do you mean by over absorption and under absorption of factory overhead ?

5. कारखाना उपरिव्ययों की प्रत्यक्ष सामग्री लागत विधि समझाइए।

Describe ‘Direct Material Cost’ method of absorption of factory overheads.

6.कारखाना उपरिव्ययों की प्रत्यक्ष श्रम लागत विधि समझाइए।

Describe ‘Direct Labour Cost’ method of absorption of factory overheads.

7.विक्रय उपरिव्ययों को उत्पादों पर कैसे वितरित किया जाता है ?

How selling overheads are allocated to products?

8.एकाकी एवं बहुसंख्यक उपरिव्यय दर से आप क्या समझते हैं ?

What do you understand by Single and Multiple Overhead Rate?

9. उपरिव्ययों की पूरक दर से आप क्या समझते हैं ?

What do you understand by ‘Supplementary Rate of Overhead’ ?

10 पारव्यया के अधिक/ कम अवशोषण का लागत लेखों में किस प्रकार व्यवहार किया जा सकता हैं

How is treratment of under absorption and over absorption of overheads in Cost Accounts.

11. प्रशासनिक उपरिव्ययों का अवशोषण कैसे किया जाता है ?

How Administrative Overheads are absorbed ?

12. बिक्री एवं वितरण उपरिव्ययों का अवशोषण कैसे किया जाता है ?

How Selling and Distribution overheads are absorbed ?

लघु उत्तरीय क्रियात्मक प्रश्न

(Short Answer Numerical Questions)

1 निम्नलिखित सूचनाओं से ‘प्रत्यक्ष श्रम घण्टा दर’ की गणना कीजिए

Find out ‘Direct Labour Hour Rate’ from the following information:

(अ) फैक्टरी के विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या 3001

(Total no. of operators working in the department 300)

(ब) वर्ष में कुल कार्य दिवस 300 तथा प्रतिदिन 8 घण्टे कार्य किया जाता है।

(Department works for 300 days in a year and the number of hours worked in a day is

( 8) (स) कुल दिनों का 5% कार्यहीन समय के लिए कम करना है।

(From the total number of days 5% are to be subtracted for idle time)

(द) कुल विभागीय उपरिव्यय 34.200₹ है।

(Total departmental overheads are 734,200)

Ans. * 0.05 or 5 paise.

2.रोहन फर्निचर हाऊस स्टूल, कर्मी तथा मेजों का निर्माण करते हैं। 2018 के नवम्बर माह के लिए कल कारखाना उपारव्यय 50,000 ₹ थे। आपसे अनरोध है कि प्रत्येक उत्पाद पर चार्ज योग्य उपरिव्यय की रकम ज्ञात कीजिए यह हुए कि एक मेज चार स्टलों के बराबर तथा एक की दो स्टलों के बराबर है। इस मास में 1.000 स्टल, 500 कुर्सी तथा 125 मेजों का उत्पादन हुआ है।

furniture House manufactures stools, chairs and tables. Total factory overheads for the month

member, 2018 were * 50,000. You are required to find out the amount of overheads chargeable to each product assuming that one table is equivalent to four stools and one chair is equivalent to two The production during this month was 1,000 stools. 500 chairs and 125 tables. (Allahabad, 2010) 115. Uverhead Absorption Ratio = 2:2: 1 and overheads chargeable amount < 20,000, 20,000 and

₹ 10,000 respectively to Stools, Chairs and Tables. Absorption Rate : ₹ 20 per stool, R 40 per

chair and 80 per table.

3. निम्नलिखित सूचनाएँ एक फर्नीचर निर्माता के तीन कार्यों से सम्बन्धित हैंThe following figures relate to three jobs of a furniture manufacturer:

स्टूल (Stool)  6000

कुर्सी (Chairs) 3,000

मेज (Tables) 600

उत्पादन (इकाइयों में) [Output (in units)]

कुल कारखाना उपरिव्यय (Total factory overhead) = ₹ 60,000

आपको प्रत्येक प्रकार के फर्नीचर का कारखाना उपरिव्यय ज्ञात करना है यदि कारखाना उपरिव्यय वितरण करने के उद्देश्य से 1 मेज 4 स्ट्रल के बराबर और 2 कर्सियाँ 1 मेज के बराबर मानी जायें। You are required to determine the factory overhead of each type of furniture after assuming that one table is equivalent to four stools and two chairs are equivalent to one table for the purpose of factory overhead allocation.

