Bcom 2nd year cost Accounting Unit output costing method study material notes in Hindi
Table of Contents
(2) लागत विवरण
(Statement of Cost)
लागत पत्रक तथा लागत विवरण दोनों ही समान सिद्धान्तों एवं समान प्रारूप में तैयार किये जाते हैं. दोनों में बहत ही साधारण-सा अन्तर है। लागत-पत्रक में तो उत्पादन की कल लागत के साथ-साथ उत्पादन लागत के प्रत्येक अंग का प्रति इकाइ लागत भा ज्ञात का जाती है, जबकि लागत विवरण में केवल कल लागत सम्बन्धी सूचना ही होती है। इस प्रकार लागत विवरण में उत्पादन लागत के प्रत्येक अंग की प्रति इकाई लागत नहीं ज्ञात की जाती। प्रायः लागत-पत्रक लेखापालों द्वारा नियमित रूप से कुल लागत व प्रति इकाई लागत ज्ञात करने के लिए बनाया जाता है जबकि लागत विवरण अनमानित लागत व टेण्डर मूल्य के निर्धारण हेतु बनाया जाता है।
लागत-पत्रक व लागत विवरण में अन्तर
(Difference between Cost-sheet and Statement of Cost)
(1) लागत-पत्रक में उत्पादन की कुल मात्रा, कुल लागत व उत्पादन लागत के प्रत्येक अंग की प्रति इकाई लागत दर्शायी जाती है जबकि लागत विवरण में केवल कुल लागत को ही दिखाया जाता है।
(2) लागत-पत्रक प्राय: तभी बनाया जाता है जबकि प्रश्न में उत्पादन की मात्रा दी हुई होती है। इसके विपरीत प्रश्न में उत्पादन की मात्रा का उल्लेख न होने पर लागत विवरण बनाना उपयुक्त रहता है।
(3) लागत-पत्रक के द्वारा दो अवधियों व दो उत्पादों की लागत का तुलनात्मक अध्ययन सम्भव है जबकि लागत विवरण के द्वारा तुलनात्मक अध्ययन सम्भव नहीं है।
(4) लागत-पत्रक में लागत के विभिन्न अंगों के पारस्परिक प्रतिशत एवं अनुपात दर्शाये जाते हैं जबकि लागत विवरण में ये प्रतिशत एवं अनुपात विस्तार से नहीं दिये जाते हैं।
Bcom 2nd year cost Accounting Unit output costing method study material notes in Hindi
लागत-पत्रक एवं लागत विवरण के तैयार करने में कुछ महत्वपूर्ण मदें
(1) सामग्री की सामान्य हानि (Normal Loss of Material)-सामग्री की ऐसी हानि जो प्राकृतिक हो अर्थात् जिस हानि को होने से रोका नहीं जा सकता, सामग्री की सामान्य हानि कहलाती है। जैसे-वाष्पीकरण से सामग्री का वजन कम हो जाना आदि। ऐसी हानि का भार सम्बन्धित उत्पादन पर ही डाला जाता है, अत: ऐसी हानि की रकम को सामग्री की लागत में से कम नहीं किया जाता है।
(2) सामग्री की असामान्य हानि (Abnormal Loss of Material)-सामग्री की ऐसी हानि जो प्राकृतिक न हो अर्थात जो हानि अनिवार्य रूप से न होती हो। वस्तुतः ऐसी हानि को प्रयास करके रोका जा सकता है। अत: ऐसी हानि को लागत का भाग नहीं माना जाता है और परिणामस्वरूप इसे सामग्री की लागत में से कम करके दिखाया जाता है।
(3) सामान्य कार्यहीन समय की मजदूरी (Wages of Normal Idle Time)-समय की वह बर्बादी जो स्वाभाविक होत तथा जिसे कार्य की प्रकृति के अनुसार समाप्त करना असम्भव है, सामान्य कार्यहीन समय कहलाता है। ऐसे मजदूरी का भार उत्पादन पर ही डाला जाता है . अत: सामान्य कार्यहीन समय की मजदूरी को क्षम की लागत में से कम नहीं किया जाता है .
(4) असामान्य कार्यहीन समय की मजदरी (Wave Abnormal Idle Time) करके रोका जा सकता है, असामान्य कार्यहीन समय कहलाता है। असामान्य का नहीं माना जाता है और परिणामस्वरूप इसे श्रम की लागत में से घटा दिया जाता है।
(5) प्रयुक्त प्रत्यक्ष सामग्री (Direct Materials Consumed)-यदि प्रयुक्त हुआ है तो सामग्री से सम्बन्धित अन्य प्रदत्त सुचनाओं पर कोई ध्यान नहीं देंगे, केवल प्रयु मूल लागत में शामिल कर लिया जायेगा। इसके विपरीत यदि उत्पादन में प्रयोग का गइ सा सामग्री के सम्बन्ध में उपलब्ध विभिन्न सचनाओं के आधार पर प्रयोग की गई सामग्री का मूल्य कर सकते हैं