(Garhwal, 2002 Pvt.) Ans. ₹25,000; ₹ 25,000; ₹ 10,000.

4. एक कारखाने के उपरिव्यय 90,000 ₹ के हैं। उक्त अवधि में 100 श्रमिकों ने 8 घण्टे प्रतिदिन से 25 दिन कार्य किया एवं 3 पारियों में 5 मशीनें प्रयोग में थीं-सभी 25 दिनों में प्रत्येक पारी 8 घण्टे की है। श्रम घण्टा दर एवं मशीन घण्टा दर की गणना कीजिए।

The overheads of a factory amounted to 90,000 during that period 100 workers worked for 25 days at 8 hours per day, and 5 machines were put to use in 3 shifts: each shift of 8 hours on all the 25 days. Calculate the labour hour rate and machine hour rate.

Ans. L.H.R.₹450 and M.H.R.₹30.

5.एक कम्पनी ‘अ’, ‘ब’, ‘स’ एवं ‘द’ चार उत्पादों का निर्माण करती है। उपरिव्ययों की अवशोषण दर की गणना हेतु उत्पादों में आधारभूत अन्तरों की क्षतिपूर्ति हेतु ‘अ’, ‘ब’, ‘स’ एवं ‘द’ को 5, 10, 8 एवं 4 बिन्द प्रदान किये गये हैं। सामान्य क्षमता अग्रांकित प्रकार है

A Company manufactures four Products : A , B , C and D . for computation of overhead absorption rate , it has assigned 5, 10, 8 and 4 points  to A , B . C and  D respectively to compensate  the basic differences in  the products . The normal capacity is as follows :

A                B                C                D

units                2,000            5,000       3,000         4,000

कुल उपरिव्यय लागत 6,00,000 अनुमानित है । उत्पादों हेतु अवशोषित उपरिव्यय की रकम दर्शाइए ।

The total overhead cost is estimated at 6,00,000 rs . Calculate  the amout of overheads absorbed for  the products

Ans A :60,000; B 300,000; C: 1,44,000; D ; 96,000

6 .

Bcom 2nd year cost Accounting under Absorption of Overheads study material notes in hindi

10. 31 मार्च, 2019 को समाप्त होने वाले वर्ष में एक संस्था के तीन उत्पादन विभागों का कारखाना उपरिव्यय लागतें निम्न प्रकार हैं

During  the year  ended 31st March, 2019 the factory overhead costs of three production departments of an organisation are as under:

उपरिव्ययों के अनुभाजन का आधार नीचे दिया गया है

The basis of apportionment of overheads is given below:

विभागानुसार उपरिव्ययों के न्यून अथवा अधि अवशोषण की रकम ज्ञात कीजिए।

Calculate department-wise under or over-absorption of overheads.

Ans. Over Absorption-X:₹1,100.Y:₹800: Under Absorption: 2:13,200…

11. एक कम्पनी उत्पादन उपरिव्ययों को पूर्व-निर्धारित मशीन घंटा दर के आधार पर अवशोषित करती है। मार्च, 2019 माह हेतु बजटाड़ मशीन घंटे 3.500 थे। माह के अन्तर्गत कार्य किये गये वास्तविक मशीन घंटे 7.928 थे, वास्तविक उपरिव्यय 1,46,200₹ थे एवं न्यून (कम) अवशोषण 7,460₹था। माह हेतु उपरिव्यय का बजटीड़ स्तर ज्ञात कीजिए।

A Company absorbs production overheads on the basis of a pre-determined machine hour rate. For the month of March 2019 the budgeted machine hours were 8.500. During the month the actual machine hours worked were 7,928, actual overheads were ₹ 1,46,200 and there was under-absorption of र 7,460. Ascertain the budgeted level of overheads for the month.

Ans. Budgeted Level of overheads=₹1,48,750

12. एक मशीन आरम्भ में 20,000 ₹ की लागत से खरीदी गयी थी। उस पर ह्रास चार्ज करते रहने से वह 5,000 ₹ की रह गयी। 10,000₹ की एक अतिरिक्त राशि इस पर व्यय की गयी और यह अनुभव किया गया कि इस मशीन की कार्य-कुशलता वही हो गयी है जैसी कि आरंभ में खरीदने के समय पर थी। परिव्यय लेखों में आप कैसे दिखायेंगे?

A machine was originally purchased at a cost of 20,000. This was reduced at 5,000 in the accounts by depreciation. An additional expenditure of ₹ 10,000 was incurred and it was found that the machine was operating at its original efficiency noticed at the time of purchase. How will this be treated in Cost Accounts?

Ans. Supposing working life to be another 5 years, the depreciation yearly would be 73.000.

13. आपको निम्नलिखित समंक दिये जाते हैं (You are given the following data):

बजटेड श्रम घण्टे (Budgeted Labour Hours)                          8,500

बजटेड़ उपरिव्यय (Budgeted Overheads)                      1,48,750rs

वास्तविक श्रम घण्टे (Actual Labour Hours)                                                    7,928rs

वास्तविक उपरिव्यय (Actual Overheads)                                            1,46,200rs

गणना कीजिये-(j) उपरिव्यय अवशोषण दर एवं (ii) कम या अधिक उपरिव्यय अवशोषण की राशि। Compute:(i) Overhead absorption rate and (ii) The amount of under or over absorption of overheads

Ans. (i) ₹ 17.50 per hour and (ii) Under absorption ofoverhead ₹ 7,460.

दीर्घ उत्तरीय क्रियात्मक प्रश्न

(Long Answer Numerical Questions)

कारखाना उपरिव्ययों का अवशोषण (Absorption of Factory Overheads).

1. एक कारखाने के उत्पादन विभाग से सम्बन्धित किसी निश्चित अवधि के लिए निम्न सूचनाएँ है —

The following information is related to the activity of a production department certain period:

activity of a production department of a factory for a certain period .

प्रयुक्त सामग्री (Materials used)                             1,00,000rs

प्रत्यक्ष श्रम (Direct wages)                                      50,000rs

मशीन परिचालन घण्टे (Machine operation hours)               10,000

श्रम घण्टे (Labour hours)                                                          15,000

कारखाना उपरिव्यय (Works overhead)                                   30,000rs

उत्पादित इकाइयाँ (Units Produced)                                         1,000

जून, 2019 में एक कार्यादेश सम्पन्न करने हेत निम्नलिखित तथ्य उपलब्ध हैं

One work order carried out in the department during month of June, 2019 there relevant facts were :

प्रयुक्त सामग्री (Material used) ₹ 8,000; प्रत्यक्ष श्रम (Direct Labour) ₹6,000; प्रत्यक्ष श्रम (Direct Labour) ₹6,000: श्रम घण्टे (Labour hours) 1.200; मशीन घण्टे (Machine hours)900: उत्पादित इकाइयाँ (Units produced) 90.

इस आदेशित कार्य को प्रभारित करने के लिए उपरिव्यय की राशि विभिन्न रीतियों द्वारा ज्ञात कीजिए।

Calculate the amount of overheads chargeable to this work order by different methods.

 Ans. Absorption Rates and Amount of Overheads

2.निम्नलिखित विवरण जून, 2019 माह के लिए एक फैक्टरी के उत्पादन विभाग से सम्बन्धित है

Following particulars related to the production department of a factory for the month of June, 2019

प्रयुक्त सामग्री (Materials used)                                                                       80,000rs

प्रत्यक्ष पारिश्रमिक (Direct wages)                                                                   72,000rs

कार्य किये गये प्रत्यक्ष श्रम घण्टे (Direct Labour hours worked)                     20,000

मशीन संचालन के घण्टे (Hours of Machine operation)                                               25,000rs

विभाग पर अभिभाजित उपरिव्यय (Overhead charges allocated to the department) 90,000rs

जून, 2019 में इस विभाग में पूरे किये गये एक कार्य आदेश से सम्बन्धित लागत आँकड़े निम्नलिखित हैं

Cost data of a particular work order carried out in the above department during June, 2019 are given below:

सामग्री उपभोग की गई (Materials used)                                                         8,000rs

प्रत्यक्ष मजदूरी (Direct wages)                                                                         6,250rs

प्रत्यक्ष श्रम घण्टे कार्य हुआ (Labour hours worked)                                       33,00 hours

मशीन संचालन के घण्टे (Hours of Machine operation)                                2,400 hours

निम्नलिखित विधियों का प्रयोग करते हुए उक्त उपकार्य (कार्य आदेश) पर अवशोषित उपरिव्ययों की राशि ज्ञात कीजिए

Find out the overhead amount absorbed on above work order under each of the following methods:

(i) प्रत्यक्ष श्रम लागत विधि (Direct Labour Cost Method)

(ii) मशीन घण्टा दर विधि  (Machine Hour Rate Method)

(iii)प्रत्यक्ष श्रम घण्टा दर विधि (Direct Labour Hour Rate Method)

Ans. (1125%and ₹7,812.50; (ii)₹3.60 per hour and ₹8,640; (iii)₹4.50 per hour and ₹14.850..

3.किसी एक अवधि में एक कारखाने के एक उत्पादन विभाग की क्रियाओं से सम्बन्धित निम्नलिखित सूचना है ।

The following information relates to the activities of a production department of a factory for a certain period:

सामग्री उपभोग की गयी (Materials used)

प्रत्यक्ष पारिश्रमिक (Direct wages)

श्रम घण्टे (Labour hours worked)                                                                   24,000hours

मशीन संचालन के घण्टे (Hours of machine operation)                                  20,000hours

विभाग पर भारित उपरिव्यय (Overhead chargeable to the Dept.)                         25,000

इस अवधि में विभाग में परे किये गये एक आदेश से सम्बन्धित ऑकड़े निम्नलिखित हैं

On one order carried out in the department during the period the relevant data was:

प्रयुक्त सामग्री (Material used)                                                                                                2,000

प्रत्यक्ष श्रम (Direct wages)                                                                                         1,650

प्रयुक्त श्रम घण्टे (Labour hours worked)                                                      1650hours

मशीन संचालन के घण्टे (Machine hours)                                                        12,00 hours

उपकाये पर वसूल किए जाने वाले उपरिव्यय की गणना (1) प्रत्यक्ष श्रम पद्धति. (1) मशीन घंटा दर पद्धति द्वारा कीजिए।

Calculate the overhead chargeable to the job by (i) Direct wages method, (11) Machine hour rate method.

(Kanpur, 2015) Ans. (i) ₹ 1.375 and (ii) ₹ 1,500.

4. उमा लिमिटेड ने तीन उत्पाद विभाग A, B तथा C और एक सेवा विभाग ‘S’ है। निम्नलिखित विवरण एक माह के लिए हाजसम25 कार्यशील दिवस हैं तथा प्रतिदिन 8 घण्टे कार्य होता है। सभी विभागों में पूरी उपस्थिति के साथ सभी दिन कार्य होता है।

Uma Ltd. has three manufacturing departments A. B and C and one service department. The following particulars are available for one month of 25 working days of 8 hours each day. All departments work all days with full attendance.

कारखाना एवं कार्यालय उपरिव्ययो का अवशोषण ( Absorption of Factory and offfice Overheads )

5.एक कारखाने में कारखाना उपरिव्यय मजदूरी के प्रतिशत के आधार पर चार्ज किया जाता है और कार्यालय उपरिव्यय कारखाना लागत के प्रतिशत के आधार पर चार्ज होता है।

In a factory, the factory overheads are charged on a fixed percentage of wages and office overheads are calculated on the basis of percentage of works cost.

निम्नलिखित सूचना उपलब्ध है (The following information is available)

6.एक फैक्टरी में, कारखाना उपरिव्यय मजदरी पर एक निश्चित प्रतिशत के आधार पर तथा कार्यालय उपरिव्यय कारखाना लागत के एक निश्चित प्रतिशत के आधार पर चार्ज किए जाते हैं। आपको निम्नलिखित सूचनाएं प्रदान की गई है ।

In a factory works overheads are charged at fixed percentage basis on wages and office overheads are calculated on the basis of percentage of works cost. Following information is supplied to you:

कारखाना तथा कार्यालय उपरिव्ययों के प्रतिशत ज्ञात कीजिए। Find out the percentage for factory overheads and office overheads.

Ans. Factory Overhead-75% of Wages and Office Overhead-30% of Works Cost.

Hint: See Illustration

विक्रय एवं वितरण उपरिव्ययों का अवशोषण (Absorption of Selling and Distribution Overheads)

7. एक कम्पनी तीन प्रकार के उत्पाद ‘अ’, ‘ब’ तथा ‘स’ उत्पादित कर रही है। कम्पनी का बिक्री-प्रदेश तीन क्षेत्रों ‘एक्स’,वाई’ तथा ‘जैड में विभाजित है।

वर्ष 2019 की अनुमानित बिक्री निम्न प्रकार हैं

A company is producing three types of products A. B and C. The sales territory of the company is divided into three areas X, Y and Z.

The estimated sales for the year 2019 are as under: |

आप प्रत्येक उत्पाद तथा प्रदेश की बिक्री पर विज्ञापन लागत की प्रतिशत ज्ञात कीजिए तथा दिखाइए कि आप प्रबन्धकों को विवरण-पत्र कैसे प्रस्तुत करोगे?

You are required to find the advertising cost percent on sales for each product and territory showing how you will present the statement to management.

Ans. Advertising Cost as Percentage on Sales : Area-wise : 6%, 7% and 5.5%; Product-wise : 6.29%, 5.64%and6.45%.

Hint: See Illustration 7.

8. एक वस्तु की मूल लागत 2,600 ₹ है। कारखाना उपरिव्यय मूल लागत के 25% पर वसूल किये जाते हैं। विक्रय मूल्य 6,500₹ है। निम्नलिखित परिवर्तनशील बिक्री व वितरण व्यय किये गये।

The prime cost of a certain article is ₹ 2,600. Works overhead are to be charged at 25% of Prime Cost. The selling price is₹ 6,500. The following variable selling and distribution expenses were incurred:

एक वर्ष के अनुमानित स्थिर बिक्री एवं वितरण उपरिव्यय 36,400 ₹ थे तथा वर्ष की अनुमानित बिक्री 1,45,600 ₹ थी। स्थिर बिक्री एवं वितरण उपरिव्यय की विक्रय मूल्य पर अवशोषण करने की प्रतिशत विधि प्रयोग में लेते हुए आपको इस वस्तु की अन्तिम लागत तथा अनुमानित लाभ ज्ञात करना है।

The estimated fixed selling and distribution overhead for the year were * 36,400 and the estimated value of sales for  the year was 1,45,600rs You are asked to ascertain the final cost and estimated value of sales for the year was pront of this article using the method of percentage on sales value to absorb fixed selling and distribution expenses.

Ans. Total Cost ₹5,980 and Estimated Profit ₹520.

Hint: See Illustration

 उपरिव्ययों का अधि तथा न्यून अवशोषण (Over and Under Absorption of Overheads)

9. संकल्प इण्डस्ट्रीज 250 ₹ पर प्रति प्रत्यक्ष श्रम घण्टा की दर से कारखाना उपरिव्ययों का अवशोषण करती है। अर्ध-निर्मित तथा निर्मित रहतिया का प्रारम्भिक एवं अन्तिम शेष शून्य है।

वर्ष 2019 के लिए निम्नलिखित समंक उपलब्ध हैं एवं तथ्य यह है कि सम्पूर्ण माल बेच दिया गया है

Sankalp Industries absorbs factory overhead costs at closing balances of work-in-progress and finished goods inventories are zero.

The following data are available for the year 2019 and the fact that all goods produced have been sold:

वास्तविक किये गये तथा अवशोषित कारखाना उपरिव्ययों की रकम ज्ञात कीजिए। यह भी बताइए कि कारखाना उपरिव्यय कम अथवा अधिक अवशोषित किये गये हैं।

Calculate factory overheads incurred and factory overheads absorbed. Also find out the amount of under or over absorption of factory overhead.

Ans. Factory overheads incurred = * 1,35,000

Factory overheads absorbed ₹1,25,000

Under absorbed factory overheads =₹ 10,000

11.एक निर्माणी इकाई में उपरिव्ययों का अवशोषण एक पूर्व-निर्धारित दर के आधार पर श्रमिक-दिवस है। किसी एक वर्ष के वास्तविक समंक इस प्रकार थे

(i) कारखाना उपरिव्यय 24.9 ₹ लाख; (ii) श्रमिक-दिवस कार्य किया जिनमें से 18,000 विक्रय कर दी गई। कारणों की जाँच करने पर ज्ञात लाख; (ii) श्रमिक-दिवस कार्य किया गया 0.9 लाख; (iii) उत्पादित इकाइयाँ 24,000 क्रय कर दी गई। कारणों की जाँच करने पर जात हआ कि अशोधित उपरिव्ययों का 60% दाषपूर्ण नियोजन के फलस्वरूप तथा शेष 40% उपरिव्यय लागतों में वृद्धि क का लेखा आप किस प्रकार करेंगे?

In a manufacturing unit, overhead was recovered at a pre-determined to total fact Overhead was recovered at a pre-determined rate of ₹25 per man day. The factory expenses incurred were 24 9 lakhs and man-days actually worked 0.9 lakhs. 24,000 units of product were manufactured during a period of which 18,000 were sold. On analyzing the Reasons, it was found that 60% of the unabsorbed overheads were due to defective planning and attributable to an increase in overhead costs. How would unabsorbed overheads be treated in the cost accounts?

chetansati

Admin

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